पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों में समुचित व्यवस्था की जाएः राधा रतूड़ी

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में पीपीपी मोड पर संचालित होने वाले 300 बैड के कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला देहरादून तथा 200 बैड वाले मदर एण्ड चाइल्ड हेल्थ हॉस्पिटल हरिद्वार की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला में कैंसर के उपचार में प्रयुक्त होने वाले सभी उपकरणो, उपचार सुविधाएं तथा मैनपॉवर की उपलब्धता को एक साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस सुपरस्पेशिलिटी कैंसर अस्पताल का संचालन अगले एक वर्ष में आरम्भ हो जाएगा। मुख्य सचिव ने कैंसर हॉस्पिटल हर्रावाला के संचालन के पहले दिन से ही अस्पताल में सभी सुविधाओं की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश चिकित्सा विभाग को दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कैंसर हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए 25 प्रतिशत बैड आरक्षित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव डा. आर राजेश कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों के साथ ही उनमें डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स, पैरामेडिकल एण्ड एन्सिलरी स्टाफ के पद सृजन आदि की प्रक्रिया भी साथ-साथ संचालित करने की हिदायत स्वास्थ्य विभाग, वित्त विभाग एवं कार्मिक विभाग को दी है। उन्होंने कहा कि इस तरह से निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेजों का समय पर संचालन शुरू हो पाएगा। मुख्य सचिव ने हरिद्वार मेडिकल कॉलेज में 216 तथा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 216 डॉक्टर्स के पदों से सम्बन्धित स्थिति को तत्काल स्पष्ट करने के निर्देश वित्त विभाग को दिए हैं। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के प्रोजेक्ट्स को हॉलिस्टिक अप्रोच के साथ पूरा करने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिए।
मेडिकल टूरिज्म की बेहतरीन संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सीएस रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज तथा नैनीताल के भवाली स्थित टीबी सेनेटोरियम के सम्बन्ध में एक बैठक पर्यटन विभाग के साथ आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में विधानसभा भवन में राजकीय मेडिकल कॉलेज पिथौरागढ़ के ढांचे के गठन में राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार के सापेक्ष संख्या में कम हो रहे पदों के संबंध में बैठक सम्पन्न हुई।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के मैदानी जिलों के समान ही पर्वतीय जिलों में बनने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों में भी पर्याप्त संख्या में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ तथा अन्य स्टाफ की व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश स्वास्थ्य, वित्त एवं कार्मिक विभाग को दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज से न केवल पिथौरागढ़ जनपद को बल्कि जनपद चंपावत तथा जनपद बागेश्वर व अल्मोड़ा के एक बड़े भाग की आबादी को स्वास्थ्य सेवाएं मिलेगी। साथ ही पड़ोसी देश नेपाल द्वारा भी यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की संभावना बढ़ जायेगी। पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का संचालन आरम्भ होने के बाद इसके आस-पास के क्षेत्रों में चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं अन्य सम्बन्धित सुविधाओं, उद्यमों के विकास एवं स्वरोजगार के नए अवसरों की संभावनाएं भी बढ़ेगी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को हरिद्वार जिले में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य के फॉलोअप हेतु ट्रैकिंग सिस्टम बनाने, सभी गर्भवती महिलाओं की अनिवार्य प्रसवपूर्व जांच (एएनसी) करने, सभी गर्भवती माताओं का संस्थागत प्रसव करवाने के भी निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने मातृ मृत्यु दर की दृष्टि से हाई रिस्क एरियाज में आशा वर्कर हेतु विशेष ऑरियेण्टेशन प्रोग्राम संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने आशा वर्कर्स के कार्यों के मूल्यांकन में मातृ मृत्यु दर को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, वी. षणमुगम सहित स्वास्थ्य, वित्त, कार्मिक एवं न्याय विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणाओं को दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थैलीसैंण को उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र थैलीसैंण के 50 शैय्यायुक्त उप जिला चिकित्सालय के रूप में उच्चीकरण से 1 लाख 02 हजार 673 जनसंख्या लाभान्वित होगी।
वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनान्तर्गत एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय खटीमा, ऊधमसिंह नगर में बाउंड्रीवाल, गेट एवं गार्ड रूम बनाये जाने हेतु 1 करोड़ 83 लाख 78 हजार रू. की भी स्वीकृति प्रदान की है।

पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को मेडिकल टूरिज्म से जोड़ने के निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज को राज्य का एक आदर्श एवं बेहतरीन मेडिकल कॉलेज बनाने की कार्ययोजना पर गंभीरता एवं तत्परता से कार्य करने के निर्देश चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा कार्यदायी संस्था उत्तराखण्ड पेयजल निगम को दिए हैं।
सोमवार को विधानसभा भवन में आयोजित पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज की संशोधित प्रोजेक्ट की ईएफसी (व्यय वित्त समिति) की बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसकी ईएफसी के प्रत्येक बिन्दु पर विस्तार से गहन चर्चा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट किया कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की एक महत्वकांक्षी परियोजना है। इसे प्रदेश के एक आदर्श मेडिकल कॉलेज के रूप में विकसित करने के साथ ही मेडिकल टूरिज्म से भी जोड़ा जाएगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि कार्यदायी संस्था पेयजल निगम द्वारा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के प्रोजेक्ट को नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के अनुरूप संशोधित कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के टीचिंग हॉस्पिटल में एक रैनबसेरे के निर्माण के भी निर्देश दिए हैं।
उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज हेतु 768.89 करोड़ रूपये के संशोधित प्रोजेक्ट पर कार्य किया जा रहा है। पेयजल निगम द्वारा इस प्रोजेक्ट को नेशनल मेडिकल कमीशन तथा इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टैण्डर्ड की गाइडलाइन्स के अनुसार संशोधित किया गया है।
बैठक में सचिव डा0 आर राजेश कुमार, श्री एस एन पाण्डेय सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य में 1938 दंपतियों ने उठाया एआरटी सुविधा का लाभ

सूबे में एआरटी अधिनियम-2021 एवं सरोगेसी एक्ट-2021 के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। दोनों एक्टों के लागू होने के उपरांत राज्य में 1938 दंपतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। राज्य में संतान सुख पाने में असमर्थ विवाहित दंपत्ति एवं महिलाओं की कुछ श्रेणियों (एकल और अविवाहित) के लिये एआरटी वरदान साबित हो रहा है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सरोगेसी एक्ट एवं एआरटी एक्ट-2021 लागू होने के उपरांत लाभार्थियों की मांगी गई रिपोर्ट के क्रम में विगत दो वर्षों के आंकड़े भारत सरकार को भेज दिये हैं।
प्रदेश में निःसंतान दम्पतियों के चेहरों पर मुस्कान लौट रही है। उनके सूने आंगन बच्चों की खिलखिलाहट से गूंज रहे हैं। यह सब एआरटी अधिनियम-2021 व सरोगेसी एक्ट-2021 के लागू होने और इसके ठोस क्रियान्वयन से सम्भव हो पाया है। वर्ष 2021 में देश के साथ-साथ प्रदेश में एआरटी व सरोगेसी एक्ट लागू हुआ। जिसके अंतर्गत प्रदेश में पंजीकृत 22 एआरटी क्लीनिकों के माध्यम से सूबे के 1938 दम्पतियों ने सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी (एआरटी) के विकल्प का लाभ सफलतापूर्वक उठाया है। जिसमें सर्वधिक 726 दम्पतियों ने इंदिरा आईवीएफ में एआरटी का लाभ लिया। इसके अलावा नोवा आईवीएफ फर्टिलिटी में 168, केयर आईवीएफ यूनिट में 165, फुटेला फर्टिलिटी सेंटर 137, उत्तरांचल टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर 103, जेनेसिस आईवीएफ 83, मॉर्फिअस प्रसाद इंटरनेशनल आईवीएफ सेंटर 68, सुभारती हॉस्पिटल एंड आईवीएफ सेंटर 66, वृंदा फेमिकेयर फर्टिलिटी एलएलपी 57, वैश्य नर्सिंग होम एआरटी क्लीनिक में 54, श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल आईवीएफ सेंटर 53, निदान फर्टिलिटी क्लीनिक 45, ऑली हास्पिटल फर्टिलिटी रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक सेंटर 42, आशीर्वाद हेल्थकेयर एवं फर्टिलिटी सेंटर 41, आईवीएफ सेंटर एम्स ऋषिकेश 28, लूथरा नर्सिंग होम 24, रेवती नर्सिंग होम 22, काला फर्टिलिटी 3 एवं मदर केयर सेंटर में 2 दम्पतियों ने एआरटी का लाभ लिया।
भारत सरकार ने हाल ही में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से उन दंपतियों और एकल तथा अविविवाहित महिलाओं का आंकड़ा मांगा है जिन्होंने सरोगेसी अधिनियम-2021 एवं एआरटी-2021 लागू होने के बाद से सरोगेसी व एआरटी का सफलतापूर्वक लाभ उठाया है ताकि सरकार कानून के कामकाज का आंकलन कर सके। इस बावत प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में एआरटी का लाभ उठाने वाले सभी 1938 दम्पतियों की जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दी है।

आमजन तक स्वास्थ्य सेवाओं के व्यापक प्रचार और मजबूती के लिए करेंगे कार्यः डॉ कुलदीप मार्ताेलिया

उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अधिकारी पद पर हुई डॉ कुलदीप मार्ताेलिया की नियुक्ति की गई है। उन्होंने आज अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। डॉ कुलदीप मार्ताेलिया से पहले आईईसी अधिकारी का कार्य डॉ मंयक बडोला देख रहे थे। डॉ मंयक बडोला 02 वर्ष के लिए बतौर सीएमओ प्रतिनियुक्ति पर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में चले गये हैं। उनके कार्यकाल में सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) ने स्वास्थ्य जन जागरूकता से जुड़े कई अहम कार्य किये।

डॉ कुलदीप मार्ताेलिया ने आज सूचना, षिक्षा, संचार (आईईसी) अधिकारी के पद पर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यभर ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार के सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी राज्य के षहर से लेकर सीमांत इलाकों तक पहुंचे इसको लेकर वह और उनकी पूरी टीम कार्य करेगी। वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए युद्वस्तर पर कार्य कर रहे हैं। आम जनमानस को उनके नजदीकी अस्पताल में बेहत्तर ईलाज मिल रहा है। आयुश्मान योजना हर व्यक्ति के लिए वरदान साबित हो रही है। उनका प्रयास रहेगा कि हर व्यक्ति को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए।

डॉ कुलदीप मर्ताेलिया ने कहा सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत बनाने पर कार्य किया जाएगा। इसके साथ नवीन मीडिया के टूल्स खासतौर से सोशल मीडिया का स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा।
सोशल मीडिया ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइटों जैसे ट्विटर, यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और ब्लॉग। यह एक नया और हमेशा बदलता रहने वाला क्षेत्र है। इंटरनेट, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल संचार तक पहुंच सभी उपकरण हैं। जिनका उपयोग स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध और सुलभ बनाने के लिए किया जा सकता है। ​​

आपको बता दें कि डॉ कुलदीप मार्ताेलिया वर्तमान में स्वास्थ्य महानिदेशालय में सहायक निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इसके साथ ही राज्य में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी उनके उपर है। स्वास्थ्य महानिदेशालय में अधिकारियों-कर्मचारियों ने उन्हें नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं दी।

उप जिला चिकित्सालयों के लिए अधिकारियों को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के दिये निर्देश

राज्य सरकार ने सूबे में हेल्थ नेटवर्क मजबूत करने और आम लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से प्रदेश के डेढ़ दर्जन छोटे अस्पतालों को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत करने को कहा गया है। विशेषकर कैलाश मानसरोवर यात्रा व चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने की योजना है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सभागार में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें सूबे के चार धाम यात्रा मार्गों एवं कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग व दूरस्थ क्षेत्रों के डेढ़ दर्जन चिकित्सा इकाईयों को उच्चीकृत कर उप जिला चिकित्सालय बनाने का निर्णय लिया है। जिनमें चमोली जनपद में जोशीमठ, थराली, गैरसैंण शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद में गुप्तकाशी, पौड़ी में थलीसैण, उत्तरकाशी में भटवाड़ी, पुरोला, बड़कोट तथा टिहरी में नैनबाग, हरिद्वार में खानपुर, पिथौरागढ़ में डीडीहाट, बागेश्वर में बैजनाथ, अल्मोड़ा में सोमेश्वर, नैनीताल में ओखलकांडा तथा ऊधमसिंह नगर में सितारगंज व गदरपुर शामिल है। जबकि रूद्रप्रयाग जनपद के अंतर्गत त्रिजुगीनारायण में श्रद्धालुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुये वहां पर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने का निर्णय लिया गया है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि उपरोक्त सभी चिकित्सा इकाईयों के उच्चीकरण संबंधी प्रस्ताव मानकों के अनुसार तैयार कर शासन को उपलब्ध कराया जाय ताकि सभी प्रस्तावों पर कैबिनेट में विचार किया जा सके।

विभागीय मंत्री डा. रावत ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के स्वीकृत विभागीय बजट के आय-व्यय की समीक्षा करते हुये अधिकारियों को निर्देश दिये कि मार्च से पहले सभी मदों में स्वीकृत शतप्रतिशत बजट को खर्च कर लिया जाय जो जनपद समय पर आवंटित बजट खर्च नहीं कर पायेंगे उनके जिम्मेदार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा जायेगा। विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति में हो रही देर पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी कार्मिकों की पदोन्नति समय पर करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा में रिक्त पदों का विवरण तलब करते हुये डा. रावत ने विभगाय अधिकारियों को विभिन्न श्रेणी के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर एएनएम के 391 पदों को भरने हेतु अधियाचन चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को भेजने के भी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने विभाग में चिकित्साधिकारियों के रिक्त पदो ंके बैकलॉक पदों को भरने संबंधी प्रक्रिया भी शुरू करने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग के अंतर्गत जनपद स्तर पर चल रहे निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिये महानिदेशालय स्तर पर प्रत्येक सप्ताह मॉनिटिरिंग की जाय ताकि समय पर बजट खर्च किया जा सके।
बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती एस भदौरिया, अपर सचिव स्वास्थ्य आनंद श्रीवास्तव, नमामि बंसल, अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमीता जोशी महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आशुतोष सयाना, निदेशक स्वास्थ्य सुनीता टम्टा, अपर निदेशक भागीरथ जंगपांगी, मीतू शाह, ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी, संयुक्त निदेशक खाद्य डॉ. आर.के. सिंह, उपायुक्त एफडीए जी.सी. कंडवाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
a

नजरियाः टीबी मुक्त उत्तराखंड की दिशा में रोगियों के सहयोग में जुटे 10 हजार से अधिक निःक्षय मित्र

देहरादून। टीबी मुक्त उत्तराखंड के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयास धरातल पर नजर आने लगे हैं। टी0बी0 रोगियों की सेवा के लिये प्रदेश में हजारों ने लोगों ने आगे आ कर सामुदायिक भागीदारी निभाई है। वहीं इन सबके बीच राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार सामाजिक सहभागिता की मिशाल बने हैं। निरूक्षय मित्र बन स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने दूसरी बार टीबी रोगियों को गोद लिया है। जिन रोगियों को उन्होंने गोद लिया था वह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामन्य जीवन ब्यतीत कर रहे हैं।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 10014 लोगों ने निःक्षय मित्र के तौर पर अपना पंजीकरण कराया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को वर्ष 2024 तक टी0बी0 मुक्त करने के उद्देश्य से प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री टी0बी0 मुक्त भारत अभियान को व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। जिसमें नि-क्षय मित्र चिन्हित टीबी रोगियों को गोद लेकर टी0बी0 मुक्त अभियान में अहम भूमिक निभा रहे हैं।

जिसमें हरिद्वार जनपद में सर्वाधिक 2136 नि-क्षय मित्र पंजीकृत हैं जबकि ऊधमसिंह नगर में 2205, नैनीताल 1309, देहरादून 1709, अल्मोड़ा 593, पौड़ी गढ़वाल 468, टिहरी 392, पिथौरागढ़ 255, रूद्रप्रयाग 208, चमोली 206, उत्तरकाशी 192, चम्पावत 187 तथा बागेश्वर में 154 नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है।

आज प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार द्वारा जिला क्षय रोग कार्यालय, देहरादून में नि-क्षय मित्र बनकर क्षय रोगी को मासिक पोशाहार दिया गया तथा उनके द्वारा आम जनमानस में अपील की गई की समाज के सभी वर्ग आगे आकर कार्यक्रम की सफलता मे सहयोग करें। सचिव महोदय द्वारा 01 साल पूर्व दो क्षय रोगियों को नि-क्षय मित्र बन पोशाहार दिया गया था जो कि वर्तमान के स्वस्थ्य हो गये है।

इस कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून, प्रभारी अधिकारी, एन.टी.ई.पी, उत्तराखण्ड, जिला क्षय रोग अधिकारी, देहरादून एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थें।

मंत्री धन सिंह पीएम विश्वकर्मा योजना व विकसित भारत संकल्प यात्रा में करेंगे प्रतिभाग

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत जनपदों में चयनित नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। गढ़वाल मंडल के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान वह विभिन्न स्थानों पर विकसित भारत संकल्प यात्रा तथा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशाला में प्रतिभाग कर आम लोगों को भारत सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके अलावा वह भ्रमण के दौरान विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास व लोर्कापण भी करेंगे।

गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना होने से पहले सूबे के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि सोमवार से जनपदों में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में नये नर्सिंग अधिकारियों की नियुक्ति होने से स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार होगा और इसका लाभ आम लोगों को मिलेगा। 8 जनवरी से लेकर 10 जनवरी 2024 तक गढ़वाल मंडल के तीन दिवसीय दौरे के दौरान डा. रावत विभिन्न जनपदों में विकसित भारत संकल्प यात्रा की अगुवाई करेंगे साथ ही वह प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की कार्यशालाओं में प्रतिभाग कर लाभार्थियों को इस योजना से होने वाले फायदों से भी अवगत करायेंगे।

गढ़वाल भ्रमण के दौरान डॉ. रावत सोमवार को सबसे पहले अपनी विधानसभा क्षेत्र श्रीनगर के अंतर्गत सी0डी0एस0 विपिन रावत स्टेडियम की सड़क एवं पार्किंग का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके उपरांत वह गौचर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में चमोली जनपद में नवनियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके बाद वह रूद्रप्रयाग में आयोजित कार्यक्रम में पहुंकर नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। इसके उपरांत वह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 42 शैय्यायुक्त मनोरोग गहन चिकित्सा इकाई (पीकू) वार्ड का लोकार्पण करेंगे साथ ही मेडिकल कॉलेज में विभिन्न निर्माण कार्यों, रंग-रोगन, जिम-पार्क का शिलान्यास भी करेंगे।

तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के दौरान मंगलवार को कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत श्रीनगर में पीएम-श्री राजकीय बालिका इंटर कॉलेज के विज्ञान प्रयोगशाला तथा सौन्दर्यीकरण का शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वह पौड़ी में संस्कृति विभाग के सभागार में आयोजित स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रम में पौड़ी जनपद के नवयुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह जिला सभागार में विभिन्न विकास योजनाओं के संबंध में जिलाधिकारी की उपस्थिति में जनपद स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेंगे। इसके उपरांत वह भारतीय जनता पार्टी की बैठक में शामिल होंगे। इसके बाद वह चढ़ीगांव डायट में अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन के सहयोग से आयोजित नव-नियुक्त शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे। इसके अलावा वह गंगादर्शन मोड श्रीनगर में निर्माणाधीन कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे।

बुधवार को डा. रावत नई टिहरी में नव निर्मित छह हैल्थ एवं वैलनेस सेंटरों का लोकार्पण करेंगे इसके अलावा वह टिहरी जनपद में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र भी वितरित करेंगे। इसके उपरांत वह चिन्यालीसौड में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयेजित कार्यक्रम में पहुंकर जनपद उत्तरकाशी में नव नियुक्त नर्सिंग अधिकारियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे।

पिथौरागढ़ जिले के जौलजीबी पीएचसी के लिए 10 पदों पर होगी भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को युद्वस्तर पर मजबूत करने पर जुटा हुआ है। इसको लेकर सबसे पहले राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा स्टाफ की कमी के साथ ही चिकित्सा उपकरणों की कमी दूर करने के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को दिए हैं।
इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने पिथौरागढ़ जिले के धारचुला विकासखंड के जौलजीबी गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए 10 पदों के सृजन के लिए मंजूरी प्रदान की है। इन पदों में स्वास्थ्य अधिकारी, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और तीन पद चतुर्थ कर्मचारियों के लिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए महामहिम राज्यपाल से अनुमति मिल गयी है। जौलजीबी में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय ने विभाग से 10 पदों के सृजन के लिए अनुमति मांगी थी।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए इन पदों पर नियुक्तियों की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी, चार स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्निशियन, एक सेनेटरी वर्कर कम वॉचमैन, दो मल्टीस्किल्ड ग्रुप डी की नियुक्ति करने का मंजूरी दी गयी है। यह पद फिलहाल अस्थायी होंगे। जरूरत के मुताबिक पदों का सृजन बढ़ाया जा सकता है और सेवाओं को समाप्त किया जा सकेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने पर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति के साथ जरूरी उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सके।