केंद्र सरकार ने स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत मंजूर किया बजट

केंद्र सरकार ने देहरादून और नैनीताल में विभिन्न विकास कार्यों के लिए स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत 164.67 करोड़ मंजूर किए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जिन विकास कार्यों के लिए बजट मंजूर किया गया है। उसमें मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधीन रामजीवाला (मियांवाला) में तालाब और पार्क निर्माण के लिए 828.27 लाख रुपए, डिफेंस कॉलोनी में गौरा देवी पार्क निर्माण के लिए 672.57 लाख रुपए, तहसील चौक पर मल्टीलेबल कार पार्किंग और ऑफिस स्पेश बिल्डिंग के लिए 13441.85 लाख रुपए, ऋषिकेश में मल्टीलेबल कार पार्किंग के लिए 12560.70 लाख रुपए, कारगी चौक के पास आढ़त बाजार निर्माण के लिए 12150.38 लाख रुपए, रायपुर के पास मालदेवता रोड पर जलस्रोत सौंदर्यीकरण के लिए 404.85 लाख रुपए, गढ़ी कैंट में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 1215.36 लाख रुपए शामिल है। इसी तरह जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल के अधीन शेर का डांडा में ड्रैनेज और सड़क निर्माण के लिए 1241.59 लाख रुपए और नैनीताल शहर के अंदर सड़क और ड्रैनेज कार्य के लिए 621.10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

बड़ी परियोजनाओं के लिए लगातार केंद्र सरकार का सहयोग मिल रहा है। देहरादून और नैनीताल के लिए प्रस्तावित विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विशेष आभार।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

पीएम ने पत्र लिखकर धामी को कर्मठ और ऊर्जावान बताते हुए कहा ये तीन साल राज्य के उत्थान में बड़ी उपलब्धि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के तीन साल के सफल कार्यकाल पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

अपने बधाई संदेश में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि उत्तराखंड के कर्मठ और ऊर्जावान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार के ये तीन वर्ष सेवा, सुशासन और विकास के रूप में समर्पित रहे हैं, जो राज्य के उत्थान में एक बड़ी उपलब्धि है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि अपनी विरासत पर गर्व के भाव के साथ आगे बढ़ता हुआ उत्तराखंड आज विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। आज से 25 वर्ष पूर्व जिस विकास और पहचान को स्थापित करने के लिए उत्तराखंड का गठन हुआ था, आज राज्य उस दिशा में तेजी से अग्रसर है।

इसके लिए एक ठोस कार्य योजना के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे, परिवहन एवं पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है।

उत्तराखंड का दशक साबित होगा

प्रधानमंत्री ने प्रदेशवासियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में असीम संभावनाओं को समेटे हुए है। यहां की पराक्रमी और परिश्रमी जनता में वह सामर्थ्य है कि वे अपने प्रयासों से राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक लेकर जा सकें। मुझे पूरा विश्वास है कि जनशक्ति से यह दशक उत्तराखंड का होगा, जिसमें प्रदेश विकास के नए कीर्तिमान गढ़ेगा। इस नई पहचान के साथ उत्तराखंड आजादी के अमृत काल में विकसित भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएगा।

ष्प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हमेशा उत्तराखंड के हितों के लिए चिंतनशील रहते हैं। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड लगातार विकास के नए आयाम छू रहा है। प्रधानमंत्री का यह संदेश हमें और भी ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

उत्तराखंडः हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले के कई स्थानों के नाम होंगे परिवर्तन

मुख्यमंत्री धामी द्वारा आज एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए जनपद हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल और उधम सिंह नगर में स्थित विभिन्न स्थानों के नाम में परिवर्तन की घोषणा की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न स्थानों के नाम में परिवर्तन जन भावना और भारतीय संस्कृति व विरासत के अनुरूप किया जा रहा है। जिससे लोग भारतीय संस्कृति और इसके संरक्षण में योगदान देने वाले महापुरुषों से प्रेरणा ले सके।

मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार,

हरिद्वार जनपद में औरंगजेबपुर का शिवाजी नगर, गाजीवाली का आर्य नगर, चांदपुर का ज्योतिबा फुले नगर, मोहम्मदपुर जट का मोहनपुर जट, खानपुर कुर्सली का अंबेडकर नगर, इंदरीशपुर का नंदपुर, खानपुर का श्री कृष्णपुर, अकबरपुर फाजलपुर का नाम विजयनगर किया जाना है।

देहरादून जनपद में मियांवाला का रामजी वाला, पीरवाला का केसरी नगर, चांदपुर खुर्द का पृथ्वीराज नगर, अब्दुल्ला नगर का नाम दक्ष नगर किया जाएगा।

जनपद नैनीताल में नवाबी रोड़ का अटल मार्ग, पनचक्की से आईटीआई मार्ग का नाम गुरु गोवलकर मार्ग किया जाएगा।

उधमसिंह नगर में नगर पंचायत सुल्तानपुर पट्टी का नाम बदलकर कौशल्या पुरी किये जाने की घोषणा की गई है।

मिलावटी आटा खाकर बीमार प्रकरण में सीएम ने सख्त, मुख्य सप्लायर और दुकानदारों पर केस दर्ज

नवरात्र के दौरान देहरादून में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 100 से भी अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग से प्रभावित हुए। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों के साथ देहरादून और आसपास के इलाकों में दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में ताबड़तोड़ छापेमारी चलाया गया। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराये गये हैं।

कुट्टू का आटा सप्लायर का गोदाम सील, केस दर्ज
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा आज सुबह सूचना मिली कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल में मरीज भर्ती किए गए हैं। मरीजों के परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन सभी ने कुट्टू के आटे से बनी सामग्री का सेवन किया था, जिसके बाद उन्हें फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखाई देने लगे। जांच के दौरान पाया कि मरीजों के परिवारों ने अलग-अलग दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदा था, लेकिन सभी आटे का स्रोत सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और विकासनगर (देहरादून) से जुड़ा हुआ था।

मुख्य सप्लायर और जिम्मेदार दुकानदारों की पहचान
जांच में सामने आया कि कुट्टू के आटे की आपूर्ति निम्नलिखित प्रतिष्ठानों द्वारा की गई थी:
1. मेसर्स गोविंद सहाय शंकर लाल – यह प्रतिष्ठान सहारनपुर (उ.प्र.) से कुट्टू का आटा सप्लाई कर रहा था।
2. विकास गोयल चक्की – यह चक्की मोग्गंज जामा मस्जिद के पास, थाना कोतवाली शहर, सहारनपुर (उ.प्र.) में स्थित है, जहां कुट्टू का आटा पिसा गया था।
3. Laxmi Trading, Sangam Vihar, Bhojwala Road, Vikasnagar, Dehradun – यह प्रतिष्ठान देहरादून में कुट्टू के आटे का मुख्य वितरक था। इसका गोदाम मेट्याला अकबरी मस्जिद, देहरादून के पास स्थित है।

मुख्य संचालक :
शीशपाल चीतान पुत्र शोभा राम–Laxmi Trading, विकासनगर, देहरादून

खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
जांच में पाया गया कि FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण) के निर्देशों और गाइडलाइन्स के विपरीत इन प्रतिष्ठानों ने मिलावटी कुट्टू का आटा सप्लाई किया था, जिससे 84 लोगों की जान जोखिम में पड़ गई।

एफआईआर दर्ज, सैंपल लिए गए और गोदाम सील

घटना की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई की:
मुख्य सप्लायर Laxmi Trading के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
गोदाम को सील कर दिया गया।
संदिग्ध कुट्टू के आटे के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया।
सहारनपुर स्थित चक्की और दुकान की भी जांच की जा रही है।
आगामी दिनों में अन्य प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी।

यूपी के फूड कमिश्नर को पत्र
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य विभाग लगातार तीन महीने वस्तुओं के सैंपल ले रहा था और छापेमारी अभियान भी चला रहा था। इस संबंध में यूपी के फूड कमिश्नर को भी 15 दिन पहले एक पत्र लिखा था कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई करें क्योंकि अधिकांश मिलावटी उत्पाद यूपी से उत्तराखंड आते हैं।

टोल फ्री नंबर 1800-180-4246 पर दर्ज कराएं शिकायत
खाद्य आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि जिला अभिहीत अधिकारी मनीेष सिंह की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि खुले या संदिग्ध कुट्टू के आटे का सेवन न करें। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच कर ही खरीदारी करें। कुट्टू का आटा खरीदते समय प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें। यदि किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद अस्वस्थ महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मिलावटी आटे की जानकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-4246 पर दें।

24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल-चाल जाना। उन्होंने फूड पॉइजनिंग से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी और चिकित्सकों को बेहतर इलाज और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनावश्यक रूप से मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

नवनियुक्त मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने किया पदभार ग्रहण

नवनियुक्त मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज सचिवालय स्थित मुख्य सचिव कार्यालय में पदभार ग्रहण किया। निवर्तमान मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन को पदभार सौंपा। इस अवसर पर नवनियुक्त मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि सरकार की नीतियों का राज्य के विकास में सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करना प्रशासन की प्राथमिकता है। आजीविका, रोजगार, कौशल विकास व रिवर्स माइग्रेशन भी प्रमुख प्राथमिकताओं में है।

आजीविका के नए-नए अवसरो पर काम करना तथा इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना राज्य की प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। शहरीकरण तथा राज्य का स्वास्थ्य क्षेत्र भी एक बड़ी चुनौती है। हमें शहरों को बेहतर बनाने तथा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए निरंतर कार्य करना होगा। इसके साथ ही जल संरक्षण भी एक बड़ा मुद्दा है, जल संकट का सामना पूरी दुनिया कर रही है। इन मुख्य मुद्दों पर आम नागरिक के हित में धरातल पर प्रभावी कार्य करने की जरूरत है।

राज्य की वित्तीय स्थिति पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि हमें नए संसाधनों की खोज तथा वर्तमान संसाधनों को बढ़ाने पर निरंतर कार्य करना होगा।

इस अवसर पर सचिवालय के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

परिवहन विभाग में नियुक्त आठ अभ्यर्थियों को मिला सीएम के हाथों नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में परिवहन विभाग के अन्तर्गत सम्भागीय निरीक्षक (प्राविधिक) पद पर नियुक्त 08 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। उन्होंने सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि यह आपके जीवन की नई शुरुआत है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित अभ्यर्थी अपने कार्यक्षेत्र में नवाचार करेंगे और परिवहन विभाग में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। राज्य में परिवहन के क्षेत्र में बहुत चुनौतियां हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वाहनों की फिटनेस जाँच, मोटर वाहन अधिनियम और नियमों के पालन कराने और सड़क सुरक्षा से संबंधित कार्यों में सम्भागीय निरीक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है, ऐसे में सड़क सुरक्षा और वाहनों की फिटनेस से संबंधित कार्यों में परिवहन विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।
इस अवसर पर सचिव परिवहन बृजेश कुमार संत, अपर सचिव परिवहन एवं प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम रीना जोशी एवं परिवहन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने लक्ष्मीनारायण घाट रुड़की में किया मां गंगा आरती का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुड़की में लक्ष्मीनारायण मंदिर, उत्तरी गंगनहर स्थित लक्ष्मीनारायण घाट पर आयोजित मां गंगा आरती का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने पूर्ण विधि विधान के साथ नवसंवत्सर चौत्र नवरात्रि के अवसर पर मां गंगा की आरती के शुभारंभ को मां गंगा के प्रति हमारी आस्था का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां गंगा का उद्गम क्षेत्र होने के नाते गंगा की पावनता के प्रति भी हम सबको समेकित प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा के साथ ही मंदिर समिति के सदस्य एवं स्थानीय जनता उपस्थित थी।

उत्तराखंडः प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चौथे चरण के लिए सर्वे पूरा

प्रदेश में न्यूनतम 250 तक की आबादी वाली बसावटों को बाराहमासी सड़क से जोड़ने का काम शुरू हो गया है। केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत चौथे चरण की गाइडलाइन जारी कर दी गई है, जिसके क्रम में उत्तराखंड ग्राम्य विकास विभाग ने 8750 किमी लंबी 1490 सड़कों के निर्माण का सर्वे पूरा कर लिया है।

सड़क विहीन गांवों के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2000 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरु की गई थी। योजना के प्रथम तीन चरण पूरे हो चुके हैं। जिसमें 2001 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर न्यूनतम 250 की आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है। अब केंद्र सरकार ने योजना के तहत चौथे चरण की गाइडलाइन भी जारी कर दी है, जिसके तहत 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर न्यूनतम 250 तक की आबादी वाली सभी बसावटों को सड़क से जोड़ा जाना है। इस गाडइलाइन के आधार पर उत्तराखंड में कुल 8750 किमी लंबी, 1490 ग्रामीण सड़कों का सर्वे पूरा हो चुका है। सचिव ग्राम्य विकास राधिका झा ने बताया कि सर्वे के बाद इन सड़कों के लिए डीपीआर बनाने का काम भी शुरू कर दिया गया है, जिसे अंतिम मंजूरी के लिए जल्द केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। सड़कों के साथ जरूरत के अनुसार पुलिया, कॉजवे और बड़े पुलों का भी निर्माण किया जाएगा।

योजना की गाइडलाइन के मुताबिक, आबादी का निर्धारण राजस्व गांव या पंचायत के आधार पर नहीं बल्कि, एक निश्चित दायरे में रहने वाली आबादी को जोड़कर किया जाएगा। उत्तराखंड में डेढ़ किमी के दायरे में मौजूद बसावटों को एक साथ जोड़कर आबादी का निर्धारण किया जाएगा, जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे विकासखंड़ों में दस किमी के दायरे में मौजूद बसावटों का जोड़कर आबादी का निर्धारण किया जाएगा। इसका लाभ उत्तराखंड जैसी छोटी बसावट वाले राज्य को मिलेगा।

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत उत्तराखंड के छोटे छोटे गांवों तक सड़क पहुंचाई जा रही है। अब आबादी के लिए कलस्टर को मानक बनाए जाने से, उत्तराखंड की कम आबादी बसावटों तक भी सड़क पहुंच पाएगी। पीएमजीएसवाई योजना के चौथे चरण में जल्द काम शुरू किया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम ने किया जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जल संरक्षण अभियान 2025 के अंतर्गत आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने जल संरक्षण अभियान 2025 की थीम ‘‘धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा’’ पर आधारित भागीरथ मोबाइल एप का शुभारंभ और ब्रोशर का विमोचन किया। इस एप के माध्यम से लोग अपने क्षेत्र के क्रिटिकल और संकटग्रस्त जल स्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे। एप के माध्यम से चिन्हित स्रोतों का सरकार द्वारा पुनर्जीवीकरण की दिशा में कार्य किये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जल स्त्रोतों, नौलों, धारों तथा वर्षा आधारित नदियों का संरक्षण करने के उद्देश्य से स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) का गठन किया है। सारा ने विगत वर्ष विभिन्न विभागों के मध्य सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर प्रदेश के लगभग 6500 से अधिक जल स्रोतों के संरक्षण हेतु उपचार कार्य करने के साथ ही लगभग 3.12 मिलियन घन मीटर वर्षा जल का संचयन करने में भी सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि सारा द्वारा, जहां एक ओर, मैदानी क्षेत्रों में केन्द्रीय भू-जल बोर्ड के सहयोग से भू-जल रिचार्ज हेतु विभिन्न प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं, प्रदेश की नदियों को पुनर्जीवित करने के अपने प्रथम चरण में तकनीकी एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के आधार पर नयार, सौंग, उत्तरवाहिनी शिप्रा एवं गौड़ी नदी के उपचार के लिए आई०आई०टी०, रूड़की एवं एन०आई०एच० रूड़की के सहयोग से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल उन्नति, प्रगति जीवन और विकास का मुख्य आधार है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश में जल संरक्षण की दिशा में निरंतर कार्य किये जा रहे हैं। इसमें जन सहयोग भी लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि 10 सालों में उत्तराखण्ड के विकास को बुलंदियों पर ले जाने का यही समय है, जो सही समय है। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के अभियान को ग्राम स्तर से राज्य स्तर तक व्यापक रूप से चलाया जायेगा।

इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि राज्य के जल स्रोतों के सुधारीकरण और पुनर्जीवित करने के लिए सारा का गठन किया गया है। जल संरक्षण अभियान 2025 में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भागीरथ मोबाइल एप का शुभारंभ भी हो गया है। इस एप के माध्यम से आम जन अपने क्षेत्रों के क्रिटिकल और सूख चुके जल स्त्रोतों की जानकारी साझा कर सकेंगे जिससे समय रहते उनका उपचार भी संभव होगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि जल संरक्षण अभियान 2025 एक अभियान मात्र नहीं है। राज्य की जल संपदाओं का संचयन, संरक्षण राज्यवासियों की सहभागिता से किया जा रहा। इस अभियान के तहत ग्राम स्तर पर धारा नौला संरक्षण समिति गठित है, जिससे प्रत्येक स्तर पर ग्राम वासियों की भागीदारी सुनिश्चित हो। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों की क्षमता विकास के लिए चरणवार कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।

इस मौके पर विधायक खजान दास, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, जलागम प्रबंधन से नीना ग्रेवाल, पर्यावरणविद चंदन सिंह नयाल, कुंदन सिंह पंवार और पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे लोग मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने की समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में समाज कल्याण, महिला सशक्तिकरण के साथ ही जनजाति कल्याण विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विभागीय समीक्षा बैठकों में लिए जाने वाले जनकल्याण से जुड़ी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कारगर व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। ऐसी योजनाओं पर कैबिनेट में लाए जाने से पूर्व जन सुझावों पर तथा अच्छी सोच व नियत के साथ कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की भी बात मुख्यमंत्री ने कही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसेवा से जुड़े कार्यों का बेहतर रिजल्ट उपलब्ध कराना अधिकारियों का उद्देश्य होना चाहिए उन्होंने सभी लाभार्थियों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने तथा विभागों के आउटपुट का भी परीक्षण करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को राज्य के विकास के प्रति समर्पित एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी राज्य हित में बेहतर कार्य कर सकें इसके लिए उन्हें बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। यदि सभी एकजुट होकर मन से कार्य करेंगे तो हम राज्य का बेहतर विकास कर सकेंगे। उन्होंने भविष्य में अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति की व्यवस्था पर भी रोक लगाए जाने की बात कही।

मुख्यमंत्री ने कहा हमारे बुजुर्गों को प्रतिमाह समय पर पेंशन मिले इसके लिए अब प्रतिमाह मुख्यमंत्री के संदेश के साथ निर्धारित तिथि को वृद्धावस्था पेंशन वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने पर्वतीय क्षेत्रों में अकेले रह रहे बुजुर्गों की उचित देखभाल के लिए भी प्रभावी प्रयासों की जरुरत बताते हुए कहा कि इसमें आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी सहयोगी बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने नशा मुक्त उत्तराखण्ड योजना के तहत बनाए जा रहे केन्द्रों के रखरखाव तथा योजना के प्रभावी प्रचार प्रसार पर ध्यान देने को उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी निकट भविष्य में हल्द्वानी में स्थापित केन्द्र का निरीक्षण करेंगे।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की पेंशन के लिए लाभार्थियों को दिए जाने वाले सर्टिफिकेट आसानी से बनाए जाने, विभाग द्वारा संचालित आईटीआई से अधिक से अधिक प्लेसमेंट की व्यवस्था, वृद्ध और निराश्रित व्यक्तियों के लिए आश्रय गृह प्रदान करने के लिये प्रदेश में शेल्टर होम तथा उनके संचालन की भी कारगर व्यवस्था बनाए जाने को कहा उन्होंने सामान्य आईटीआई की भांति समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आईटीआई का भी औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ समन्वय बनाए जाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने नियोजन विभाग द्वारा जारी अध्ययन रिपोर्ट में औसत प्रदर्शन वाली योजनाओं को और अधिक जन उपयोगी बनाए जाने को कहा। पूर्व माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना, अटल आवास योजना तथा एससी वर्ग के लिए निर्मित योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार की भी मुख्यमंत्री ने जरूरत बताई।

बाल विकास एवं महिला कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अभी भी 46 प्रतिशत महिलाएं एनिमीक हैं। इसे कम करने के लिए विभाग ठोस कार्य योजना बनाए। मुख्यमंत्री महिला पोषक योजना के माध्यम से एनीमिया के केसों को कैसे कम किया जा सकता है इस पर ध्यान दिया जाए। दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी से पहले नजदीकी सरकारी चिकित्सालयों में देख-रेख हेतु उचित व्यवस्था बनाए जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा महिलाओं के आजीविका संवर्धन हेतु चलाई जा रही महिला समेकित योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना, नंदा गौरा योजना, कार्यशील महिला छात्रावास योजना जैसी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन पर ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री जच्चा बच्चा शुभ जीवन प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार प्रोत्साहन योजना तथा कामकाजी महिला छात्रावासों के निर्माण पर भी समयबद्धता के साथ कार्य किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगजनों तथा छात्रों के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं पर भी ध्यान देने के साथ नशा मुक्त भारत अभियान, शिल्पी ग्राम योजना, भारत सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की भी समीक्षा की तथा कार्यों में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में हो रहे डेमोग्राफिक चेंज की स्थिती पर भी ध्यान दिए जाने की जरुरत है, उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या वर्ष 2000 में 105.79 करोड़ थी, जो वर्ष 2023 में 143.81 करोड़ हो गई है जबकि उत्तराखण्ड की आबादी वर्ष 2000 में 84 लाख थी जो वर्ष 2023 में 1.275 करोड़ हो गई है। राष्ट्रीय स्तर पर यह बढ़ोतरी 35 प्रतिशत तो उत्तराखण्ड के परिदृश्य में 51 प्रतिशत है।

बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, उपाध्यक्ष उत्तराखण्ड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, निदेशक बाल विकास प्रशांत आर्य, निदेशक जनजाति कल्याण संजय टोलिया सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।