इंसाफ की लड़ाई में सीएम पुष्कर सिंह धामी युवाओं के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। जिस तरह से पेपर लीक प्रकरण में कार्रवाई हो रही है। उससे सरकार यह संदेश देने में सफल हो गई है कि दल के हों या विपक्षी भ्रष्टाचारियों की एक ही जगह जेल है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी साफ कह चुके हैं कि हमारी सरकार नकल माफियाओं के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को अपनाकर कार्यरत है, नकल में जो भी संलिप्त पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। प्रदेश के युवाओं के साथ किसी भी प्रकार से अन्याय न हो इसके लिए पूर्ण पारदर्शिता के साथ परीक्षाओं का आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।
आपको बता दें कि उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की सहायक अभियंता (एई) और अवर अभियंता (जेई) की लिखित भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में दो भाजपा नेताओं की भूमिका सामने आई थी। दोनों भाजपा नेताओं के बाद अब देहात के कांग्रेस से जुड़े नेताओं के नाम भी सामने आने की चर्चाएं जोरों पर हैं। वहीं, गठजोड़ का कनेक्शन भी खंगाला जा रहा है। एसआईटी के अधिकारी ज्यादा कुछ बोलने से कतरा रहे हैं। एई-जेई के पेपर लीक प्रकरण में पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय धारीवाल, भाजपा नेता नितिन चैहान की भूमिका सामने आने के बाद एसआईटी ने मुकदमा दर्ज कराया था। भाजपा नेता नितिन चैहान को गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अभी हत्थे नहीं चढ़ पाया।
पेपर लीक कांड में भाजपा नेताओं के नाम सामने आने से पार्टी की भी किरकिरी हुई है। वहीं, एसआईटी जैसे-जैसे जांच कर आगे बढ़ रही, वैसे-वैसे चैंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के प्रश्नपत्र लीक मामले में भाजपा नेता संजय धारीवाल की भूमिका रही है। उसकी पहचान एजेंट के रूप में की जाती है।
अब भाजपा के बाद मामले में देहात क्षेत्र के कुछ कांग्रेस नेताओं के नाम भी चर्चा में हैं। बहरहाल, अभी एसआईटी विवेचना में साक्ष्य एकत्र कर आगे बढ़ रही है। जांच में आगे कई बड़े नाम खुलकर सामने आ सकते हैं, लेकिन अभी एसआईटी से जुड़े आलाअधिकारी कुछ खुलकर बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।