मुनिकीेरेती पुलिस का पसीजा दिल, पर्यटकों को घर लौटने के लिए दिए सात हजार रूपए

मुनिकीरेती पुलिस ने मध्य प्रदेश के नागरिकों को घर जाने के लिए सात हजार रूपए की मदद की है। उक्त नागरिकों का पर्स व आवश्यक दस्तोवज गंगा स्नान के दौरान गायब हो गए थे। इसके उनके समक्ष घर जाने तक के रूपए नहीं थे।

दरअसल, हरिद्वार कुंभ मेला स्नान के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर से घूमने पहुंचे रेखा बाई चैहान व उनके परिजन राहुल भूरी बाई, आलोक गंगाबाई, जिगर चैहान उस समय भारी मायूस हो गए। जब नाव घाट पर नहाते समय उनका पर्स कहीं गायब हो गया। पुलिस के अनुसार जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड, एटीएम आदि थे। आज थाना प्रभारी राम किशोर सकलानी ने उन्हें घर उज्जैन तक जाने के लिए सात हजार रूपए की आर्थिक मदद प्रदान की। इसके लिए उक्त नागरिकों ने मुनिकीरेती पुलिस धन्यवाद अदा किया।

मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी एमपी में पल्टी, गैंगस्टर की मौत

मध्य प्रदेश के गुना में मुंबई से अरेस्ट कर ला रही यूपी पुलिस की गाड़ी पलट गई। इससे कार में सवार गैंगस्टर फिरोज उर्फ शमी की मौत हो गई। जबकि रिंगरोड चैकी प्रभारी जगदीश पांडेय सिपाही समेत चार लोग गम्भीर रूप से घायल हो गए। इससे एक बार पुनः विकास दुबे की मौत की तस्वीर पुनः सामने आ गई।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय के मुताबिक बहराइच निवासी फिरोज उर्फ शमी के खिलाफ ठाकुरगंज कोतवाली में छह मुकदमे दर्ज थे। इनमें तीन लूट के, दो चोरी और एक गैंगस्टर एक्ट का था। वर्ष 2014 से वह फरार चल रहा था। इसके बाद ही उस पर गैंगस्टर लगा था। तीन दिन पहले उसके मुंबई में होने की खबर मिलने पर ठाकुरगंज कोतवाली की रिंगरोड चैकी के प्रभारी जगदीश पांडेयए सिपाही संजीव सिंहए मुखबिर और ड्राइवर के साथ सड़क मार्ग से 25 सितंबर को मुंबई गए थे। शनिवार रात को इस टीम ने मुंबई पुलिस की मदद से फिरोज को गिरफतार कर लिया। फिरोज का गैरजमानती वारन्ट कोर्ट से जारी हुआ था।

पुलिस के मुताबिक रविवार तड़के तीन बजे उसे लेकर टीम लखनऊ के लिए निकली। करीब सात बजे गुना में चचोड़ा इलाके के पास कार के सामने अचानक नील गाय आ गई। उससे बचने के प्रयास में गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट गई। इस हादसे में कार सवार पांचों लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया जहां फिरोज को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि जगदीशए सिपाहीए मुखबिर व ड्राइवर का इलाज चल रहा है।

टिकटॉक को आ गया बाय-बाय करने का समय, स्वदेशी एप मित्रों हो रहा पॉपुलर

भारत में टिकटॉक का बाय-बाय करने का वक्त आ गया है। भारत के युवाओं की जुबां पर अब टिकटॉक नहीं बल्कि स्वदेशी निर्मित एप मित्रों का नाम है। अभी तक इस एप को 50 लाख से ज्यादा युवा गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर चुके है। इसे आईआईटी रूड़की के पूर्व छात्रों ने बनाया है। इसे टिकटॉक का क्लोन भी कहा जा रहा है।

आईआईटी के पूर्व छात्रों का कहना है कि एप लांच करते समय हमें ऐसे ट्रैफिक की उम्मीद नहीं थी। इसे बनाने के पीछे लोगों को सिर्फ भारतीय विकल्प देना था। आईआईटी रुड़की में वर्ष 2011 में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग ब्रांच से पासआउट छात्र शिवांक अग्रवाल ने अपने चार साथियों के साथ मित्रों एप बनाया है।

11 अप्रैल को हुआ था मित्रों एप लांच
पेटीएम के पूर्व सीनियर वाइस प्रेजिडेंट दीपक के ट्वीट के बाद इसकी चर्चा हर किसी की जुबान पर है। अचानक बड़ी संख्या में लोगों के एप डाउनलोड करने से नेटवर्क ट्रैफिक भी प्रभावित होने लगा। टीम मेंबर ने बताया कि वास्तव में 11 अप्रैल को एप लांच करते समय यह नहीं सोचा था कि इसे इतनी सफलता मिलेगी। टिकटॉक को पीछे छोड़ना जैसी कोई बात नहीं है। हमारा उद्देश्य लोगों को सिर्फ एक भारतीय विकल्प देना था। लोग इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे या नहीं यह हमारे हाथ में नहीं है, लेकिन हमें लोगों से जो आशीर्वाद मिला, उससे हम बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हमें किसी ने फंड नहीं दिया है, उनका फंड लोगों का प्यार ही है।

मित्रों स्वदेशी नाम, इसलिए देना उचित
टीम मेंबर ने बताया कि मित्रों का अर्थ मित्र ही है। एक तो यह भारतीय उपभोक्ताओं को भारतीय मंच के जरिए सेवा देने के लिए है। हम स्वदेशी नाम देकर भारतीय नामों के खिलाफ पूर्वाग्रहों को भी दूर करना चाहते हैं।

बहुमत का आंकड़ा दूर, कमलनाथ दे सकते है इस्तीफा

मध्यप्रदेश की सियासत के ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने स्वीकार कर लिया है कि अब उनकी सरकार सुरक्षित नहीं है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि पैसे और सत्ता के दम पर बहुमत वाली सरकार को अल्पमत में लाया गया है। वहीं राज्य के सियासी गलियारों से खबर है कि कमलनाथ बहुमत परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं। यह संकट कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कांग्रेस के सभी बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर होने के बाद और पुख्ता हो गया है।
मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कल देर रात कांग्रेस के 16 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर कर लिए। इन सभी विधायकों ने छह अन्य विधायकों के साथ 10 मार्च को अपना इस्तीफा दिया था लेकिन प्रजापति ने इनके इस्तीफों पर कोई फैसला नहीं लिया था। हालांकि उन्होंने छह अन्य के इस्तीफे मंजूर कर लिए थे। ये सभी 16 विधायक अभी बंगलूरू में ठहरे हुए हैं।
कांग्रेस के बागी 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर करने के बाद विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति का दर्द छलक गया है। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि वे दुखी हैं। कहा कि और उन्होंने भारी मन से ये इस्तीफे इसलिए स्वीकार किए क्योंकि बागी विधायक मेरे खिलाफ ही कोर्ट में खड़े हो गए… ये लोकतंत्र की बिडंबना है।
इससे पहले के घटनाक्रम में मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने कल को अपने सभी विधायकों को व्हिप जारी किया। इसमें कहा गया है कि वे सभी 20 मार्च को विधानसभा में मौजूद रहें और बहुमत परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार के पक्ष में मतदान करें। वहीं दूसरी ओर, भाजपा ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी कर कमलनाथ सरकार के खिलाफ मतदान करने को कहा है।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान समेत अन्य भाजपा विधायकों की कमलनाथ सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग वाली याचिकाओं पर दो दिन से सुनवाई कर रही थी। पीठ ने विधानसभा के स्पीकर को विशेष सत्र बुलाने और राज्य सरकार को सदन में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया।
पीठ ने विधायकों से अपना हाथ उठाकर मत प्रकट करने का निर्देश दिया। विधानसभा की पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग का भी आदेश दिया गया है। पीठ ने यह भी साफ किया, विधानसभा सत्र बुलाने का एकमात्र एजेंडा बहुमत परीक्षण कराना होगा। संबंधित अथॉरिटी यह सुनिश्चित करेगी कि बहुमत परीक्षण के दौरान सदन में कानून व्यवस्था कायम रहे।

हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

भारत में जासूसी को आईएसआई ले रहा हनीट्रैप का सहारा

इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा हनीट्रैप से संबंधित जारी अलर्ट के एक दिन बाद ही मध्य प्रदेश के जबलपुर में इंडियन आर्मी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल को हिरासत में लिया गया है। इंटेलिजेंस विंग के अफसर संदिग्ध गतिविधियों की वजह से आरोपी से पूछताछ कर रहे हैं। उस पर हनीट्रैप में फंसकर गोपनीय जानकारियां लीक करने का आरोप लगा है।

13 फरवरी को आईबी ने चेताते हुये कहा था कि खूबसूरत चीनी और पाकिस्तानी लड़कियों के जरिए दुश्मन देश सेना के अफसरों को हनीट्रैप में फंसा सकता है। फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिए उनसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां हासिल कर सकता है। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने इस बाबत भारत सरकार को अलर्ट किया है।

हाल ही में खुफिया जानकारी लीक करने के आरोप में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह को गिरफ्तार किया गया है। कैप्टन मारवाह को हनीट्रैप के जरिए फंसाया गया था। फेसबुक के जरिए वह दो महिलाओं के संपर्क में आया था। वह खुफिया जानकारी व्हाट्सअप के जरिए भेजने लगा था।

कैप्टन अरुण मारवाह पर सरकारी गोपनीयता कानून के तहत केस दर्ज किया गया। पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है। वायुसेना मुख्यालय में तैनात रहे ग्रुप कैप्टन को काउंटर इंटेलिजेंस विंग की ओर से करीब 10 दिनों तक की गई पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस को सौंपा था।

वायुसेना के केंद्रीय सुरक्षा एवं जांच दल ने एक नियमित जासूसी रोधी चौकसी के दौरान पाया था कि ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिए अवांछित गतिविधियों में शामिल था। बताते चलें कि भारतीय सेना के लिए सोशल मीडिया पर सक्रिय होने के लिए एक सख्त संहिता है।

इसके तहत सैनिकों को अपनी पहचान, पद, तैनाती और अन्य पेशेवर विवरण साझा करने पर पाबंदी है। उन्हें वर्दी में अपनी तस्वीर भी लगाने पर पाबंदी है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत में जासूसी करने के लिए हनीट्रैप का सहारा ले रही हैं। भारतीय जवानों को मोहरा बनाया जा रहा है।

इसी कड़ी में साल 2015 में रंजीत केके नामक एक एयरमैन को गिरफ्तार किया गया था। बर्खास्त होने से पहले वह बठिंडा बेस पर तैनात था। उसे दिल्ली पुलिस, सैन्य खुफिया और वायुसेना यूनिट ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर पकड़ा था। उसे एक पाकिस्तानी लेडी एजेंट ने अपने जाल में फंसाया था।

खाने का लालच देकर सगी बहनों से किया बलात्कार

मध्य प्रदेश के खंडवा में खाने का लालच देकर दो सगी बहनों के साथ रेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। निशक्त लोगों के लिए बने एक आश्रम में मानसिक रोगी दो नाबालिग सगी बहनों को आश्रम संचालक ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

नगर पुलिस अधीक्षक एसएन तिवारी ने बताया कि पीड़ित बहनों की उम्र 13 और 15 साल है। दोनों मानसिक रोगी हैं। आश्रम संचालक पूनमचंद मालवीय (60) ने रविवार की रात को 13 साल की मानसिक रोगी बालिका को आश्रम स्थित अपने कमरे में बुलाया। पहले जब वह नहीं आई तो अच्छा खाने का लालच दिया।

इसके बाद आरोपी ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। देर रात नाबालिग लड़की मौका देखकर आश्रम का पांच फुट का गेट फांदकर भाग निकली। वह सीधे थाने पहुंची, उसकी आपबीती सुनकर पुलिस वाले भी दंग रह गए। इसके बाद पीड़िता की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ।

इसी बीच महिला पुलिस उपनिरीक्षक सोनू सितोले ने बताया कि दोनों बहनों के साथ आरोपी द्वारा आश्रम में रेप किया गया है। उनकी व्यथा सुनने के बाद आरोपी संचालक के खिलाफ आईपीसी की की धारा 376 और पोक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों बहनों की मेडिकल जांच करवाई गई, जिसमें रेप की पुष्टि हुई है।

बताते चलें कि भोपाल में एक पुलिसकर्मी दंपति की बेटी के साथ एक नवंबर की रात को गैंगरेप हुआ था। इस मामले में तीन थाना प्रभारी एमपी नगर थाने के प्रभारी संजय सिंह बैस, हबीबगंज थाने के प्रभारी रविंद्र यादव, जीआरपी हबीबगंज के थाना प्रभारी मोहित सक्सेना, दो उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) टेकराम और उइके को निलंबित किया जा चुका है।

इस वारदात को अंजाम देने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, लेकिन पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। पीड़िता ने कहा था कि कोई भी अपराधी दोबारा ऐसा करने का साहस न करे, इसलिए कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए, उन्हें मार देना चाहिए, चौराहे पर फांसी की सजा दी जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों।

पीड़िता ने कहा था कि सबसे बुरा रवैया तो पुलिस का रहा, जोकि उन्हें एक थाने से दूसरे थाने भटकाती रही। उसने कहा था, मेरे माता-पिता पुलिस में हैं और हमें इस स्थिति से गुजरना पड़ा, तो आम आदमी किन स्थिति का सामना करता होगा, इसे समझा जा सकता है। अफसोस है कि आरोपी को पुलिस ने पकड़ लिया, लेकिन समय पर केस दर्ज नहीं किया।

जानिए एक नवंबर को कितने राज्यों का है स्थापना दिवस

पांच राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, केरल, हरियाणा और कर्नाटक का स्थापना दिवस आज यानी एक नवंबर को है। आज ही दिन इन पांचों राज्यों की आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी राज्यों के लोगों को स्थापना दिवस की बधाई दी है।
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, राज्य के स्थापना दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश के निवासियों के लिए शुभकामनाएं, जिन्होंने देश के विकास में उल्लेखनीय योगदान दिया है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने राज्य के स्थापना दिवस पर छत्तीसगढ़ के निवासियों को बधाई दी और उन्होंने यह भी कामना की कि राज्य विकास की नई ऊंचाइयों को छूए।
प्रधानमंत्री ने लिखा, विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर और जय जवान, जय किसान की भावना को साकार करने वाले हरियाणा के लोगों को स्थापना दिवस की ढेरों बधाई।
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, हरियाणा के लोगों को स्थापना दिवस पर ढेरों बधाई, जो विकास के मार्ग और जय जवान, जय किसान का अनुसरण कर रहे हैं।
पीएम ने कन्नड़ राज्योत्सव पर कर्नाटक के लोगों को भी बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, कर्नाटक के लोगों को कन्नड़ राज्योत्सव पर मेरी शुभकामनाएं। हमें कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति पर गर्व है। मैं राज्य की प्रगति के लिए प्रार्थना करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के लोगों को स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दी और कहा, सभी मलयालियों को शुभकामनाएं। मैं आने वाले वर्षों में राज्य की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं।

दो से ज्यादा बच्चें होने पर जज को कहा टाटा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने दो से ज्यादा बच्चों के पिता पाए जाने पर ग्वालियर जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है।
आपको बता दें कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए वर्ष 2001 में मध्य प्रदेश सरकार ने कानून बनाया था। इसके तहत वर्ष 2001 के बाद वही व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन कर सकता था, जिसके अधिकतम दो बच्चे थे। दो से ज्यादा बच्चे होने पर संबंधित व्यक्ति सरकारी नौकरी का हकदार नहीं था। हाई कोर्ट ने अपर सत्र न्यायाधीश के पद पर वकीलों से सीधी भर्ती के लिए मई 2017 में विज्ञापन निकाला था। ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया गया।
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मनोज कुमार की चतुर्थ अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के पद पर नियुक्ति मिली थी। उन्हें ग्वालियर के जिला सत्र न्यायालय में पदस्थ किया गया था। जब फॉर्म भरा था तब उन्होंने बच्चों की जानकारी नहीं दी थी। नियुक्ति के बाद मनोज कुमार द्वारा हाई कोर्ट को दी जानकारी में बताया कि उनके तीन बच्चे हैं। मामले को फुलकोर्ट मीटिंग में रखा गया और दो से अधिक बच्चे होने पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इस संबंध में जब मनोज कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया।
फॉर्म में बच्चों की जानकारी देना अनिवार्य
मप्र हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मो. फहीम अनवर ने बताया, सरकारी नौकरी के फॉर्म में वैवाहिक स्थिति, बच्चों की संख्या पूछी जाती है। अगर विवाहित हैं तो बच्चों की जानकारी देनी होती है। चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश मनोज कुमार दो से ज्यादा बच्चों के पिता हैं। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने का नोटिस दे दिया है।

अगले साल के अंत तक पूरी हो जाएगी चार धाम सड़क परियोजना

केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उत्तराखंड में ‘चार धाम’ सड़क संपर्क परियोजना को सरकार 2018 के अंत तक पूरा कर लेगी। 12 हजार करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से जुड़े 10 प्रस्तावों को पर्यावरण मंजूरी भी मिल गई है।
उन्होंने बताया कि पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय ने परियोजना पर काम तेज कर दिया है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में शीर्ष पर है। इस परियोजनाओं से जुड़े अन्य अटके प्रस्तावों को भी जल्द ही मंजूरी प्राप्त हो जाएगी। क्योंकि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय समेत विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें जारी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह लोगों को सबसे बड़ा उपहार होगा। क्योंकि आस्था से जुड़ी चार धाम यात्रा लोगों के एजेंडे में शीर्ष पर रहती है। विदेश से भी बड़ी संख्या में लोग चार धाम यात्रा के लिए आते हैं। उन्होंने बताया कि 900 किमी के नए अलाइनमेंट पर राजमार्गो का निर्माण किया जा रहा है और सुरंगों का निर्माण भी तेज गति से हो रहा है। यह मार्ग सभी मौसम में खुले रहेंगे।
मालूम हो कि इसी महीने की शुरुआत में गडकरी ने आधारभूत ढांचे पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी। इसमें उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों से मंजूरियों के अभाव में लटके चार धाम यात्रा के 18 प्रस्तावों में तेजी लाने का अनुरोध किया था। चार धाम परियोजना की आधारशिला पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी।