सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि केदारनाथ में 19 लाख का प्रसाद वितरित किया गया। यह आंकड़ा भविष्य में डेढ़ करोड़ रूपये तक पहुंचने की उम्मीद है। सीएम ने बताया कि यह सभी प्रसाद केदारनाथ क्षेत्र की ही महिलाओं ने बनाया था। इससे जहां महिलाओं को रोजगार मिला। वहीं पलायन पर भी रोक लगी। उन्होंने बताया कि प्रसाद के बदले मिला रूपया सीधे महिलाओं को मिला।
सीएम ने चौलाई, मंडवा आदि पारंपरिक उत्पादों को लेकर कहा कि ग्रोथ सेंटर भविष्य में रोजगार का एक बड़ा बनेंगे। मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि 22 जुलाई को रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के अंतर्गत लंढौर मसूरी से लेकर मोथरोवाला तक पेड़ लगाएं। बैठक में सीएम ने डोईवाला में सीपेट की स्थापना का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि इससे पहले साल 1500 बच्चे निकलेंगे, जिन्हें कम से कम 30000 रुपये महीने का रोजगार मिलेगा। क्योंकि सीपेट की डिमांड बच्चों की तुलना में 300 फीसद अधिक है और सीपेट में 85 फीसद बच्चे उत्तराखंड से ही लिए जाएंगे। सीएम ने निफ्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लिए 200 करोड़ स्वीकृत हुआ है पर इसमें सीपेट के मुकाबले रोजगार सृजन की इतनी गारंटी नहीं है।
इजरायल से सीखना होगा बर्षा जल का इस्तेमाल
वहीं, सीएम ने बताया कि झाझरा में बनने वाली साइंस सिटी के लिए जमीन उपलब्ध कराने पर काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने पिरुल के लिए भी वित्त उपलब्ध कराने की बात कही। इसके साथ ही सूखते हुए नदी-नाले और स्त्रोत को लेकर उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट में बताया गया है कि गंगा में आज 45 प्रतिशत जल कम हो गया है। हमें इजराइल से सीखना होगा कि वो किस तरह से बारिश के पानी का 95 प्रतिशत तक दोबारा इस्तेमाल कर लेता है।
देहरादून में बन रहे सौंग बांध को लेकर सीएम ने कहा, हमारी योजना है कि करीब एक साल में बांध को तैयार कर लिया जाए। उन्होंने बताया कि समय सीमा में कार्य करने के कारण इसकी लागत 1200 सौ करोड़ से घटकर 750 करोड़ हो गई है। वहीं, मलढूंग बांध और सौंग बांध से देहरादून की पेयजल की समस्या भी हल होगी और विद्युत उत्पादन के साथ लैंड रिचार्ज भी होगा।
आईडीपीएल वापस पाना एक बड़ी उपलब्धि
कार्यसमिति की बैठक में सीएम ने कहा कि ऋषिकेश आईडीपीएल वापस पाना एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि इस पूरी 936 एकड़ जमीन का मूल्य करीब दो हजार करोड़ रुपये है। जिसमें से 200 एकड़ एम्स को, कुछ भूमि आईडीपीएल को और शेष लगभग 700 एकड़ भूमि पर कन्वेंशन सेंटर बनाया जाएगा, जो पूरे भारत में एक अनूठी मिसाल होगा।
सीएम ने मलिन बस्तियों के मुद्दे पर कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2021 तक एक लाख चालीस हजार घर बनाने का लक्ष्य है। इसे समय से पूरा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। प्रभारी मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि जनता ने हमें जनादेश दिया है और इस कारण तोड़फोड़ से जनता को होने वाली परेशानी को हमें ही समझना होगा। उन्होंने एक दिन पहले बुलाई बैठक का हवाला देते हुए कहा कि हमने इस संबंध में वीसी एमडीडीए और जिलाधिकारी को आदेश दे दिए हैं। वहीं, कार्यसमिति के समापन पर बस दुर्घटनाओं और आपदाओं में मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखा गया ।