ऋषिकेश को विशेष वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे, उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।

प्रधानमंत्री के हाथों हुई थी हाउस आफ हिमालयाज की लांचिंग, हुई 34.52 लाख की बिक्री

पहाड़ के जंगलों में पैदा होने वाले शुद्ध शहद से लेकर सीढ़ीदार खेतों में उगाया जाने वाला आर्गेनिक मंडुआ, झंगोरा, गहथ, राजमा और हैंडमेड ऊनी वस्त्र से लेकर हैंडिक्राफ्ट तक। विशुद्ध उत्तराखंडी उत्पादों का ब्रांड ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’, लांचिंग के एक साल से कम समय में 34 लाख रुपए से अधिक की बिक्री करने में कामयाब रहा है।

ग्राम्य विकास विभाग के अधीन, हाउस ऑफ हिमालयाज, उत्तराखंड के महिला स्वयं सहायता समूहों, किसानों, किसान उत्पादक संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों का कॉमन ब्रांड है। इसका उद्घाटन खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों, दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर समिट के दौरान हुआ था। प्रधानमंत्री के हाथों उद्घाटन के बाद हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों की एकाएक मांग बढ़ी है। बीते 11 महीनों में ही हाउस ऑफ हिमालयाज कुल 34,52,330 रुपए की बिक्री दर्ज करने में कामयाब रहा है। अब हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के उत्पाद ऑफलाइन के साथ ही ई कामर्स साइट अमेजन और ब्रांड की खुद की अपनी वेबासइट https%@@houseofhimalayas-com@ पर भी मिल रहे हैं।

एक करोड़ सालाना बिक्री का लक्ष्य
सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा के मुताबिक उत्तराखंड की साठ प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है, ऐसे में हाउस ऑफ हिमालयाज ग्रामीण आर्थिकी के मामले में गेम चेंजर साबित होने जा रही है। योजना के तहत अगले तीन साल में कुल ब्रिकी करोड़ के पार पहुंचाते हुए, पांच लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख के पार ले जाते हुए उन्हें लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत किसानों और ग्रामीण महिलाओं की आय में 50 से 75 प्रतिशत की वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है।

आठ श्रेणी में 35 उत्पाद
वर्तमान में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत आठ श्रेणी में कुल 35 उत्पादों को शामिल किया गया है। इसमें मिलेट्स बिस्किट, मुन्स्यारी, चकराता, हर्षिल की राजमा, चौलाई, तोर दाल, पहाड़ का परंपरागत लाल चावल, झंगोरा, गहथ, काले भट्ट, चाय, तेल, पर्सनल केयर, हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल हैं। सरकार स्थानीय मेलों, त्यौहार के मौकों पर हाउस ऑफ हिमालयाज के उत्पादों को खरीदने पर जोर दे रही है। साथ ही सरकारी कार्यक्रमों और कार्यालयों के जरिए भी हाउस ऑफ हिमालयाज की बिक्री बढ़ाने की रणनीति तैयार की गई है। दिवाली जैसे त्यौहार के लिए हाउस ऑफ हिमालयाज की ओर से खास गिफ्ट पैक उपलब्ध कराए गए थे, जिन्हें खूब पसंद किया गया।
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राज्य के समग्र विकास के लिए, गांवों की आर्थिकी मजबूत की जानी जरूरी है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस ब्रांड के तहत उत्तराखंड के परंपरागत उत्पाद अब देश विदेश में पहुंच रहे हैं, सरकारी खरीद के जरिए भी ब्रांड की मांग बढ़ाई जा रही है।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया ख़ारिज

उच्चत्तम न्यायालय ने दिनांक 26.11.2024 को भारतीय निर्वाचन प्रक्रिया में डा. केए पौल की बैलेट पेपर सिस्टम को फिर से लागू करने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के ईवीएम से छेड़छाड़ के दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन नेताओं की असंगतता को उजागर किया गया जो ईवीएम की विश्वसनीयता पर तभी सवाल उठाते हैं जब वे चुनाव हार जाते हैं। ’याचिका को खारिज करते हुए पीठ ने टिप्पणी की है कि, “अगर आप चुनाव जीतते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं होती है, और जब आप चुनाव हारते हैं तो ईवीएम से छेड़छाड़ होती है।’ न्यायालय ने अपने निर्णय में यह भी टिप्पणी की है कि, जब चंद्रबाबू नायडू हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है। अब, इस बार जगन मोहन रेड्डी हारे तो उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ हो सकती है।”

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और पी.बी. वराले की पीठ ने याचिकाकर्ता डॉ. कौल की दलीलों में कोई दम नहीं पाया। न्यायमूर्ति नाथ ने टिप्पणी की, “राजनीतिक दलों को इस प्रणाली से कोई समस्या नहीं है। याचिकाकर्ता को समस्या है।”

राज्य के लोग कहीं भी जाएं, संस्कृति, लोक परंपरा को रखते हैं जीवितः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित 43वाँ भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले उत्तराखण्ड दिवस समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के विभिन्न उत्पादों पर आधारित स्टालों का भी अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग देश विदेश, कहीं भी चले जाएं, वो अपनी संस्कृति लोक परंपरा खानपान अपनत्व की भावना को हमेशा जीवित रखते हैं। उनके घरों पर ऐपण और गंगा दशहरा हमेशा देखने को मिलता है। उन्होंने कहा यह अंतर्राष्ट्रीय मेला हमें अपनी संस्कृति हस्तशिल्प और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर लाने और प्रस्तुत करने का मौका देती है। मेले में लगे विभिन्न स्टालों में राज्य के बेहतरीन उत्पादों को लाया गया है। उत्तराखंड प्रवासी, राज्य के विकास में अपना योगदान दे सकें इसके लिए उत्तराखंड प्रवासी परिषद के गठन का भी निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने सभी प्रवासियों से उत्तराखंड के विकास में सहभागी बनने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है, जिसपर हमारा देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से देश नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। बीते 10 वर्षों में देश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ा है। मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी अनेकों योजनाओं ने भारत को स्टार्टअप के हब के रूप में स्थापित किया है, जिससे देश में रोजगार स्वरोजगार पैदा हो रहे हैं। आज भारत दुनिया की 5वी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्थापना के 24 वर्ष पूर्ण कर चुका है। अब राज्य रजत जयंती में प्रवेश कर चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ की भूमि से 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था। राज्य सरकार प्रधानमंत्री जी के उन शब्दों को धरातल में उतार रही है। हमारा राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से पहाड़ों में रेल पहुंचने का सपना पूरा हो रहा है। उड़ान योजना के तहत राज्य के अनेक स्थलों पर हेली सेवा प्रारंभ की जा रही है। हमारा राज्य सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे हर क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य कर रहा है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के साथ 20 मॉडल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। उधम सिंह नगर में एम्स का सैटेलाइट सेंटर भी बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने के साथ स्थानीय उद्योगों को भी सशक्त बनाया जा रहा है। कृषि, बागवानी, हस्त शिल्प जैसे अनेकों क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने में राज्य की महिलाएं बढ़ चढ़कर भाग ले रही हैं। प्रदेश की महिलाएं अपने साथ अन्य लोगो को भी रोज़गार दे रही हैं। प्रदेश की तरक्की में महिला महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। प्रदेश में 1 लाख से अधिक महिलाएं लखपति दीदी बन गई हैं। राज्य में कई नीतियों के माध्यम से रोजगार के द्वार खोले जा रहे हैं।

केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि जिस उद्देश्य से राज्य निर्माण हुआ है, उस उद्देश्य को पूरा करने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी निरंतर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड राज्य प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की विकसित भारत की कल्पना में अपना योगदान दे रहा है। उत्तराखंड के प्रोडक्ट आज देश विदेश तक जा रहें हैं। हमारा राज्य नया डेस्टीनेशन के रूप में निरंतर आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री जी ने योग दिवस के अवसर पर आदि कैलाश में योग करके पूरी दुनिया के अंदर आदि कैलाश को पहुंचाया है।

पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह भव्य मेला आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के विजन अनुसार यहां लोकल उत्पादों को बढावा दिया गया है। आज देश विदेश में उत्तराखंड के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है।

सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे ने बताया कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के बीते 7 दिनों में 1 करोड़ 16 लाख के उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की बिक्री हुई है। इसके साथ 2 करोड़ के ऑर्डर भी हस्त शिल्पकारों को मिले हैं। देश में राज्य के उत्पादों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य को पर्यटन, कृषि, उद्योग, ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के साथ-साथ सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण भी किया जा रहा है।

इस अवसर पर महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन, स्थानीय आयुक्त अजय मिश्रा, निदेशक संस्कृति विभाग बिना भट्ट, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

फिल्म दि साबरमती रिपोर्ट देख बोले सीएम, राज्य में होगी टैक्स फ्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाथीबड़कला स्थित मॉल में भारतीय हिन्दी फिल्म ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ का अवलोकन किया। यह फिल्म 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की घटना पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म को उत्तराखण्ड में टैक्स फ्री किया जायेगा। इस अवसर पर फिल्म के अभिनेता विक्रान्त मैसी भी मौजूद थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री आवास में ‘दि साबरमती रिपोर्ट’ फिल्म के अभिनेता श्री विक्रांत मैसी ने मुख्यमंत्री से शिष्टाचार भेंट की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, राज्यसभा सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट, लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, सहदेव सिंह पुण्डीर, सविता कपूर एवं अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उत्तराखंड नई फिल्म नीति-2024 की भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में खूब हुई सराहना

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 55वें संस्करण में उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद द्वारा गोवा स्थित फ़िल्म बाजार में प्रतिभाग किया गया है। इसी कड़ी में शुक्रवार को नॉलेज सीरीज में उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई नई फिल्म नीति 2024 पर चर्चा की गई। नॉलेज सीरीज का शीर्षक बिल्डिंग फ़िल्म फ्रेंडली उत्तराखण्ड – इनिशिएटिव्स – इनसेंटिव्स – एंड द रोल ऑफ़ स्टेकहोल्डर्स था। चर्चा करते हुए मंच पर उपस्थित फ़िल्म अभिनेता एवं निर्देशक अनंत महादेवन नारायण ने कहा कि उत्तराखण्ड में सरल शूटिंग प्रक्रिया है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए। अनंत महादेवन ने उत्तराखंड में अपनी फिल्म की शूटिंग अनुमति से लेकर शूटिंग कम्पलीट होने तक तक के अपने अनुभव को साझा किया और स्थानीय लोगो द्वारा की गई हर प्रकार की सहायता के बारे में भी प्रशंसा की गई। उन्होंने बताया कि अभी एक माह पूर्व ही उन्होंने अपनी फ़िल्म “पास्ट टेन्स” की शूटिंग उत्तराखंड में की है, जिसमे परेश रावल, आदित्य रावल, आदिल हुसैन आदि शामिल रहे है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को शूटिंग लोकेशन के लिए डिजिटल एप्प भी तैयार करना चाहिए, इससे राज्य की शूटिंग लोकेशन का अधिक प्रचार प्रसार होगा।

अभिनेता अमित सियाल ने उत्तराखण्ड के खुर्पाताल, नैनीताल जनपद में शूट हुई अपनी फ़िल्म “तिकड़म” के दौरान हुए अनुभवों को बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य और यहां के लोगों का आत्मीय स्वभाव हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा कि जब भी मौक़ा मिलेगा वे दोबारा उत्तराखण्ड में शूट करना चाहेंगे। उन्होंने नई फिल्म नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि फ़िल्म नीति काफी आकर्षक है, अन्य फ़िल्म निर्माता और निर्देशकों को भी उत्तराखंड में शूटिंग के लिए आना चाहिए।

अभिनेत्री श्रुति पवाँर ने देहरादून में अपने पहले शूटिंग अनुभव के बारे में बताया और कहा कि आज राज्य सरकार फ़िल्म नीति के माध्यम से राज्य में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की फ़िल्मों को हर प्रकार से प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने उत्तराखण्ड को “छव समेे जींद ैूपज्रमतसंदक” की संज्ञा देते हुए बताया कि यहाँ शूटिंग लोकशंस के नाम पर एक से बढ़कर एक शूटिंग लोकशंस है और राज्य सरकार भी पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी की सराहना की, कि उनके द्वारा फ़िल्म जगत को लेकर सकारात्मक प्रयास करते हुए नई फिल्म नीति लागू की गई है। उन्होंने “उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024” को भविष्य की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

ऑस्ट्रेलिया से आये फ़िल्म निर्माता अनुपम शर्मा ने कहा कि उनके द्वारा भारतीय मूल के ऑस्ट्रेलिया निवासी प्रसिद्ध कंट्री सिंगर बॉबी कैश पर बायोपिक फ़िल्म का निर्माण किया जा रहा है। इस फ़िल्म की आधी शूटिंग आस्ट्रेलिया और आधी शूटिंग उत्तराखंड में होगी। इससे उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के फ़िल्म जगत के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी प्रशंसा की।

उत्तराखण्ड फ़िल्म विकास परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय द्वारा उत्तराखण्ड फ़िल्म नीति 2024 के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन एवं विजन के अनुरूप नई फिल्म नीति 2024 लागू की गई है। उन्होंने कहा कि नई फिल्म नीति में 3ज् (टैलेंट-टेक्नोलॉजी और ट्रेनिंग) के सिद्धांत पर फोकस किया गया है।

डॉ उपाध्याय ने बताया की उत्तराखंड में पहले से ही लोकेशन और रिसोर्स डायरेक्टरी बनाने का काम चल रहा है । भारत सरकार की संस्था इंडियन सिने हब के अंतर्गत एक राष्ट्रीय वेबसाइट बन रही है जिसमे उत्तराखंड के लोकेशन और रिसोर्स अपडेट किए जा रहे हैं । स्थानीय स्तर पर फ़िल्म उद्योग को विकसित किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर फ़िल्मों से जुड़े रोज़गार सृजन को ध्यान में रख कर कार्य किया जा रहा है। नॉलेज सीरीज का संचालन वरिष्ठ आईआरएस अधिकारी प्रमुख आयकर आयुक्त भोपाल श्रीमती माया माहेश्वरी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर परिषद के संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय द्वारा सभी मंचासीन अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

कार्यक्रम में फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक शालिनी शाह, अभिनेता एवं वरिष्ठ पत्रकार सतीश शर्मा, ओम प्रकाश भट्ट, एन.एफ.डी.सी. के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं फ़िल्म बाजार में प्रतिभाग करने वाले अन्य राज्यो के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

सड़क दुर्घटना सुरक्षा नियमावली बनाने के लिये गठित होगी अनुभवी लोगों की समिति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए निर्देश दिये कि देहरादून से गौचर और चिन्यालीसौड़ के लिए फिक्स्ड विंग एयरक्राफ्ट चलाये जाएं। इसके शीघ्र संचालन के लिए निविदा और अन्य सभी औपचारिकताएं जल्द पूरी की जाए।

मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं की प्रभावी रोकथाम के लिए सड़क दुर्घटना सुरक्षा नियमावली बनाने के लिए विशेषज्ञों/अनुभवी लोगों की समिति गठित करने के भी बैठक में निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं का बढ़ना चिंता का विषय है। इस पर प्रभावी रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये हैं कि शराब की दुकानें/बार आदि निर्धारित समय तक ही खुलें, इसकी सतत निगरानी की जाए। रात्रिकालीन गश्त के दौरान एल्कोमीटर के साथ जांच और ओवर स्पीड के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जन सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, अपर पुलिस महानिर्देशक ए.पी. अशुंमन और उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

अंत्योदय को ध्यान में रखकर काम कर रही हैं केंद्र और राज्य सरकारः धामी

सड़क किनारे रेहड़ी ठेली लगाकर आजीविका कमाने वाले हजारों छोटे कारोबारियों के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत उत्तराखंड ने शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करते हुए, 40 हजार से अधिक छोटे व्यापारियों को कारोबार के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।

प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना, मुख्य रूप से कोविड काल में प्रभावित छोटे कारोबारियों को फिर से स्वरोजगार में मदद के लिए प्रांरभ की गई थी। उत्तराखंड में शहरी विकास विभाग इस योजना के लिए नोडल एजेंसी की भूमिका निभाता है। योजना के तहत छोटे कारोबारियों को बिना किसी गारंटी के सुगम ऋण अवधि में कार्यशील पूंजी के रूप में प्रथम चरण में 10 हजार, दूसरे चरण में 20 हजार और तीसरे चरण में 50 हजार रुपए का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। योजना के तहत पहली बार का ऋण तय समय में लौटाने पर ही लाभार्थी दूसरी बार के लिए ऋण ले सकते हैं, इसी तरह दूसरी बार का ऋण चुकाने पर स्ट्रीट वेंडर्स तीसरे चरण का ऋण लेने के लिए अर्ह होते हैं। योजना के तहत उत्तराखंड ने 27330 लाभार्थियों को प्रथम चरण में 10- 10 हजार, 10349 लाभार्थियों दूसरे चरण में 20-20 हजार और 2364 लाभार्थियों को तीसरे चरण के तहत 50- 50 हजार का ऋण उपलब्ध कराया है। इस तरह भारत सरकार की ओर से दिए गए 40005 लाभार्थियों के लक्ष्य के सापेक्ष उत्तराखंड ने 40043 को योजना से जोड़ते हुए, कुल 59.64 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध कराया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से केंद्र और राज्य सरकार, हमेशा अंत्योदय को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाती है। इसी तरह छोटे कारोबारियों की मदद लिए पीएम स्वनिधि योजना लाई गई है, जिसके बेहतर परिणाम सामने आए हैं। योजना के लिए आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष अधिक लोगों का लाभ पहुंचाने के लिए शहरी विकास विभाग और संबंधित नगर निकायों के अधिकारी कार्मिक बधाई के पात्र हैं।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड ।

लाभार्थी पूनम देवी

पूनम देवी, परिवार सहित बलवीर रोड बस्ती पर रहती हैं, परिवार की आर्थिकी को सहारा देने के लिए, वो रिंग रोड पर रेहड़ी लगाती हैं। पूनम बताती हैं कि उनके पास खुद नगर निगम के कर्मचारियों ने आकर योजना की जानकारी दी, साथ ही फॉर्म भराने से लेकर बैंक में खाता खोलने में मदद की, इसके बाद पूनम देवी योजना तहत प्रथम चरण में दस हजार और दूसरे चरण में 20 हजार रुपए का ऋण प्राप्त कर चुकी हैं।

भू-कानून लागू करने को लेकर सीएम धामी की अध्यक्षता में विधानसभा भराड़ीसैंण में हुई अहम बैठक

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा भवन भराड़ीसैंण में उत्तराखण्ड में सख्त भू-कानून के सम्बन्ध में भू कानून के लिए बनाई गई समिति एवं अन्य पूर्व उच्चाधिकारियों एवं बुद्धिजीवियों के साथ भू कानून के ड्राफ्ट पर चर्चा की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भू कानून को लेकर अत्यंत गंभीर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लागू होने वाले भू-कानून को जन भावनाओं के अनुरूप बनाए जाने की दिशा में काम कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस चर्चा के दौरान बहुत से अच्छे सुझाव आए हैं, जिन्हें भू कानून में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसडीएम और तहसीलदार स्तर पर भी भू कानून को लेकर जनता से सुझाव लिए जाएंगे, जिनमें से अच्छे सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक सशक्त भू कानून का ड्राफ्ट स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं और विकास के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जा रहा है।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूडी, पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पाण्डेय, सुभाष कुमार, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, बीपी पाण्डेय, पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, एस.एन. पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

पीएम मोदी ने की धामी सरकार की जमकर सराहना, कहा उत्तराखंड की नीतियां देश के लिए बन रही उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार के युग में उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने प्रदेश की धामी सरकार की प्रशंसा करते हुए, राज्य के सर्वागीण विकास के लिए प्रदेशवासियों और यहां आने वाले पयर्टकों से नौ आग्रह भी किए हैं।

विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड का संकल्प
पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस रैतिक परेड को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरु हो रहा है, अब हमें उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है, विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा।

यह दशक उत्तराखंड का दशक, बाबा केदार के चरणों में बैठकर किए गए इस विश्वास को उत्तराखंड ने सही साबित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भी सफल आयोजन हुआ है, उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडवासी राज्य के विकास यात्रा में ऐसी ही बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी आशाओं, आकांक्षाओं के अनुरूप अलग राज्य प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक प्रयास करना पड़े, यह प्रयास तब पूरे हुए, जब केंद्र में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनी। बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड को अपने सपनों को साकार करते हुए देख पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने खूब सारा प्यार और अपनत्व दिया है, हम भी इसी भावना के साथ देवभूमि की सेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने बाबा केदार के चरणों में बैठकर विश्वास व्यक्त किया था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक साबित होने जा रहा है, और उत्तराखंड ने उनके विश्वास को सही साबित किया है। आज उत्तराखंड विकास के नए रिकॉर्ड बना रहा है, पिछले साल एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर कैटेगरी हासिल हुई है। बीते डेढ़ दो वर्षों में उत्तराखंड की विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल जीएसटी कलेक्शन में 14 प्रतिशत की उछाल दर्ज हुई है। 2014 में राज्य की प्रतिवर्ष आय सवा लाख रुपए सालाना थी, जो आज बढ़कर 2 लाख 60 हजार हो चुकी है, 2014 में उत्तराखंड राज्य का सकल घरेलू उत्पादन यानि स्टेट जीडीपी एक लाख 50 हजार करोड़ के आस- पास थी। जो अब बढ़कर तीन लाख पचास हजार करोड़ हो गई है। यह आंकडे बता रहे हैं कि उत्तराखंड में कैसे युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे हैं, कैसे औद्योगिक तरक्की हो रही है।

डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में नजर आ रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में 2014 से पहले पांच प्रतिशत से कम घरों में नल से जल आता था, आज यह बढ़कर करीब 96 प्रतिशत हो गया है। 2014 से पहले उत्तराखंड में सिर्फ छह हजार किमी की पीएमजीएसवाई सड़क बनी थी, आज इन सड़कों की लंबाई 20 हजार किमी से अधिक हो गई है। उत्तराखंड ने लाखों शौचालयों का निर्माण करने के साथ ही हर घर बिजली और उज्जवला गैस योजना के तहत लाखों गैस कनेक्शन देकर हर वर्ग का ध्यान रखा है। डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में नजर आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाला अनुदान अब दोगुना हो गया है। डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को एम्स का सेटेलाइट सेंटर, देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर की सौगात दी है, साथ ही यूएसनगर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की भी योजना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड में केंद्र सरकार के दो लाख करोड के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, कनेक्टिविटी योजनाओं को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को 2026 तक पूरा किए जाने की तैयारी है। राज्य के 11 स्टेशन को अमृत के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून – दिल्ली एक्सप्रेस वे बनने से देहरादून से दिल्ली का सफर ढाई घंटे में हो जाएगा।

उत्तराखंड में चल रहा विकास का महायज्ञ
पीएम ने जोर देकर कहा कि इस समय एक तरह से उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है, इससे पलायन पर रोक लग रही है। सरकार विकास के साथ विरासत को भी संजोने में जुटी हुई है। केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण किया जा रहा है, बदरीनाथ मास्टर प्लान के कार्य तेजी के साथ चल रहे हैं। इसी तरह मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 पौराणरिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है। ऑल वेदर रोड से चारधाम यात्रा को सुगम किया जा रहा है, पर्वत माला के तहत धार्मिक और पयर्टन स्थलों को रोपवे से जोड़ा जा रहा है।

सीमाओं पर स्थित गांव हमारे लिए देश के पहले गांव
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीमांत के गांवों को पहला गांव मानते हुए, कार्य कर रही है, इसी क्रम में माणा गांव की यात्रा के दौरान उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की। इसके तहत उत्तराखंड में करीब 50 गावों का विकास किया जा रहा है।

पर्यटन और श्रद्धालु की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में इस साल छह करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए हैं, 2014 से पहले चारधाम यात्रियों की संख्या 24 लाख तक ही पहुंच पा रही थी, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 54 लाख को छू गया है। इससे होटल से लेकर होम स्टे वालों को, टैक्सी से टैक्सटाइल वालों को लाभ मिला है। बीते वर्षों में पांच हजार से अधिक होम स्टे का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

उत्तराखंड की नीतियां देश के लिए उदाहरण बन रही
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि सैकुलर सिविल कोड
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड ऐसे निर्णय ले रहा है, जो देश के लिए उदाहरण बन रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड ने गहन अध्ययन के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड लागू किया, जिसे वो सही मायने में सैकुलर सिविल कोड मानते हैं। आज पूरा देश यूसीसी पर चर्चा करते हुए, इसकी जरूरत महसूस कर रहा है। इसी तरह उत्तराखंड ने युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए नकल विरोधी कानून लागू करते हुए, माफिया पर सख्त कार्रवाई की है। उत्तराखंड के ऐसे कई कार्य दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री के नौ आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज 9 नवंबर है, 9 का अंक शुभ माना जाता है, यह शक्ति का प्रतीक होता है। इसलिए आज वो उत्तराखंड के लोगों से 5 और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने 4 यानि कुल 9 आग्रह करना चाहते हैं।

01 – बोली भाषा का संरक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपकी गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियां बेहद समृद्ध हैं, इनका संरक्षण बेहद जरूरी है। इसलिए उत्तराखंड के लोग आने वाली पीढ़ियों को अपनी बोली भाषा जरूर सिखाएं, उत्तराखंड की पहचान के लिए भी यह जरूरी है।

02 – एक पेड़ मां के नाम
पूरा देश जानता है कि उत्तराखंड के लोग प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी होते हैं। उत्तराखंड तो गौरा देवी की भूमि है, यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसके लिए एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करें, क्लामेंट चेंज से लड़ने के लिए भी यह बेहद जरूरी है।

03 – स्वच्छ जल
उत्तराखंड में नौलों -धारों की पूजा किए जाने की परंपरा है। इसलिए आप सभी अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति देने का प्रयास करेंगे।

04 – गांव से जुड़ाव
उत्तराखंड के लोग अपने गांव में आना जाना बनाते हुए, जड़ों से जुड़े रहें। खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं, इससे गांवों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।

05 – तिबारी वाले घरों को संवारें
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपने गांव में पुराने तिबारी वाले घरों को बचाने और संरक्षित करने के लिए भी आगे आएं। पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर, आय का साधन बना सकते हैं।

पयर्टकों से अपील
06 – सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें
पर्यटक के रूप में आप जब भी आप हिमालय की गोद में जांए, स्वच्छता को सबसे उपर रखें इस सोच के साथ जाएं कि पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है।

07 – वोकल फॉर लोकल
पहाड़ों में घूमने फिरने के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें, अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें।

08 – यातायात के नियम अपनाएं
आप जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधान रहें, हर किसी का जीवन अमूल्य है।

09 – तीर्थों की मर्यादा का पालन करें
धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति -रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें। इस बारे में उत्तराखंड के लोगों की मदद ले सकते हैं।