आज पूरी तीर्थनगरी छठ पूजा के रंग में रंगी नजर आई। छठ पूजा के महत्वपूर्ण पूजा स्थल त्रिवेणी घाट व मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी स्थित छठ पूजा घाट को शानदार ढंग से सजाया गया था। यहां पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने वेदियां तैयार की, जिन पर केले के थंभ से तोरणद्वार बनाए गए।
त्रिवेणी घाट गंगा तट पर शाम चार बजे से ही व्रती महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया था। महिलाएं सिर में प्रसाद की टोकरी लेकर बैंड बाजों के साथ छठ के पारंपरिक लोकगीत कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाय…., अमर सुहाग होला, दुख जाला तार हो…., निर्धन जानेला, धनवान जानेला महिमा छठी मइया के पार इ जहान जानेला… भी गाते हुए चल रही थीं। अर्घ्य चढ़ाने से पहले व्रती महिलाओं ने गंगा घाट पर विधिवत पूजा-अर्चना की।
तत्पश्चात अस्तांचल को गमन करते दीनानाथ को अर्घ्य चढ़ाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। छठ पूजा को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। कल गुरुवार को प्रातरूकाल में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रती महिलाएं अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलेंगी।