देहरादून।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम ’दीक्षा’ (डेडीकेशन टू एनहेंस एजूकेशन नॉलेज, स्किल एण्ड हैबिट एसेसमेंट) का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आधार कार्ड, मॉडल स्कूल और आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों कीे मरम्मत कीे प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि आधार कार्ड बनाने के कार्य को अभियान के रूप में चलायें। मॉडल स्कूलों का मौके पर जाकर मुआयना करें। क्षतिग्रस्त स्कूलों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्य सचिव ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हर ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का प्रयोग सफल रहा है। ऐसे स्कूलों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष बल दिया। सचिव विद्यालयी शिक्षा डी.सेंथिल पांडियन ने दीक्षा के माध्यम से प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत् व व्यापक मूल्यांकन (कांटीन्युवस एण्ड कांप्रीहेंसिव एवेल्युएशन) के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर पर अधिगम स्तर आंकलन (लर्निंग लेवल एसेसमेंट) के बारे में बताया। सतत् और व्यापक मूल्यांकन में सभी बच्चों के सभी पक्षों का मूल्यांकन किया जाए। इसमें शैक्षिक पक्ष, सह-शैक्षिक पक्ष (रूचि, खेलकूद, संगीत, कला, व्यवहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से संबंधित) शामिल है। अधिगम स्तर आंकलन में कक्षा 9 के विद्यार्थियों के अकादमिक पक्ष (हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में लर्निंग लेवल) का आंकलन किया जाए। आंकलन के बाद बच्चों को सुधारात्मक शिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष में दीक्षा कार्यक्रम के तहत कक्षावार और विषयवार संकेतक(इंडीकेटर) बनाये गये है। इसके आधार पर मॉनिटरिंग की जाए। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जवाबदेही भी तय की गई है।
बैठक में अपर सचिव शिक्षा रंजना, निदेशक आर.के.कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने किया 1719.60 लाख रुपये की योजनाओं का शिलान्यास
देश को आजादी दिलाने में जिन वीर सपूतो ने अपने प्राण न्यौछावर किये थे, उसमें देघाट क्षेत्र के शहीदो ने भी आजादी के लिए अपने प्राणो की आहुति देकर अमूल्य योगदान दिया था। यह बात मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बुधवार को जनपद अल्मोड़ा के देघाट में देघाट शहीद दिवस के अवसर पर शहीदो को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्वांजली देते हुए कही। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ शहीदो की भूमि भी है, जिसके कारण हमारे शहीद स्थल अब तीर्थस्थल बन गये है। यहाॅ के अनेक शहीदो ने अपने पराक्रम और कर्तव्यनिष्ठा के साथ दुश्मनों से लोहा मनवाया था। उनके इस पराक्रम व स्वाभिमान के कारण ही हम सभी आज खुली हवा में साथ ले रहे है। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ये शहीद उत्तराखण्ड ही नहीं, बल्कि देश का गौरव है। अतः इनके परिवारो के प्रति हमारी सच्ची श्रद्वा एवं उनके लिए हर सम्भव सहायता के लिए सरकार कटिबद्व है। आज ही के दिन 1942 में अग्रेंजो की गोलियों से देघाट के दो वीर शहीद हरीकृष्ण व हीरामणि ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उन्होंने कहा कि जनपद में सालम, सल्ट, जैंती, चनौदा आदि ऐसे क्षेत्र है, जहाॅ पर अनेक वीर शहीदो ने अपने प्राणो की आहुति दी थी। Read more