तीन मरीज सरकारी और चार निजी अस्पताल में मिले
वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में आने लगी कमी
ऋषिकेश।
सरकारी अस्पताल की ओपीडी में गुरुवार को 470 मरीजों ने पंजीकरण कराया। एकमात्र फिजीशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी के पास मरीजों की भीड़ रही। वीवीआईपी ड्यूटी के चलते डेंगू के नोडल अधिकारी और फिजीशियन डॉ. महेश सैनी ओपीडी में नहीं बैठ सके। डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि अन्य दिनों के मुकाबले गुरुवार को वायरल पीड़ितों की संख्या कम रही।
डेंगू की आशंका के चलते 35 मरीजों के ब्लड सैंपल लिए गए, जिसमें से तीन मरीजों की रिपोर्ट पॉजीटिव रही। वहीं, गुरुवार को प्राइवेट अस्पताल में ब्लड जांच के बाद डेंगू के चार मरीज मिले, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि ब्लड जांच के बाद तीन मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल से डेंगू पुष्टि की रिपोर्ट नहीं मिली है।
Category: स्वास्थ्य
डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़ी, तीन नए मामले ओर मिले
सरकारी अस्पताल में 86 मरीजों की ब्लड जांच की गई तो तीन डेंगू से पीड़ित मिले
प्राइवेट अस्पताल में भी डेंगू व चिकनगुनिया के बढ़ रहे मामले
ऋषिकेश।
बुधवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 590 मरीजों ने पंजीकरण कराया। डेंगू के नोडल अधिकारी व फिजिशियन डॉ. महेश सैनी के वीआईपी ड्यूटी में रहने के कारण मरीजों की फजीहत हुई। एक मात्र फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी ने वायरल पीड़ितों की जांच की। डॉ. ऋचा रतूड़ी ने बताया कि वायरल पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मौसम परिवर्तन के कारण डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण मरीजों में दिखाई दे रहे है।
सरकारी अस्पताल में डेंगू की आशंका के चलते 86 मरीजों की ब्लड जांच की गई, जिनमें तीन डेंगू पीड़ित मिले। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि वायरल पीड़ित मरीजों में ब्लड जांच के बाद डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं, प्राइवेट अस्पताल में ब्लड जांच के बाद पांच मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों की पुष्टि करने से बच रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू का कहर
डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर ग्रामीण क्षेत्रों में पांव पसार रहा है। बुधवार को रानीपोखरी क्षेत्र पंचायत सदस्य गीता जायसवाल ने एसडीएम ऋषिकेश को डेंगू व चिकनगुनिया से मुक्ति दिलाने की मांग की है। उन्होंने पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डेंगू व चिकनगुनिया के मरीज मिल रहे है। बताया कि क्षेत्र में लगातार ग्रामीण बीमार पड़ रहे है। ब्लड जांच के बाद कई लोगों में खून की कमी भी बताई गई है। ऐसे में डेंगू व चिकनगुनिया ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में दवा का छिड़काव व फागिंग कराने की मांग की। पत्र में सुमित पंवार, प्रदीप कुमार, सुबोध जायसवाल, सुमित, राकेश, सपना, जयेन्द्र, सुरज, मनोज भटट, संदीप आदि जनप्रतिनिधियों के हस्ताक्षर है।
जागरुकता रैली निकाली
31 एनसीसी यूके बटालियन हरिद्वार के कमान अधिकारी के निर्देश पर बुधवार को श्री भरत मंदिर इंटर कालेज के एनसीसी कैडेटों ने नगर में जागरुकता रैली निकालीं। कै. गोविन्द सिंह रावत के नेतृत्व में कैडेटों ने शांतिनगर, बनखंडी, मालवीय रोड़, हीरालाल मार्ग, लाजपतराय मार्ग आदि क्षेत्रों में डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरुक किया। इससे पूर्व प्रधानाचार्य डीबीपीएस रावत ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया। मौके पर मदनमोहन पाण्डेय, वीर सिंह, रंजन अंथवाल, सुनील दत्त थपलियाल, विकास नेगी आदि मौजूद थे।
एक डॉक्टर के सहारे वायरल पीड़ित
इमरजेंसी में ड्यूटी लगने पर डे ऑफ पर रहते है डॉक्टर
बैरंग लौटना पड़ रहा वायरल पीड़ित मरीजों को
ऋषिकेश।
मंगलवार को एक बार फिर सरकारी अस्पताल में मरीजों को फजीहत का सामना करना पड़ा। फिजिशियन डॉ. महेश सैनी डे ऑफ पर रहे। दूसरे फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी की ओपीडी में भीड़ जुटी। मरीज सुबह 6 बजे से ही लाइन में लगने शुरु हो गये थे। बावजूद उनका नंबर 5 से 6 घंटे में आया। 635 लोगों ने मंगलवार को अपना पंजीकरण कराया। 42 लोगों में डेंगू आशंका के चलते ब्लड की जांच की गई। दो पीड़ितों में डेंगू पॉजीटिव मिला। मलेरिया के 115 व टाइफाइड के 111 ब्लड के सैंपल लिये गये। जिनमें क्रमश: 3 मलेरिया व 33 टाइफाइड से पीड़ित मिले।
वहीं, प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी मंगलवार को भीड़ जुटी। ब्लड जांच को लेकर मरीजों ने सर्तकता दिखाई। डेंगू व चिकनगुनिया के चलते मरीज ब्लड की जांच कराने को लेकर प्राइवेट पैथोलॉजी के भी चक्कर काट रहे है। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि मंगलवार को दो ओर मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
हजार रुपये में चिकनगुनिया की जांच
सरकारी अस्पताल में आने वाले वायरल पीड़ितों में डेंगू के कम और चिकनगुनिया के लक्षण अधिक दिखाई दे रहे है। लेकिन हैरत की बात है कि जिस बीमारी के सबसे अधिक लक्षण मरीजों में दिखाई दे रहे है, उसकी जांच करने की जहमत स्वास्थ्य विभाग नही उठा रहा है। प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में चिकनगुनिया जांच हजार रुपये से शुरु हो रही है। बड़ा सवाल है कि आर्थिक रुप से कमजोर तबके का व्यक्ति कैसे मंहगी जांच करवाये। इस ओर सरकारी अस्पताल द्वारा कोई पहल नही की जा रही है और न तो स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारी इसका संज्ञान ले रहे है।
असमंजस में मरीज, रिपोर्ट किसे दिखाये
सरकारी अस्पताल की बानगी तो देखिये। वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या कम होने का नाम नही ले रही है। ऐसे में जिम्मेदार अस्पताल प्रशासन फिजिशियन डॉक्टरों की ड्यूटी इमरजेंसी में लगा रहे है। गौर कीजिये कि इमरजेंसी में ड्यूटी के बाद डॉक्टर डे ऑफ पर चले जाते है। पहले दिन डॉक्टर को दिखाने वाले मरीज अगले दिन जब रिपोर्ट दिखाने आते है तो डॉक्टर नही मिलते। दूसरे डॉक्टर मरीज की रिपोर्ट यह कहकर कि आपके डॉक्टर दूसरे है, देखने में दिलचस्पी नही दिखाते है। ऐसे में मरीज के लिए असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है।
पुलिस जवान को चिकनगुनिया
ढालवाला पुलिस चौकी में तैनात एक पुलिस जवान में चिकनुगनिया की पुष्टि हुई है। प्राइवेट अस्पताल की ब्लड रिपोर्ट में जवान को चिकनगुनिया पॉजीटिव आया है। जवान की डेंगू जांच की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है।
बैरंग लौट रहे मरीज
सरकारी अस्पताल में लंबे इंतजार के बाद भी वायरल पीड़ितों का नंबर समय पर नही आ रहा है। मंगलवार को कई मरीजों ने घंटों इंतजार के बाद भी नंबर नही आने पर हंगामा काटा। कई तो बैरंग ही लौट गये। डॉक्टर की ओपीडी में सुरक्षा गार्ड ने भी कई मरीजों को वापस लौटाया। कहाकि डॉक्टर भी इंसान है, कितने मरीजों को देखेंगी।
कैंसर शिविर में 82 लोगों की जांच
ऋषिकेश।
गंगा प्रेम हॉस्पिस के तत्वावधान में रविवार को नि:शुल्क कैंसर जांच शिविर आयोजित किया गया। इसमें 82 लोगों की जांच की गई, जिनमें 52 मरीज कैंसर से पीड़ित थे।
त्रिवेणी घाट चौक स्थित पंजाब सिंध क्षेत्र अस्पताल में आयोजित शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों का चेकअप किया। मरीजों की जांच डॉ. एके दिवान, डॉ. रुपाली दीवान ने की। कैंप में नाक, जीभ, पेट, गला, रक्त, फेफड़ा, पित्त की थैली, लीवर के कैंसर से पीड़ित मरीज मिले। बिजनौर, उत्तरकाशी, हरिद्वार, देहरादून, मुजफ्फरनगर से मरीज चेकअप कराने पहुंचे। कैंप में डॉ. अदिति चतुर्वेदी, आयुर्वेदाचार्य जेपी राठी, डॉ. राजेश सक्सेना, तोताराम आर्य, राज मेहरा, आरएल घई, गीता कुकरेती, विमला शर्मा, त्रिलोक खुराना, दिव्य कटियार, योगेश्वर, प्रियंका, फिलोमिना, ममता, पूजा डोगरा, निशा आदि मौजूद रहे।
गर्भवती महिला को डेंगू, अस्पताल में भर्ती
26 डेंगू के मरीज सरकारी अस्पताल में अब तक हो चुके हैं भर्ती
ऋषिकेश।
ऋषिकेश सरकारी अस्पताल में शनिवार को डेंगू के तीन नए मामले सामने आए। इनमें एक गर्भवती महिला भी शामिल है। गर्भवती महिला और एक अन्य मरीज अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया है। फिजीशियन डॉ. महेश कुमार सैनी की देखरेख में दोनों मरीजों का इलाज चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार अब तक 26 डेंगू के मरीज अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं।
शीशमझाड़ी निवासी गर्भवती महिला को बुखार, बदन दर्द आदि की शिकायत पर परिजन सरकारी अस्पताल में इलाज कराने लाए। यहां ब्लड जांच कराने पर महिला में डेंगू की पुष्टि हुई। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर महिला को भर्ती कर लिया गया है। वहीं अस्पताल में एक मरीज का मलेरिया से पीड़ित होने पर इलाज चल रहा था, जांच कराने पर मरीज में डेंगू की भी पुष्टि हुई है। ऐसे में मरीज को भी डेंगू वार्ड भर्ती किया गया है। इसके अलावा शनिवार को ओपीडी में इलाज कराने आए अन्य एक मरीज में भी डेंगू की पुष्टि हुई।
सरकारी अस्पताल में डेंगू के नोडल अधिकारी और सीनियर फिजीशियन डॉ. महेश कुमार सैनी ने बताया कि दोनों मरीज चिकित्सीय निगरानी में हैं। दोनों के स्वास्थ्य में सुधार भी हो रहा है। उधर, शनिवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 695 मरीजों ने शनिवार को पंजीकरण कराया। भीड़ अधिक होने के चलते फिजीशियन की ओपीडी में बारी के लिए मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
नगर संक्रामक नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू की आंशका के चलते शनिवार को 48 मरीजों की ब्लड जांच की गई, जिसमें एक मरीज की रिपोर्ट पॉजीटिव आई है। 91 की टाइफाइड जांच की गई, इसमें 13 मरीजों में टाइफाइड की पुष्टि हुई। वहीं 93 मरीजों की मलेरिया जांच की गई, जिसमें तीन मरीज मलेरिया से पीड़ित मिले। बताया कि रिकॉर्ड के अनुसार अब तक 26 डेंगू के मरीज सरकारी अस्पताल में भर्ती हो चुके हैं।
ऋषिकेश रियल एस्टेट का दूसरे चरण का अभियान शुरू
डेंगू,चिकनगुनिया के मरीज बढ़ने पर चलाया अभियान
ऋषिकेश। शहर में डेंगू,चिकनगुनिया के मरीज बढ़ने पर ऋषिकेश रियल एस्टेट ने दूसरे चरण में अभियान शुरू कर दिया है। गुरूवार को एसोसिएशन पदाधिकारियों ने हरिद्वारमार्ग, घाटरोड, सुभाष चौक, सिंधी धर्मशाला, आदर्शग्राम, कुम्हारबाडा, आशुतोषनगर, ऋषिलोक कॉलोनी, प्रगति विहार, दूनमार्ग में दवा का छिड़काव किया। अभियान एक दिन छोड़कर चलाया जायेगा। एसोसिएशन अध्यक्ष दिनेश कोठारी ने बताया कि बीमारी से निजात दिलाने को रियल एस्टेट आगे आई है।
शहर के अस्पताल डेंगू,चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों से अटे पड़े है। उन्होंने बीमारी से राहत पाने को पालिका को पूर्ण सहयोग देने का भरोसा दिया। कार्यक्रम में राजीव खुराना, नितिन गुप्ता, दीपक चुग, विरेन्द्र अरोडा,धीरज मखीजा, विरेन्द्र जोशी, विशाल कक्कड, संजय व्यास, सरदार मंगा सिंह, अनिल कुकरेती, हरेन्द्र रावत,प्रदीप गुप्ता, संजीव चौधरी, कोमल सिंह, अर्जुन सिंह, रमन अरोडा, गोपाल सती, नवीन भट्ट, अशोक पाल, दीपक थापा, राजेश अरोडा, अजीत कंवल, विजय रावत, शेखर अरोड़ा आदि शामिल थे।
डेंगू व चिकनगुनिया की चपेट में तीर्थनगरी
ऋषिकेश।
तीर्थनगरी व आस-पास के क्षेत्र डेंगू व चिकनगुनिया से प्रभावित हो रहे है। वायरल पीड़ितों में मलेरिया व टाइफाइड की भी पुष्टि हो रही है। एम्स, सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में वायरल पीड़ित बड़ी संख्या में ब्लड जांच करवा रहे है। बुधवार को सरकारी अस्पताल में एक व प्राइवेट अस्पताल में दो लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है।
बुधवार को डेंगू व चिकनगुनिया के चलते नगर के अस्पतालों में मरीजों की अत्यधिक भीड़ रही। एम्स की ओपीडी में 1450 मरीजों ने पंजीकरण कराया। 424 मरीज वायरल पीड़ित रहे। डेंगू की आशंका के चलते यहां 60 मरीजों के ब्लड की जांच की गई। वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने जानकारी दी कि पिछले 15 दिनों में 300 मरीजों के डेंगू की आंशका के चलते जांच हुई है, जिसमें 16 मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है।
सरकारी अस्पताल में 51 मरीजों की डेंगू जांच करने पर एक मरीज पॉजीटिव मिला। 98 मरीजों की मलेरिया व टाइफाइड जांच करने पर क्रमश: दो और अट्ठारह मरीजों में मलेरिया व टाइफाइड की पुष्टि हुई। यहां ओपीडी में 640 लोगों ने पंजीकरण कराया। बुधवार को सिर्फ एक ही फिजिशियन डॉ. महेश सैनी ने वायरल पीड़ित मरीजों का उपचार किया। फिजिशियन डॉ. ऋचा रतूड़ी डे ऑफ पर रही।
वहीं, प्राइेवट अस्पतालों की ओपीडी पन्द्रह सौ के पार पहुंची। प्राइवेट अस्पतालों में उपचार करा रहे वायरल पीड़ित दो मरीजों में डेंगू पॉजीटिव मिला है। नगर के संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया मच्छर जनित रोग है। उन्होंने नगर के लोगों से स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करने की अपील भी की।
तहसील में दहशत
ऋषिकेश तहसील में कार्यरत एक संग्रह अमीन के बेटे को डेंगू पॉजीटिव आने से अन्य कर्मचारियों में दहशत है। तहसील कॉलोनी में रह रहे कर्मचारी आस-पास पानी जमा होने व झाड़ियां काटने की मांग कर रहे है। उनका कहना है कि लंबे समय से यहां पानी का जमाव व झाड़ियां होने के कारण डर लगने लगा है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष को भी डेंगू
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार अरुण शर्मा भी डेंगू की चपेट में आ गये है। प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे है। बुधवार जांच के बाद उनकी प्लेट्लेटस सताईस हजार के करीब पहुंच गई थी।
डेंगू के चार मरीज ओर मिले
वायरल पीड़ितों में डेंगू व चिकन गुनिया के मिल रहे लक्षण
सरकारी व प्राइवेट अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही
ऋषिकेश।
शुक्रवार को सरकारी अस्पताल की ओपीडी में 670 मरीजों ने अपना पंजीकरण कराया। 46 मरीजों में डेंगू की आशंका के चलते ब्लड जांच करवाई गयी, जिसमें से 4 मरीज डेंगू से पीड़ित मिले। तीन ढालवाला क्षेत्र के बताए जा रहे है। मलेरिया के 61 मरीजों की ब्लड जांच के बाद एक मरीज पीड़ित मिला। जबकि टाइफाइड के 72 मरीजों की ब्लड जांच के बाद 14 मरीज पाजीटिव मिले है। फिजिशियन डा. ऋचा रतूड़ी के अनुसार वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या कम नही हो रही है। दो-तीन दिन से ठीक हो गये मरीज फिर वापस आ रहे है। वायरल के लक्षण उनके शरीर में पहले की तरह दिख रहे है।
वहीं, नगर के प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में भी वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। प्रतिदिन पन्द्रह सौ से अधिक मरीज ओपीडी में अपना पंजीकरण करा रहे है। आलम यह है कि डेंगू व चिकन गुनिया के खौफ से मरीज अपने ब्लड जांच करवाने की चिकित्सक से गुजारिश कर रहे है। नगरीय क्षेत्र के संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि चार मरीज डेंगू से पीड़ित मिले है। तीन ढालवाला क्षेत्र के है, एक मरीज की पुष्टि नही हो पा रही है। सीएमओ को रिपोर्ट भेजी गयी है। ढालवाला टिहरी में आने के कारण सीएमओ टिहरी को जानकारी भेजी जा रही है।
पांच हजार लोगों ने पी डेंगू से बचाव की दवा
ऋषिकेश।
लायंस क्लब डिवाईन व आयुष्मान योग संस्थान ने डेंगू से बचाव को त्रिवेणीघाट पर कैंप लगाया। जिसमें पांच हजार लोगों को दवा पिलाई गई।
त्रिवेणीघाट पर सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक कैंप लगाया गया। जिसमें बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंचे। आयुष्मान योग संस्थान ट्रस्ट मेरठ के प्रमुख आचार्य यशोवर्धन योगी ने डेंगू से बचाव को दुर्लभ जड़ीबूटी से निर्मित दवा निशुल्क पिलाई गई। क्लब अध्यक्ष पंकज चंदानी ने कहा कि शहर में डेंगू तेजी से फैल रहा है। शहर के प्राईवेट अस्पताल मरीजों से अटे पड़े है। इसके उपचार से ज्यादा जरूरी बचाव है। दवा के सेवन से डेंगू के प्रकोप से बचा जा सकता है।
इस अवसर पर सचिव दीपेश कोहली, कोषाध्यक्ष हिमांशु अरोडा, सुशील छाबडा, नवीन गांधी, पूर्व अध्यक्ष राही कपाडिया, आशीष अग्रवाल, ललित मोहन मिश्रा, अतुल जैन, महेश किंगर, अभिनव गोयल, आशु डंग, जगमीत सिंह, विजय नैरूला, अंकुर अग्रवाल, मयूर लांबा, धीरज अग्रवाल, रिक्की गोदवानी, शिवमोहन मिश्रा, जयेन्द्र रमोला, अब्दुल रहमान, प्रेम चंदानी, हीरालाल छाबड़ा आदि मौजूद थे।
प्राइवेट पैथोलाजी लैब में जांच के नाम पर मनमानी वसूली
ऋषिकेश।
शहर और आसपास क्षेत्रों में लगातार डेंगूए मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीज सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल की ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज कराने को भारी भीड़ है। डाक्टर ज्यादातर मरीजों को डेंगूए मलेरियाए टाइफाइड और चिकनगुनिया की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं। वहीं कुछ मरीज खौफ के चलते खुद भी ब्लड की जांच करा रहे हैं। सरकारी अस्पताल में सुविधाओं के अभाव है। ऐसे में प्राइवेट लैब संचालकों की मौज हो रही है। लोगों की शिकायत है कि ब्लड जांच के नाम पर प्राइवेट लैब मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। मरीज अधिक शुल्क देने को मजबूर हैं। डेंगू रैपेड किट जांच सरकारी अस्पताल में निशुल्क होती है। जबकि प्राइवेट में इसके 200 से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसके अलावा मलेरिया और टाइफाइड की जांच भी निशुल्क होती है। इसके प्राइवेट लैबों में 50 से 150 रुपये मरीजों से लिए जा रहे हैं। चिकनगुनिया की जांच प्राइवेट में 300 से 500 रुपये चुकाकर हो रही है। डेंगू में सबसे ज्यादा प्लेटलेट्स काउंट जांच कराई जाती है। यहां जांच सरकारी अस्पताल में 35 रुपये में होती है। जबकि प्राइवेट में इसके 250 से 500 रुपये वसूले जा रहे हैं। इसी तरह डेंगू मरीजों की शुगर और सीबीसी जांच कराई जाती है। सरकारी में शुगर का टेस्ट 35 रुपये में होता है। जबकि प्राइवेट में इसके 80 से 150 रुपये लिए जा रहे हैं। वहीं सीबीसी का सरकारी में शुल्क 145 रुपये है। वहीं प्राइवेट में यही जांच 400 से 800 में हो रही है। कुछ लोगों इस संबंध में देहरादून सीएमओ को शिकायत भी भेजी है।