नारायणबगड़ क्षेत्र के राजकीय आदर्श इंटर कालेज पैंतोली में शिक्षकों की कमी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। अभिभावकों ने मंगलवार सुबह स्कूल खुलने से पहुंचकर गेट पर ताला लगा दिया। बाहर बैठकर नारेबाजी करते हुए धरना दिया। विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2015 में राजकीय इंटर पैतोली को आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया, लेकिन अध्यापकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में 215 छात्र-छात्राएं अध्धयनरत हैं। वहीं पांच प्रवक्ता, जिनमें हिन्दी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और राजनीति शास्त्र के पद खाली हैं। एलटी स्तर पर हिन्दी, विज्ञान और कला के टीचर नहीं हैं।
ग्राम प्रधान सीरी महेन्द्र सती ने बताया कि वर्तमान में इंटर कॉलेज राजकीय जूनियर हाईस्कूल के भवन में संचालित हो रहा है, जो काफी पुराना है। विद्यालय में चारदिवारी न होने के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है। इस दौरान भगवती सती, मुन्नी देवी दीपक प्रसाद, मोहित गुंसाई, तुला लाल, विपिन दानू, अयोध्या प्रसाद, चंद्रमणी सती, राजकुंवर आदि अभिभावक मौजूद रहे। इस अवसर पर पीटीए की ओर से शिक्षा निदेशक को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र ही अध्यावकों की नियुक्ति की मांग की गई है।
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चीनी बॉर्डर पर सरकार का निर्देश, जल्द सड़क बनाने के दिए आदेश
चीन और भारत में डोकलाम विवाद के बीच सरकार ने बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) की फाइनेंशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव पावर बढ़ा दी हैं। सरकार ने इसलिए ये कदम उठाया ताकि 3,409 किलोमीटर लंबे इंडिया-चीन बॉर्डर के पास सड़कें बनाने का काम तेजी से किया जा सके। दरअसल, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इंडिया-चीन बॉर्डर से लगे 61 प्रोजेक्ट लंबे समय से अटके हुए हैं। इंडिया-चाइना बॉर्डर रोड के तहत बनने वाले ये प्रोजेक्ट स्ट्रैटेजिकली इम्पॉर्टेंट हैं व ऐसे इलाकों को सड़कों से जोड़ने का काम कर रहा है, जहां पहुंचना मुश्किल है। असलियत में, सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है। भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं। करीब 2 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं। डिफेंस मिनिस्ट्री नेे कहा, बीआरओ में बदलाव लाने का मकसद काम को सही रफ्तार से पूरा करना है, ताकि आर्मी जरूरत के मुताबिक नतीजे हासिल किए जा सकें। बता दें कि इससे पहले बीआरओ के डायरेक्टर जनरल के पास स्वदेशी मशीनरी और इक्विपमेंट के लिए 7.5 करोड़ और विदेश मशीनरी के लिए 3 करोड़ रुपए के अप्रूवल अथॉरिटी थी।
डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा, बीआरओ को बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के साथ बातचीत की भी आजादी दे दी गई है, ताकि काम को जल्द पूरा करने में मदद मिल सके। चीफ इंजीनियर और टास्क फोर्स कमांडर लेवल तक फाइनेंशियल पावर दे दी गई हैं ताकि चीफ इंजीनियर और बीआरओ डायरेक्टर जनरल और डिफेंस मिनिस्ट्री के बीच बातचीत के नजरिए से भी काम में किसी तरह की रुकावट ना आए।
चीन की बढ़ती गतिविधियों से सीमांत जनपद के चरवाहों ने पहाड़ छोड़ा
उत्तराखण्ड के सीमा बडाहोती पर लगातार चीनी और भारतीय सैनिको की बढती चहल कदमी ने इस इलाके में सालो से अपनी बकरियों को चराने वाले चरवाहो को वापस नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया है। ताजा खबर है कि चीन की सेना की ओर से चेतावनी दी है जिसमें कहा गया है कि यह चीन की सीमा है और वापस चले जाओ।
इस धमकी के बाद बकरिया चराने वाले चरवाहो ने सीमाओ से नीचे उतरने में ही अपनी भलाई समझी जबकि चरवाहें हर साल ठण्ड शुरू होने पर ही पहाडी सीमाओ से नीचे आते हे। लेकिन सीमाओ पर सैनिको की बढती चहल कदमी से बकरी चराने वाले लोगो ने ठण्ड का मौसम शुरू होने से पहले ही अपनी बकरियो के साथ नीचे की तरफ आने लग गये है। बकरी चराने वाले लोगो का कहना है कि अभी तक इनको यह रहने में कोई परेशानिया नही थी लेकिन सीमा पर चीनी सैनिको के संख्या बढ गई है और बार बार चेतावनी दी जा रही है कि कोइ्र भी जानवर नाले से पार आये तो ठीक नही होगा। जिससे सहमे चरवाहें बकरी लेकर पहाडी से नीचे की तरफ उतरने लगे है।
पौराणिक मेले संस्कृति के साथ आर्थिकी का भी संसाधन: हरीश रावत
चमोली।
पिण्डर क्षेत्र की पारम्परिक झलक प्रस्तुत करने वाले तीन दिवसीय पिण्डर घाटी सांस्कृतिक एवं पर्यटन मेले का आज समापन हो गया। मेले के समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि ऐसे मेलों के माध्यम से हम अपनी पौराणिक विरासत को संरक्षित कर राज्य की आर्थिकी को और अधिक रफ्तार दे सकते है।
मुख्यमंत्री ने 11 वर्षो से आयोजित हो रहे पिण्डर घाटी सांस्कृतिक व पर्यटन मेला समिति को बधाई देते हुए मेला समिति को मेले को भव्य स्वरूप देने के लिए 2 लाख रूपये की धनराशि आर्थिक सहायता के रूप में देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि ऐसे मेलो के आयोजन से क्षेत्र की होनहार प्रतिभाओं तथा आर्थिक विकास को उचित मंत्र मिलता है। कहा कि राज्य में अनेक धार्मिक एवं पर्यटन स्थल है तथा राज्य सरकार पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाऐं मुहैया करा रही है। इस वर्ष 15 लाख से अधिक पर्यटक/श्रृद्धालु श्री बद्रीनाथ धाम के दर्शन के लिए आये है। वर्ष 2017 में हमारा लक्ष्य 30 से 40 लाख पर्यटकों को लाने का है। खेती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अपने खेतों में भी कार्य करने पर महिलाओं को मनरेगा श्रमिक का दर्जा देकर पारिश्रमिक दिया जायेगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसमें किसानों को पेंशन दी जा रही है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय व परम्परागत खेती को प्रोत्साहन देने के लिए फसलों पर बोनस दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देेने के साथ ही फल पौधशालाओं की स्थापना की जा रही है। बेमौसमी सब्जी को बढ़ावा देते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित स्थानीय एवं परम्परागत फसलो का समर्थन मूल्य भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2020 तक प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सक्षम व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध कराना तथा 2022 तक हर व्यक्ति को काम मुहैया कराना है। विभिन्न विभागों में 30 हजार पदों को भरा जा रहा है जिसमें से 16 हजार पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। जनपद को खुले में शौच से मुक्त होने पर उन्होंने जिला प्रशासन एवं जनपद वासियों को बधाई देते हुए बताया कि अगामी 26 जनवरी तक उत्तराखण्ड राज्य पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त राज्य बन जायेगा।
जनपद के सोनला कण्डारा मोटर मार्ग पर मैक्स वाहन दुर्घटना में मृतक परिवारों के प्रति दुःख एवं संवेदना व्यक्त करते हुए मृतक के परिजनों को 50-50 हजार की धनराशि तत्कालिक सहायता के तौर पर देने के निर्देश जिलाधिकारी को दिये। इस अवसर पर ब्लाक प्रमुख राकेश जोशी, जिप सदस्य भावना रावत, मेला समिति के अध्यक्ष सुरपाल सिंह, उपाध्यक्ष नन्दू बहुगुणा, कोषाध्यक्ष कुंवर सिंह रावत, सचिव खीमानन्द खण्डूडी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रीतम सिंह रावत, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, पुलिस अधीक्षक प्रीती प्रियदर्शनी, सीडीओ विनोद गिरी गोस्वामी, एसडीएम सीएस डोभाल सहित भारी संख्या में मेलार्थी मौजूद थे।
गर्भवती महिलाओं के लिए ‘‘प्रोजेक्ट बेदनी‘‘ लाॅन्च
चमोली।
मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में रिखोली-नैल-जागडी-सैरा 7 किमी मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य लागत 243.00 लाख, खेती-रंडोली-बेनीताल 2 कि0मी0 मोटर मार्ग लागत 33.60 लाख का शिलान्यास तथा विधान परिसर-भराडीसैंण पहुॅच मार्ग का सुधारीकरण लम्बाई 4.8 कि0मी0 लागत 202.19 लाख व मेहलचैरी-माईथान-नैल देवपुरी 23 कि0मी0 हाॅटमिक्स द्वारा डामरीकरण कार्य लागत 805.68 लाख योजनाओं का लोकापर्ण किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने पहाडी क्षेत्र में उच्च जोखिम, गर्भावस्था की पहचान एवं प्रबन्धन हेतु व पूरे देश में अपने आप में अनोखा प्रोजेक्ट ‘‘प्रोजेक्ट बेदनी‘‘ को भी लाॅन्च किया। जिससे पहाडी क्षेत्रों में शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जनपद के अधिकांश गांवों में स्वास्थ्य सुविधाएं समय से नही मिलती है इस योजना के लाॅन्च से गर्भवती महिलाओं को समय से स्वास्थ्य सुविधा मिल सकेगी। प्रोजेक्ट बेदनी के लाॅन्च पर उन्होंने जिले के प्रशासन की जमकर सराहना करते हुए एएनएम व आशा कार्यकत्रियों को प्रोजेक्ट बेदनी किटों का भी वितरण किया।
जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विगत 5 वर्षो में किये गये कार्य आज धरातल पर है। 2013 की भीषण आपदा से उभर कर आज उत्तराखण्ड विकास के पथ पर अग्रसर है तथा भारत के नीति आयोग के अनुसार देश के सबसे तेज तरक्की करने वाले 6 राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य से गरीबी को हटाना व पलायन रोकना है। कहा कि विभिन्न विभागों में रिक्त 30 हजार पदों को भरने का कार्य चल रहा है जिसमें से 16 हजार पदों पर नियुक्ति की जा चुकी है। राज्य में 1 हजार सड़कों का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए हमें शिक्षा, खेती के साथ-साथ हस्तशिल्प/दस्तकारी को भी विकसित करना होगा। कृषि पर जोर देते हुए कहा कि उन्नत खेती के लिए सरकार ने ठोस योजनाऐं तैयार की है। मडुवा, झंगोरा, गहथ, काला भट्ट आदि फसलों के लिए उचित दामों पर मार्केट उपलब्ध कराया जा रहा है।
महिला सशक्तिकरण के तहत महिलाओं के लिए अनेक योजनाऐं संचालित की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो महिला आज अपने खेतों में भी कार्य करेगी सरकार उसे मनरेगा श्रमिक का दर्जा देकर लाभान्वित करेगी। उन्होंने जिलाधिकारी को जिले में अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह गठित करने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों के खातों में अगले महीने तक 5 हजार की धनराशि सहायता के तौर पर दी जा रही है। स्वयं सहायता समूहों के कार्य शुरू करने पर 20 हजार की धनराशि तथा सामूहिक रूप से खेती करने पर 1 लाख रूपये का अनुदान देने की व्यवस्था की गयी है। कहा कि आज बिटिया के पैदा होने से लेकर पढाई, शादी, बीमारी व बृद्वावस्था तक विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत लाभान्वित किया जा रहा है।
आगनबाडी एवं आशा कार्यकत्रियों के लिए राज्य स्तर पर 55 करोड़ का फण्ड की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा प्रकार की पेंशन उत्तराखण्ड राज्य दे रहा है और इस अभियान को आगे भी जारी रखा जायेगा। राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न पेंशन योजनाओं की धनराशि को बढाकर 1 हजार रुपये प्रतिमाह किया गया है। उन्होंने क्षेत्र की जनता को शुभकामनाऐं देते हुए विकास कार्यो में राज्य सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का आवाहन किया। मुख्यमंत्री ने गैरसैंण में अव्यवस्थित ढंग से हो रहे आवासीय भवन निर्माण कार्यो पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी को क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ बैठक कर व्यवस्थित ढंग से गैरसैंण में निर्माण कार्य करवाने के निर्देश दिये ताकि भविष्य में रास्ते, सीवर लाइन, सड़के आदि निर्माण कार्यो में परेशानियों का सामना ना करना पडे। है। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में सभी अवस्थापना सुविधाऐं विकसित की जा रही है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह नेगी, पृथ्वीपाल चैहान, मेला अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख गैरसैंण सुमति बिष्ट, क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन, मेला संरक्षक व उपजिलाधिकारी स्मृति परमार सहित अन्य अधिकारी एवं बडी संख्या में क्षेत्रीय जनता मौजूद थी।
पहाड़ से बचने के चक्कर में अफसरों ने डूबो दिया एकमात्र जड़ी-बूटी शोध संस्थान
देहरादून।
एक तरफ राज्य सरकार जहां प्रदेश में जड़ी-बूटियों की खोज के लिये संजीवनी प्राधिकरण बनाने की बात कह रही है, वहीं राज्य का एकमात्र जड़ी-बूटी शोध संस्थान शासन की लापरवाही और देहरादून में रहने के मोह के चलते धीरे-धीरे सिमटता जा रहा है। आज स्थिति कुछ ऐसी है कि बिना स्थाई डायरेक्टर के चलने वाले इस संस्थान में महज संविदा के कुछ कर्मचारियों के साथ-साथ चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी इस संस्थान को चला रहे हैं। वहीं आज तक इस संस्थान में स्थाई वैज्ञानिक को तैनात तक नहीं किया गया है जो संस्थान की दशा बताने के लिये काफी है।
यह जड़ी-बूटी शोध संस्थान चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 12 किमी दूर मंडल में स्थित है। यह राज्य का एकमात्र जड़ी-बूटी शोध संस्थान जो यहां पहाड में होने वाली जड़ी-बूटियों के दोहन के साथ ही रोजगार परक बनाने के लिये खोला गया था वह उपेक्षित है। अधिकारी देहरादून में रहने का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जब इस क्षेत्र में संस्थान खोला गया तो सरकार ने ग्रामीणों की सैकडों नाली जमीन इस शर्त के साथ ली गई थी कि यहां स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर रोजगार दिया जायेगा. आज हालत यह है कि न ग्रामीणों के पास जमीन रही और न ही रोजगार मिल पाया। कईं बार इसको लेकर आंदोलन भी किये गये लेकिन हर बार सरकार की तरफ से आश्वासन मिला मगर संस्थान की स्थिति आज तक नहीं सुधर पाई है।
आधुनिक भारत निर्माण में राजीव की भूमिका: किशोर उपाध्याय
रुद्रप्रयाग।
युवा देश का भविष्य हैं और युवाओं की बदौलत ही कांग्रेस फिर से सत्ता पर काबिज होगी। राज्य में साठ फीसदी युवा हैं, जो सत्ता की तस्वीर बदलते हैं। युवाओं की सोच कांग्रेस से जुड़ी है, जिसका लाभ आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिलेगा। यह बात गुप्तकाशी में यूथ कांग्रेस की ओर से आयोजित ”हम में है राजीव“ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कही।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी का आधुनिक भारत निर्माण में अहम योगदान रहा है। उन्होंने हमेशा देश और समाज के बारे सोचा। उनके मन में यही टीस रहती थी कि वे दश का विकास करें। वे आईटी सेक्टर, स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रंाति लाए और शिक्षा के लिए मिशन तैयार किया। आज युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे स्वर्गीय राजीव गांधी की सोच को जनता तक पहुंचाएं। कहा कि विधानसभा चुनाव में युवाओं की भूमिका अहम रहेगी। उपाध्याय ने कहा कि कार्यकर्ता प्रदेश सरकार की उपलब्धियांे तथा जनउपयोगी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचायें, ताकि सूबे का कोई भी व्यक्ति इन योजनाओं से वंचित ना रहे।
कहा कि केन्द्र सरकार के सत्ता में आने के बाद से प्रदेश की उपेक्षा हो रही है। जिस कारण केदारघाटी में आपदा के बाद छूटे हुए पुनर्निर्माण कार्य परवान नहीं चढ़ पा रहे हैं। यदि केन्द्र सरकार आपदा प्रभावित केदारघाटी को पूर्व में स्वीकृत साढ़े सात हजार करोड़ का शेष भुगतान करती तो केदारघाटी में छूटे हुए कार्यों को तेजी से किया जाता। उन्होंने सेमी-भैंसारी के प्रभावितों की मदद के लिए सरकार से बात किये जाने का आश्वासन दिया। यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का धरातलीय क्रियान्वन होना चाहिए, ताकि इसका सभी लोगों को लाभ प्राप्त हो। इसके लिये हर कार्यकर्ता युद्धस्तर पर जुट जाये। कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 21वीें सदी के भारत निर्माण की बात कही थी। 25 साल पहले सबसे पहले युवा प्रधानमंत्री राजीव गांधी थे, जिन्होंने देश के युवाओं के लिए अच्छे भविष्य निर्माण की नींव रखी। उनकी ही बदौलत आज युवा पंचायतों से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग में रोजगार पा रहे हैं।
पूर्व कैबिनेट मंत्री शूरबीर सिंह सजवाण ने कहा कि प्रदेश के सीएम हरीश रावत के दिशा-निर्देशन में प्रदेश चहुंमुखी विकास कर रहा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रदीप थपलियाल ने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद जिस तरह के हालात थे, उससे कल्पना भी नहीं की जा सकती थी कि आगामी बीस वर्षों तक केदारनाथ तथा केदारघाटी की तस्वीर नहीं सुधर जायेगी। मगर आज प्रदेश सरकार की दूरगामी सोच के कारण केदारनाथ यात्रा निर्वाध रूप से चल रही है। अध्यापक विहीन विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति की गयी है।
जनसभा से पहले सुमंत तिवाड़ी के समर्थन में सैकड़ो युवाओं ने बाइक रैली निकालकर प्रदेश सरकार के पक्ष में नारेबाजी भी की। इस अवसर पर पूर्व दर्जाधारी राजेन्द्र भंडारी, नगर पंचायत अध्यक्ष रीता पुष्पवाण, पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष महिला श्रीमती कुब्जा धर्म्वाण, पृथ्वीपाल सिंह, केशव तिवाड़ी, गणश तिवाड़ी, शशि सेमवाल, श्रीनिवास पोस्ती, बीरेन्द्र सिंह असवाल, प्रेम सिंह नेगी, कुलदीप कंडारी, डॉ योगम्बर सिंह नेगी, संगीता नेगी, विमल चन्द्र शुक्ला, प्रदीप सिंह राणा, हरि प्रसाद, मोहन बिष्ट, विनोद राणा, पंडित संजय भटृ, सुमन नेगी, सुकुमाल सजवाण, लखपत सिंह राणा, संदीप भटृ, रणजीत रावत समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।
उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ! चमोली की सीमा में घुसे चीनी सैनिक
सीएम हरीश रावत ने केन्द्र सरकार से की वार्ता
देहरादून।
उत्तराखंड में चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने चमोली सीमा पर घुसपैठ की है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां मौजूद महत्वपूर्ण नहर तक चीनी सेना नहीं पहुंच पाई है।
बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सीएम हरीश रावत ने चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। चमोली सीमा पर हो रहे चीनी घुसपैठ का पता तब चला जब सीमा क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम को चीनी सैनिकों ने जांच करने से रोकते हुए वापस खदेड़ दिया। हर बार की तरह इस बार भी जोशीमठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम 19 जुलाई को चीन सीमा के निरीक्षण को गई थी। टीम सुमना क्षेत्र तक वाहन से पहुंची। यहां होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से टीम को वाहन यहीं छोड़ने पड़े। इसके बाद दूसरे छोर पर खड़े वाहनों से टीम सेना चौकी रिमखिम पहुंची। करीब आठ किमी दूर सीमा क्षेत्र में पहुंचने पर यहां पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख टीम के होश उड़ गए।
भारतीय दल को देखते ही चीनी सैनिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और टीम सदस्यों को तुरंत लौट जाने का इशारा किया। चीनी सैनिकों के तेवर देख टीम ने निरीक्षण छोड़ तुरंत वापस लौटने में ही भलाई समझी। टीम के सदस्यों ने इसकी जानकारी सीमा क्षेत्र में मुस्तैद आईटीबीपी के अधिकारियों को भी दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाड़ाहोती क्षेत्र में पहुंचते ही टीम को दूर से ही चीनी सैनिक दिखाई दे गए थे। टीम आगे पहुंची तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस चले जाने का इशारा किया। गौरतलब है कि चीन सीमा क्षेत्र में प्रशासन का निरीक्षण नियमित प्रक्रिया है। इसकी गोपनीय रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाती है। चमोली जनपद से सटी भारत-चीन सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र नो मेंस लैंड एरिया है।
हर वर्ष चमोली जिला प्रशासन की टीम सीमा क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को देखने और भारत की मौजूदगी दर्ज करने के लिए यहां सामान्य निरीक्षण के लिए जाती है। पूर्व में टीम वर्ष में दो बार जाती थी, लेकिन वर्ष 2015 से टीम वर्ष में तीन बार सीमा क्षेत्र के निरीक्षण को जाती है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर सीएम हरीश रावत ने कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। उन्होंने कहा है कि घुसपैठ की जानकारी भारतीय एजेंसियों को है। आईटीबीपी इस पूरे क्षेत्र की निगरानी कर कर रही है। आईटीबीपी और सेना को इसकी जानकारी है। सीएम ने कहा है कि इस क्षेत्र में लगातार चीन की सक्रियता बनी हुई है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां एक नाला है, वह चीनी सैनिकों ने अभी नहीं छुआ है।