अश्लील वीडियो देख बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये न्यायालय ने केंद्र सरकार को 859 पोर्न साइट्स को बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी केंद्र सरकार की सूची के अनुसार पोर्न साइट्स बंद करने को कहा है।
पिछले दिनों देहरादून के भाऊवाला स्थित बोर्डिंग स्कूल में दसवीं की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने जांच पड़ताल की तो सामूहिक दुष्कर्म में चार नाबालिग छात्रों का भी नाम सामने आया। चारों ने पुलिस पूछताछ में स्वीकार किया कि पोर्न साइट देखने के बाद उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया।
इस मामले का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ द्वारा स्वतरू संज्ञान लिया गया। गुरुवार को खंडपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए अहम दिशा-निर्देश जारी किए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को 859 पोर्न साइट्स को बंद करने तथा इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडरों (आइएसपी) को भी केंद्र की सूची के आधार पर पॉर्न साइट्स नहीं चलाने के आदेश पारित किए।
कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह बताने को कहा है कि 2014 में इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन के अनुपालन में क्या कार्रवाई की गई। केंद्र को इस पर 11 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करना होगा। कोर्ट ने इस मामले में अधिवक्ता अरविंद वशिष्ट को न्याय मित्र नियुक्त किया है।