धामी सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन ने जीता यात्रियों का विश्वास

प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं।
चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई।
अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।

रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।

इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी।

केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था।

बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।

सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

वरूणावत पर्वत पहुंचे प्रभारी मंत्री अग्रवाल, लैंड स्लाइड क्षेत्रों का किया निरीक्षण

प्रभारी व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेम चन्द अग्रवाल ने वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर कहा है कि भूस्खलन के उपचार एवं आबादी वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सरकार विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार हर संभव कदम उठाएगी।

जिले के एक दिवसीय भ्रमण पर यहां पहॅुचे वित्त, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन, जनगणना एवं जिले के प्रभारी मंत्री डा. प्रेम चंद अग्रवाल ने जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में वरूणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी क्षेत्र में जाकर भूस्खलन का जायजा लेने के साथ ही इस भूस्खलन की रोकथाम एवं आबादी वाले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए अधिकारियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि भूस्खलन का मलवा व पहाड़ी से गिरने वाले पत्थर आबादी वाले क्षेत्र के तरफ न बढें, इसके लिए विशेषज्ञ संगठनों की राय से तात्कालिक महत्व के कार्य करने के साथ ही इस क्षेत्र में पहले से स्थापित लोहे की रेलिंग को विस्तारित व सुदृढ करने के साथ ही सुरक्षा दीवार बनाए जाने पर भी विचार किया जाय।

डा. अग्रवाल ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में विस्तृत सर्वेक्षण में जुटे टीएचडीसी, जीएसआई एवं यूएलएमएमसी के सर्वेक्षण दल के सदस्यों से भी मौके पर वार्ता कर सर्वेक्षण की प्रगति एवं वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्होंने टीम के सदस्यों से यथाशीघ्र अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में दी जाने वाली संस्तुतियों के अनुसार भूस्खलन के उपचार एवं सुरक्षा कार्यों को लेकर कार्रवाई सुनिश्चित करेगी। उन्होंने प्रभावित क्षेत्र में जन-जीवन की सुरक्षा के के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि गत गत 27 अगस्त को सक्रिय हुए इस भूस्खलन में विस्तार की प्रवृत्ति देखने में नहीं आई है और मलवा-पत्थर अभी पहाड़ी क्षेत्र में ही रूका पड़ा है और स्थिति अभी सामान्य बनी हुई है। लेकिन प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर प्रशासन के द्वारा सभी एहतियाती कदम उठाए गए हैं। प्रशासन के द्वारा खतरे की आशंका वाले क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की व्यवस्था भी की गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि भूस्खलन के कारणों की विस्तृत जांच एवं उसके निदान के लिए तात्कालिक एवं दीर्घकालीन उपाय सुझाने हेतु में टीएचडीसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ ही उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र तथ जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों की टीम द्वारा गत दिन से प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण किया जा रहा है। इस टीम को जल्द सर्वेक्षण पूरा कर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट में दी जाने वाली संस्तुतियों के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में आवश्यक सुरक्षा एवं उपचार कार्य करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

इस दौरान विधायक गंगोत्री सुरेश चौहान, मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, उप जिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी, उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजायन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक जेआर कोठारी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर टीएचडीसी विनय पुरोहित, जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश सैनी, तहसीलदार सुरेश सेमवाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल भी उपस्थित रहे।

हिमान्या ब्रांड के मल्टीग्रेन आटे की प्रभारी मंत्री अग्रवाल ने की लांचिंग

प्रभारी व कैबिनेट मंत्री डा. प्रेम चन्द अग्रवाल ने डुंडा ब्लॉक के महिला समूहों द्वारा उत्पादित मल्टीग्रेन ऑर्गेनिक आटा को विपणन के लिए लॉंच किया है। घराट (पनचक्की) पर पिसे गए इस आटे को ‘हिमान्या‘ ब्रांड के तहत ऑनलाईन प्लेटफार्म्स पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

ब्लॉक सभागार डुंडा में आयोजित एक समारोह में ‘हिमान्या‘ ब्रांड के मल्टीग्रेन आटे की लांचिंग करते हुए राज्य के वित्त, शहरी विकास, आवास, विधायी एवं संसदीय कार्य, पुनर्गठन, जनगणना एवं जिले के प्रभारी मंत्री डा. प्रेम चंद अग्रवाल ने महिला समूहों एवं ग्राम्य विकास विभाग के इस अभिनव प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस उत्पाद को लोकप्रिय बनाने के लिए शुरूआत में इसका लाभांश कम रखने के साथ ही इसे किफायती पैकिंग में स्थानीय स्तर पर भी विपणन करने की व्यवस्था की जाय। श्री अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तीकरण एवं आजीविका संवर्द्धन के अवसरों में वृद्धि के लिए प्रतिबद्धता से प्रयास कर रही है। जिसके परिणामस्वरूप हर क्षेत्र में महिलाएं तेजी से आगे बढ रही हैं।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा कि जिले में महिला समूहों की आजीविका संवर्द्धन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने तथा उनके उत्पादों के विपणन के लिए उपयुक्त व्यवस्था करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिले के प्रमुख यात्रा पड़ावों पर महिला समूहों के उत्पादों के विपणन के लिए आउटलेट्स तैयार करवाए जा रहे हैं। हीना में आठ आउटलेट्स बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि डुंडा ब्लॉक को ऑर्गेनिक ब्लॉक घोषित किया गया है और घराट के माध्यम से तैयार मल्टीग्रेन ऑर्गेनिक आटा जैसे उत्पाद तैयार कर महिला समूहों के लिए संभावनाओं के नए व बेहतर अवसर तैयार किए गए हैं। जिलाधिकारी ने कहा कि इन संभावनाओं को मूर्त रूप देने में मुख्य विकास अधिकारी जय किशन तथा महिला समूहों के सराहनीय प्रयास अन्य लोगों को भी प्रेरित करेंगे।

इस अवसर पर विधायक सुरेश चौहान ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण और उन पर काम का बोझ कम करने के लिए सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की हैं। जिनका महिलाओं को उल्लेखनीय लाभ मिल रहा है। उन्होंने महिला समूहों द्वारा ‘हिमान्या‘ ब्रांड के तहत अर्गेनिंगक मल्टग्रेन आटा के उत्पादन व विपणन की सराहनीय करते हुए कहा कि ऐसे प्रयासो को हर स्तर पर समर्थन दिया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी जय किशन ने कहा कि लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग की मुहिम के तहत विकास खंड डुंडा के उन्नति कलस्टर लेवल फेडरेशन से जुड़ी महिलाओं द्वारा तैयार मल्टीग्रेन आटा को हिमान्या ब्रांड के तहत बाजार में उतारा गया है। आठ प्रकार के स्थानीय अनाजों से मिलकर तैयार किए गए इस ऑर्गेनिक उत्पाद के विपणन समर्थन हेतु भी ठोस प्रयास किए गए हैं। इसके लिए ऑनलाईन विपणन के लिए भी प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स कंपनियों से तालमेल किया गया है। उन्होंने कहा कि जिले में अनेक महिला समूहों के द्वारा उल्लेखनीय काम किए जा रहे हैं। इस बार महिला समूहों द्वारा 24 आटलेट्स के माध्यम से 70 लाख रूपये की बिक्री की गई है। जिले में 25 महिला समूहों को ड्रोन दीदी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राज्य में इस तरह का प्रशिक्षण देने वाला उत्तरकाशी पहला जिला है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी किशोर भट्ट, ब्लॉक प्रमुख डुंडा शैलेन्द्र कोहली, ब्लॉक प्रमुख मोरी बचन सिंह पंवार, उप जिलाधिकारी नवाजिश खलीक, जिला विकास अधिकारी रमेश चन्द्र, तहसीलदार रीनू सैनी, जिला परियोजना प्रबंधक रीप कपिल उपाध्याय के साथ ही विभिन्न महिला समूहों की सदस्य भी उपस्थित रहीं।

टिहरी में कांगूड़ा नागराजा के मंदिर परिसर पर सीएम ने रोपा मां के नाम पौधा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद टिहरी स्थित कांगुड़ा नागराज मंदिर परिसर पहुंचकर श्री कांगुड़ा नागराज मंदिर पुनर्स्थापना जागरण समारोह में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने मंदिर की परिक्रमा कर भगवान कांगुड़ा नागराज मंदिर में पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया और प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर में एक पेड मां के नाम अभियान के तहत पौधा रोपण भी किया।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित मंदिर में भगवान कांगुड़ा नागराज के प्राण प्रतिष्ठा की बधाई देते हुए समस्त प्रदेशवासियों की मनोकामना पूर्ण होने की कामना की। उन्होंने कहा कि इस पूज्य धरती पर दूसरी बार आने का उन्हें सौभाग्य मिला है। कांगुड़ा को पर्यटन एवं धार्मिक रूप में विकसित करने हेतु की गई घोषणा जल्द ही पूरी होगी। इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराएगी लगभग 2 करोड़ की डीपीआर को जल्द स्वीकृति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र का विकास मास्टर प्लान बनाकर किया जाएगा। मंदिर परिसर में आधुनिक गेस्ट हाउस, 30 हजार लीटर क्षमता का पेयजल स्टोरेज टैंक, मंदिर परिसर पहुंच मार्ग में टीन शेड, हाई मास्क आदि अन्य कार्य किए जायेंगे। राज्य सरकार देवभूमि के धार्मिक और सांस्कृतिक विकास को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जन हित में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि योजना, जनधन योजना, लखपति दीदी जैसी योजनाएं अंतिम छोर के व्यक्ति तक पहुंच रही हैं। राज्य में एक लाख से अधिक महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जा चुका है। 2025 तक डेढ़ लाख बहनों को लखपति बनाने का लक्ष्य है। राज्य सरकार प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने हेतु विकल्प रहित संकल्प के साथ कार्य कर रही है। डबल इंजन की सरकार द्वारा धनोल्टी क्षेत्र के विकास हेतु विभिन्न योजनाओं में वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

इस मौके पर क्षेत्र के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री को क्षेत्र के विकास से संबंधित मांग पत्र सौंपा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने परीक्षण कर सकारात्मक कार्यवाही किए जाने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छाम-बल्डोगी झूला पुल की मांग सहित कई प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। छाम-बल्डोगी झूला पुल हेतु रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है।

धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हर क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहे हैं। राज्य आन्दोलन कारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, सरकारी नौकरियों में पारदर्शिता लाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। राज्य सरकार द्वारा सांकरी-बरनोली मोटरमार्ग की स्वीकृति दी, जिसमें कार्य भी शुरू हो चुका है साथ ही ज्वारना-बंगियाल मोटरमार्ग पर चौड़ीकरण की स्वीकृति दी और अन्य सड़कों को लेकर कार्य करने की बात कही। उन्होंने मुख्यमंत्री से गंगाड़ी व फिग्वाल समुदाय को ओ.बी.सी. केन्द्रीय आरक्षण सूचि में शामिल करने की मांग प्रस्ताव रखा।

इस अवसर पर विधायक राजपुर खजान दास, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिला अध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा मोर्चा नेहा जोशी, ब्लॉक प्रमुख थौलधार प्रभा बिष्ट, पूर्व प्रमुख थौलधार जोत सिंह बिष्ट, खेम सिंह चौहान, ओबीसी अध्यक्ष संजय नेगी एवं उपाध्यक्ष राजेश नौटियाल, मंडल अध्यक्ष रामचंद्र खंडूरी, मंदिर समिति अध्यक्ष दिलबर सिंह रावत, जिलाधिकारी टिहरी मयूर दिक्षित एस.एस.पी. नवनीत सिंह भुल्लर उपस्थित थे।

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने गोर्खाली समाज की ओर से आयोजित हरितालिका तीज महोत्सव में प्रतिभाग किया। उन्होंने सभी गोर्खाली समाज की व्रती महिलाओं को शुभकामनाएं दी।

बापूग्राम माहेश्वरी गार्डन में आयोजित गोर्खाली महिला हरितालिका तीज महोत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री डॉ अग्रवाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया। डा. अग्रवाल जी ने कहा कि हरितालिका तीज का विशेष महत्व है। गोर्खाली समाज की महिलाओं को इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है। कहा कि इस व्रत से महिलाओं को सुहागिनी होने का गौरव प्राप्त होता है।

डा. अग्रवाल जी ने कहा कि हरितालिका तीज भगवान शिव और पार्वती जी को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती जी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए 107 बार तप व व्रत लिया था, 108वीं बार तप और व्रत में उन्हें भगवान शिव पति के रूप में प्राप्त हुए थे।

डा. अग्रवाल जी ने कहा कि गोर्खाली समाज की महिलाओं सहित अन्य समुदाय के लोगों में भी अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए इस व्रत को लिया जाता हैं। इस मौके पर उन्होंने महिलाओं को हरितालिका तीज की बधाई दी।

इस मौके पर मण्डल अध्यक्ष वीरभद्र सुरेंद्र कुमार, कार्यक्रम अध्यक्ष अनिता प्रधान, छिद्दरवाला शाखा अध्यक्ष आशा पुन, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा कविता शाह, धीरज थापा, दिल बहादुर खत्री, शालीग्राम पंडित, पूजा खत्री, विजेता क्षेत्री, रोशनी अग्रवाल, संजना भंडारी, लक्ष्मी गुरुंग, पूनम डोभाल, रिंकी राणा, सुमन रावत, पिंकी धस्माना, ममता नेगी, प्रमिला त्रिवेदी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अलका क्षेत्री, निर्मला उनियाल द्वारा किया गया।

गृह मंत्रालय ने बढ़ाई एसडीआरएफ की रिकवरी व पुनर्निर्माण की दरें

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की निर्धारित दरों को संशोधित कर बढ़ा दिया गया है। इस बढ़ोतरी से आपदा प्रभावित उत्तराखंड को सबसे ज्यादा लाभ होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से इस बढ़ोतरी के लिए लंबे समय से पैरवी की जा रही थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में लगातार पत्र लिखने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात कर रिकवरी और पुनर्निर्माण की इन दरों को बढ़ाने का अनुरोध किया था।
बता दें कि इससे पूर्व एसडीआरएफ की मदों में रिकवरी और पुनर्निर्माण के मानक तय नहीं थे। साथ ही दरें भी काफी कम थी। इस प्रकार धनराशि कम होने से क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत कार्य में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से कई बार गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर एसडीआरएफ के मानक की धनराशि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देते हुए इस मामले में विचार करने का अनुरोध किया था।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 14 अगस्त को एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरों के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे आपदा प्रभावित उत्तराखंड को सबसे अधिक लाभ होगा। आपदा में क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के मरम्मत कार्य में सुविधा होगी और जनसामान्य को होने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सकेगा।

’धामी कैबिनेट ने प्रधानमंत्री व गृहमंत्री का जताया आभार’
उत्तराखंड कैबिनेट ने एसडीआरएफ की रिकवरी और पुनर्निर्माण की दरें बढ़ाए जाने का स्वागत करते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है। शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से की गई प्रभावी पैरवी के लिए उनका भी धन्यवाद व्यक्त किया गया। कहा गया कि मानकों में संशोधन का सबसे ज्यादा लाभ उत्तराखंड को मिलेगा।

’पहाड़ में घर की पूर्ण क्षति पर मिलेंगे ₹2 लाख’
पूर्व में मैदानी इलाकों में पक्के घरों के लिए निर्धारित मानक ₹01.20 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में ₹90 हजार प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹1.80 लाख कर दिया गया है तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पूर्व में निर्धारित मानक ₹01.30 लाख प्रति घर के स्थान पर अब 30 से 70 प्रतिशत क्षति होने की दशा में ₹01 लाख प्रति घर तथा 70 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर ₹02 लाख प्रति घर कर दिया गया है।

’प्राइमरी स्कूल भवन के लिए मिलेंगे ₹15 लाख’
प्राथमिक स्कूलों के लिए पूर्व में निर्धारित मानक प्रति विद्यालय ₹02 लाख की सीमा के अध्यधीन रहते हुए वास्तविक व्यय के अनुसार परिवर्तित करते हुए अब प्राथमिक स्कूलों के लिए 30 से 70 फीसदी की क्षति होने पर ₹07.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹15 लाख अनुमन्य किया गया है।
माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के नाम से पूर्व में मानक निर्धारित नहीं थे, किन्तु अब माध्यमिक/वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के 30 से 70 प्रतिशत क्षतिग्रस्त होने की दशा में ₹12.50 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹25 लाख अनुमन्य किया गया है।

’सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की भी धनराशि बढ़ी’
प्राथमिक/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये पूर्व में ₹02.50 लाख प्रति यूनिट की अधिकतम सीमा के अध्यधीन वास्तविक व्यय के अनुसार अनुमन्य था, जिसको अब बढ़ाकर उपकेन्द्र मैदानी क्षेत्र के लिये 30 से 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹ 09.20 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹18.40 लाख अनुमन्य किया गया है। पर्वतीय क्षेत्र के लिए यह राशि कमशः ₹07.91 लाख तथा ₹15.81 लाख अनुमन्य किया गया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹20.99 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹41.97 लाख अनुमन्य है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹24. 72 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक ₹49.45 लाख अनुमन्य है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मैदानी क्षेत्र के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹79.06 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹158.12 लाख। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर्वतीय क्षेत्र के लिये 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹92.86 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर रू0 185.72 लाख।

’पुल की क्षति पर मिलेंगे 35 करोड़’
पुल प्रति संख्या में 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹1750 लाख तथा 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹3500 लाख अनुमन्य किया गया है।

’अन्य क्षतिग्रस्त परिसम्पत्तियों के लिए निर्धारित दरें एक नजर में’
-तटबन्ध प्रति किमी- 70 प्रतिशत की क्षति तक ₹50.00 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक की क्षति पर ₹ 01 करोड़ प्रति किमी।
-प्रमुख सड़कों के लिए मैदानी क्षेत्र में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹32 लाख प्रति किमी और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹64 लाख प्रति किमी। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹93.75 लाख और 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹187.75 लाख प्रति किमी।
-अन्य जिला सड़कों के लिए भी मैदानी क्षेत्रों में 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹26.75 लाख प्रति किमी तथा 70 प्रतिशत से अधिक होने पर ₹54.50 लाख। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों के लिए 70 प्रतिशत की सीमा तक ₹80 लाख तथा 70 फीसदी से अधिक होने पर ₹159.88 लाख।

सीएम ने भराड़ीसैंण में आम जनता से भेंटकर सुनी जन समस्यायें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैण में आयोजित विधानसभा के मानसून सत्र के सफल आयोजन के लिए श्रमिकों, शासन व प्रशासन के अधिकारियों एवं कार्मिकों को धन्यवाद दिया है। उन्होंने भराडीसैण में आम जनता से भेंट कर जन समस्यायें सुनी तथा अधिकारियों को समस्याओं के समाधान हेतु आवश्यक निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने मानसून सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री आवास भराडीसैण में रात्रि विश्राम किया। उन्होंने क्षेत्रवासियों को गैरसैण के समग्र विकास का आश्वासन देते हुए कहा कि भराडीसैण में वर्षभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा तथा ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप गैरसैण क्षेत्र के अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जायेगा। रात्रि प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने कई जन प्रतिनिधियों से भी भेंट की तथा राज्य के विकास से जुडे विषयों पर उनसे चर्चा की।

विपक्ष के साथी जल्दबाजी नही करते तो सदन और लम्बा चलता-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गैरसैण में आयोजित विधानसभा सत्र की समाप्ति के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए सदन में हुई सकारात्मक चर्चा को राज्य हित में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के साथी जल्दबाजी नही करते तो सदन और लम्बा चलता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में कई विधेयकों के साथ अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई तथा उन्हें स्वीकृति प्रदान की गई। अनुपूरक बजट, सामान्य बजट की पूर्ति के लिये लाया गया है। राज्य में वित्तीय अनुशासन के साथ राजस्व बढाने तथा खर्चों को कम करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए राजस्व प्राप्ति के क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा हैं। ऋण लेने की प्रक्रिया में भी कमी लाई गई है। विकास की दिशा में राज्य का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में राज्य द्वारा प्रथम स्थान पर रहना इसका प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास केन्द्र पोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने का है। राज्यांश कम होने वाली योजनाओं का लाभ प्रदेश वासियों को मिलें इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा राज्य के गेस्ट हाऊसों का बेहतर ढंग से संचालन कर इन्हें आय के संशाधनो से जोडने में मददगार बनाया जा रहा हैं। राज्य की भावी पीढी को बेहतर वित्तीय स्थिति का लाभ मिले इसके लिए हम प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में युवाओं, खिलाडियों एवं छात्रों के व्यापक हित में अनेक प्रभावी निर्णय लिये गये है। महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज का ऋण उपलब्ध कर उनकी आर्थिकी मजबूत करने के साथ उन्हें स्वरोजगार से जोडने के लिये योजनायें बनाई गई है। समूहों के उत्पादों के विपणन की कारगर व्यवस्था की गई है। कृषि, बागवानी, मत्स्य, दुग्ध विकास की योजनाओं को रोजगार परक बनाया जा रहा है। जनता के हित से जुडी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में राज्य के किसी भी क्षेत्र में बनभूलपुरा जैसी घटना न हो, आपसी भाईचारा व अमन चैन बना रहें तथा दंगा, तोड-फोड के साथ सरकारी व निजी सम्पत्ति का नुकसान न हो इसके लिए लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली विधेयक को मंजूरी दी गई है। अब सम्पतियों के नुकसान की भरपाई दंगाईयों से ही की जायेगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि का प्रत्येक व्यक्ति बांग्लादेश में हिन्दुओं के प्रति हो रही हिंसक घटनाओं के प्रति चिंतित है, उनके प्रति हो रहे इस अन्याय को रोका जाना चाहिए। हिंसक घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम हम सबकी मांग है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न आपदा की घटनाओं के प्रति हम संवेदनशील है। वे स्वयं राज्य के विभिन्न आपदाग्रस्त क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर स्थिति का जायजा ले रहें है तथा प्रभावितों का दुःख दर्द बांटने में लगे है। पीडितों की हर सम्भव मदद करने का प्रयास निरन्तर जारी है। इसके लिए धन की कमी नही होने दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भराडीसैंण का ग्रीष्मकालीन राजधानी के अनुरूप विकास हमारा लक्ष्य है, इसके लिए शीघ्र उच्च स्तरीय बैठक का भी आयोजन किया जायेगा। भराडीसैण में वर्षभर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के आयोजन के भी प्रयास किये जाने की बात कही साथ ही यहां पर विधानसभा सत्र लम्बें समय तक संचालित किये जाने, अच्छा अस्पताल बनाये जाने, पत्रकारों तथा पुलिस के जवानों के लिये आवास की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही।

आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है खनसर घाटी का महाकौथिग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चमोली जनपद के गैरसैंण विकासखंड स्थित माईथान, खनसर में आयोजित “जन्माष्टमी महाकौथिग” कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माईथान क्षेत्र के मंगल दलों को 25-25 हजार रुपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रामगंगा नदी में आवश्यक बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जाने, मालकोट में पुल या वैली ब्रिज बनाने, माईथान में जिला सहकारी बैंक की शाखा खोलने, शिशु मंदिर माईथान को सीएसआर के माध्यम से धनराशि उपलब्ध कराने एवं विनायकधार-कस्बीनगर मोटरमार्ग के जल्द निर्माण की घोषणा की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा माईथान मां-भगवती का पवित्र स्थान है एवं माँ भगवती की कृपा से यह क्षेत्र बेहद संपन्न और समृद्ध है। उन्होंने आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि बीते कई वर्षों से मेला समिति श्री कृष्ण जन्माष्टमी महाकौथिग का सफल आयोजन कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि माईथान में आयोजित होने वाला यह मेला हमारी संस्कृति का प्रमुख मेला है। खनसर घाटी का यह महाकौथिग आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मेले हमारे सांस्कृतिक धरोहर हैं एवं इन मेलों के माध्यम से ही नई पीढ़ी अपनी विरासत से जुड़ती है। यह मेले लोक कलाकारों को भी मंच प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री ने समस्त क्षेत्रवासियों को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस पर्व का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव है। श्री कृष्ण का प्राकट्य अन्याय और अधर्म को समाप्त करने के लिए हुआ था। भगवान के श्रीमुख से निकले वाक्य आज गीता के रूप में हमें प्रेरित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश की मातृशक्ति हर क्षेत्र में आगे बढ़ कर आत्मनिर्भर बन रही है। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई हमारी महिलाएं विश्वस्तरीय उत्पाद बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार मातृशक्ति को और सक्षम एवं समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को देश- दुनिया तक पहुंचाने के लिए “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड” को स्थापित किया है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार का द्वारा महिला समूहों को तीन लाख रुपए तक ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध करा रही है।
मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता का आह्वान किया कि मेले में सभी लोग बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल ने मुख्यमंत्री का आभार जताया एवं प्रदेश सरकार के विभिन्न जनकल्याणकारी फैसलों के बारे में जनता को बताया।
कार्यक्रम में भाजपा प्रवक्ता सतीश लखेड़ा, मेला समिति के पदाधिकारी समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए हवलदार के परिजनों से मिले सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को गैरसैंण स्थित सारकोट में लेह-लद्दाख में ड्यूटी के दौरान शहीद हवलदार बसुदेव सिंह के पैतृक आवास पहुंचकर उनके परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हवलदार बसुदेव सिंह ने देश की रक्षा करते हुए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया है, जिसके लिये पूरा देश उनका ऋणी रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद हवलदार के परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।

पुरोला विधायक ने जताया सीएम का आभार

जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के मोरी नैटवाड़ सांकरी जखोल मोटर मार्ग (राज्य मार्ग सं0 48) का हॉटमिक्स/एफ०डी०आर० तकनीक द्वारा सुदृढीकरण का कार्य (लम्बाई 42.15 किमी) को संस्तुति प्रदान किए जाने पर पुरोला विधायक श्री दुर्गेश्वर लाल ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से भराड़ीसैंण में भेंट कर क्षेत्रीय जनता की ओर से उनका आभार एवं धन्यवाद प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि इस मार्ग का सुदृढ़ीकरण कार्य होने से स्थानीय जनता को आवागमन में काफी सहूलियत होगी।
विधायक दुर्गेश्वर लाल ने कहा कि पिछले लंबे समय से उक्त मार्ग के सुदृढीकरण कार्य की स्थानीय जनता की ओर से मांग उठाई जा रही थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने जनभावनाओं के अनुरूप उक्त सुदृढ़ीकरण कार्य की घोषणा की थी।
विदित है कि विधानसभा गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में विगत दिवस हुई व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के मोरी नैटवाड़ सांकरी जखोल मोटर मार्ग (राज्य मार्ग सं0 48) का हॉटमिक्स/ एफ०डी०आर० तकनीक द्वारा सुदृढीकरण का कार्य (लम्बाई 42.15 किमी) को संस्तुति प्रदान की गई थी।