यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्रों को दिए सफलता का टिप्स
ऑटोनॉमस कॉलेज में बौद्धिक संपदा अधिकार पर कार्यशाला का आयोजन
ऋषिकेश।
ऑटोनॉमस कॉलेज में शुक्रवार को बौद्धिक संपदा अधिकार जागरूकता पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि यूकोस्ट के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल ने छात्रों को बौद्धिक संपदा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विचारों से आर्थिक तरक्की का रास्ता चुनने की सीख दी।
उत्तराखंड स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूकोस्ट) के महानिदेशक डॉ. राजेन्द्र डोभाल, प्राचार्य डॉ. डीसी नैनवाल और बीएससी एमएलटी विभाग के समन्वयक डॉ. गुलशन ढींगरा ने दीप जलाकर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कांफ्रेंस हॉल में आयोजित कार्यशाला में डॉ. डोभाल ने कहा कि वर्तमान समय में आर्थिक प्रगति पाने के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार की जानकारी होनी जरूरी है। उन्होंने छात्रों को खोज, रचना और अविष्कार का पेटेंट कराने की सलाह दी। उन्होंने उदाहरण दिया कि एमपी थ्री गाने पेटेंट से मिलने वाली धनराशि से एक विश्वविद्यालय चल रहा है। कहा कि भारत विश्व में युवा शक्ति के संपन्न देश है। हमें अपनी बौद्धिक संपदा का सदुपयोग करना चाहिए। ताकि इससे हम आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें। डॉ. डोभाल ने कहा कि दैनिक जीवन में हमें वस्तुओं का उपयोग करने पर अप्रत्यक्ष रूप से पेटेंट का शुल्क भरना पड़ता है। एक मोबाइल में 200 चीजों का पेटेंट इस्तेमाल होता है। ऐसे में इन सभी शुल्क भी मोबाइल खरीदने के साथ वहन करते हैं।
यूकोस्ट की वैज्ञानिक डॉ. अंजू रावत ने ट्रेडमार्क और पेटेंट के नियमों और सीमाओं के विषय में बताया। छात्रों के सवालों का जवाब दिया। वैज्ञानिक आकांक्षा चंदोला ने कॉपीराइट पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि हमारी मौलिक रचनाओं पर हमारा कॉपीराइट है। वैज्ञानिक हिमांशु गोयल ने पेटेंट की प्रकिया समझायी। संचालन डॉ. पूजा कुकरेती ने किया। डॉ. दयाधर दीक्षित ने अतिथियों का धन्यवाद दिया। इस मौके पर डॉ. डीपी भट्ट, डॉ. विनोद प्रकाश अग्रवाल, डॉ. वीएन गुप्ता, डॉ. वंदना शर्मा, डॉ. सुमिता श्रीवास्तव, डॉ. विजयलक्ष्मी आदि उपस्थित थे।