विस्थापितो की समस्या को दरकिनार कर रही सरकार

ऋषिकेश।
आज देश के विकास का प्रतीक बना टिहरी बांध में 16 वर्ष पहले गोदी, सिरांई, माली देवल, उपूं, छाम, गिरांणी, लम्पोखरी, डोबरा, डोबरा प्लास, असेना, बड़कोट, क्यारी, पिनार्स नाम की 12 ग्रामसभा हुआ करती थी जो कि आज बढ़कर 15 ग्राम सभाएं हो चुकी है, लेकिन विकास के प्रतीक टिहरी बांध में अपनी भूमि देने के बाद पुर्नवास विभाग नई टिहरी द्वारा ऋषिकेश के पशुलोक, आमबाग और श्यामपुर क्षेत्र की वन भूमि पर बसाए गए 3000 परिवारों को आज 16 साल बाद भी अपने भूमिधरी अधिकार नही मिल पाया है।
अपने घर, जंगल और प्राकृतिक संसाधनों को त्याग कर ऋषिकेश में बसे ग्रामीणों को भूमिधरी अधिकार न मिल पाने के कारण, इनके स्थाई निवास सहित अन्य कोई प्रमाण पत्र नही बन पाते है। इन्हे जमीन की जमानत पर बैक लोन भी नही मिल सकता है। कारण यह कि तब पुर्नवास विभाग ने इस विस्थापितों को वन विभाग की भूमि पर बसाया गया था जिसके कारण आज तक ग्रामीणों को भूमिधरी का अधिकार नही मिल पाया है।
ऋषिकेश के पशुलोक, आमबाग और श्यामपुर क्षेत्र में टिहरी विस्तापितों के 3000 से अधिक परिवार रहते है जो आज तक ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और निगर निकाय के चुनावों से वंचित रहे है इन लोगों को केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में वोट देने का अधिकार है, चुनाव से पूर्व दो मुख्यमंत्री तक यहां आए और राजस्व ग्राम बनाने का वादा किया, लेकिन चुनावी जुमला होने के कारण वादे भूला दिये गये। ऐसे में अब ग्रामीणों ने आन्दोलन शुरू कर दिया है, सामुदायिक भवन में ग्रामीणों का धरना जारी है यही नही नेताओं के वादों से तंग हो चुके ग्रामीणों ने अब आने वाले विधानसभा चुनाव के बहिस्कार की चेतावनी तक दे डाली है, वही ऋषिकेश तहसील प्रशासन का कहना है कि राजस्व ग्राम का प्रस्ताव तहसील द्वारा बहुत पहले ही शासन को भेजा जा चुका है जिस पर शासन कुण्डली मार कर बैठा है।

उत्तराखंड का जवान देश का सजग प्रहरी

कारगिल शहीदों को मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजली
देहरादून।
भारतीय इतिहास में उत्तराखण्ड के वीर सैनिकों की गौरव गाथा के असंख्य उदाहरण हैं। जब भी दश के लिए बलिदान देने का अवसर आया यहां के जांबाज सैनिक हमेशा आगे रहे। कारगिल शौर्य दिवस पर गोधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भावनाओं के रूप में पूरा राज्य संकल्पबद्ध है। अपने सीमित साधनों के बावजूद वीर सैनिकों व उनके परिवारजनों के लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। राज्य के लगभग दस प्रतिशत परिवार ऐसे हैं जिन्होंने देश की रक्षा में अपनों को खोया है। फिर भी अपने दुख के ऊपर उन्होंने राष्ट्र के स्वाभिमान को रखा है। उत्तराखण्ड के वीरों ने शौर्य व पराक्रम को नई ऊंचाइयां देते हुए पराक्रम के मापदण्ड स्थापित किए हैं।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि जब भी भारत के मान सम्मान के लिए रक्त बहा है उसमें उत्तराखण्ड का रक्त भी शामिल रहा है। कारगिल के युद्ध में वीरता की एक महान मिसाल कायम की गई। दुनिया के युद्ध के इतिहास में एक नया आयाम कायम किया गया। कारगिल की विजय भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीक है। भारतीय सैनिकों ने जिस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा उससे पूरी दुनिया ने भारतीय सेना का लोहा माना। ‘‘कारगिल युद्ध में सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।’’ मुख्यमंत्री रावत ने वीर नारियों को सम्मानित किया और कार्यक्रम में मौजूद सभी पूर्व सैनिकों से मिलते हुए उनका अभिवादन किया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, ललित फर्स्वाण, मेयर विनोद चमोली सहित सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी, सैनिक, सैनिकों के परिवारजन, स्कूली बच्चे उपस्थित थे।

कारगिल शहीदों को श्रद्धांजली, देहरादून में सीएम, हरीश रावत

विदेशियों की बंद कार से बैग चोरी

मोबाइल, आईडी व पासपोर्ट चोरी करने का लगाया आरोप
हरिद्वार।
दिल्ली से हरिद्वार घुमने आये आधा दर्जन विदेशी नागरिकों की बंद कार से एक बैग चोरी हो जाने से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिन दिल्ली से इनोवा कार में आधा दर्जन विदेशी नागरिक हरिद्वार घुमने के लिए आये थे। जिनके कार चालक रणवीर पुत्र सुभाष निवासी झुझनू राजस्थान ने कार को धोबी पार्किग में खड़ी कर दी। जहां से विदेशी पैदल ही घुमने के लिए हरकी पौड़ी सहित अन्य स्थलों पर निकल पडे। बताया जा रहा हैं कि जब वह शाम को कार पर पहुंचे, तो उन्होंने कार में रखे दो बैगांे से एक बैग चोरी होने आरोप लगा दिया।
कार चालक ने विदेश नागरिकों को काफी समझाने का प्रयास किया कि वह केवल दस मिनट के लिए चाय पीने के लिए गया था। कार को लॉक करके गया था और लौट कर आया तो कार लॉक थी। जिस पर विदेशी नागरिकों ने चालक की एक नहीं सुनी और मामले की शिकायत पुलिस से की। विदेशी नागरिकों को संदिग्ध हालत में कार से बैग चोरी होने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पुलिस विदेशी नागरिकों सहित चालक से भी जानकारी ली। रोचक बात यह हैं कि विदेशी नागरिक कार में दो बैग छोड कर जाने की बात कह रहे थे। कार में केवल एक बैग ही मौजूद मिला, जिसमें दो लाख की कीमत का कैमरा व डॉलर सहित अन्य समान मौजूद था। जबकि गायब बैग में तीन मोबाइल, आईडी, पासपोर्ट सहित अन्य समान होने की बात कही जा रही है। यहां पर गौर करने वाली बात हैं कि बिना कार का लॉक व शीशा टूटे आखिर कार से बैग कैसे चोरी हो सकता है। पुलिस ने कार चालक को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

पंचक खत्म होते ही कावड़ियों की संख्या में वृद्धि

कावड़ियों की भीड़ के मद्देनजर चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
हरिद्वार।
तीर्थनगरी मंे कांवडियांे की भीड़ मंे लगातार इजाफा होता जा रहा है। प्रशासन कांवडियांे की भीड़ को हाईवे से उतारकर उनको नहर पटरी से उनके गतंव्य की ओर रवाना किया जा रहा है। नहर पटरी मंे कांवडियांे के लिए बिजली, पानी व शौचालय की व्यवस्था की गयी है। ताकि कांवडियांे को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। हाईवे पर जाम की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किये गये है। डाक कांवडियांे के लिए अलग-अलग स्थानों पर पार्किग की व्यवस्था की गयी है। जहां पर उनके कांवड से सम्बंधित सामानांे का बाजार भी व्यापारियांे द्वारा लगाया गया है। जहां पर कांवडियांे को उनके मुताबिक समान उपलब्ध कराया जा रहा है। श्रावण मास कांवड मेला तीर्थनगरी में प्रारम्भ हुए चार दिन हो चुके है। चार दिनांे के भीतर विभिन्न प्रान्तांे से लाखांे कांवडियें गंगा जल भरकर यहां से अपने गतंव्यों की ओर रवाना हो चुके है। जिस तेजी के साथ कांवडियांे को आगमन हरिद्वार मंे हो रहा है। ठीक उसी तरह यहां से गंगा जल भरकर कांवडियांे का प्रस्थान भी हो रहा है।
लाखांे कांवडियंे मौजूदा समय मंे तीर्थनगरी में डेरा डाले हुए है। जिनमें कुछ पंचक समाप्त होने का इंतजार कर रहे है, तो कुछ पंचक को ना मानकर गंगा जल भरकर यहां से प्रस्थान कर रहे है। प्रशासन की ओर से कांवड मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए जहां पुख्ता इंतजाम करते हुए उनको अमली जामा पहनाया गया है। वहीं दुनियाभर मंे आतंकवादी घटनाआंे को देखते हुए सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किये गये है। देखा जाए तो तीर्थनगरी के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन ने असमाजिक तत्वांे पर पैनी नजर रखी जा रही है। कांवडियांे के भेष सहित सार्दी वर्दी में पुलिस को तैनात किया गया है। ताकि किसी स्थिति से निपटा जा सकें। बस अड्डा, रेलवे स्टेशन सहित भीड ़भाड़ वालंे इलाकों मंे डॉग स्वायड व बम निरोधक दस्ता भी चैंकिग अभियान में जुटा है।
पुलिस प्रशासन द्वारा स्थानीय नागरिकों सहित व्यापारियांे और संत व साधुआंे से सहयोग की अपील की गयी है। पुलिस प्रशासन ने तैनात पुलिस अधिकारियों सहित कर्मियांे को कांवडियांे सहित स्थानीय नागरिकों, व्यापारियों और आम लोगों से मधुर व्यवहार किये जाने के निर्देश दिये गये है।

महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड

महिलाएं आत्म निर्भर बनेगी तभी तो सवरेगा उत्तराखंड
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के तहत महिलाओं सम्मानित किया
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं व किशोरियों को सिलाई मशीनें व सहायता राशि प्रदान की। उन्होंने ‘हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजना के तहत भी चैक वितरित किए। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ को महिलाओं का बहुत समर्थन मिला है। महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। हमें खुशी है कि योजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े होने में मदद मिली है। इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर महिलाएं आजीविका में आत्मनिर्भर हो सकती हैं। देहरादून में इसमें अच्छा काम हुआ है। देहरादून की बालिकाएं राज्य के लिए मापदंड स्थापित करेंगी।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रतियोगिता के जमाने में हमें अपने उत्पादों की गुणवŸाा बेहतर करनी होगी। महिला स्वयं सहायता समूह इस दिशा में बहुत उत्साहवर्धेक काम कर रहे हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हम न केवल उनकी आजीविका के लिए प्रशिक्षण की योजना संचालित कर रहे हैं बल्कि अब सरकारी खरीद के साथ इसे जोड़ रहे हैं। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि प्रत्येक सरकारी विभाग अपने लिए आवश्यक सामानों की खरीद के लिए बजट का एक निश्चित प्रतिशत महिला स्वयं सहायता समूहों से खरीदने पर व्यय करें। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि महिला सशक्त आजीविका योजना कोष स्थापित किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार 50 लाख रूपए देगी। राज्य के प्रत्येक विधायक से इस कोष के लिए 1-1 लाख रूपए व सांसदो ंसे 5-5 लाख रूपए दिए जाने का अनुरोध करेंगे। इस कोष से महिलाओं के प्रशिक्षण के काम को और भी तेजी से बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि विकास समावेशी होना चाहिए। इसमें सभी वर्गों की भागीदारी होनी चाहिए। हमने एक दर्जन से भी अधिक प्रकार की सामाजिक कल्याण की पेंशनें प्रारम्भ कीं। पेंशन राशि को 400 रूपए से बढ़ाकर एक हजार रूपए किया। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 74 हजार से बढ़कर 7 लाख से भी ज्यादा हो गई हैं। हमारी कन्या हमारा अभिमान योजना के तहत उन माताओं को सम्मान राशि प्रदान की जाती हैं जिनके दो कन्याएं हैं। महिलाओं की भर्ती के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उनको वार्षिक टर्नओवर पर 5 प्रतिशत बोनस दिया जा रहा है। साथ ही 5 हजार रूपए राशि से उनका बैंक खाता राज्य सरकार खुलवा रही है। केपिटल सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है। ऊधमसिंह नगर में महिला उद्यमिता पार्क स्थापित किया जा रहा है। राज्य में परिवर्तन के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा।
कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि ‘‘मुख्यमंत्री महिला सतत आजीविका योजना’’ राज्य के पांच जिलों में संचालित की जा रही है। इसमें महिलाओं व किशोरियों को आजीविका के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें 50 हजार रूपए तक की परिसम्पŸिायां आजीविका के लिए प्रदान की जाती हैं। इसी योजना के तहत मद्रासी कालोनी, देहरादून की 100 महिलाओं को निस्बड के सहयोग से प्रशिक्षण प्रदान किया गया था। इसमें 64 महिलाओं को वस्त्र डिजाईनिंग व 36 महिलाओं को ब्यूटीशियन का प्रशिक्षण दिया गया।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार, प्रमुख सचिव राधा रतूड़ी, अपर सचिव विम्मी सचदेवा रमन, जिलाधिकारी देहरादून रविनाथ रमन आदि मौजूद थे।

धमकाने वाले एसडीएम का हुआ तबादला

http://sankhnaad.com/ की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने लिया संज्ञान
लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का एसडीएम बनाया
केके मिश्रा को मुख्यालय से सबंद्ध किया
ऋषिकेश।
नरेन्द्रनगर एसडीएम केके मिश्रा का गुरुवार को टिहरी डीएम ने बतादला कर दिया। उन्हे टिहरी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का नया एसडीएम बनाया गया है।
http://sankhnaad.com की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने संज्ञान लिया है। एसडीएम केके मिश्रा ने बुधवार को नरेन्द्रनगर के कुमारखेडा के ग्रामीणों को आपबीती सुनाते समय धमकाया था। एसडीएम ने आपदा पीडितों को नेतागीरी न करने की धमकी भी दी थी। जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे, उनका कहना था कि उनकी परेशानी से प्रशासन का कोई लेना देना है। अपनी बात रखने पर एसडीएम उन्हें धमका रहे है। वह कहां जायें?
मौके पर एक टीवी पत्रकार को मर्यादा में रहने की हिदायत भी एसडीएम को भारी पडी। आपके प्रिय समाचार पोर्टल http://sankhnaad.com ने जैसे ही खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो टिहरी डीएम इन्दुधर बौडाई ने मामले का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एसडीएम केके मिश्रा को मुख्यालय से अटैच कर दिया। नरेन्द्रनगर के एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान का बनाया गया है। बतातें चले कि चौहान पूर्व में भी नरेन्द्रनगर के एसडीएम रह चुके है।

200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉ200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार

सीएम हरीश रावत ने पीएम से मांगा सहयोग
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड की चीनी मिलों के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में 8 चीनी मिलें हैं जिनमें से 5 मिलें सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की एवं 3 निजी क्षेत्र की हैं। राज्य में चीनी मिलों ने पिराई सीजन 2015-16 में कुल 28.37 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की और 2.73 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया। इस सीजन में गन्ना किसानों का कुल देय भुगतान रू0 790.57 करोड़ था। राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को साफ्ट लोन व विभिन्न प्रकार की रियायतें उपलब्ध करवाईं गईं। चीनी मिलों द्वारा रू0 573.71करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है परंतु अभी भी रू0 216.86 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में बताया है कि लगभग 1 लाख 75 हजार से अधिक गन्ना किसान उŸाराखण्ड की चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पिछले पिराई सीजन में केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में लोन पैकेज घोषित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी गन्ना किसानों व चीनी मिलों को गन्ना खरीद टैक्स, एन्ट्री टैक्स, गन्ना सोसाईटी कमीशन व मण्डी समिति टैक्स आदि में छूट दी गईं। परन्तु ये उपाय भी चीनी मिलों को उबारने व गन्ना किसानों के पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वित्तीय संकट के चलते गन्ना मिलें अपने मरम्मत व रख-रखाव कार्य करने में सक्षम नहीं रहेंगी, जिसका विपरीत प्रभाव अगले पिराई सीजन 2016-17 पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए रू0 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

प्रदेशभर के स्कूलों में दीक्षा का शुभारंभ

21
देहरादून।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम ’दीक्षा’ (डेडीकेशन टू एनहेंस एजूकेशन नॉलेज, स्किल एण्ड हैबिट एसेसमेंट) का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आधार कार्ड, मॉडल स्कूल और आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों कीे मरम्मत कीे प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि आधार कार्ड बनाने के कार्य को अभियान के रूप में चलायें। मॉडल स्कूलों का मौके पर जाकर मुआयना करें। क्षतिग्रस्त स्कूलों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्य सचिव ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हर ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का प्रयोग सफल रहा है। ऐसे स्कूलों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष बल दिया। सचिव विद्यालयी शिक्षा डी.सेंथिल पांडियन ने दीक्षा के माध्यम से प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत् व व्यापक मूल्यांकन (कांटीन्युवस एण्ड कांप्रीहेंसिव एवेल्युएशन) के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर पर अधिगम स्तर आंकलन (लर्निंग लेवल एसेसमेंट) के बारे में बताया। सतत् और व्यापक मूल्यांकन में सभी बच्चों के सभी पक्षों का मूल्यांकन किया जाए। इसमें शैक्षिक पक्ष, सह-शैक्षिक पक्ष (रूचि, खेलकूद, संगीत, कला, व्यवहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से संबंधित) शामिल है। अधिगम स्तर आंकलन में कक्षा 9 के विद्यार्थियों के अकादमिक पक्ष (हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में लर्निंग लेवल) का आंकलन किया जाए। आंकलन के बाद बच्चों को सुधारात्मक शिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष में दीक्षा कार्यक्रम के तहत कक्षावार और विषयवार संकेतक(इंडीकेटर) बनाये गये है। इसके आधार पर मॉनिटरिंग की जाए। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जवाबदेही भी तय की गई है।
बैठक में अपर सचिव शिक्षा रंजना, निदेशक आर.के.कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा पीड़ितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन!

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आपदा पीड़ितों को अपनी हक की आवाज उठाना पड़ा भारी
एसडीएम नरेन्द्रनगर ने आपदा पीड़ितो पर नेतागीरी करने का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
बीते 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा में आई आपदा ने 250 से अधिक ग्रामीणों की जिंदगी में तूफान ला दिया। आपदा में पहाड़ टूटने के साथ ही कुमारखेड़ा गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गये थे। पूरे गांव पर सकंट मंडराने लगा तो प्रशासन ने ग्रामीणों को दूसरे स्थान में शिफ्ट कर दिया। लेकिन आपदा पीड़ित जब अपनी मूलभूत जरुरतों के लिए प्रशासन से मदद मांगने गये तो आपदा पीड़ितो पर एसडीएम केके मिश्रा ने नेतागीरी करने का आरोप लगाया। सूत्रों की माने तो एसडीएम ने अपने हक की आवज उठा रहे ग्रामीणों को धमकाने का प्रयास भी किया। मौके पर मौजूद एक टीवी पत्रकार को देख एसडीएम ने उन्हें मर्यादा में रहने की नसीहत भी डे डाली।
आपदा पीड़ितों पर प्रशासन किस तरह मेहरबान है इसका नजारा नरेन्द्रनगर एसडीएम कार्यालय में देखने को मिला। 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा गांव में पहाड़ी खिसकने से कई गांव में सकंट मडराने लगे तो प्रशासन ने 250 ग्रामीणों को शिफ्ट किया। आपदा पीड़ितो का आरोप है कि प्रशासन ने शिफ्ट कराने के बाद उनकी कोई सुध नही ली है। उनके परिजनों को भंडारे से खाना लाकर खिलाने के अलावा कोई चारा नही है। ऐसे में अपनी मांगों को लेकर जब ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहंुचे तो एसडीएम नरेन्द्रनगर ने उन्हें नेतागीरी नही करने की सलाह डे डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम यही तक नही रुके उन्होंने आपदा पीड़ितों को आपबीती सुनाने पर धमकाया और चुप रहने को कहा। मौके पर एक टीवी चैनल पत्रकार पर जब एसडीएम की नजर पड़ी तो उन्होंने मीडियाकर्मी को मर्यादा में रहकर पत्रकारिता करने की नसीहत भी डे डाली। एसडीएम के व्यवहार से ग्रामीणों में काफी आक्रोश बताया जा रहा है।
मामला बढ़ने और मीडिया तक पहुंचने पर एसडीएम नरेन्द्रनगर को अपनी गलती का एहसास भी शीघ्र हो गया। एसडीएम ने गुस्से पर काबू रखते हुए बताया कि आपदा पीड़ितों में गुस्सा था, लेकिन वार्ता करने पर सभी ग्रामीण शांत भी हो गये।

तीन विद्यालयों को मेरिट सूची में 3 अंकों की अर्हता नही मिल सकेगी

ऑटोनॉमस कॉलेज में प्रथम वर्ष एडमिशन की मेरिट सूची तैयार करने में जुटे प्राध्यापक
ढालवाला व मुनिकीरेती के तीन विद्यालयों के पास आउट छात्रों को जिला वरीयता के अंक नही मिल सकेंगे
शखनाद न्युज ब्यूरो। ऋषिकेश
ऑटोनॉमस कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्रों में प्रवेश को लेकर कडा मुकाबला देखने को मिल रहा है। कॉलेज प्रशासन की टीम मेरिट सूची तैयार करने में जुटी हुई है। लेकिन नगर से सटे तीन विद्यालयों के पास आउट छात्रों को मेरिट सूची में जिला वरीयता के 3 अंक नही मिल सकेंगे।
महाविद्यालय की प्रथम वर्ष में 875 सीटों के लिए 2460 छात्रों ने आवेदन किये है। सोमवार से कॉलेज प्रशासन ने मेरिट सूची तैयार करना शुरु कर दिया है। प्रवेश को लेकर नगर सहित आसपास क्षेत्रों के छात्रों ने आवेदन किया है। मेरिट सूची तैयार कर रही टीम छात्रों को मिलने वाले अंकों का लेखा जोखा तैयार करने में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों को कई प्रकार के अंक देता है, जिसमें स्थानीय निवासी होना, उत्तराखंड बोर्ड, जिला वरीयता अंक, 12वीं की परीक्षा संबधित संकाय के अंक, एनसीसी/एनएसएस, खिलाडी, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित आदि शामिल है। लेकिन ढालवाला के पुष्पा वढेरा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज व कैलाशगेट के ओमकारांनद सरस्वती निलायम स्कूल के पास आउट छात्रों को जिला टिहरी होने के कारण जिला वरीयता के 3 अंक नही मिल पायेंगे।