अखिलेश की फटकार से यूपी पुलिस की नींद टूटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक परिवार को बंधक बना मां-बेटी के साथ गैंगरेप की घटना से शर्मशार करने वाली है। कार से नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक परिवार को डकैतों ने बुलंदशहर कोतवाली देहात इलाके के पास रोक लिया। इसके बाद बदमाश परिवार को हाईवे से करीब 50 मीटर दूर खेतों में ले गए बदमाशों ने पहले परिवार के साथ लूटपाट की उसके बाद मां और उसकी बेटी के साथ गैंगरेप को अंजाम दिया।
मामले में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सख्ती के बाद पुलिस सक्रिय हुई और दावा किया गया है कि इस जघन्य कांड के मुख्य आरोपी की पहचान हो गई है। बुलंदशहर में मां-बेटी संग गैंगरेप पर यूपी के डीजीपी ने बुलंदशहर पुलिस को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों की पहचान कर जल्द गिरफ्तार किया जाये।
सीएम अखिलेश यादव के फटकार के बाद पुलिस ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले में हबूदा गिरोह पर शक जता रही है। बदमाश करीब तीन घंटे तक इस परिवार के साथ हैवानियत को अंजाम देते रहे और इसके बाद बड़े आराम से वहां से फरार हो गए। सूचना पर पहुंचीं डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने पीड़ित परिवार से पूछताछ की। एसएसपी ने देहात कोतवाल नाइट ड्यूटी अफसर को सस्पेंड कर दिया।
पुलिस के अनुसार रात करीब 11.30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग-91 पर दोस्तपुर गांव के पास फ्लाईओवर पर अचानक टायर फटने की आवाज हुई। इस पर वह कार रोककर टायर चेक करने लगे। इस बीच 6-7 बदमाशों ने उन्हें घेर लिया। बदमाश कार समेत परिवार को अंडरपास तक ले गए। दोनों भाइयों और 10 वर्षीय लड़के को कार के पास बंधक बना दिया। दरिंदे दोनों महिलाओं और नाबालिग लड़की को खेत में खींचकर ले गए।
वहां बदमाशों ने लोगों ने कम उम्र की महिला और उसकी बेटी के साथ गैंग रेप किया, जबकि दो-तीन लोग कार को घेरे खड़े रहे। उम्रदराज महिला ने इसका विरोध किया तो उसे जमकर पीटा। दरिंदे शनिवार सुबह करीब चार बजे नगदी और जेवर लूट कर भाग गए।
डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने गाजियाबाद के एसपी (क्राइम) को जांच का जिम्मा सौंपा है। लक्ष्मी सिंह के मुताबिक इस वारदात के पीछे राजस्थान के हनुमान गढ़ में रहनेवाले एक जनजाति के लोगों का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि आरोपियों का हुलिया अलीगढ़ के गवाना के कुछ गिरोहों से भी मेल खाता है। पुलिस ने छह टीमें बनाई गई है। एक टीम अलीगढ़ भी भेजी गई है। लक्ष्मी सिंह ने बताया कि पीड़ितों को कुछ अपराधियों की फोटो दिखाए गए। उनमें से कुछ की पहचान होने की खबर है।

छीटाकशीं और छेडछाड से परेशान हिंदुओं का पलायन!

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रुक नही रही सपा सरकार में हिंदुओं के पलायन की घटना
कैराना के बाद अलीगढ की घटना से प्रदेश का माहौल गर्म
उत्तर प्रदेश।
अलीगढ़ में दो समुदायों के बीच झड़प के बाद एक पक्ष के लोगों ने अपने घरों और दुकानों के बाहर संपत्ति बिकाऊ होने के बोर्ड टांग दिए हैं। अलीगढ़ में दुकान के बाहर टंगे बोर्ड इशारा कर रहे हैं कि यहां सब कुछ ठीक नही है। अलीगढ़ में इस बोर्ड पर लिखा है कि जान है तो जहान है, ये दुकान बिकाऊ है।
अलीगढ़ के बाबरी मंडी में ये बोर्ड जिन घरों और दुकानों के बाहर लगे हैं वो हिंदुओं के बताए जा रहे हैं। आरोप है कि छेड़छाड़ और मारपीट की घटनाओं से तंग आकर कुछ हिंदू परिवार यहां से पलायन कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार रात को बाबरी मंडी इलाके में एक हिंदू महिला से छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसके परिवार वालों पर पत्थरबाजी हुई। इस घटना को लेकर गुरुवार को हिन्दू समुदाय ने जमकर हंगामा भी किया। एम पक्ष के लोगों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप भी लगाये है।
सूत्रों की मानें तो आएं दिन छीटाकशीं और छेडछाड की घटना से नाराज होकर एक पक्ष के लोगों ने अपने स्थानों से चले जाने में ही भलाई समझी। लोगों का आरोप है कि पुलिस जबरदस्ती मकान और दुकान बिकाऊ हैं के बोर्ड हटवा रही है ताकि मामला ज्यादा न गरमाए।
आरोप है कि सरकार के दबाव में पुलिस समुदाय विशेष के लोगों पर कार्रवाई नहीं कर रही है। बाबरी मंडी के स्थानीय लोगों के अनुसार यहां के हालात इतने भयावह है कि स्कूल जाते समय बच्चियों और बाजार जाते समय महिलाओं पर छींटाकशी होती है।
वहीं मामला बढता देख पुलिस घटना को मामूली छेड़छाड़ का मामला बताकर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कह रही है हालांकि पुलिस ने माना है कि इस वजह से इलाके में तनाव है। उत्तर प्रदेश में कैराना और मुजफ्फरनगर की घटना पर पहले भी सियासत गर्मायी थी, वहीं एक बार फिर हिंदू पलायन को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। बीजेपी और समाजवादी पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है।
अलीगढ़ के सांसद ने बताया कि स्थानीय सूत्रों के माध्यम से इस घटना की जानकारी मिली है। उन्होंने प्रशासन के आला अधिकारियों से वार्ता कर आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करने को कहा है। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार सिर्फ एक समुदाय विशेष की बात करती है, मुसलमानों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाती। उन्होंने कहा कि किसी को पलायन करने की जरुरत नही है।
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में हिंदुओं का पलायन को लेकर भाजपा आक्रमक बनी हुई है। पूर्व में कैराना में हिंदुओं के कथित पलायन को लेकर काफी बवाल मचा था। अब बडा सवाल यह है कि अलीगढ़ में भी कुछ वैसा ही माहौल बन रहा है या राजनीतिक पार्टियां अपन रोटियां सेकने के लिए माहौल को गर्मा रही है।

एक मां बोलीं, बताइए बेटी को कहां पेश करूं?

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लखनऊ।
दयाशंकर सिंह की मां ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मायावती के साथ बीएसपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दी। अपनी शकायत में उन्होंने लिखा है कि बीएसपी के प्रदर्शन में उनके परिवार को धमकाने वाले व महिला विरोधी नारे लगाए गए। उन्होंने न्युज एजेंसी (एएनआई) से बात करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन हम फिर भी क्षमा मांगते हैं।
मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह का पुलिस कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। वहीं, परिवार पर चौतरफा हमला झेल रही दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया है। स्वाति सिंह ने कहा कि कल तक मेरे साथ कोई नहीं था। लेकिन आज कई लोग मेरे साथ आए हैं। कहा कि मेरी सास ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में मेरा नाम भी जोड़ दिया गया है।
स्वाति सिंह ने कहा कि वह अपने पति का कोई बचाव नही कर रही है। लेकिन एक तरफ मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने पर बवाल हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारे खिलाफ अर्मादित टिप्पणी का कोई विरोध नही किया जा रहा है। इस देश में क्या एक ही बात के लिए दो अलग-अलग कानून है? उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से तल्खी में पूछा कि बताएं हम अपी बहु-बेटियों को लेकर कहां आएं?
उधर, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिए जाने के बीच पुलिस उनका कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि सिंह की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, लेकिन उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इससे पहले सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह को कल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन पुलिस को सिंह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। पूछताछ में धर्मेन्द्र लगातार यही कहते रहे कि सिंह 21 जुलाई को तड़के गोरखपुर चले गए थे। उसके बाद उनका सिंह से कोई संपर्क नहीं हुआ है।
झा ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार रात बैरिया स्थित सिंह के मामा के घर पर भी दबिश दी थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। सिंह का मोबाइल फोन भी 20 जुलाई की रात एक बजे से स्विच ऑफ है।