विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को रक्षाबंधन के अवसर पर चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले बगवाल मेले में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मां वाराही मंदिर में घंटी चढ़ाई तथा राज्य की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की। मुख्यमंत्री, मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच फलों फूलों से खेले जाने वाले विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने। इस वर्ष पाषाण युद्ध करीब 11 मिनट तक चला।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि रीठा में रतिया नदी में बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य एवं वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जायेगा एवं मानसखण्ड कॉरीडोर के अन्तर्गत वाराही मंदिर के छूटे हुये अवस्थापना कार्यों को सम्मिलित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलो का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को रक्षाबंधन की शुभकामनाएं देते हुए सभी देवी-देवताओं को नमन किया। उन्होंने कहा देवीधुरा के ऐतिहासिक और रमणीक क्षेत्र में आकर स्वयं को अभिभूत महसूस कर रहा हूं। बग्वाल मेला हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम है। यह मेला हमारी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देने के साथ ही हमारी संस्कृति का भी संवर्धन करता है। उन्होंने कहा पुरानी परंपराओं को निभाने और आगे बढ़ाने की ऊर्जा आने वाली पीढ़ी को मिलते रहनी चाहिए। पीढ़ी दर पीढ़ी लोक संस्कृति को आगे बढ़ाना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि देवभूमि के कण-कण में देवताओं का वास है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के साथ ही पौराणिक स्थलों का भी संवर्धन कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। देवीधुरा भी इस मिशन का महत्वपूर्ण भाग है। उन्होंने कहा चार धामों के साथ ही मानसखंड में मंदिरो को भी रोपवे से जोड़ने का कार्य जारी है। माँ पूर्णागिरि धाम को रोप-वे से जोड़ा जा रहा है। मानसखंड यात्रा के तहत विशेष ट्रेन भी चलवाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में मंदिर के संवर्धन के साथ ही कृषि, दुग्ध उत्पादन, शिक्षा, बागवानी, जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर कार्य कर रही है। चंपावत महाविद्यालय को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कैंपस के रूप विकसित किया जा रहा है। चंपावत मुख्यालय में एआरटीओ का उप कार्यालय खोला गया है। चंपावत को आदर्श जिला बनाने के साथ ही उत्तराखंड को एक सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने पर राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
इस दौरान मुख्यमंत्री द्वारा लोक कलाकार गिरीश बरगली द्वारा तैयार “जय मां वाराही“ वीडियो को लांच किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी द्वारा हेलीपेड के निकट जीआईसी परिसर देवीधुरा में पौधा रोपण किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय, विधायक खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिला अध्यक्ष निर्मल महरा, पूर्व सांसद डॉ. महेंद्र सिंह पाल, उपाध्यक्ष सेतु श्री राजशेखर जोशी, बाराही मंदिर समिति संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया, अध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी नवनीत पांडे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

इस्कॉन ऋषिकेश ने झूलन और बलराम जयंती पर किया भव्य आयोजन

इस्कॉन ऋषिकेश द्वारा झूलन और बलराम जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान पंडाल में भक्तों द्वारा हरे कृष्ण और राघा कृष्णा की मनमोहक झांकियों को झुलाया गया।
आवास विकास स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में झूलन और बलराम जयंती मनाई गई। इस दौरान 200 से अधिक श्रीकृष्ण भक्तों ने भाग लिया। इस मौके पर फूलों से सजे झूलन पर बैठे राधा और कृष्ण की सुंदर मूर्तियों ने सभी मंत्रमुग्ध कर दिया। जिन्हें भक्तों द्वारा महाआरती के बाद झुलाया गया।

इससे पूर्व पंचामृत, फलों के रस और फूलों से राधे श्रीकृष्ण का अभिषेक भी किया गया। इस अवसर पर प्रेम गौरांग दास महाराज द्वारा सभी को कृष्ण और बलराम की लीलाओं की महिमा का बखान किया। उन्होंने झूलन लीला के बारे में बताया कि झूला लकड़ी या अन्य सामग्री का न बनकर भक्ति भाव का बनाया जाता है।
इस अवसर पर इस्कॉन से जुड़े राधाकुंड दास, दीन गोपाल दास, पार्थमित्र दास, राजेश्वर दास, राजेश शर्मा और किरण भट्ट मौजूद थे।

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दो दिवसीय जन्माष्टमी धूमधाम से मनाएगी इस्कॉन
इस्कॉन अगले सप्ताह 25 और 26 अगस्त (रविवार और सोमवार) की शाम को प्रत्येक वर्ष की भांति साक्षी वाटिका में दो दिवसीय जन्माष्टमी उत्सव मनाने जा रहा है। इस उत्सव में स्कूली बच्चों द्वारा कई विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी जाएँगी।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओम पुल घाट निकट डामकोठी, हरिद्वार में विभिन्न प्रदेशों से आये शिवभक्त कावड़ियों के चरण धोने के साथ माल्यार्पण, शॉल तथा गंगाजली भेंट कर उनका स्वागत किया। उन्होंने देश के विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड आए कावड़ियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरिद्वार पूरे देश की श्रद्धा का केंद्र है। इस पवित्र स्थल पर मां गंगा एवं भगवान भोलेनाथ का विशेष आशीर्वाद है। श्रावण मास में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है। राज्य सरकार को कावड़ियों का स्वागत करने का सौभाग्य मिला है। कावड़ यात्रा को सुगम सुरक्षित बनाकर सरकार इस यात्रा में कावड़ियों का सहयोगी बनकर कार्य कर रही है। कावड़ियों की सेवा करना सभी के लिए पुण्य का काम है। उन्होंने पुष्प वर्षा से कांवडियों के स्वागत को देवभूमि की अतिथि देवो भवः की परम्परा बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवाधिदेव महादेव की कृपा हम पर बनी रहे। उन्होंने शिवभक्तों से अपील की कि हम व्यवस्था के साथ जुड़कर यात्रा का न केवल आनंद लें, बल्कि श्रद्धा-विश्वास के साथ आत्मानुशासन का परिचय देते हुए पावन श्रावण मास के कांवड़ यात्रा कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने में योगदान दें। मुख्यमंत्री ने कांवड यात्रा में शामिल सभी भक्तों को सुमग, सुरक्षित यात्रा की मंगलमय शुभकामनाएं भी दीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि असीम श्रद्धाभाव के साथ देश के अलग-अलग भागों से श्रद्धालु कांवड़ यात्रा पर आ रहें हैं जो कि श्रद्धा व आस्था के साथ ही देश की आन बान शान तिरंगा भी साथ लेकर चल रहे हैं। उन्होंने यातायात के नियमों तथा शासन प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने की अपील भी कावड़ यात्रियों से की है।

मुख्यमंत्री ने ओम पुल घाट पर आयोजित शिव समागम कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार आस्था एवं विकास के साथ सनातन संस्कृति के संरक्षण का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा सभी कांवड़ श्रद्धालु गंगा जल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेंगे। कांवड़ मेले के सुचारू प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, संत महात्माओं, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कावड़ यात्रा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य कैंप, शौचालय, पार्किंग, टीन शेड, विश्राम स्थल की पर्याप्त व्यवस्था की है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष व्यवस्थाओं को और अधिक सुधारा गया है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष कावड़ यात्रा में करीब चार करोड़ कांवड़िए उत्तराखंड आए। भगवान भोलेनाथ की कृपा से पिछले वर्ष की यात्रा सकुशल संपन्न हुई। उन्होंने कहा इस वर्ष भी बड़ी संख्या में कांवड़ियों के उत्तराखंड आने का अनुमान है। जिसके लिए शासन प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में भव्य एवं दिव्य केदारनाथ का निर्माण हुआ है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। काशी विश्वनाथ, महाकाल जैसे विभिन्न मंदिरों का पुनर्निर्माण कार्य भव्यता के साथ किया गया है। शीघ्र ही हरिद्वार ऋषिकेश केरिडोर का कार्य प्रारम्भ हो जायेगा इससे आने वाले समय में कांवड़ यात्रियों को और अधिक सुविधा होगी।

इस अवसर पर विधायक मदन कौशिक, पूर्व मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, आदेश चौहान, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल आदि शामिल रहे।

देहरादून पहुंची बाबा बौखनाग की डोली, सीएम ने पूजा कर की खुशहाली की कामना

मुख्यमंत्री ने परेड ग्राउंड, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में बाबा बौखनाग की पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी परेड़ ग्राउण्ड में बाबा बौखनाग की डोली के अयोध्या धाम भ्रमण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बाबा की पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा डोली को स्वयं कंधा देकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग डोली समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि उनकी भी बाबा बौखनाग के प्रति गहरी आस्था है। बाबा की कृपा पूरे उत्तराखण्ड पर है। इसका उदाहरण सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों की सकुशल रिहाई है। जिनकी कृपा से यह असंभव कार्य संभव हो सका।

उन्होंने कहा कि इसके लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी विशेषज्ञों के साथ इंदौर, चेन्नई, हैदराबाद आदि स्थानों से मशीनरी भेजी तथा विदेशों से भी विशेषज्ञ बुलाये, सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों की सकुशल वापसी में आ रहे अवरोध के समय हम सब विचलित हो रहे थे। उस समय हमें बाबा का स्मरण करने से रास्ता मिला और सभी लोग रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम दिन तीन घंटे के बजाय आधे घंटे में ही बाहर आए। पूरे देश में इस घटना की चर्चा हुई और हमारे प्रयासों की तारीफ भी हुई, यह बाबा का आशीर्वाद रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन सिलक्यारा की सफलता में बाबा बौखनाग जी की असीम कृपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन, प्रगाढ़ इच्छाशक्ति के साथ ही पग-पग पर उनके सहयोग से विभिन्न संस्थानों, सेना के जवानों, रेट माइनर्स और ग्राउण्ड जीरो पर राज्य सरकार के समेकित प्रयासों से सुरंग में फंसे मजदूरों को जीवन बचाने में हम सफल हो पाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे में 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालना एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन के चलते ही यह बचाव अभियान सफलतापूर्वक पूरा हो सका। केन्द्र सरकार की ओर से भेजी गई विशेषज्ञ बचाव एजेंसियों की बदौलत हम श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में कामयाब हो सके। 17 दिन 41 जिंदगियों के लिए पूरा देश प्रार्थना कर रहा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उस समय उन्होंने वहां पर बाबा बौखनाग के मंदिर निर्माण की घोषणा की थी, वह कार्य हो रहा है। शीघ्र ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बड़कोट पंपिंग पेयजल योजना के शीघ्र समाधान का आश्वासन देते हुए बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेले के रूप में आयोजित किये जाने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा की कृपा से आज हमारा राज्य नीति आयोग द्वारा जारी सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में 10वें से पहले स्थान पर आया है। चारधाम यात्रा में भी रिकार्ड संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। बाबा की कृपा से यमुनोत्री और गंगोत्री में भी श्रद्धालुओं की संख्या लाखों में बढ़ी है। गंगोत्री यमुनोत्री के साथ महासू देवता के स्थल हनोल का भी मास्टर प्लान बनाया जा रहा है। अस्कोट से आराकोट तक राज्य समग्र रूप में विकास की दृष्टि से आगे बढ़ रहा है, हमने राज्य हित में अनेक कठिन व कठोर निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता अधिनियम लागू कर हमने प्रदेश की जनता से किया वायदा पूरा किया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली समान नागरिक संहिता की गंगा पूरे देश में जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि जैसे पवित्र भूमि पर लंबे समय से विभिन्न विभागों की सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा था। सरकार द्वारा अभियान चलाकर ऐसी 05 हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाये रखने के लिये प्रदेश में किसी भी तरह का धर्मांतरण ना हो पाए इसके लिए सख्त कानून का प्रावधान किया गया है। सरकार संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों के विरुद्ध हमने सख्त कार्रवाई करते हुए दंगा निरोधक कानून बनाया है। जिसके अंतर्गत संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले से ही उसकी वसूली की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन साल में 15 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की गई हैं। प्रदेश में नकल विरोधी कानून लागू कर युवाओं की प्रतिभा का सम्मान किया गया है। पारदर्शी परीक्षा व्यवस्था से युवा एक साथ कई पदों के लिये पात्रता में आ रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन, तीर्थाटन राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। सड़कों के विकास, हवाई यातायात एवं अन्य अवस्थापना सुविधाओं के विकास से चारधाम यात्रा में गत वर्ष की अपेक्षा दुगने तीर्थ यात्री प्रदेश में आये हैं।

इस अवसर पर विधायक दुर्गेश्वर लाल, समिति के अध्यक्ष जयेन्द्र सिंह रावत, पूर्व विधायक राजकुमार, मनवीर चौहान, विनोद डोभाल, दीपक बिजल्वाण, सतेन्द्र राणा, आलोक रावत, चण्डी प्रसाद, यशवंत सिंह, गोपाल सिंह रावत आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने किया जागेश्वर धाम के प्रसिद्ध श्रावणी मेले का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रसिद्ध जागेश्वर धाम में एक महीने तक चलने वाले श्रावणी मेले का पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया। उन्होंने जागेश्वर के भंडारा स्थल में पदम का वृक्ष लगाकर हरेला की शुभकामनाओं के साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागेश्वर धाम पौराणिक संस्कृति का अप्रतिम प्रतीक है। यहां आकर एक अलग ही शांति की अनुभूति मिलती है। भगवान जागेश्वर सभी श्रद्धालुओं पर अपनी कृपा रखते हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई अपनी मर्जी से नहीं बल्कि बाबा के बुलावे पर ही आता है। श्रावणी मेले को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावणी मेला पौराणिक संस्कृति का जीता जागता उदाहरण है। श्रावणी मेला सदियों से श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र रहा है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश वासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले की शुभकामनाएं देते हुए डबल इंजन की सरकार उत्तराखंड के विकास को समर्पित सरकार है। इसी का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी की गई सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। यह उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में सकारात्मक कदम है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जनपद के विकास को लेकर अनेक घोषणाएं भी की जिनमें सरयू (सेराघाट) से वृद्ध जागेश्वर सहित जागेश्वर क्षेत्र के लिए पेयजल पंपिंग योजना का निर्माण, भगततोला कपकोट मोटर मार्ग का डामरीकरण, मानसखंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत वृद्ध जागेश्वर को धार्मिक पर्यटन से जोड़ने, भिकियासेन में डाम का निर्माण, चमडखान में बैंक की स्थापना, भरतोली के प्राचीन देवायल मंदिर का जीर्णाेधार, डिप्टेश्वर महादेव एवं कोटेश्वर महादेव का जीर्णाेधार तथा सौंदर्यीकरण किये जाने, मर्चुला भिकियासेन मोटर मार्ग पर रामगंगा नदी पर मोटर पुल का निर्माण, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज चनोदा सोमेश्वर के अपूर्ण भवन का निर्माण किये जाने, चायखन – थूवासीमल से ध्युली – धोनी व ध्यूली रौतेला चौना बैंड तक लिंक रोड का निर्माण किये जाने, सोमेश्वर के ग्राम सभा रहत में धूनी गैर नामक स्थान पर तथा शहर फाटक नंगधूनी मंदिर के पास मिनी स्टेडियम का निर्माण किये जाने, विकासखंड हवालबाग के गोविंदपुर स्थित देवडघाट के नानकोसी में मिनी बैराज का निर्माण के साथ जागेश्वर विधानसभा में 40 किमी डामरीकरण के प्रस्ताव आदि कार्यों की घोषणा शामिल है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास को समर्पित सरकार है। अल्मोड़ा के कोसी से कौसानी तक साइकिल ट्रैक का निर्माण कार्य किया जा रहा है जिससे अल्मोड़ा जनपद के पर्यटन को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा शहर के विस्तार की भी योजना बनायी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जागेश्वर धाम में पूजा अर्चना की है तब से यहां श्रद्धालुओं की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है तथा लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार देश एवं प्रदेश में विकास के नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है। प्रदेश के तीर्थाटन को बढ़ाने में भी राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। जिस प्रकार केदारनाथ एवं बदरीनाथ मंदिर के मास्टर प्लान के माध्यम से केदारनाथ एवं बदरीनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है उसी प्रकार जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के माध्यम से भी यहां के लोगों के आजीविका के द्वार खुलेंगे। उन्होंने कहा कि जागेश्वर धाम के मास्टर प्लान के कार्य पूरा हो जाने के बाद प्रति वर्ष 10 लाख श्रद्धालुओं के यहां आने की उम्मीद है। इसके माध्यम से यहां के लोगों का जीवन खुशहाल होगा एवं जनपद की आर्थिकी में भी बढ़ोतरी होगी।

इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी जनपद एवं प्रदेशवासियों को हरेला पर्व एवं श्रावणी मेले के शुभकनाएं दी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार राज्य के विकास के लिए प्रयासरत है। इस दिशा में अनेक कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन सुदूर आदि कैलाश में कराकर योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड की सड़कों का कायाकल्प होगा एवं प्रदेश तेजी से मजबूत अर्थव्यवस्था को और अग्रसर होगा।

विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा ने मुख्यमंत्री के जागेश्वर धाम आने के लिए उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा लगातार प्रदेश एवं जनपद के लिए अहम फैसले लिए जा रहे हैं। जो प्रदेश के विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

इस दौरान जिलाध्यक्ष भाजपा रमेश बहुगुणा, उपाध्यक्ष जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति नवीन चंद्र भट्ट, जिला मजिस्ट्रेट विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे समेत अन्य विभागीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि एवं आम जनमानस उपस्थित थे।

सीएम ने गूंजी का निरीक्षण कर की घोषणा, बोले बनाएंगे मास्टर प्लान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदिकैलाश में आयोजित योग कार्यक्रम में योग कर देश व दुनिया को योग का संदेश दिया। योग के महत्व पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि योग में मानव जीवन को सुखमय बनाने की ताकत है। योग तन, मन और आत्मा का संगम है। मुख्यमंत्री ने आदिकैलाश क्षेत्र में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं का आह्वान किया कि भगवान भोलेनाथ की इस पावन धरा पर आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु बन कर आयें। इससे उन्हें आत्मिक शान्ति का आभास होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में बडी संख्या में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं के आगमन से स्थानीय लोगों को रोजगार व स्वरोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। स्थानीय खानपान को बढावा देने से स्थानीय उत्पादों को भी बढ़ावा मिलेगा। ऊनी कालीन उद्योग भी यहां की आर्थिकी का आधार रहा है, इसे बढ़ावा देने के प्रयास हों। उन्होंने इस क्षेत्र में नगरीकरण में निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण में स्थानीय वास्तुकला का ध्यान रखते हुए शत-प्रतिशत होमस्टे पर आधारित पर्यटन विकसित किये जाने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में परिवहन सुविधा के मानकीकरण तथा इनर लाईन परमिट निर्गत करने की प्रक्रिया का सरलीकरण किये जाने पर ध्यान देने को कहा। इस दिशा में संवेदनशीलता एवं पारदर्शिता का ध्यान रखना होगा इससे यहां आने वाले लोगों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में देश व दुनिया से आने वाले लोगों को बिचौलियों के माध्यम से कोई परेशानी न उठानी पड़े तथा इस संवेदनशील सीमांत क्षेत्र में किसी प्रकार की अशान्ति न हो इस पर भी ध्यान देने की उन्होंने जरूरत बतायी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्राकृतिक जल श्रोत सूखने के साथ ही पर्यावरण दूषित हो रहा है। इस दिशा में परंपरागत धारे, नौले, गधेरों को पुनर्जीवित करने के लिये कार्ययोजना बनाई गई है। इसमें सभी को सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आदर्श राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाते हुए जल और जंगल के संरक्षण एवं संवर्द्धन में देश को दिशा देने का कार्य कर सके इसमें भी हम सबको योगदान देना होगा। पर्यावरण संरक्षण के लिये अधिक से अधिक वृक्षारोपण की भी मुख्यमंत्री ने सभी से अपील की।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आने वाले समय मे गुंजी को मास्टर प्लान के माध्यम से शिवधाम बनाया जायेगा जिसमे स्थानीय लोगो के भी सुझाव लिये जायेंगे। गुंजी, नाबी, कुटी, नौटी, बूँदी के व्यक्तियों को विकास कि मुख्य धारा से जोड़ा जायेगा, जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार प्रयासरत हैं

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पार्वती सरोवर के निकट शिव मंदिर पहुंच कर कुटी समाज के रीति रिवाज़ से मंदिर में पूजा अर्चना करते हुए उत्तराखंड की सुख समृद्धि तथा खुशहाली की प्रार्थना की।

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन राज्य मंत्री अजय टम्टा ने भी योग दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी। इस अवसर मे विधायक धारचूला हरीश धामी, ब्लॉक प्रमुख धन सिंह धामी, दायित्वधारी गणेश भंडारी, सचिव लोक निर्माण विभाग ड़ॉ पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊ दीपक रावत, डीआईजी योगेंद्र सिंह रावत, जिलाधिकारी रीना जोशी, मुख्य विकास अधिकारी नंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक रेखा यादव, आयुष योग प्रशिक्षक एवं जनप्रतिनिधि आदि मौजूद थे।

आदि कैलाश में सीएम ने मनाया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 15 हजार फीट की ऊंचाई से दिय संदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समुद्रतल से लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित आदि कैलाश में योग कर पूरे विश्व के शिवभक्तों को आदि कैलाश दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से आज सीमांत के गांवों की तस्वीर बदल रही है। प्रधानमंत्री मोदी के पार्वतीकुण्ड आदि कैलाश के दर्शन के बाद व्यास घाटी में आदि कैलाश, ओम पर्वत, कैलाश दर्शन, काली मंदिर, व्यास गुफा आदि तीर्थ स्थलों के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भगवान शिव की प्रवास स्थली में योग कर दुनिया के सैलानियों और तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश के साथ ही इस समूची व्यास घाटी की यात्रा का न्योता देने के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत द्वारा विश्व को दी गई ‘योग’ रूपी अमूल्य धरोहर से आज करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी से शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक शक्ति हेतु योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करने एवं अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करने की भी अपील की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नैसर्गिक प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के सुदूर क्षेत्र में स्थित देवाधिदेव महादेव को समर्पित श्री आदि कैलाश और ओम पर्वत का अद्भुत वातावरण मन में भक्ति, शक्ति और असीम ऊर्जा का संचार करता है। पर्वत राज हिमालय की गोद में बसे गुंजी, कुटी और नाभीढाँग गाँव जहां व्यास घाटी की संस्कृति, परंपरा और विरासत को अपने आँचल में समेटे हुए हैं तो वहीं शिव-पार्वती मंदिर, गौरीकुंड, पार्वती सरोवर, व्यास गुफा और पाण्डव पर्वत सनातन धर्म की अनंत ऊर्जा का परिचय कराते हैं।

योग दिवस पर मुख्यमंत्री ने आदि कैलाश में योग कर देश दुनिया के तीर्थयात्रियों को आदि कैलाश, ओम पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन का निमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री का यह आह्वान मानसखण्ड मन्दिरमाला मिशन अभियान को आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री की यात्रा से आदिकैलाश क्षेत्र को मिली अन्तरराष्ट्रीय पहचान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते वर्ष 12 अक्टूबर को पिथौरागढ़ जिले के एक दिवसीय दौरे पर आए थे। तब प्रधानमंत्री ने ज्योलिंगकोंग पहुंचकर आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन किए थे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ने आदि कैलाश धाम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देने के साथ ही मानसखण्ड में धार्मिक पर्यटन को नए आयाम प्राप्त हुए है। यहां पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी बढोत्तरी हुई है। इन दिनों हर रोज एक हजार से लेकर डेढ़ हजार तक की संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री ओम पर्वत, आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन को पहुंच रहे हैं।

पर्यटकों और तीर्थयात्रियों की बढ़ती संख्या से अब यह भी स्पष्ट है कि आगामी कुछ वर्षों में ही पिथौरागढ़ का यह सीमांत क्षेत्र बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनने की ओर तेजी से अग्रसर है। है। इससे इस क्षेत्र के चतुर्दिक विकास और स्थानीय कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा।

पर्यटकों से गुलजार चीन बॉर्डर से सटे इलाके

पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके इन दिनों देश दुनिया के सैलानियों से गुलजार हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर और ओम पर्वत के दर्शन को हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। पिथौरागढ़ से लेकर ज्योलिंगकांग तक होटल और होम स्टे यात्रियों और पर्यटकों से पैक हैं। आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, गौरी कुंड, ओम पर्वत देखकर यात्री अभिभूत हैं। हर रोज बस, टैक्सी और निजी वाहनों से ही नहीं बल्कि दोपहिया वाहनों से भी बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री धारचूला पहुंच रहे हैं।

ऑनलाइन उपलब्ध है इनर लाइन परमिट

कैलाश मानसरोवर यात्रा बंद होने से शिवभक्तों का आदि कैलाश यात्रा के प्रति रुझान बढ़ा है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए चीन सरकार का वीजा लेना पड़ता है, जबकि आदि कैलाश के भारत की सीमा में ही होने से मात्र इनर लाइन परमिट पर ही यह यात्रा हो जाती है। पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को इनरलाइन परमिट के लिए भटकना न पड़े, इसके लिए आनलाइन परमिट की व्यवस्था की गई है।

यह है आदि कैलाश यात्रा का रूट

आदि कैलाश की यात्रा के लिए सबसे पहले टनकपुर या हल्द्वानी होकर पिथौरागढ़ पहुंचना होगा। दिल्ली से बस या ट्रेन से आप हल्द्वानी या टनकपुर पहुंच सकते हैं। इसके बाद पिथौरागढ़ की यात्रा बस या टैक्सी से तय कर सकते हैं। पिथौरागढ़ से धारचूला तक की 90 किमी की दूरी टैक्सी से तय करने के बाद आगे के सफर के लिए इनर लाइन परमिट लेना अनिवार्य है। धारचूला से आदि कैलाश पहुंचने के लिए 80 किमी का सफर तय करना होगा। इसके लिए धारचूला में टैक्सियां उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर यात्रियों की दैनिक निर्धारित सीमा समाप्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन हेतु निर्धारित की गई सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन विनय शंकर पांडेय ने बताया है कि वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य होने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि यात्रियों की सुविधा हेतु ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारो धामों के दर्शन के लिए जो कोटा निर्धारित किया गया था, उसे समाप्त करते हुए अब यात्री ऋषिकेश एवं हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउन्टर में स्वंय भौतिक रूप से उपस्थित होकर चारों धाम/दो धाम या किसी भी धाम का सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर अपनी यात्रा पर सुगमता से जा सकते हैं। यह आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गत वर्ष की तुलना में एक माह में डेढ़ गुना अधिक श्रद्धालु पहुँचे चारधाम
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने अवगत कराया है कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष चारधाम यात्रा प्रारम्भ के एक माह में 12,35,517 श्रद्धालुओं द्वारा धामों के दर्शन किये गये थे, जबकि इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों के दर्शन किये जा चुके हैं, जो गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग डेढ गुना अधिक है।

चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण के गठन को कार्रवाई तेज करने के निर्देश

मुख्यंमत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को चारधाम प्रबंधन यात्रा प्राधिकरण के गठन हेतु कार्रवाई त्वरित गति से करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यमुनोत्री धाम में कैरिंग कैपेसिटी (धारण क्षमता) कैसे बढ़ाई जाए, इस पर भी कार्ययोजना शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए।
बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में उन्होंने यह निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा प्रबंधन प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र सिर्फ चारधामों तक सीमित नहीं होगा अपितु प्रदेश में समस्त प्रकार की यात्राओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उक्त प्राधिकरण के अंतर्गत आएगी। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण गठन के पीछे मुख्य उद्देश्य यही है कि प्रदेश में बढ़ते धार्मिक व सामान्य पर्यटन के मद्देनजर हमारे पास एक ऐसी संस्था हो जो इन सब जिम्मेदारियों व तैयारियों का भलीभांति निर्वहन कर सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरगामी विजन के चलते आज प्रदेश में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। खासतौर से इस बार के यात्रा सीजन में यह तथ्य प्रमुखता से उभरा है कि गंगोत्री व यमुनोत्री धामों में तीर्थयात्रियों की संख्या में दोगुना तक वृद्धि हुई है। ऐसे में यमुनोत्री धाम की कैरिंग कैपेसिटी यानि वहां ठहरने की सुविधाएं होटल, गेस्ट हाउस आदि को किस प्रकार से बढ़ाया जाना चाहिए, इस दिशा में भी ठोस कार्य किये जायें। विदित हो कि चारधामों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सतत रूप से प्रयासरत रहे हैं और इसी का प्रतिफल है कि श्री बद्रीनाथ धाम व केदारनाथ धाम में मास्टर प्लान के अंतर्गत विभिन्न विकास कार्य किये जा रहे हैं। साथ ही ऑल वेदर रोड के निर्माण के बाद चार धामों की यात्रा अधिक सुगम व सुरक्षित हुई है।

चारधाम यात्रा को कोटद्वार से संचालित करने की संभावना तलाशें, रोपवे की बाधाओं को करें दूर
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा अभी मुख्य रूप से ऋषिकेश से संचालित होती है लेकिन यहां पर बड़ी संख्या में यात्रियों के पहुँचने के चलते जाम की समस्या भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा का संचालन किस तरह से कोटद्वार से भी किया जा सकता है, इसकी भी संभावना तलाशी जायें। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम, हेमकुंड साहिब व यमुनोत्री धाम के लिए रोपवे निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

टिहरी झील व आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 1200 करोड़ का प्रोजेक्ट
टिहरी झील और आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एडीबी ने 1200 करोड़ रुपये का अवस्थापना संबंधी प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है। उन्होंने इसकी निविदा प्रक्रिया को तेज करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के आने से टिहरी झील के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन तेजी से बढ़ेगा। इससे यह झील और भी अधिक आकर्षण का केंद्र बनेगी। मुख्यमंत्री ने पौड़ी जिला मुख्यालय तक पर्यटन को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक लोग यहां पहुँच सके और यह क्षेत्र भी सीधे पर्यटन से जुड़ सके।

मंत्री अग्रवाल ने चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय का किया स्थलीय निरीक्षण

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन कार्यालय एवं श्रद्धालुओं के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान डॉ अग्रवाल ने देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये श्रद्धालुओं से बातचीत कर उनसे व्यवस्थाओं का फीडबैक भी लिया।

डॉ अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को आवश्यक मूलभूत सुविधाओं समेत पेयजल, भोजन, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को और अधिक सुदृढ बनाने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए विश्राम स्थल, स्वास्थ्य केन्द्र एवं यात्रा नियंत्रण कक्ष में सभी सुविधाओं का भी जायजा लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने एवं व्यवस्थित यात्रा के लिए आपसी सामंजस्य से कार्य करने के निर्देश दिये।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से उत्तराखण्ड आने वाले श्रद्धालुओं की सुगम, सुरक्षित एवं सुविधाजनक चारधाम यात्रा के लिए राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है।

इस अवसर पर अपर आयुक्त गढ़वाल नरेंद्र सिंह क्विरियाल, एडीएम कुमकुम जोशी, नगर आयुक्त शैलेन्द्र सिंह नेगी, एसपी ग्रामीण लोकजीत सिंह, मण्डल अध्यक्ष सुमित पंवार, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा माधवी गुप्ता, मण्डल अध्यक्ष महिला मोर्चा माधवी गुप्ता, सीमा रानी, मनोज धयानी, शिव कुमार गौतम, उषा जोशी, अनिता तिवाड़ी, रूपेश गुप्ता, जितेंद्र पाल पाठी, राजू नरसिम्हा, दीपक बिष्ट आदि उपस्थित रहे।