चेक बाउंस के मामले में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने दोष सिद्ध होने पर आरोपी को छह माह के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दो महीने में परिवादी को क्षतिपूर्ति धनराशि 16 लाख 50 हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है। निर्धारित अवधि के भीतर क्षतिपूर्ति नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।
अधिवक्ता अमित अग्रवाल ने बताया कि अक्तूबर 2015 में राजेंद्र सिंह ने अपने एक परिचित अनुज कालिया निवासी ऋषिकेश से 15 लाख रुपये उधार लिए थे। दो महीने बाद उधार की रकम चुकाने के एवज में 5 दिसंबर 2015 को 15 लाख का चेक दिया। विश्वास दिलाया कि चेक अनादरित नहीं होगा।
अनुज कालिया ने तय तारीख आने पर चेक बैंक में प्रस्तुत किया। करीब एक महीने बाद बैंक ने चेक यह कहकर लौटा दिया कि संबंधित खाते में रकम नहीं है। चेक बाउंस होने पर अनुज कालिया ने आरोपी को कोर्ट नोटिस भिजवाया। नोटिस प्राप्त करने के बाद भी आरोपी ने उधार की रकम नहीं लौटायी। परिवादी अनुज कालिया ने मामले की शिकायत कोर्ट में दर्ज करायी। कोर्ट में विचाराधीन मामले की अंतिम सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भवदीप की अदालत में हुई। आरोप साबित होने पर कोर्ट ने सजा सुनायी है।