राशनकार्ड की यूनिट का भी दर्ज होगा आधार नंबर

अक्तूबर माह के अंत तक सभी को आधार जमा कराना अनिवार्य
राशन विक्रेता और पूर्ति कार्यालय, दोनों में से कहीं भी जमा करा सकते है उपभोक्ता

ऋषिकेश।
राशन कार्ड उपभोक्ता को अब हर यूनिट का आधार नंबर राशन कार्ड से लिंक कराना होगा। इस बाबत भारत सरकार के आदेश के तहत उत्तराखंड शासन ने सभी पूर्ति कार्यालयों को निर्देश दिये है।
मंगलवार को पूर्ति निरीक्षक पुष्पा बिष्ट ने बताया कि राशन कार्ड उपभोक्ता अक्तूबर माह के अंत तक सभी यूनिट का आधार नंबर विभाग के पास जमा कराना सुनिश्चित करे। बताया कि भारत सरकार के आदेश के तहत शासन ने सभी यूनिट के आधार नंबर राशन कार्ड से लिंक कराने के निर्देश दिये है। उन्होंने राशन विक्रेता और पूर्ति कार्यालय, दोनों में से कहीं भी सुविधानुसार उपभोक्ताओं को आधार नंबर जमा कराने को कहा है।

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गौरतलब है कि अभी कुछ माह पहले राशन कार्ड के नवीनीकरण हुए थे। उस दौरान राशन कार्ड के मुखिया का आधार नंबर अनिवार्य रुप से लिया गया था। लेकिन अब नए सिरे से निर्देश मिलने के बाद विभाग फिर से कसरत कर रहा है।

प्रचार-प्रसार के अभाव में फीका रहा बहुउेशीय शिविर

ऋषिकेश।
सोमवार को नगर पालिका ऋषिकेश के इन्द्रमणी बडोनी सभागार में आयोजित एकदिवसीय बहुउद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया था। शासन के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग ने पेंशनधारकों के आधार कार्ड बनवाने और लिंक कराने के मुख्य उद्देश्य को लेकर शिविर का आयोजन किया। शिविर में पहले तो अधिकारी ही समय से नही पहुंचे, फिर अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी सिर्फ खानापूर्ति ही करते नजर आये। इस दौरान विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल भी शिविर में पहुंचे। उन्होंने समय पर अधिकारियों के न पहुंचने और शिविर का समुचित प्रचार-प्रसार नही करने पर नाराजी जताई। इस दौरान उन्होंने मौजूद अधिकारियों और कर्मचारियों को फटकार भी लगाई।

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सहायक समाज कल्याण अधिकारी जीत सिंह रावत ने बताया स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शिविर में 11 विकलांग लोगों की जांच की और प्रमाण पत्र बनाये। 20 नए पेंशनधारक जिनके आधार कार्ड नही थे, बनाये गये और 14 पेंशन धारकों ने आधार कार्ड जमा कराया। गौरतलब है कि पेंशन धारकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके चलते समाज कल्याण विभाग शिविर का आयोजन कर रहा है। शिविर के समापन पर 18 विकलांग, 41 वृद्धा व एक विधवा पेंशन के फॉर्म ही जमा हो पाये। विभाग की ओर से लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी गई।

हरिद्वार डोईवाला के बीच नहीं चले वाहन

कई स्थानों पर पुलिस ने अवरोधक लगा रोके वाहन
राष्ट्रपति की सुरक्षा को दो घंटे जीरो जोन रहा डोईवाला हाईवे
गुरूवार शाम 6 से 8 बजे तक मार्ग रहा बंद
रायवाला।
राष्ट्रपति का काफिला लगभग शाम छह बजकर चालीस मिनट पर जौलीग्रांट के लिए निकला। शाम सात बजकर दस मिनट पर राष्ट्रपति नेपाली फार्म तिराह क्रास किया। राष्ट्रपति के जाने पर हरिद्वार ऋषिकेश बीच वाहन चलने शुरू हो गए। जबकि करीब आधा घंटे बाद रोके गए वाहन नेपाली फार्म से डोईवाला के लिए छोड़े गए। सुरक्षा के चलते पुलिस ने शाम चार बजे से ही वाहनों का रूट डायवर्ट कर चीला बैराज से हरिद्वार भेजना शुरू कर दिया। जबकि हरिद्वार से ऋषिकेश व देहरादून जाने वाले वाहन भी चीला बैराज रानीपोखरी होकर देहरादून भेजे गए। शाम छह बजे बाद हरिद्वार जौलीग्रांट के बीच जीरो जोन होने से लोगों को परेशानी उठानी पड़ी। खासकर लोकल वाहन चालकों को भी पुलिस रोके रखा। इसको लेकर दुपहिया चालकों की पुलिस से झड़पें भी हुई। सीओ चक्रधर अंथवाल ने बताया कि राष्ट्रपति की सुरक्षा को लेकर कड़े प्रतिबंध किए गए। जिससे हरिद्वार जौलीग्रांट हाईवे को दो घंटे तक जीरो जोन में रखा गया।

वेतन न मिलने से भड़के पालिका कर्मी बेमियादी हड़ताल पर

संविदा, आउटसोर्सिंग और मेला कर्मियों को तीन माह से नहीं मिला वेतन
नगर पालिका के ईओ पर संगठन अध्यक्ष से अभद्रता का आरोप लगाया
ऋषिकेश।
बुधवार को ऋषिकेश पालिका के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर अधिशासी अधिकारी वीपीएस चौहान के दफ्तर पर इकट्ठा हुए। संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति की अध्यक्ष मंजू चौहान के अनुसार, सुबह 11 बजे तक ईओ दफ्तर नहीं पहुंचे तो कर्मचारियों के कहने पर उन्होंने फोन घुमाया। उन्होंने कर्मचारियों के साथ वार्ता के लिए कहा तो आरोप है कि ईओ चौहान ने उन पर अभद्र टिप्पणी कर दी। इस दौरान मंजू चौहान ने अपने मोबाइल का स्पीकर ऑन किया हुआ था। जब कर्मचारियों ने ईओ की बात सुनी तो पालिका दफ्तर में काम करने से मना कर दिया। इसके बाद कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए। उन्होंने पालिका के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। ऐसे में पालिका दफ्तर पहुंचे लोगो को बैरंग ही लौटना पड़ा। देर शाम तक पालिका कर्मचारी दफ्तर पर जमे रहे। लेकिन, न तो ईओ के साथ उनकी वार्ता हो सकी और न ही पालिकाध्यक्ष से कोई आश्वासन ही मिला। वहीं, इस बारे में पालिका ईओ वीपीएस चौहान से जब उनका पक्ष जानना चाहा तो कई बार कोशिश के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो सका। प्रदर्शन में वेद प्रकाश बिजल्वाण, राजेंद्र गर्ग, ज्योति प्रसाद उनियाल, ललित मोहन शर्मा, नवीन शर्मा, विनोद त्यागी, कविता लोहानी, मगना पोखरियाल, सरोजनी देवी, अनिता, सुमित्रा, सफाई नायक नरेश खैरवाल, महेंद्र, जितेंद्र, विनोद, मुकेश, सतपाल दानव, राजेश डोगरा, तीरथ, विनेश आदि शामिल रहे।

पालिका में कार्यरत हैं 125 कर्मचारी
ऋषिकेश पालिका में आउटसोर्सिंग के जरिये तैनात 40 कर्मचारियों और संविदा पर लगे 35 सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन माह से वेतन नहीं मिला है। जबकि 50 मेला कर्मचारियों को एक माह 27 दिन से वेतन का इंतजार है। जबकि इन कर्मचारियों को पालिका प्रशासन ने समय से पहले ही बजट की कमी का हवाला देकर हटा दिया था, लेकिन वेतन नहीं दिया। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि पहले तो वेतन ही कम है और ऐसे में तीन माह से वेतन नहीं मिल रहा है। अब तो राशन विक्रेता भी सामान उधार में देने से मना कर रहा है। ऐसे में कर्मचारी कहां जाएं, हमारी आवाज कोई नहीं सुनता।

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ईओ से वार्ता का प्रयास किया गया था, लेकिन उन्होंने वार्ता नहीं की। दोपहर लंच के वक्त वह दफ्तर आए और कर्मचारियों से बिना मिले ही वापस लौट गए। जब तक पालिका प्रशासन से सकारात्मक वार्ता नहीं हो जाती, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
मंजू चौहान, संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति, ऋषिकेश पालिका

दवा की चपेट में आने से कर्मचारी बेहोश

दवा का छिड़काव कर रहा था कर्मचारी
ऋषिकेश।
नगर पालिका अपने कर्मचारियों को लेकर कितनी संजीदा है। इसकी बानगी मंगलवार को देखने को मिली। दवा छिड़काव कर रहे एक कर्मचारी कीटनाशक दवा की चपेट में आ गये। बताया जा रहा कि दवा छिड़काव कर रहे कर्मचारी ने मॉस्क और ग्लब्स नही पहना था। दवा के रिसाव की बात भी सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तों पालिका कर्मचारियों को सुविधायें भी मुहैया नही कराती है।
सुबह घटित हुई घटना के बाद कर्मचारियों में पालिका के प्रति रोष देखने को मिला। नाम न छापने की शर्त पर एक कर्मचारी ने बताया कि सफाई कर्मचारियों को पालिका प्रशासन कोई सुविधा नही दे रहा है। वहीं, सरकारी अस्पताल में पीड़ित कर्मचारी को ड्रिप व दवाई दी गयी। तब जाकर कर्मचारी नार्मल हो पाया। सरकारी अस्पताल के अनुसार कीटनाशक दवा पीड़ित की सांस के साथ शरीर में चली गई। जिससे चक्कर आना, उल्टी व बेहोशी छाने लगी। अब हालत ठीक है।

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दवा छिड़काव करते समय दवा का रिसाव हुआ। कर्मचारी इसी की चपेट में आया है। मॉस्क व ग्लब्स कर्मचारियों को दिये जाते है।
सचिन रावत, सफाई निरीक्षक पालिका ऋषिकेश।

भूमिधरी के अधिकार की मांग को लेकर तहसील में प्रदर्शन

विस्थापितों ने एसडीएम के माध्यम से सीएम हरीश रावत को भेजा ज्ञापन
ऋषिकेश।
सोमवार को विस्थापित समन्वय विकास समिति के बैनर तले सैकड़ों टिहरी बांध प्रभावित जुलूस के रूप में तहसील पहुंचे और प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे तक तहसील का घेराव जारी रखा। समिति अध्यक्ष हरि सिंह भण्डारी ने कहा कि 16 साल बीतने के बाद भी विस्थापित परिवारों को भूमिधरी का अधिकार नहीं मिल पाया है।

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टिहरी बांध के लिए 12 ग्राम सभाओं के तीन हजार परिवारों को वर्ष 2000 में पशुलोक में बसाया गया था। बताया कि लंबे समय तक मांग पूरी न होने के बाद वे बीती 25 जुलाई से सामुदायिक भवन में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार अब भी उनकी सुध नहीं ले रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में बसाए परिवारों को जल्द भूमिधरी का अधिकार नहीं दिया तो आंदोलन उग्र कर दिया जाएगा। मौके पर मौजूद एसडीएम कुश्म चौहान के माध्यम से प्रदर्शनकारियों ने सीएम हरीश रावत को ज्ञापन भी भेजा। इस मौके पर बेताल खरोला, सब्बल सिंह राणा, करण सिंह रावत, उमाकांता बिज्लवाण, यशपाल सिंह, प्रताप सिंह राणा, सुरेन्द्र सिंह राणा, लक्ष्मण सिंह चौहान, विजयपाल, जगदंबा सेमवाल, कुशला राणा, मतादेवी पंवार, देवेश्वरी देवी, नीलम नौटियाल, लक्ष्मी खण्डूडी, सीता नौटियाल, लज्जा देवी, इंदु बहुगुणा, विमला देवी पंवार, पार्वती बुटोला, पार्वती नेगी, मंसूरी राणा, रोशनी बडियार, शकुंतला राणा, सरोजनी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

अतिक्रमण हटाने गई टीम बैरंग लौटी

नगर पालिका ऋषिकेश की टीम को नहीं मिली पुलिस फोर्स
जिलाधिकारी के निर्देश पर संयुक्त टीम को करनी थी कार्रवाई
ऋषिकेश।
डीएम के आदेश पर नगर पालिका ऋषिकेश टीम शनिवार को अतिक्रमण हटाने गई, लेकिन पुलिस फोर्स नहीं मिलने पर टीम को बैरंग लौटना पड़ा। पालिका के अधिकारी पुलिस की मौजूदगी में ही कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने बड़े बाजार से अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं। क्षेत्र होने के चलते नगर पालिका ऋषिकेश को अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी मिली। पुलिस फोर्स की मौजूदगी में कार्रवाई होनी है। इसके लिए 24 सितंबर का तय हुआ था। पालिका की टीम तो शनिवार को समय पर पहुंच गई, लेकिन पुलिस फोर्स नहीं पहुंची। इस तरह का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले अवैध होर्डिंगों के खिलाफ चले अभियान में भी पुलिस का सहयोग पालिका को नहीं मिला था। ऐसे में दो सरकारी विभागों में तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है। इस कारण अतिक्रमणकारियों और अवैध होर्डिंग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है।
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नगर पालिका की टीम तय समय पर अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। पुलिस फोर्स का इंतजार किया गया। अतिक्रमण पर विवाद की स्थिति है, लिहाजा पुलिस की अनुपस्थित में कार्रवाई संभव नहीं है। उप जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है।
वीपीएस चौहान, अधिशासी अधिकारी पालिका ऋषिकेश

राष्ट्रपति दौरे को लेकर सड़क मरम्मत का कार्य जोरों पर चल रहा है। ट्रैफिक व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस को कई जगह लगाना पड़ा है। इसके चलते शनिवार को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस फोर्स उपलब्ध नहीं हुई। अतिक्रमण पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
कुश्म चौहान, एसडीएम ऋषिकेश

महिला लोक अदालत में दो मामले निस्तारित

5 मामले की जांच एसएसपी को सौंपी
2 अन्य मामलों में केस दर्ज करने के निर्देश
ऋषिकेश।
गुरुवार को नगर पालिका ऋषिकेश के स्वर्ण जयंती सभागार में उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने महिला लोक अदालत में घरेलू हिंसा के सात मामले की सुनवाई की। दो मामलों को मौके पर ही निस्तारित किया। पांच मामले एसएसपी देहरादून को जांच के लिए सौंपे। इस दौरान दो नए मामले घरेलू हिंसा के सामने आये, जिसमें केस दर्ज नही किया जा रहा था। आयोग अध्यक्ष सरोजनी कैंतुरा ने महिला हेल्प लाइन को घरेलु हिंसा के तहत मामला दर्ज करने के निर्देश दिये। 106
महिला आयोग के द्वारा घरेलू हिंसा के मामले महिला हेल्प लाईन 181 व 190 पर भी दर्ज कराने को लेकर जागरुक किया गया। आयोग अध्यक्ष ने आंगनबाडी कार्यकत्रियों को निर्देशित किया कि सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करे, जिससे कि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी महिला लोक अदालत में दी गयी। मौके पर राज्य महिला आयोग की सदस्य कृष्णा खत्री, विधिक अधिकारी वीआर सिंह, सचिव रविन्द्री मंद्रवाल सहित समाज कल्याण विभाग, बाल विकास, पुलिस विभाग, जल संस्थान सहित आंगनबाड़ी केन्द्रो की कार्यकत्रियां मौजूद रही।

प्रशासन के हस्तक्षेप से पालिका सड़कों पर

नियमित दवा छिड़काव व फागिंग नही करने को लेकर प्रशासन ने पालिका को लगाई थी फटकार
अब स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर पालिका प्रशासन ने शुरु किया अभियान
ऋषिकेश।
प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद पालिका ऋषिकेश नगर की सड़कों पर दिखने लगी है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर पालिका ने दवा छिड़काव करना भी शुरु कर दिया है। सफाई निरीक्षक की मानें तो पालिका घरों में दवा छिड़काव का आवेदन करने पर भी विचार कर रही है।
बुधवार को नगर पालिका ऋषिकेश के सफाई निरीक्षक सचिन रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर बंगाली बस्ती, सर्वहारानगर, मायाकुंड, बनखंडी व शांतिनगर के क्षेत्रों में दवा छिड़काव व फागिंग की गई। कई स्थानों में ब्लीचिंग पाउडर भी डाला गया। गौरतलब है कि नगर में मच्छर जनित रोगों की रोकथाम को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पालिका की शिकायत दर्ज कराई थी।
एसडीएम ने पालिका प्रशासन को दवा छिड़काव को लेकर व्यवस्थाएं दुरस्त करने को कहा था। जिससे पालिका प्रशासन ने आनन-फानन में बैठकर कर अभियान में स्वास्थ्य विभाग को भी शामिल किया। बुधवार को दो टीमें बनाकर दवा छिड़काव व फागिंग कराई गयी। नगर संक्रामक रोग नियंत्रक एसएस यादव ने बताया कि डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या क्षेत्रवार देखते हुए दवा छिड़काव को कहा जा रहा है।
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पालिका को सहयोग देगी रियल एस्टेट
ऋषिकेश रियल एस्टेट एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश कोठारी ने बताया कि पालिका प्रशासन को एक समय की दवा छिड़काव का सहयोग दिया जायेगा। उनका कहना है कि नगर में मच्छर जनित रोग का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। इस संदर्भ में उन्होंने पालिका से सहमति बनने की बात भी कही।करीब सवा लाख रूपये की दवा खरीदी गई है।

15 ओर कर्मचारी होंगे भर्ती
यात्रा सीजन के सफाई कर्मचारियों को समय से पहले हटाने के कारण नगर में सफाई व्यवस्था पर असर पड़ा है। अभी पिछले दिनों इसकी भरपाई के लिए पालिका प्रशासन ने 20 कर्मचारियों की भर्ती की है। बताया जा रहा कि कर्मचारियों की कमी के चलते व पूर्व की भर्तियों में सफाई नायकों की नाराजगी के चलते 15 अन्य सफाई कर्मचारी भर्ती किये जायेंगे। जो सिर्फ दवा छिड़काव व फागिंग को लेकर कार्य करेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था करने की डीएम से मांग

ऋषिकेश।
ऋषिकेश ग्राम पंचायत क्षेत्र में सफाई व्यवस्था न होने से खफा भाजपाईयों ने डीएम देहरादून से व्यवस्था बनाने की मांग की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि ग्राम पंचायत ऋषिकेश क्षेत्र में आजतक शासन प्रशासन ने सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। अव्यवस्थाओं से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन आज तक यह तय नहीं कर पाया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को कौन करवाएगा। जबकि ग्रामीण पिछले कई सालों से प्रशासन से व्यवस्था बनाए रखने की मांग करते आ रहे हैं।104 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को दो साल पूरे होने जा रहे हैं। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन की उदासीनता के कारण सफाई अभियान धरातल पर नहीं उतर पा रहा है। क्षेत्र में घातक बीमारियों का प्रकोप बना हुआ है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई, फागिंग व कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं हो पा रहा है। मांग की है कि प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवस्था बनाए रखने की पहल करे। इस संबंध में कार्यकर्ताओं ने एसडीएम कुश्म चौहान के माध्यम से डीएम को ज्ञापन दिया। ज्ञापन देने वालों में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष गोविंद अग्रवाल, ज्योति सजवाण, इंद्रकुमार गोदवानी, जय दत्त शर्मा, राकेश पारछा, कुसुम अग्रवाल, कपिल गुप्ता, अमृता नारायण, सुदेश अग्रवाल, छोटी देवी, पारो नारायण, अजय कुमार, थम्मन सैनी, सुभाष बाल्मीकि आदि शामिल रहे।