ऋषिकेश।
आज देश के विकास का प्रतीक बना टिहरी बांध में 16 वर्ष पहले गोदी, सिरांई, माली देवल, उपूं, छाम, गिरांणी, लम्पोखरी, डोबरा, डोबरा प्लास, असेना, बड़कोट, क्यारी, पिनार्स नाम की 12 ग्रामसभा हुआ करती थी जो कि आज बढ़कर 15 ग्राम सभाएं हो चुकी है, लेकिन विकास के प्रतीक टिहरी बांध में अपनी भूमि देने के बाद पुर्नवास विभाग नई टिहरी द्वारा ऋषिकेश के पशुलोक, आमबाग और श्यामपुर क्षेत्र की वन भूमि पर बसाए गए 3000 परिवारों को आज 16 साल बाद भी अपने भूमिधरी अधिकार नही मिल पाया है।
अपने घर, जंगल और प्राकृतिक संसाधनों को त्याग कर ऋषिकेश में बसे ग्रामीणों को भूमिधरी अधिकार न मिल पाने के कारण, इनके स्थाई निवास सहित अन्य कोई प्रमाण पत्र नही बन पाते है। इन्हे जमीन की जमानत पर बैक लोन भी नही मिल सकता है। कारण यह कि तब पुर्नवास विभाग ने इस विस्थापितों को वन विभाग की भूमि पर बसाया गया था जिसके कारण आज तक ग्रामीणों को भूमिधरी का अधिकार नही मिल पाया है।
ऋषिकेश के पशुलोक, आमबाग और श्यामपुर क्षेत्र में टिहरी विस्तापितों के 3000 से अधिक परिवार रहते है जो आज तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और निगर निकाय के चुनावों से वंचित रहे है इन लोगों को केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट देने का अधिकार है, चुनाव से पूर्व दो मुख्यमंत्री तक यहां आए और राजस्व ग्राम बनाने का वादा किया, लेकिन चुनावी जुमला होने के कारण वादे भूला दिये गये। ऐसे में अब ग्रामीणों ने आन्दोलन शुरू कर दिया है, सामुदायिक भवन में ग्रामीणों का धरना जारी है यही नही नेताओं के वादों से तंग हो चुके ग्रामीणों ने अब आने वाले विधानसभा चुनाव के बहिस्कार की चेतावनी तक दे डाली है, वही ऋषिकेश तहसील प्रशासन का कहना है कि राजस्व ग्राम का प्रस्ताव तहसील द्वारा बहुत पहले ही शासन को भेजा जा चुका है जिस पर शासन कुण्डली मार कर बैठा है।
Category: टिहरी
धमकाने वाले एसडीएम का हुआ तबादला
http://sankhnaad.com/ की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने लिया संज्ञान
लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का एसडीएम बनाया
केके मिश्रा को मुख्यालय से सबंद्ध किया
ऋषिकेश।
नरेन्द्रनगर एसडीएम केके मिश्रा का गुरुवार को टिहरी डीएम ने बतादला कर दिया। उन्हे टिहरी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का नया एसडीएम बनाया गया है।
http://sankhnaad.com की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने संज्ञान लिया है। एसडीएम केके मिश्रा ने बुधवार को नरेन्द्रनगर के कुमारखेडा के ग्रामीणों को आपबीती सुनाते समय धमकाया था। एसडीएम ने आपदा पीडितों को नेतागीरी न करने की धमकी भी दी थी। जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे, उनका कहना था कि उनकी परेशानी से प्रशासन का कोई लेना देना है। अपनी बात रखने पर एसडीएम उन्हें धमका रहे है। वह कहां जायें?
मौके पर एक टीवी पत्रकार को मर्यादा में रहने की हिदायत भी एसडीएम को भारी पडी। आपके प्रिय समाचार पोर्टल http://sankhnaad.com ने जैसे ही खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो टिहरी डीएम इन्दुधर बौडाई ने मामले का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एसडीएम केके मिश्रा को मुख्यालय से अटैच कर दिया। नरेन्द्रनगर के एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान का बनाया गया है। बतातें चले कि चौहान पूर्व में भी नरेन्द्रनगर के एसडीएम रह चुके है।
आपदा पीड़ितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन!
आपदा पीड़ितों को अपनी हक की आवाज उठाना पड़ा भारी
एसडीएम नरेन्द्रनगर ने आपदा पीड़ितो पर नेतागीरी करने का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
बीते 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा में आई आपदा ने 250 से अधिक ग्रामीणों की जिंदगी में तूफान ला दिया। आपदा में पहाड़ टूटने के साथ ही कुमारखेड़ा गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गये थे। पूरे गांव पर सकंट मंडराने लगा तो प्रशासन ने ग्रामीणों को दूसरे स्थान में शिफ्ट कर दिया। लेकिन आपदा पीड़ित जब अपनी मूलभूत जरुरतों के लिए प्रशासन से मदद मांगने गये तो आपदा पीड़ितो पर एसडीएम केके मिश्रा ने नेतागीरी करने का आरोप लगाया। सूत्रों की माने तो एसडीएम ने अपने हक की आवज उठा रहे ग्रामीणों को धमकाने का प्रयास भी किया। मौके पर मौजूद एक टीवी पत्रकार को देख एसडीएम ने उन्हें मर्यादा में रहने की नसीहत भी डे डाली।
आपदा पीड़ितों पर प्रशासन किस तरह मेहरबान है इसका नजारा नरेन्द्रनगर एसडीएम कार्यालय में देखने को मिला। 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा गांव में पहाड़ी खिसकने से कई गांव में सकंट मडराने लगे तो प्रशासन ने 250 ग्रामीणों को शिफ्ट किया। आपदा पीड़ितो का आरोप है कि प्रशासन ने शिफ्ट कराने के बाद उनकी कोई सुध नही ली है। उनके परिजनों को भंडारे से खाना लाकर खिलाने के अलावा कोई चारा नही है। ऐसे में अपनी मांगों को लेकर जब ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहंुचे तो एसडीएम नरेन्द्रनगर ने उन्हें नेतागीरी नही करने की सलाह डे डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम यही तक नही रुके उन्होंने आपदा पीड़ितों को आपबीती सुनाने पर धमकाया और चुप रहने को कहा। मौके पर एक टीवी चैनल पत्रकार पर जब एसडीएम की नजर पड़ी तो उन्होंने मीडियाकर्मी को मर्यादा में रहकर पत्रकारिता करने की नसीहत भी डे डाली। एसडीएम के व्यवहार से ग्रामीणों में काफी आक्रोश बताया जा रहा है।
मामला बढ़ने और मीडिया तक पहुंचने पर एसडीएम नरेन्द्रनगर को अपनी गलती का एहसास भी शीघ्र हो गया। एसडीएम ने गुस्से पर काबू रखते हुए बताया कि आपदा पीड़ितों में गुस्सा था, लेकिन वार्ता करने पर सभी ग्रामीण शांत भी हो गये।