धामी सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन ने जीता यात्रियों का विश्वास

प्रदेश सरकार के बेहतर यात्रा प्रबंधन और सुरक्षा इंतजामों के चलते चार धाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह है। मानसून थमते ही यात्रा ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। बीते दिवस 30 सितंबर को 20497 श्रद्धालु चार धाम दर्शन को पहुंचे। इनमें केदारनाथ धाम में सर्वाधिक 7350 तीर्थयात्री पहुंचे। अभी तक के पूरे यात्राकाल की संख्या पर नजर दौडाएं तो करीब 38 लाख श्रद्धालु चारधाम दर्शन को आ चुके हैं। केदारघाटी आपदा से निपटने में सरकार ने पूरी ताकत झोंककर जिस तेजी से स्थिति को सामान्य बनाया है, उससे यात्रियों का सरकार के प्रति विश्वास गहराया है। यात्री पूरे उत्साह और आस्था के साथ बाबा केदार के दर्शन को उमड़ पड़े हैं।
चारधाम यात्रियों की सुरक्षा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रही है। मुख्यमंत्री के इस ध्येय वाक्य के अनुसार राज्य सरकार के यात्रा इंतजामों और व्यवस्थाओं का असर यात्रा पर दिखाई दिया है। केदारघाटी में 31 जुलाई को आई बड़ी आपदा का जिस प्रकार सरकार ने सामना किया, उसकी आम यात्रियों ने खुले दिल से तारीफ की है। पैदल मार्ग और पड़ावों पर फंसे यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सुरक्षित निकालने में जरा भी देरी नहीं की गई। करीब 18 हजार लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर उन्हें उनके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचा दिया गया। यही नहीं केदारघाटी में आम जनजीवन को बहाल करते हुए पैदल यात्रा मार्ग को सुधार कर यात्रा भी शुरू कर दी गई।
अब दूसरे चरण की यात्रा जोर पकड़ गई है। अक्टूबर और नवंबर माह में भी यात्रा के लिए बड़ी संख्या में यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। 30 सितंबर को हेमकुंड और गोमुख समेत 22 हजार 244 श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर पहुंचे। इनमें केदारनाथ के अलावा बदरीनाथ में 6811, गंगोत्री 3619, यमुनोत्री 2717, हेमकुंट 1632 और 115 श्रद्धालु गोमुख पहुंचे।

रिकॉर्ड बनाएगी चारधाम यात्रा
इस यात्राकाल में बीते दिवस 30 सितंबर तक कुल 37 लाख 91 हजार 205 यात्री चारधाम दर्शन को आ चुके हैं जबकि बीते वर्ष पूरे यात्राकाल में 56.13 लाख यात्री पहुंचे थे। इसी प्रकार वर्ष 2022 में 46.29 लाख और वर्ष 2019 में 34.77 लाख यात्री चारधाम दर्शन को पहुंचे। वर्ष 2020 और 2021 में कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा प्रभावित रही। इन दो वर्षों में यात्री संख्या क्रमशः 3.30 लाख और 5.29 लाख रही।

इस वर्ष 17 दिन की देरी से शुरू हुई चारधाम यात्रा
इस वर्ष चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई है जबकि पिछले वर्ष 23 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। तब केदारनाथ के कपाट 25 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खुले थे। इस वर्ष गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट 17 दिन बाद यानी 10 मई को खुले हैं, जबकि बदरीनाथ धाम की यात्रा 12 मई से शुरू हुई है। यात्रा अभी अगले माह नवंबर तक चलेगी।

केदारघाटी आपदा से भी प्रभावित रही यात्रा
केदारघाटी में 31 जुलाई की रात आई भीषण आपदा का असर भी यात्रा पर पड़ा है। हालांकि धामी सरकार ने तेजी से राहत और बचाव कार्य करते हुए कुछ दिनों के अंतराल में ही आम जनजीवन को बहाल कर दिया लेकिन सुरक्षा कारणों से यात्रा को कई दिनों के लिए रोक दिया गया था।

बेहतर यात्रा प्रबंधन पर नजर
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर बनाए गए बीस पार्किंग स्थल।
पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली।
यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती।
यात्रा पर निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन।
यात्रियों की सुविधा के लिए 56 पर्यटन सहायता केंद्रों की स्थापना।
ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्रों की तैनाती।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्ग पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क की स्थापना। स्वास्थ्य मित्र हैं तैनात।
यात्रा मार्ग पर 156 एम्बुलेंस तैनात। 8 ब्लड बैंक और 2 भंडारण इकाइयां स्थापित
49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट। 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।

सुगम, सुरक्षित, सुलभ और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। देश-विदेश से हर वर्ष लाखों श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आते हैं। यात्रियों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं। चारधाम यात्रा राज्य की आर्थिकी से भी जुड़ी है। राज्य में आज जिस तेजी के साथ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए हमें यात्रा व्यवस्थाओं को और विस्तार देना होगा। इसकी कवायद भी शुरू कर दी गई है। इस बार केदारघाटी आपदा के चलते व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन सरकार ने इस कठिन चुनौती का भी दृढ़तापूर्वक सामना कर केदार यात्रा को बहाल किया।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

मानसखण्ड मंदिर माला मिशन, अप्रोच सड़क के चौड़ीकरण कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश

अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले मंदिरों से़ अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जोड़ने के लिए 15 अप्रैल से एक रेल सेवा मानसखण्ड एक्सप्रेस प्रारम्भ किये जाने पर कार्य चल रहा है। यह रेल सेवा कोलकाता से टनकपुर तक संचालित की जाएगी। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए टनकपुर से पूर्णागिरी, हाटकालिका, पाताल भुवनेश्वर, जागेश्वरधाम, गोल्ज्यू देवता मंदिर, नन्दा देवी, कैंची धाम आदि मानसखण्ड मंदिर माला के अन्य मंदिरों तक स्थानीय बस व अन्य परिवहन सेवाओं को संचालित किया जाएगा। केएमवीएन के अतिथि गृह, होम स्टे, स्थानीय होटल आदि तथा हुनर योजना के तहत प्रशिक्षित स्थानीय गाइड्स पर्यटकों के आतिथ्य में सहयोग करेंगे। पर्यटकों की वापसी के लिए काठगोदाम से कलकता के लिए रेल सेवा उपलब्ध रहेगी। सचिवालय में मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के कार्यों की समीक्षा के दौरान एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने लोक निर्माण विभाग को मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत मंदिरों को जोड़ने वाली अप्रोच रोड्स के चौड़ीकरण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में एसीएस राधा रतूड़ी को पर्यटन विभाग द्वारा जानकारी दी गई कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत चिहिन्त कुमाऊँ मण्डल के सभी 16 मंदिरों के अलग-अलग मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुके हैं। इनमें से 9 मंदिरों की डीपीआर तैयार हो चुकी है। इनमें से अधिकांश मंदिरों का शिलान्यास जल्द हो जाएगा। मंदिरों के सौन्दर्यीकरण एवं विकास का कार्य कलस्टर अप्रोच के साथ किया जा रहा है। एसीएस रतूड़ी ने मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के तहत आने वाले सभी मंदिरों सौन्दर्यीकरण के साथ ही इनसे जोड़ने वाली अप्रोच रोड के चौड़ीकरण के कार्याे को भी साथ-साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लोक निर्माण विभाग को सिंगल लाइन सड़कों को डबल लाइन में बदलने के कार्याे को जल्द समाप्त करने के निर्देश जारी हुए हैं।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संस्कृति विभाग को राज्य की ऐतिहासिक विरासतों, मंदिरों आदि के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु हेरीटेज एक्ट पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव सचिन कुर्वे सहित संस्कृति, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित ’उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’ का उद्घाटन किया। मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और ग्राउंड ब्रेकिंग वॉल का अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशक्त उत्तराखंड पुस्तक और ब्रांड हाउस ऑफ हिमालयाज भी लॉन्च किया। शिखर सम्मेलन का विषय ’शांति से समृद्धि’ है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड में होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक होने के बारे में अपने कथन को याद किया। मोदी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि यह कथन जमीन पर साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने सिलक्यारा में सुरंग से श्रमिकों के सफल बचाव मिशन में शामिल राज्य सरकार और सभी लोगों की सराहना की।

उत्तराखंड के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां दिव्यता और विकास एक साथ महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने इस भावना को और विस्तार देने के लिए अपनी एक कविता सुनाई।

इस अवसर पर उपस्थित निवेशकों को उद्योग के दिग्गजों के रूप में संदर्भित करते हुए, प्रधान मंत्री ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण की उपमा दी और राष्ट्र पर इस अभ्यास को करने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण के परिणाम देश में आकांक्षाओं, आशा, आत्मविश्वास, नवाचार और अवसरों की प्रचुरता का संकेत देंगे। उन्होंने नीति-संचालित शासन के संकेतकों और राजनीतिक स्थिरता के लिए नागरिकों के संकल्प का भी उल्लेख किया। प्रधान मंत्री ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आकांक्षी भारत, अस्थिरता के बजाय एक स्थिर सरकार चाहता है“ और रेखांकित किया कि लोगों ने सुशासन और उसके ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मतदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी और अस्थिर भू-राजनीतिक परिदृश्य के बावजूद रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ने की देश की क्षमता पर प्रकाश डाला। प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की, “चाहे वह कोरोना वैक्सीन हो या आर्थिक नीतियां, भारत को अपनी क्षमताओं और नीतियों पर भरोसा था।“ परिणामस्वरूप, दुनिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित भारत का हर राज्य इस ताकत का लाभ उठा रहा है।

प्रधानमंत्री ने डबल इंजन सरकार के लाभों को दोहराया जिसके दोहरे प्रयास हर जगह दिखाई दे रहे हैं। राज्य सरकार जहां स्थानीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है, वहीं भारत सरकार उत्तराखंड में अभूतपूर्व निवेश कर रही है। सरकार के दोनों स्तर एक-दूसरे के प्रयासों को बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाकों से चारधाम तक जाने के काम का जिक्र करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी ढाई घंटे की रह जायेगी। देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार से हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होगी। प्रदेश में हेली-टैक्सी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है तथा रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। यह सब कृषि, उद्योग, लॉजिस्टिक्स, भंडारण, पर्यटन और आतिथ्य के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित स्थानों तक सीमित पहुंच प्रदान करने वाली पिछली सरकारों के दृष्टिकोण का खंडन करते हुए, प्रधान मंत्री ने उन्हें देश के पहले गांव के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का उल्लेख किया जहां उन गांवों और क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है जो विकास मानकों में पीछे हैं। श्री मोदी ने उत्तराखंड की अप्रयुक्त क्षमता पर प्रकाश डाला और निवेशकों से इसका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।

उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए, जिसे डबल इंजन सरकार का लाभ मिला है, प्रधानमंत्री ने भारत के दौरे के लिए देश के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों के उत्साह पर भी ध्यान दिया। उन्होंने पर्यटकों को प्रकृति के साथ-साथ भारत की विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से थीम आधारित पर्यटन सर्किट बनाने की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि प्रकृति, संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखंड एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। उन्होंने निवेशकों से योग, आयुर्वेद, तीर्थ और साहसिक खेल क्षेत्रों में अवसर तलाशने और पैदा करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने देश के अमीरों, संपन्न लोगों और युवाओं से ’मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ’वेड इन इंडिया’आंदोलन शुरू करने की अपील की. उन्होंने उनसे अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने किसी भी संकल्प को हासिल करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अगर उत्तराखंड में एक साल में 5000 शादियां भी होती हैं, तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बदलाव की तेज हवा चल रही है. पिछले 10 वर्षों में एक आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है। पहले से वंचित आबादी के एक बड़े हिस्से को योजनाओं और अवसरों से जोड़ा जा रहा है। गरीबी से बाहर आए करोड़ों लोग अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं। नव मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग दोनों अधिक खर्च कर रहे हैं “हमें भारत के मध्यम वर्ग की क्षमता को समझना होगा। उत्तराखंड में समाज की यह शक्ति आपके लिए एक बड़ा बाज़ार भी तैयार कर रही है”, श्री मोदी ने कहा।

प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्च करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी और इसे उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को विदेशी बाजारों तक ले जाने का एक अभिनव प्रयास बताया। श्री मोदी ने कहा, “हाउस ऑफ हिमालयाज वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल की हमारी अवधारणा को और मजबूत करता है।“ उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले और ब्लॉक के उत्पादों में वैश्विक बनने की क्षमता है। प्रधान मंत्री ने ऐसे स्थानीय उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार की खोज के महत्व पर जोर दिया और निवेशकों से विभिन्न जिलों में ऐसे उत्पादों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे महिला स्वयं सहायता समूहों और एफपीओ के साथ जुड़ने की संभावनाएं तलाशने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “स्थानीय-वैश्विक बनाने के लिए यह एक अद्भुत साझेदारी हो सकती है।“ लखपति दीदी अभियान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों से दो करोड़ लखपति दीदी बनाने के अपने संकल्प को रेखांकित किया और कहा कि हाउस ऑफ हिमालय के ब्रांड के लॉन्च के साथ इस पहल को गति मिलेगी। उन्होंने इस पहल के लिए उत्तराखंड सरकार को भी धन्यवाद दिया।

राष्ट्रीय चरित्र को मजबूत करने के बारे में लाल किले से अपने आह्वान का जिक्र करते हुए प्रधान मंत्री ने सभी से आह्वान किया, “हम जो भी करें, वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हमारे मानकों का दुनिया को अनुसरण करना चाहिए।’ हमें अब इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि निर्यातोन्मुख विनिर्माण को कैसे बढ़ाया जाए।” उन्होंने नए निवेश द्वारा स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और एमएसएमई को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने पोषण के नाम पर डिब्बाबंद भोजन के प्रति आगाह किया जबकि भारत मिलेट जैसे पौष्टिक भोजन में बहुत समृद्ध है। उन्होंने आयुष से संबंधित जैविक भोजन की संभावनाओं और उनके द्वारा राज्य के किसानों और उद्यमियों के लिए प्रदान किये जाने वाले अवसरों पर प्रकाश डाला। यहां तक कि डिब्बाबंद भोजन में भी, उन्होंने उपस्थित लोगों से स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में मदद करने के लिए कहा।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि वर्तमान समय भारत, इसकी कंपनियों और इसके निवेशकों के लिए एक अभूतपूर्व समय है। उन्होंने कहा, “अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है“, उन्होंने स्थिर सरकार, एक सहायक नीति प्रणाली, सुधार और परिवर्तन की मानसिकता और विकास में विश्वास के संयोजन को श्रेय दिया। “यही समय है, सही समय है। यह भारत का समय है”, प्रधान मंत्री ने कहा और निवेशकों से उत्तराखंड के साथ चलने और इसकी विकास यात्रा में भाग लेने की अपील की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रदेश की समस्त जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि भारत में समय-समय पर अनेकों महापुरूषों ने मां भारती के मुकुट की शोभा बढ़ाने और समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य किया है। इनमें से कई ऐसी विभूतियां हैं जिनके बारे में हमने केवल सुना है, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं है, लेकिन जब हम आज प्रधानमंत्री की ओर देखते हैं तो हमें उन सभी महान विभूतियों का अंश उनमें दिखाई देता है। देश के पीएम जिस कठिन परिश्रम से भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए प्रयत्नशील है वह एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों में आशा एवं विश्वास का बीज भी रोपित करता है। आज केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देश भी प्रधानमंत्री की सोच, उनकी रणनीति और उनके विचारों का अनुसरण करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा गुजरात के सीएम रहते हुए ’’वाईब्रेंट गुजरात’’ नाम से इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन शुरू किया गया था, उसी से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ की थीम पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। हमारी कोशिश रहेगी कि हर 02 वर्ष के अंतराल में इस समिट का आयोजन हो। “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” का मुख्य उद्देश्य, ग्रीन इकोनॉमी और रोजगार को लेकर इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय द्वारा राज्य का समग्र विकास करना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को प्राप्त करने का लक्ष्य था, अभी तक लक्ष्य से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर करार हो गये हैं। इनमें से अब तक 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, इससे प्रदेश में स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक निवेशक को अच्छा व्यावसायिक वातावरण, अच्छी कानून व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियाँ और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और आबोहवा भी चाहिए, यह सब उत्तराखण्ड के पास है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में गुजरात के ’’महात्मा मंदिर कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर’’ की भांति शीघ्र ही एक भव्य ’’कन्वेंशन सेंटर’’ का निर्माण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रत्येक साल करोड़ों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आतिथ्य सत्कार होता है। करीब सवा करोड़ की आबादी वाला हमारा राज्य हर साल लगभग सात करोड़ लोगों का कुशलता से प्रबंधन करता है, जो कि राज्य की उच्चकोटि की कानून व्यवस्था का प्रतीक है। राज्य में विभिन्न सैक्टर्स में ’’निवेश मित्र’’ की नियुक्ति की है, जो 5 करोड़ रूपये से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये ’’सिंगल प्वाइंट आफ कॉटेक्ट’’ होंगे। उत्तराखंड में जहां एक ओर परिवहन मार्गों का विस्तार हुआ है, वहीं अब नए एयरपोर्ट के विकास तथा रोपवे और हैलीपोर्टों के निर्माण द्वारा कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उत्तराखंड अपनी एक अलग पहचान बना रहा है।

इस अवसर पर उद्योग जगत के नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अदानी समूह के निदेशक और प्रबंध निदेशक (कृषि, तेल और गैस) श्री प्रणव अदानी ने कहा कि हाल के दिनों में सिंगल प्वाइंट मंजूरी, प्रतिस्पर्धी भूमि की कीमतें, सस्ती बिजली और कुशल वितरण, अत्यधिक कुशल जनशक्ति और राष्ट्रीय राजधानी से निकटता और एक बहुत ही स्थिर कानून और व्यवस्था का माहौल के कारण उत्तराखंड निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बन गया है। श्री अदाणी ने राज्य में विस्तार करने और अधिक निवेश और नौकरियां लाने की अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य को लगातार समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत के लोगों ने उनमें अभूतपूर्व विश्वास और भरोसा जताया है।

जेएसडब्ल्यू के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सज्जन जिंदल ने उत्तराखंड राज्य के साथ प्रधान मंत्री के संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसे श्री जिंदल ने केदारनाथ और बद्रीनाथ की विकास परियोजनाओं के दौरान अनुभव किया था। उन्होंने देश की तस्वीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की और जीडीपी वृद्धि के मापदंडों और भारत के जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख किया। श्री जींदल ने भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा में उनके नेतृत्व के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने देश भर के तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार पर सरकार के जोर का भी उल्लेख किया। उन्होंने उत्तराखंड में लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की कंपनी की योजना का विस्तार किया और नवंबर में शुरू की गई ’स्वच्छ केदारनाथ परियोजना’ के बारे में भी बात की। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री को भारत की विकास यात्रा में कंपनी के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

आईटीसी के प्रबंध निदेशक श्री संजीव पुरी ने जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलता को याद करते हुए प्रधानमंत्री की वैश्विक राजनीति कौशल और ग्लोबल स्टेट्समेनशिप की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई उद्देश्यपूर्ण नीतिगत पहलों ने भारत को बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने वाली दुनिया में अनुकूल स्थिति में ला दिया है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में कई क्षेत्रों में बदलाव और जीडीपी के आंकड़े खुद बयां करते हैं। नेतृत्व ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां विश्व स्तर पर, यह दशक और, कुछ लोग कह रहे हैं, सदी भारत की है।

पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु श्री बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री को ’विकसित भारत’ का स्वप्नदृष्टा और भारत के 140 करोड़ नागरिकों के परिवार का सदस्य बताया। उन्होंने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के प्रधान मंत्री के लक्ष्य पर प्रकाश डाला और निवेश लाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में पतंजलि के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आने वाले समय में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और 10,000 से अधिक नौकरियों का आश्वासन दिया। उन्होंने नये भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के संकल्प और इच्छाशक्ति की सराहना की। उन्होंने राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रयासों की भी सराहना की और कॉर्पाेरेट घरानों से राज्य में एक इकाई स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के विकास की भी सराहना की। उन्होंने निवेशकों से भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को मजबूत करने की अपील की।

एम्मार इंडिया के सीईओ श्री कल्याण चक्रवर्ती ने देश के विकास के लिए दिशा, दृष्टि और दूरदर्शिता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए कॉर्पाेरेट जगत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने भारत-यूएई संबंधों में नई जीवंतता की ओर भी इशारा किया। एम्मार का मुख्यालय संयुक्त अरब अमीरात में है। श्री कल्याण चक्रवर्ती ने भारत के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण में आए सकारात्मक बदलाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जीएसटी और फिनटेक क्रांति जैसे कई नीतिगत सुधारों का उल्लेख किया जो औद्योगिक जगत के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के अध्यक्ष श्री आर दिनेश ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उत्तराखंड की विकास गाथा में संगठन के योगदान का उल्लेख किया और टायर और ऑटो घटकों की विनिर्माण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स और ऑटो क्षेत्र में सेवाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र और भंडारण क्षमता में निवेश को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की योजनाओं का विस्तार किया, जिससे सभी पारिवारिक कंपनियों में 7,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुईं। उन्होंने बदलते वर्तमान विश्व परिदृश्यों के कारण डिजिटल और स्थिरता परिवर्तन में वित्तीय सहायता और अपस्किलिंग प्रदान करके ऑटो मार्केट क्षेत्र में भागीदारों को संभालने के लिए कंपनी की तत्परता पर जोर दिया। सीआईआई के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने 1 लाख से अधिक लोगों को परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए 10 मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आतिथ्य, स्वास्थ्य देखभाल और उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों को कवर करने वाले 10,000 लोगों को प्रशिक्षित करने की क्षमता वाला स्पेशलिटी मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने वाला पहला राज्य होगा।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), राज्य सरकार के मंत्रीगण, पूर्व मुख्यमंत्री गण, सांसदगण, विधायकगण और विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

सीएम धामी ने हरिद्वार के सौंदर्यकरण के लिए की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान हर की पैड़ी पर गंगा आरती में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने भारत की प्राचीन व पौराणिक शक्ति पीठां से सीधा सम्बन्ध रखने वाले सतीकुण्ड को शीध्र ही विश्व स्तरीय संरचना देकर भव्य स्वरुप में विकसित किये जाने, हर की पैड़ी में गंगा आरती के दौरान लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से गंगा के अवतरण का तीर्थ यात्रियों के बीच प्रदर्शन की व्यवस्था किये जाने, हरकी पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों पर फसाड़ लाईटिग की व्यवस्था किये जाने की घोषणएं की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर क्षेत्रांतर्गत हर की पैड़ी पर गंगा आरती में प्रतिभाग के दौरान तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु कई सौगाते दी। उन्होने कहा कि प्राचीन शक्ति पीठो से सीधा सम्बन्ध रखने व हिन्दु धर्म के प्रसार के पुरातन केन्द्र के रुप में प्रसिद्व स्थाल सतीकुण्ड को शीघ्र ही विश्वस्तरीय संरचना के तहत भव्य रुप दिया जायेगा। उन्होने गंगा आरती के दौरान हर की पैड़ी पर एकत्र होने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा को स्मरणीय बनाने के लिए गंगा अवतरण के दृश्य को लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से गंगा आरती को और अधिक भव्य रुप दिये जाने की बात कही। उन्होने कहा कि हरकी पैड़ी पर गंगा आरती के दौरान प्रत्येक दिन गंगा अवतरण के दृश्य का लाईट, साउंड व लेजर शो के माध्यम से प्रदर्शन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने हर की पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों पर फसाड़ लाईटिगं की व्यवस्था किये जाने की बात कही। कहा कि हरकी पैड़ी के आसपास के पुल केवल कुम्भ के दौरान ही प्रकाशमान होते हैं। जबकि यहां तीर्थ यात्रियों का वर्ष-भर आना-जाना लगा रहता है, इसलिए हर की पैड़ी के आस-पास के सभी पुलों को प्रतिदिन शाम होते ही रंग बिरंगी रोशनी फसाड़ से प्रकाशमान किये जायेंगे।
इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी परमेन्द्र डोभाल, वीसी एचआरडीए अंशुल सिंह, सीडीओ प्रतीक जैन, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, अध्यक्ष बीजेपी संदीप गोयल सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि व तीर्थ यात्री उपस्थित रहे।

बदरीनाथ धाम आगमन पर राष्ट्रपति का जोरदार स्वागत

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बुधवार को उत्तराखंड स्थित भू-बैकुंठ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। मंदिर में करीब 25 मिनट तक पूजा करते हुए राष्ट्रपति ने देश की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। बदरीनाथ धाम आगमन पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति की अगवानी की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से बुधवार को सुबह 10ः20 बजे बद्रीनाथ आर्मी हेलीपैड पहुंची हेलीपैड पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, अन्य जनप्रतिनिधियों सहित जिलाधिकारी हिमांशु खुराना एवं पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। यहां से राष्ट्रपति काफिले के साथ मंदिर पहुंची और मंदिर में बद्री विशाल की वेद पाठ एवं विशेष पूजा की। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी एवं तीर्थ पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत पूजा संपन्न की। मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, उपाध्यक्ष किशोर पंवार एवं अन्य पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति को बद्री विशाल का प्रसाद एवं अंग वस्त्र भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंदिर परिसर में राष्ट्रपति को भोजपत्र पर बनी बद्रीनाथ मंदिर की प्रतिकृति, आरती और स्थानीय उत्पादों की टोकरी भेंट की। भू-बैकुंठ धाम की अलौकिक सुंदरता देख राष्ट्रपति अभिभूत दिखीं। मंदिर में पूजा दर्शन के बाद राष्ट्रपति बद्रीनाथ से श्रीनगर के लिए प्रस्थान किया।

तीन दिन की लंबी धार्मिक यात्रा को माना जा रहा है प्रचार से राहुल गांधी का पलायन

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का प्रचार चरम पर है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी तीन दिन की धार्मिक यात्रा पर केदारनाथ धाम पहुंच गए हैं। उनकी इस यात्रा को भाजपा चुनाव प्रचार से उनके पलायन के रूप में देखा रही है। प्रचार युद्ध में भाजपा के सामने लगभग घुटने टेक चुकी कांग्रेस अब ‘सॉफ्ट हिन्दुत्व’ का कार्ड खेलने की फिराक में है। लेकिन राहुल गांधी को केदारनाथ में देखकर श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने जमकर मोदी, जय श्री राम के नारे लगाए। इससे साफ है कि चुनाव से ऐन पूर्व राहुल गांधी के सॉफ्ट हिन्दुत्व के प्रपंच को जनता सिरे से खारिज कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान शिव के अनन्य भक्त हैं। केदारनाथ धाम से उनकी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। भगवान शिव के प्रति उनकी अगाध श्रृद्धा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद वह अभी तक छह बार (3 मई 2017, 20 अक्तूबर 2017, 7 नवंबर 2018, 18 मई 2019, 5 नवंबर 2021 और 21 अक्टूबर 2022) केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ चुके हैं। वह हर साल केदारनाथ धाम की शरण में आते हैं सिर्फ 2020 में कोरोना प्रकोप के चलते वह केदारनाथ धाम की यात्रा पर नहीं आ सके थे। इसके अलावा मोदी देश और विदेश में हिन्दुओं के धार्मिक स्थलों में पूजा अर्चना करते रहे हैं। अब तक भाजपा के हिन्दुत्व प्रेम पर कटाक्ष करने वाले राहुल अब प्रधानमंत्री मोदी की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं। वह अपनी तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को केदारनाथ धाम पहुंचे लेकिन उनकी कोशिशों पर उस वक्त पलीता लग गया जब केदारनाथ में पहुंचते ही राहुल गांधी को देखकर लोग मोदी-मोदी के नारे लगाने लगे। सवाल यह है कि जब पांच राज्यों में चुनाव का प्रचार चरम पर है तो ठीक उसी वक्त राहुल ने केदारनाथ धाम की तीन दिन की यात्रा का लम्बा कार्यक्रम क्यों बनाया। क्या हर बार ही तरह राहुल ने इस बार भी चुनावी प्रचार में ताकत झोंकने के बजाए पलायन किया है।
दरअसल, हर बार राहुल गांधी चुनाव प्रचार के वक्त कभी विदेश तो कभी अन्य स्थानों की यात्रा पर चले जाते हैं। वो स्टार प्रचारक के रूप में जिम्मेदारी उठाने से भागते रहे हैं। उनका फण्डा यह है कि कांग्रेस जीत गई तो वह जीत का श्रेय खुद ले लेंगे और हार गई तो उनकी जवाबदेही तय नहीं होगी। इससे पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी राहुल प्रचार से नदारद थे। जबकि प्रियंका मोर्चे पर डटी रही।

आदि कैलाश की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अक्टूबर को भारत की आध्यात्मिक भूमि आदि कैलाश पहुंचे। यहां शिव मंदिर में पूजा करते हुए प्रधानमंत्री ने आदि कैलाश के विराट दर्शन किए और देश की सुख, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए प्रार्थना की। शिव धाम आदि कैलाश आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी का जोरदार स्वागत हुआ। इस दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री मोदी अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत 12 अक्टूबर, 2023 को सुबह 8.45 बजे हेलीकॉप्टर से पिथौरागढ़ जनपद में ज्योलिंगकांग हेलीपैड पर उतरे। यहां से दाहिनी ओर करीब डेढ़ किमी की दूरी कार से तय करते हुए हिमालय की चोटी पर स्थित पार्वती सरोवर और शिव मंदिर पहुंचे। करीब 25 मिनट तक शिव की पूजा और ध्यान किया। आदि कैलाश मंदिर में रं-समुदाय के लामा पुजारियों ने पौराणिक काल से प्रसिद्ध शिव-पार्वती की ‘माटी पूजा’ पूरे विधि विधान के साथ संपन्न की।

इसके बाद पीएम मोदी ने आदि कैलाश पर्वत और पार्वती सरोवर के दर्शन भी किए। आदि कैलाश और पार्वती सरोवर के दर्शन कर प्रधानमंत्री अभिभूत हो उठे। उन्होंने कहा कि आदि कैलाश के दर्शन कर उनका मन प्रसन्न और जीवन धन्य हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देव भूमि है। यहां कण-कण में देवी देवताओं का वास है। भगवान आदि कैलाश के दर्शन कर उन्हें परम आनंद की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि देवभूमि के मंदिर आस्था ही नही आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से जुड़ी है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी मंदिरों को एक सर्किट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को आदि कैलाश और आसपास के क्षेत्र के बारे जानकारी दी।
प्रधानमंत्री के भ्रमण से चीन सीमा पर तैनात सेना के जवानों के साथ ही सीमा पर बसे गांव कुटी, नाबि, रोंगकांग, गुंजी, नपल्चयू, गर्व्यांग, बूंदी के ग्रामीणों में गजब उत्साह देखने को मिला। आदि कैलाश के दर्शन करने के बाद पीएम मोदी ज्योलिंगकांग हेलीपैड से गुंजी के लिए रवाना हुए।
प्रधानमंत्री मोदी आदि कैलाश की यात्रा करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री भी बन गए है। तीन देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगी इस भूमि से प्रधानमंत्री ने पूरे विश्व को अध्यात्म और वैश्विक क्षेत्र में उभरती भारत की शक्ति का संदेश भी दिया। प्रधानमंत्री के भ्रमण से आदि कैलाश क्षेत्र में आध्यात्मिक पर्यटन की संभावनाएं बढ गई है।

पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलाश 14 हजार फुट से अधिक ऊॅचाई पर चीन और नेपाल की सीमा से सटा है और भारत की आध्यात्मिक भूमि है। आदि कैलाश के बारे में मान्यता है कि यह स्थान भगवान शिव के परिवार का निवास स्थान है। आदि कैलाश मार्ग पर मुख्य आकर्षण ओम पर्वत है। इस पर्वत पर ओम की आकृति उभरी हुई है। ओम पर्वत कैलाश यात्रा मार्ग में नावीढांगा में स्थित है। ओम पर्वत को आदि कैलाश का छोटा कैलाश भी कहा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुंजी गांव में स्थानीय लोगों से मिलकर उनसे बातचीत की। गुंजी गांव में दूर-दराज से पहुंचे लोग प्रधानमंत्री को अपने बीच पाकर उत्साहित दिखे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने च्यूबाला पहनी रंगस्या (महिलाओं) से आशीर्वाद भी लिया। गुंजी में सेना के जवानों के साथ बातचीत कर प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने रं समाज कल्याण समिति के लोगों से भी भेंटवार्ता की। रं समाज कल्याण समिति के लोग पारम्परिक वेशभूषा में थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर स्वयं नगाड़ा भी बजाया।
प्रधानमंत्री ने भारत-तिब्बत व्यापार के प्रमुख केन्द्र गुंजी गांव में स्थानीय कला और उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उन्होंने आदि कैलाश, पार्वती सरोवर, कुटी गांव, रांगकॉग गांव, नाबी, गुंजी, ओम पर्वत की फोटो गैलरी का भी अवलोकन किया।
गुंजी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह के रूप में ओम पर्वत की फोटो भेंट की। वही रं समाज द्वारा मानसरोवर का पवित्र जल भरा कलश भेंट किया गया।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में प्रसिद्ध जागेश्वर धाम पहुंचकर पूजा अर्चना की तथा देश वासियों की सुख समृद्धि की कामना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 11.40 बजे शौकियाथल पहुंचे। इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से जागेश्वर धाम पहुंचे। 124 मंदिरों के समूह जागेश्वर धाम में उन्होंने सर्वप्रथम जागेश्वर गर्भगृह में करीब 7 मिनट तक पूजा कर बाबा जागेश्वर के दर्शन किए। इसके पश्चात पुष्टिमता, महामृत्युंजय तथा केदारनाथ में पूजा अर्चना की। इसके पश्चात मंदिर परिसर की परिक्रमा करते हुए अर्धनारेश्वर वृक्ष का अवलोकन किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तांबे से बना वाद्य यंत्र तुरही, ताम्र जागेश्वर तथा डमरू उपहार स्वरूप भेंट किया। फ्लीट मार्ग में प्रधानमंत्री ने स्थानीय लोगों का कार से उतरकर अभिवादन स्वीकार किया।

मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों का गंगा आरती में किया स्वागत

ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट में जी-20 के मेहमानों द्वारा गंगा आरती में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अन्य जनप्रतिनिधियों तथा स्थानीय लोगों द्वारा गर्मजोशी से विदेशी मेहमानों का स्वागत किया गया। गंगा आरती और भजन संगीत से विदेशी मेहमान प्रभावित होकर आध्यात्मिकता में डूबे रहे। कल-कल बहती गंगा की शांत और सुरम्य वादियों को देखकर जी-20 के डेलिगेट्स इतने जिज्ञासु, उत्सुक और प्रसन्न दिखे कि गंगा दर्शन के दौरान सेल्फी लेने की होड़ मची रही।
गंगा आरती में विदेशी मेहमानों को भारत की आध्यात्मिकता, योगा, मेडिटेशन, संस्कृति, रीति-नीति और भारत के आतिथ्य सत्कार सबसे एक साथ साक्षात्कार भी हुआ।
गंगा आरती के पश्चात विदेशी मेहमानों ने रात्रिभोज में स्थानीय व्यंजको का लुत्फ उठाया तथा भोज में उनको ’भारत के मोटे अनाज की और उत्तराखंड की ’बारह अनाजा संस्कृति’ का भी परिचय हुआ। गंगा आरती के दौरान विदेशी मेहमानों को प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के भारत के और उत्तराखंड के परंपरागत प्रयासों का भी परिचय हुआ।
इस दौरान गंगा आरती में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान लोकसभा सांसद हरिद्वार डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’, उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी व प्रेमचंद अग्रवाल, विकासनगर विधायक मुन्ना सिंह चौहान व रायपुर रोड खजान दास, जिला पंचायत अध्यक्ष देहरादून मधु चौहान, महापौर देहरादून सुनील उनियाल व ऋषिकेश अनीता अनीता मंमगाई, पुलिस महानिरीक्षक के. एस. नग्नयाल, आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत, सचिव एमडीडीए व महानिदेशक सूचना बशीधर तिवारी, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दिलीप सिंह कुंवर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, महानुभाव और जनमानस उपस्थित रहे।

कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के संग तैयारियों का लिया जायजा

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने जी-20 कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। बैठक के बाद तमाम अधिकारियों के साथ डॉ अग्रवाल ने त्रिवेणी घाट पर निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण भी किया।
रेलवे रोड स्थित एक होटल से आयोजित बैठक में मंत्री डॉ अग्रवाल ने जी-20 के दृष्टिगत त्रिवेणी घाट एवं ऋषिकेश विधानसभा में कराए जा रहे कार्यों की विभाग वार समीक्षा करते हुए समस्त विभागों के अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करते हुए 20 जून तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
डॉ अग्रवाल ने निर्देशित किया कि गुणवत्ता में किसी प्रकार का समझौता ना हो और निर्माण कार्यों को परमानेंट किया जाए, इसकी सुनिश्चिता की जाए। साथ ही निर्देश दिए कि मैनपावर बढ़ाते हुए रात्रि में भी निर्माण कार्य किए जाएं।
डॉ अग्रवाल ने निर्देशित किया कि विभाग स्थाई प्रकृति के कार्य करें तथा जो कार्य किए जा रहे हैं उनके रखरखाव की भी पूर्ण व्यवस्था बना ली जाए। उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश के अधिकारियों को निर्देशित किया कि साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा नियमित सफाई कार्य सुनिश्चित किए जाएं।
डॉ अग्रवाल ने विभागों को निर्देश दिए कि मानसून के दृष्टिगत तैयारियां सुनिश्चित की जाए। ताकि बरसात होने पर अव्यवस्था न हो। उन्होंने नगर निगम को लाइटिंग कार्य, नाली सफाई, शौचालय मरम्मत तथा निराश्रित पशुओं को गौशालाओं में पहुंचाने के निर्देश दिए।
डॉ अग्रवाल ने डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को निर्देश दिए की कानून व्यवस्था में सुधार करते हुए सप्ताह अंत में पुलिस फोर्स बढ़ाई जाए, ताकि सड़को पर जाम की स्थिति और अराजकता से बचा जा सके। उन्होंने कार्य में लापरवाही किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव शहरी विकास डॉ विनय शंकर पांडे, सचिव प्रशासन विनोद कुमार सुमन, डीआईजी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान, सचिव एमडीडीए मोहन सिंह बर्निया, अपर जिला अधिकारी वित्त एवं राजस्व रामजीशरण शर्मा, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण कमलेश उपाध्याय, उप जिलाधिकारी ऋषिकेश सौरभ असवाल, प्रभारी नगर आयुक्त नगर निगम ऋषिकेश तनवीर सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग धीरेंद्र कुमार, निवेशक ग्रामीण विकास अभिकरण प्रदीप पांडे सहित विद्युत, सिंचाई, आदि संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

टीन शेड से लैस होगा आरती स्थल
क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने बैठक के तुरंत बाद त्रिवेणी घाट में निर्माणाधीन कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि त्रिवेणी घाट में गंगा स्थल पूरी तरह टिन शेड किया जाय। इससे जी-20 कार्यक्रम के बाद स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा।

चेंजिंग रूम की संख्या बढ़ाने के दिए निर्देश
डॉ अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान पाया कि घाट पर आने वाले पर्यटकों के लिए चेंजिंग रूम की आवश्यकता है, जिसको देखते हुए उन्होंने एमडीडीए के सचिव मोहन सिंह बर्निया को चेंजिंग रूम की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए।

आरती स्थल के सामने टापू पर लगेगी ग्रीन ग्रास
डॉ अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को गंगा आरती स्थल के ठीक सामने टापू पर ग्रीन ग्रास लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इससे घाट की सुंदरता में वृद्धि होगी।

28 जून को गंगा आरती की पूरी संभावना
डॉ अग्रवाल ने मीडिया कर्मियों को बताया कि उनके प्रयासों से पूर्व में सीपीए के सदस्यों ने गंगा आरती में भाग लिया था। इसी के निमित्त जी-20 कार्यक्रम में गंगा आरती ऋषिकेश त्रिवेणी घाट में कराए जाने को लेकर उनकी ओर से अथक प्रयास किए गए। जिसका परिणाम यह है कि 28 जून को त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती होने की पूरी संभावना है।

घंटाकर्ण मंदिर में सीएम ने लिया आशीर्वाद, प्रदेश की खुशहाली की कामना की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घण्टाकर्ण मंदिर गजा, टिहरी गढ़वाल पहुंचकर घण्टाकर्ण देवता के दर्शन एवं विधिवत् पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। साथ ही समस्त देश एवं प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि की कामना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत लागत धनराशि रुपए 60.90 लाख के विश्राम गृह निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वां श्री घंटाकर्ण महायज्ञ एवं धार्मिक सांस्कृतिक मेले में प्रतिभाग कर मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि घंटाकर्ण देवता की पवित्र भूमि पर दूसरी बार पहुंचने का मौका मिला है। कहा कि केदारखंड के 148वें अध्याय में इसकी पौराणिकता का वर्णन मिलता है। कहा कि सड़क से जुड़ने के बाद यह विश्व के प्रसिद्ध धामों में से एक धाम बनेगा। कहा कि आज सनातन संस्कृति का परचम चारों ओर लहरा रहा है। आयोध्या में भव्य राम मंदिर का पुर्नाेत्थान निर्माण कार्य हो रहा है। कहा कि गत दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का विदेशी धरती पर जिस तरह से सम्मान हुआ है, इससे हर भारतवासी गौरवान्वित हो रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उज्ज्वला योजना के अन्तर्गत गरीब परिवारों को एक वर्ष में तीन गैस सिलेंडर मुफ्त में देने का कार्य धरातल पर उतारने में उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। मातृशक्ति को सभी सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिये जाने का प्रावधान किया गया है। समान नागरिक संहिता कानून का ड्राफ्ट को पूरा करने का कार्य लगभग कर दिया है, ड्राफ्ट बनने के बाद इसे लागू किया जायेगा, जो पूरे हिंदुस्तान के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। नई शिक्षा नीति लागू कर दी और खेल नीति भी बनाई गई है। नकल विरोधी कानून बनाया गया है। मानसखंड कॉरिडोर प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत कुमांउ के प्रमुख मंदिरों को बेहतर सड़कों से कनेक्ट किया जायेगा। कहा कि राज्य सरकार ने एक वर्ष के कालखण्ड कई पड़ाव पूरे किये हैं, जिसके तहत प्रदेश की समस्या और चुनौतियों का हल और समाधान करने का काम किया है। कहा कि सरकार का लक्ष्य स्पष्ट और नियत साफ है। प्रदेश और जनता का हित सर्वाेपरि है, किसी वर्ग का अहित न हो इसका संकल्प लिया है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि डोगी से घण्टाकर्ण को सड़क से जोड़ने हेतु योजना बनायी जायेगी तथा घण्टाकर्ण मोटर मार्ग का डामरीकरण किया जायेगा। इसके साथ ही खांकर-खत्याड मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य, (लम्बाई 5 कि.मी.), दावडा-अंगरियाना मोटर मार्ग नवनिर्माण कार्य (लम्बाई 2 कि.मी.), कोल कोडारना मोटर मार्ग का डामरीकरण (लम्बाई 1.25 कि.मी.), पुर्वाला-ससमण मोटर मार्ग का कौडियाला तक विस्तार, नैचोली में एएनएम सेन्टर, शिवपुरी में पार्किंग का निर्माण, कुंजापुरी-बड़कोट मोटर मार्ग का डामरीकरण (लम्बाई 1.25 कि.मी.) को योजनाओं में सम्मिलित किया जायेगा।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने जी-20 कार्यक्रमों की मेजबानी की जिम्मेदारी नरेन्द्रनगर क्षेत्र को दिये जाने पर केन्द्र एवं राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया गया। कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जो घोषणाएं की जाती हैं, उन्हें धरातल पर उतारा जाता है। कहा कि नरेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र में की गई घोषणाओं में से अधिकतर घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं, शेष पर कार्य प्रगति पर है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, नगर पंचायत अध्यक्ष गजा मीना खाती, पूर्व विधायक उत्तरकाशी विजय पाल सजवाण, अध्यक्ष मंडी समिति वीर सिंह रावत, अध्यक्ष मंदिर समिति अशोक बिजल्वाण, सीडीओ मनीष कुमार, एएसपी वी.डी. डोभाल, एसडीएम देवेन्द्र नेगी सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं क्षेत्रीय जनता मौजूद रहे।