छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष पद पर बागी शिवम ने लहराया परचम, पूर्व में रह चूके हैं विवि प्रतिनिधि

मैं ईश्वर की शपथ खाकर कहता हूं कि मैं अपने कर्तव्यों व जिम्मेदारियों का पूर्ण निष्ठा के साथ निर्वहन करूंगा। साथ ही राजकीय ऑटोनॉमस महाविद्यालय में शिक्षा को आगे ले जाने के लिये हर संभव तत्पर रहंूगा। कुछ इसी पंक्ति के साथ राजकीय महाविद्यालय के विजयी उम्मीदवारों ने शपथ ग्रहण समारोह में पद की मर्यादा की कसम खायी। इस वर्ष मतदान का प्रतिशत 79 रहा। जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 3 प्रतिशत आगे रहा।
उत्तराखंड राज्य के एकमात्र ऑटोनॉमस कॉलेज के छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के सर्मिर्थत व एबीवीपी के बागी प्रत्याशी ने अध्यक्ष पद पर कब्जा कर अपने प्रतिद्वंद्वी व एबीवीपी के प्रत्याशी विजय जुगरान को 328 मतो के अंतर से हरा कर एबीवीपी को सबक सिखाया है। वहीं महासचिव पद पर पहली बार मुस्लिम समुदाय से आने वाले व एनएसयूआई के प्रत्याशी इमरान खान ने ऑर्यन के शिखर भंडारी को 101 मतों से पराजित किया। इसी प्रकार उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के प्रत्याशी अजय कुमार जायसवाल 1522 मतो के साथ विजयी रहे। वहीं सह-सचिव पद एबीवीपी के प्रत्याशी कार्तिक शर्मा को 1423 मतो के साथ विजयी घोषित किया गया। कोषाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की निकिता पंत को 1238 मतों के साथ सफल उम्मीदवार बनाया गया। विश्व विद्यालय पद पर एबीवीपी के रवि कुमार 1256 मतों के साथ विजयी करार दिये गये। वहीं शाम सात बजे सफल उम्मीदवारों को शपथ ग्रहण दिलवायी गयी।
बारिश के दौरान भी कम नहीं हुआ छात्रों का उत्साह
सुबह आठ बजे से मतदान के शुरू होने के दो घंटे यानी दस बजे से बारिश ने अपनी दस्तक दे डाली। बावजूद छात्र-छात्राओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। बारिश के दौरान ही छात्रसंघ चुनाव में लड़ रहे उम्मीदवारों के प्रशंसक कॉलेज परिसर के बाहर नारेबाजी कर समर्थन हासिल करते दिखे।
किसी ने दीदी कहा, तो किसी ने जोड़े हाथ
छात्रसंघ चुनाव के दौरान सभी उम्मीदवार कॉलेज के प्रवेश द्वार के आगे एक पंक्ति में खड़े थे। इस दौरान वह अपने-अपने पक्ष में मत डालने के लिये अपने से छोटी उम्र की लड़कियों को दीदी तक कह रहे थे, तो कोई मतदान को अपने पक्ष में खींचने की कोशिश में हाथ जोड़ता भी दिखा।
चुनाव के दौरान समर्थकों में टकराव की स्थिति भी रही
छात्रसंघ चुनाव में अपने-अपने समर्थकों के पक्ष में नारेबाजी कर रहे छात्र गुटों में टकराव की स्थिति भी बनी। ऑर्यन गुट के समर्थक वोटर को अपने पाले में वोट डलवाने के लिये एक घेरा बनाकर चल रहे थे। इस पर दूसरे गुट के समर्थकों ने घेरा तोड़ना चाहा तो इस दौरान हल्की धक्का-मुक्की भी देखने को मिली। हालांकि मौके पर मौजूद पुलिस बल ने भीड़ को मौक्े पर ही अलग-थलग कर मोर्चा संभाला।
नहीं रहा स्वच्छता का ध्यान
एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान की मुहिम चला रहे है, तो दूसरी ओर छात्रसंघ चुनाव में समर्थकों ने पोस्टर व पंपलेट से पूरी सड़कों में मानों एक चादर सी बिछा दी हांे।
चुनाव में दिखे बाहरी युवक
छात्रसंघ में भीड़ जुटाने के लिये शहर व आस-पास क्षेत्र के इंटर कॉलेजों व प्राइवेट संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी शामिल किया गया था।
शपथ-ग्रहण के बाद जुलुस का मौका दिया
सफल उम्मीदवारों को क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी ने कॉलेज के प्रवेश द्वार से लेकर बड़ी मंडी के समीप लगे बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने की अनुमति दी।
उम्मीदवारों को पुलिस ने गाड़ी में बिठा, छुड़वाया घर
बैरिकैडिंग तक जुलुस निकालने के बाद सीओ मंजूनाथ टीसी के आदेश पर सभी सफल उम्मीदवारों को पुलिस की गाड़ी में बिठा कर सम्मान पूर्वक घर पहुंचाया गया।

मंत्री के निरीक्षण के दौरान ऋषिकेश पालिका के दस कर्मचारी गायब, मांगा स्पष्टीकरण

ऋषिकेश नगर पालिका परिषद में एकाएक औचक निरीक्षण को पहुंचे शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने हाजिरी रजिस्टर चेक किया। इस दौरान इस कर्मचारी ड्यूटी समय पर गायब मिले। कौशिक ने अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने व संतुष्टि न मिलने पर उन्हें निलंबन के आदेश दिए। निरीक्षण के दौरान दस कर्मचारी गायब मिले। मंत्री के निरीक्षण से अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा।
जानकारी के अनुसार शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक शुक्रवार को टिहरी और उत्तरकाशी के दौरे पर जा रहे थे। इस दौरान उन्होंने ऋषिकेश में गाड़ी रुकवाई और सीधे नगर पालिका ऋषिकेश का निरीक्षण करने पहुंच गए। अचानक मंत्री को पालिका दफ्तर में देख हड़कंप मच गया। उन्होंने सबसे पहले हाजिरी रजिस्टर चेक किया। इसमें दस कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज नहीं थी। इस बीच कर निरीक्षक और सहायक अभियंता पालिका के अधिशासी अधिकारी के कक्ष में उपस्थित थे।उन्होंने बताया कि वह हाजिरी लगाना भूल गए थे। हालांकि मंत्री ने लापरवाही पर सभी की गैरहाजिरी लगा दी। जबकि राजस्व कर अधीक्षक निशात अंसारी, कनिष्ठ लिपिक हेमंत गुप्ता, सफाई निरीक्षक सचिन रावत, लेखाकर स्नेहा शिवा के बिना अवकाश की अर्जी के गैरहाजिर रहने पर कारण बताओ नोटिस के लिए अधिशासी अधिकारी को निर्देश दिए। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर निलंबन की कार्रवाई करने की बात कही।

पहाड़ी राज्य पसंद थे साइबर ठगों को, देहरादून को तभी चुना

अगर आपसे कोई ये पूछे कि क्या कोई दसवीं फेल साइबर ठगी कर सकता हैै? तो आपका जवाब नहीं होगा, परंतु आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देहरादून के 97 बैंक खातों के एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार कर 37 लाख से अधिक की ठगी करने वाले शातिर साइबर ठग दसवीं पास भी नहीं है। एसटीएफ की टीम इन साइबर शातिरों को कोल्हापुर (महाराष्ट्र) से गिरफ्तार कर देहरादून पहुंच गई। आरोपियों की पहचान गैंग का मास्टरमाइंड रामवीर, जगमोहन और सुनील के रूप में हुयी। एसटीएफ ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से तीनों को जेल भेज दिया गया। अब दून पुलिस कस्टडी में लेकर आरोपियों से पूछताछ करेगी। गांधी रोड स्थित एसटीएफ मुख्यालय पर एसएसपी रिदिम अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड में एटीएम क्लोनिंग के अब तक की सबसे बड़ी वारदात को अंजाम देने के बाद फरार चल रहे तीनों आरोपियों को कोल्हापुर में गिरफ्तार कर लिया गया था। गैंग के काम करने के तरीकों का खुलासा करते हुए उन्होंने बताया कि एटीएम क्लोनिंग गैंग का सरगना रामवीर पुत्र स्व. राजपाल निवासी ग्राम बरहाना थाना बेरी जिला झज्जर (हरियाणा) है, जो खुद 10वीं फेल है।
उसने वर्ष 2012 में पड़ोस के गांव के सुनील पुत्र धर्मपाल निवासी खराबड़ रोहतक हरियाणा से एटीएम के कीपैड में तिल्ली फंसा कर एटीएम ठगी का गुर सीखा। इसके बाद उसने कई कारनामे किए। बाद में रामवीर ने अपने गांव के जगमोहन पुत्र देवेंद्र को साथ लेकर गिरोह बना लिया। इसके बाद तीनों ने साइबर तकनीकी में माहिर शख्स से एटीएम क्लोनिंग के गुर सीखे। एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि रामवीर, सुनील और जगमोहन ने स्कीमर के जरिये एटीएम कार्ड का डाटा चोरी करने के तरीके का पहली बार इस्तेमाल किया था। तीनों ने 30 जून को नेहरू कॉलोनी के धर्मपुर में पीएनबी के एटीएम में स्कीमर डिवाइस और कैमरा फिट किया और एक जुलाई को उसे निकालकर हरियाणा चले गए। मगर तकनीकी कारणों से डिवाइस में डाटा कॉपी नहीं हुआ। तीनों सात जुलाई को फिर देहरादून आए और इस बार आरोपियों ने राजीवनगर में एसबीआइ के एटीएम में स्कीमर डिवाइस और कैमरा फिट किया। आसपास के एटीएम के कीपैड पर ग्लू लगाकर उन्हें निष्क्रय कर दिया, ताकि लोग एसबीआइ के एटीएम में ही आएं। यहां से चोरी किए डाटा के सहारे कुल 103 एटीएम कार्डों का क्लोन तैयार किया। उन्होंने बताया कि रामवीर 10वीं फेल होने के बाद भी साइबर फ्रॉड का माहिर है, जबकि उसके अन्य साथी ग्रेजुएट हैं। साइबर ठगों के गैंग का खुलासा और गिरफ्तारी करने पर डीजीपी अनिल के रतूड़ी ने 20 हजार, आइजी एसटीएफ दीपम सेठ ने दस हजार व एसएसपी एसटीएफ ने ढाई हजार रुपये का इनाम दिया है।
पहाड़ी राज्यों को बनाते थे निशाना
रामबीर ने पूछताछ में बताया कि पहाड़ी भोले-भाले होते हैं। जल्दी शक भी नहीं करते हैं। एटीएम बूथ के अंदर दो से तीन लोगों के घुसने पर भी एतराज नहीं करते हैं। यही वजह रही कि रामबीर ने जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख में ठगी के बाद उत्तराखंड के देहरादून को क्लोनिंग के लिए चुना।

टीवी सीरियल के जरिये भारत को विश्वगुरू बनाने की कोशिश

योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में ओम शांति ओम टीवी सीरियल का 28 अगस्त से भारत सहित पूरे विश्व में प्रसारण होने जा रहा है। भारतीय धर्म-अध्यात्म, सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और संगीत पर आधारित इस सीरियल का प्रसारण स्टार ग्रुप के नए शुरू होने वाले टीवी सीरियल स्टार भारत पर 28 अगस्त से होगा। सीरियल को योगगुरु बाबा रामदेव के भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने और संकल्प को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके माध्यम से भारतीय परंपरा, सभ्यता, संस्कृति, संगीत और धर्म-अध्यात्म की वास्तविकता और शक्ति से पूरे विश्व को परिचित कराया जाएगा।
योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में इससे पहले आस्था टीवी चौनल पर इसी तरह का एक सीरियल भारत रत्न का प्रसारण हो चुका है। ओम शांति ओम को इसी का परिष्कृत रूप माना जा रहा है। सीरियल के 28 अगस्त से टीवी चौनल पर प्रसारित होने की पुष्टि करते हुए पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि सीरियल से प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और प्रसिद्ध सिने अभिनेता रणवीर सिंह भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सीरियल को लेकर और उसके संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने को दिल्ली में योगगुरु बाबा रामदेव की एक पत्रकार वार्ता जल्द ही आयोजित की जाएगी।

दून में जुटेंगे देश व दुनिया के महाबली, देंगे जैव विविधता का संदेश

विश्व के महान ताकतवर लोगों को अब आप देहरादून में एक साथ देख पाएंगे। यह पहला मौका है जब स्ट्रांग मैन इंडिया की ओर से देश के साथ ही उत्तराखंड में पहली बार एशिया स्ट्रॉन्गेस्ट मैन 2017 चैंपियनशिप का आयोजन होगा। इसमें भारत सहित दस देशों के प्रतिभागी एशिया स्ट्रॉन्गेस्ट मैन का खिताब जीतने के लिए दम लगाएंगे।
यह स्पर्धा उन 16 वर्ल्ड चैंपियनशिप का हिस्सा है, जो स्ट्रॉन्गेस्ट चैंपियंस लीग कराती हैं। इसमें व्यक्ति के शारीरिक बल की परीक्षा होती है। बेहतर टाइमिंग और सबसे ज्यादा वजन उठाने वाले को विजेता घोषित किया जाता है। इस चैंपियनशिप के माध्यम से वन, जैव विविधता व जीवन बचाने बचाने का संदेश भी दिया जाएगा। इसके लिए सभी प्रतिभागी हरे रंग की टी-शर्ट पहनकर मैदान में उतरेंगे।
स्ट्रांग मैन इंडिया के सीईओ अर्जुन गुलाटी ने बताया कि इसमें दस देशों के 30 खिलाड़ी अलग-अलग वेट कैटेगरी में अपने शारीरिक बल का प्रदर्शन करेंगे। चैंपियनशिप का आयोजन 26 व 27 अगस्त को रेंजर्स ग्राउंड में किया जाएगा। यह चैंपियनशिप 90 किग्रा वर्ग, 105 किग्रा वर्ग व ओपन वर्ग में करायी जायेगी। चैंपियनशिप में भारत, ईरान, मलेशिया, थाईलैंड, स्कॉटलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील व इजरायल देश के स्ट्रांगमैन शामिल होंगे। विजेताओं में प्रथम पुरूस्कार वाले को 75 हजार रुपये, द्वितीय पुरूस्कार में 50 हजार रुपये व तृतीय पुरूस्कार वाले को 30 हजार रुपये की ईनामी राशि दी जायेगी।

डंपर से टकराई कैफियत एक्सप्रेस, पांच दिन में यूपी की दूसरी घटना

यूपी में पांच दिन पूर्व हुए रेल हादसे को अभी हफ्ता भर नहीं हुआ था कि एक और रेल हादसा होने की खबर आई है। यह हादसा कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में हुआ। आजमगढ़ से दिल्ली आ रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस औरैया के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। फाटक पर देर रात ट्रेन एक डंपर से टकरा गई। उत्तरी-मध्य रेलवे के प्रवक्ता के मुताबिक दुर्घटना की वजह से ट्रेन के इंजन सहित 10 डिब्बे पटरी से उतर गए। घटना में 21 लोगों के घायल होने की खबर है। जिनमें से दो यात्री बुरी तरह से घायल हुए हैं। राहत और बचाव कार्य पूरा हो चुका है। इससे पूर्व शनिवार को मुजफ्फरनगर के खतौली में रेल हादसा हुआ था जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी. दुर्घटना में घायल 14 लोगों को औरैया सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। सूचना मिलते ही दिल्ली से मेडिकल रिलीफ ट्रेन भी मौके के लिए रवाना कर दी गई थी। घटना की सूचना मिलते ही रेलवे के बड़े अधिकारी घटना स्थल पर पहुंच गए थे।
घायलों की मदद के लिए औरैया, इटावा और कन्नौज से एंबुलेंस और पुलिस बल मंगा लिए गए हैं। राहत कार्य के लिए लखनऊ से एनडीआरएफ की एक टीम भी रवाना हो चुकी है। उधर आजमगढ़ में रेल दुर्घटना की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों के परिजन अपनों की सलामती की खबर पता करने स्टेशन पहुंचने लगे हैं।
जानकारी के मुताबिक यह ट्रेन हादसा रात करीब 2 बजकर 40 मिनट पर हुआ। बताया जा रहा है कि ट्रेन एक डंपर से टकरा गई। अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे क्रॉसिंग पर रेल फाटक पार कर रहे एक डंपर से ट्रेन का इंजन टकरा गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए। बताया जा रहा है कि डंपर चला रहे ड्राइवर को नींद आ जाने के चलते यह भीषण दुर्घटना घटी। दुर्घटना के वक्त डंपर में रेत भरी हुई थी।

मणिपुर के पूर्व सीएम रिशांग नहीं रहे

पहली लोकसभा के सदस्य व मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री रिशांग किशिंग का 22 अगस्त को दिन मंगलवार को निधन हो गया। वे 96 वर्ष के थे। क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में उनका उपचार कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उनके कई अंगों के काम करना बंद कर दिया था जिस कारण मंगलवार शाम करीब सवा आठ बजे किशिंग का निधन हो गया।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता किशिंग वर्ष 1980 से 1988 और वर्ष 1994 से 1997 के बीच मणिपुर के मुख्यमंत्री रहे थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें एक जुलाई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके परिवार में दो बेटे और चार बेटियां हैं। उखरूल जिले के बुंगपा गांव के रहने वाले किशिंग वर्ष 1952 के आम चुनावों में लोकसभा के लिए चुने गये थे।उन्होंने राज्यसभा में भी मणिपुर का प्रतिनिधित्व किया था।
दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उनके निधन पर शोक जाहिर किया और उन्हें मणिपुर का ‘बड़ा नेता’ बताया। जिनका मानवता, सामाजिक सौहार्द और साफ-सुथरी राजनीति में यकीन था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी ट्वीट कर उनके निधन पर दुख जताया।
मणिपुर सरकार ने किशिंग के सम्मान में बुधवार को सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थानों को बंद रखने की घोषणा की है। मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने भी उनके निधन पर दुख प्रकट किया। उनके निधन पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्विटर के जरिये शोक प्रकट किया।

अधर में लटका छात्रों का भविष्य, ग्रामीणों ने स्कूल में लगाये ताले

नारायणबगड़ क्षेत्र के राजकीय आदर्श इंटर कालेज पैंतोली में शिक्षकों की कमी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। अभिभावकों ने मंगलवार सुबह स्कूल खुलने से पहुंचकर गेट पर ताला लगा दिया। बाहर बैठकर नारेबाजी करते हुए धरना दिया। विद्यालय के पीटीए अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि वर्ष 2015 में राजकीय इंटर पैतोली को आदर्श विद्यालय का दर्जा दिया गया, लेकिन अध्यापकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को पठन-पाठन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यालय में 215 छात्र-छात्राएं अध्धयनरत हैं। वहीं पांच प्रवक्ता, जिनमें हिन्दी, अंग्रेजी, जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान और राजनीति शास्त्र के पद खाली हैं। एलटी स्तर पर हिन्दी, विज्ञान और कला के टीचर नहीं हैं।
ग्राम प्रधान सीरी महेन्द्र सती ने बताया कि वर्तमान में इंटर कॉलेज राजकीय जूनियर हाईस्कूल के भवन में संचालित हो रहा है, जो काफी पुराना है। विद्यालय में चारदिवारी न होने के कारण जंगली जानवरों का भय बना रहता है। इस दौरान भगवती सती, मुन्नी देवी दीपक प्रसाद, मोहित गुंसाई, तुला लाल, विपिन दानू, अयोध्या प्रसाद, चंद्रमणी सती, राजकुंवर आदि अभिभावक मौजूद रहे। इस अवसर पर पीटीए की ओर से शिक्षा निदेशक को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र ही अध्यावकों की नियुक्ति की मांग की गई है।

पोर्न मूवी में अपनी वीडियों देखकर क्यों सहम जाता था 15साल का लड़का

देश में ताजनगरी के नाम से महशूर आगरा के थाना छत्ता की की महिला ट्यूटर ने अपनी बहन और भाई के साथ मिलकर थाना हरीपर्वत क्षेत्र के रहने वाले 10वीं के छात्र का नौ महीने तक यौन शोषण किया। उसे कोल्ड ड्रिंक में मिलाकर नशे की गोलियां दी जाती थीं। ब्लू फिल्म दिखाई जातीं फिर उससे संबंध बनाए जाते। मोबाइल के कैमरे में कैद कर लिया जाता था। इतना ही नहीं फिर उसेे सोशल मीडिया में शेयर करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाता था। उससे उसके ही घर में चोरी कराई गई। नौ महीने में लगभग आठ लाख कैश और 25 लाख के जेवरात उससे मंगवाए गए लेकिन 18 अगस्त को उसकी चोरी कैमरे में कैद होने से उसके परिवार को पता लग गया।
उस लड़के का कसूर बस इतना था कि उसका पिता एक बड़े सराफा कारोबारी हैं। पता लगने पर उन्होंने ट्यूटर, उसकी बहन और भाई के खिलाफ यौन शोषण की धारा और पॉक्सो एक्ट में हरीपर्वत थाने में नामजद केस दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि घर से लगातार हो रही चोरी से वह परेशान थे। तभी बेटा 64000 रुपये चोरी करते कैमरे में कैद हो गया। वह बेहद तनाव में था। डिप्रेशन में आ चुका था। गुमसुम रहता था। उसे विश्वास में लेकर पूछताछ की, तो उसने ट्यूटर की शर्मनाक करतूत बयां की।
छात्र ने बताया कि वह जिस ट्यूटर के पास पढ़ने जाता है, उसकी बहनें भी ट्यूशन पढ़ाती हैं। जब से उन्हें पता चला कि वह अमीर परिवार से ताल्लुक रखता है, तभी से उनके दिमाग में पैसा ऐंठने की साजिश आ गई। उसे ट्यूटर की बड़ी बहन ही ट्यूशन पढ़ाने लगी। बाद में दूसरी बहन भी आ गई।
दोनों ने एक दिन उसे कोल्ड ड्रिंक पीने के लिए दी। इसमें नशे की गोलियां डाल दीं। इसके बाद उसे पोर्न मूवी दिखाई। छात्र ने बताया, इसके बाद क्या हुआ, वह बहुत गंदी बात है, उसे बताने में भी शर्म आती है। वह रोने लगा लेकिन तभी उन दोनों बहनों के भाई ने मोबाइल में उसे एक वीडियो क्लिप दिखाई।
इसमें खुद को उसकी बहनों के साथ देखकर वह डर गया। उसे धमकी दी गई कि अगर उसने उनका कहा नहीं माना, तो यह क्लिप व्हाट्स ऐप और फेसबुक पर डाल दी जाएगी। इसके बाद उसके साथ कई बार वही घटनाक्रम दोहराया गया, कोल्ड ड्रिंक में नशा… पोर्न मूवी… और…।
वे तीनों उससे पैसा लाने के लिए कहते रहे। वह कभी कैश लाता तो कभी जेवरात। लगभग आठ लाख कैश और 25 लाख के जेवरात लाकर दिए। इस पैसे से वह ऐश करते रहे। थाना प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि जांच शुरू की जा चुकी है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।

काशीपुर की शायरा बानो के मजबूत इरादे से जगी आस

तीन तलाक के मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने वाली शायरा बानो उत्तराखंड की बेटी है। शायरा उत्तराखंड के काशीपुर की रहने वाली है। उनका निकाह साल 2002 में इलाहाबाद के रिजवान अहमद से हुई थी। ससुराल वालों की दहेज प्रताड़ना, फिर पति के तलाक देने के बाद शायरा बानो कोर्ट पहुंचीं। आरोप है कि पति शायरा बानो को लगातार नशीली दवाएं देकर याददाश्त कमजोर कर दिया और साल 2015 में मायके भेजकर तलाक दे दिया था। मार्च, 2016 में उतराखंड की शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके तीन तलाक, हलाला निकाह और बहु-विवाह की व्यवस्था को असंवैधानिक घोषित किए जाने की मांग की थी।
शायरा बानो ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह तीन बार तलाक बोलकर तलाक देने की बात को नहीं मानती हैं। शायरा की याचिका में मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरियत) एप्लीकेशन एक्ट, 1937 की धारा 2 की वैध्यता पर भी सवाल उठाए गए हैं। यही वह धारा है जिसके जरिये मुस्लिम समुदाय में बहुविवाह, तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) और निकाह-हलाला जैसी प्रथाओं को वैध्यता मिलती है। इनके साथ ही शायरा ने मुस्लिम विवाह विघटन अधिनियम, 1939 को भी इस तर्क के साथ चुनौती दी है कि यह कानून मुस्लिम महिलाओं को बहुविवाह जैसी कुरीतियों से संरक्षित करने में सार्थक नहीं है।
देश की सर्वोच्च अदालत में पांच धर्मों के जस्टिस मिलकर शायरा बानो के मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस मामले पर फैसला सुनाने वाले जजों में चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (क्रिश्चिएन), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) शामिल रहें।