मिलावटी आटा खाकर बीमार प्रकरण में सीएम ने सख्त, मुख्य सप्लायर और दुकानदारों पर केस दर्ज

नवरात्र के दौरान देहरादून में कुट्टू के आटे से बने पकवान खाने से 100 से भी अधिक लोग फूड प्वाइजनिंग से प्रभावित हुए। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत के निर्देशों के बाद खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) ने राज्य के सीमावर्ती इलाकों के साथ देहरादून और आसपास के इलाकों में दुकानों व अन्य प्रतिष्ठानों में ताबड़तोड़ छापेमारी चलाया गया। जिसमें एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कराये गये हैं।

कुट्टू का आटा सप्लायर का गोदाम सील, केस दर्ज
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा आज सुबह सूचना मिली कि राजकीय दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन अस्पताल में मरीज भर्ती किए गए हैं। मरीजों के परिजनों से पूछताछ करने पर पता चला कि इन सभी ने कुट्टू के आटे से बनी सामग्री का सेवन किया था, जिसके बाद उन्हें फूड पॉइजनिंग के गंभीर लक्षण दिखाई देने लगे। जांच के दौरान पाया कि मरीजों के परिवारों ने अलग-अलग दुकानों से कुट्टू का आटा खरीदा था, लेकिन सभी आटे का स्रोत सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) और विकासनगर (देहरादून) से जुड़ा हुआ था।

मुख्य सप्लायर और जिम्मेदार दुकानदारों की पहचान
जांच में सामने आया कि कुट्टू के आटे की आपूर्ति निम्नलिखित प्रतिष्ठानों द्वारा की गई थी:
1. मेसर्स गोविंद सहाय शंकर लाल – यह प्रतिष्ठान सहारनपुर (उ.प्र.) से कुट्टू का आटा सप्लाई कर रहा था।
2. विकास गोयल चक्की – यह चक्की मोग्गंज जामा मस्जिद के पास, थाना कोतवाली शहर, सहारनपुर (उ.प्र.) में स्थित है, जहां कुट्टू का आटा पिसा गया था।
3. Laxmi Trading, Sangam Vihar, Bhojwala Road, Vikasnagar, Dehradun – यह प्रतिष्ठान देहरादून में कुट्टू के आटे का मुख्य वितरक था। इसका गोदाम मेट्याला अकबरी मस्जिद, देहरादून के पास स्थित है।

मुख्य संचालक :
शीशपाल चीतान पुत्र शोभा राम–Laxmi Trading, विकासनगर, देहरादून

खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन
जांच में पाया गया कि FSSAI (भारतीय खाद्य संरक्षा और मानक प्राधिकरण) के निर्देशों और गाइडलाइन्स के विपरीत इन प्रतिष्ठानों ने मिलावटी कुट्टू का आटा सप्लाई किया था, जिससे 84 लोगों की जान जोखिम में पड़ गई।

एफआईआर दर्ज, सैंपल लिए गए और गोदाम सील

घटना की गंभीरता को देखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग ने तत्काल कार्रवाई की:
मुख्य सप्लायर Laxmi Trading के खिलाफ एफआईआर दर्ज।
गोदाम को सील कर दिया गया।
संदिग्ध कुट्टू के आटे के नमूने लिए गए, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया।
सहारनपुर स्थित चक्की और दुकान की भी जांच की जा रही है।
आगामी दिनों में अन्य प्रतिष्ठानों पर भी कार्रवाई जारी रहेगी।

यूपी के फूड कमिश्नर को पत्र
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा कि खाद्य विभाग लगातार तीन महीने वस्तुओं के सैंपल ले रहा था और छापेमारी अभियान भी चला रहा था। इस संबंध में यूपी के फूड कमिश्नर को भी 15 दिन पहले एक पत्र लिखा था कि मिलावटखोरों पर कार्रवाई करें क्योंकि अधिकांश मिलावटी उत्पाद यूपी से उत्तराखंड आते हैं।

टोल फ्री नंबर 1800-180-4246 पर दर्ज कराएं शिकायत
खाद्य आयुक्त डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि जिला अभिहीत अधिकारी मनीेष सिंह की ओर से आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि खुले या संदिग्ध कुट्टू के आटे का सेवन न करें। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच कर ही खरीदारी करें। कुट्टू का आटा खरीदते समय प्रमाणित दुकानों से ही खरीदें। यदि किसी खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद अस्वस्थ महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। मिलावटी आटे की जानकारी टोल-फ्री हेल्पलाइन 1800-180-4246 पर दें।

24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी
स्वास्थ्य सचिव व आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफडीए) डॉ. आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कोरोनेशन अस्पताल का दौरा किया और मरीजों का हाल-चाल जाना। उन्होंने फूड पॉइजनिंग से पीड़ित मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात कर उनकी स्थिति जानी और चिकित्सकों को बेहतर इलाज और सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनावश्यक रूप से मरीजों को अन्य अस्पतालों में रेफर न किया जाए। स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि सभी मरीजों की हालत स्थिर है और अगले 24 घंटे में अधिकांश मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।

सीएम ने ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड को लेकर बाइक रैली को दिखाई हरी झंडी

आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारिता समिति (डोईवाला देहरादून) के तत्वाधान में ड्रग्स मुक्त उत्तराखंड को लेकर बाइक रैली को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।

आदर्श संस्था की अध्यक्ष आशा कोठारी ने बताया कि तिलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित आदर्श संस्था सामाजिक व रचनात्मक क्षेत्र में लगातार कार्य कर रही है। कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में ड्रग मुख्य उत्तराखंड को लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है। इससे पूर्व स्काउट गाइड विभाग के साथ पूरे प्रदेश में भी यह अभियान चलाया गया था।

इस मौके पर आदर्श संस्था के अध्यक्ष हरीश कोठारी, अध्यक्ष वांडरर्स सिद्धार्थवासन, ममता पांगती नागर, श्रीयाक्ष गौड, दिनेश नागर, हिमांशु रतूड़ी, युवा मोर्चा के जिला महामंत्री विनायक नौटियाल, सारांश डोगरा, अभिषेक राणा, कार्तिक बुटोला, सागर ठाकुर, भावना सभरवाल आदि उपस्थित थे।

लंबे समय से फरार वारंटी को रानीपोखरी पुलिस ने शिमला से धर दबोचा

थाना रानीपोखरी क्षेत्रांतर्गत एक वारंटी को पुलिस ने पड़ोसी प्रदेश हिमाचल के शिमला से धर दबोचा है। पुलिस के अनुसार वारंटी छह वर्ष से फरार चल रहा था।

थानाध्यक्ष विकेंद्र सिंह ने बताया कि जनपद में लंबे समय से फरार वारंटियों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में न्यायालय विशेष अपर सत्र न्यायालय एनडीपीएस एक्ट ऋषिकेश से वारंटी रोशन कुमार बुद्धा पुत्र बीरबल बुद्धा निवासी बनाडी जंगल ग्वालिधार शिमला का गैर जमानती वारंटी जारी हुआ था।

थानाध्यक्ष ने बताया कि वारंट को अमल में लाते हुए हिमाचल प्रदेश के जनपद शिमला के थाना रोडू क्षेत्र के ग्राम सीमा से गिरफ्तार किया गया है। बताया कि वारंटी वर्ष 2018 से लगातार फरार चल रहा था नेपाली मूल व खानाबदोश प्रकार का है। पुलिस टीम में अपर उप निरीक्षक विजेंद्र सिंह, आरक्षी शंकर बिजल्वान आदि उपस्थित रहे।

जिला कारागार हरिद्वार से दो बन्दियों के भाग जाने पर छह कार्मिक निलंबित, जांच के निर्देश

जिला कारागार, हरिद्वार से दो बंदियों के भाग जाने की घटना पर 6 कार्मिकों को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना की विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। उप महानिरीक्षक कारागार इसकी जांच कर रिपोर्ट देंगे।

बताया गया कि निरूद्ध सिद्धदोष बंदी पंकज पुत्र मगन लाल एवं विचाराधीन बंदी रामकुमार पुत्र रक्षाराम दिनांक 11 अक्टूबर, 2024 की सायंकाल को कारागार से निकल गए। उक्त घटना में संबंधित के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कराया गया है तथा इस घटना के लिए 06 कार्मिकों 1. प्यारे लाल आर्य, प्रभारी अधीक्षक/कारापाल, 2. कुंवर पाल सिंह, उप कारापाल सर्किल जेलर / चक्राधिकारी 3. प्रेमशंकर यादव, दिन हेड वार्डर, 4. विजय पाल सिंह, हेड वार्डर-प्रभारी गिर्दा हेड 5. ओमपाल सिंह, बंदीरक्षक प्रभारी निर्माण स्थल, 6. नीलेश कुमार, हेड वार्डर प्रभारी गेटकीपर को उनके द्वारा ड्यूटी के प्रति बरती गयी लापरवाही एवं उदासीनता के निमित्त प्रथम दृष्टया उत्तरदायी पाते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। घटना की विस्तृत जांच हेतु उप महानिरीक्षक कारागार को निर्देशित किया गया है। विस्तृत जांच में पाये गये तथ्यों के आधार पर अग्रिम कार्यवाही संपादित की जायेगी।

राज्य में साइबर हमले की जांच के लिये हुई एसआईटी गठित

उत्तराखंड पर हुए साइबर हमले की जांच के लिए उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सीओ अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) गठित कर दिया है। एसआइटी मेल भेजकर फिरौती मांगने वाले हैकर के बारे में जानकारी जुटाएगी।

एसआइटी ने मेल आइडी हरमेसा और लिंगर की जांच के लिए मेल होस्टिंग को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। इसके अलावा केंद्रीय एजेंसी भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (आई4सी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए), भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सर्ट-इन), राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (एनसीआइआइपीसी) भी जांच में जुट गई है।

पटेलभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पुलिस महानिरीक्षक एसआइटी नीलेश आनंद भरणे, मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी पुलिस उप महानिरीक्षक सैंथिल अबूधाई कृष्ण राज एस व एसटीएफ के एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि दो अक्टूबर की दोपहर को क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट ने काम करना बंद कर दिया।

अन्य सिस्टम पर चेक किया गया तो इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी डेवलमेंट एजेंसी (आइटीडीए) से जानकारी मांगी गई तो आइटीडीए के सर्वर पर हैकिंग संबंधी मैसेज (नोट पैड) में सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था। हैकर ने संपर्क करने के लिए मेल आइडी दी गई व भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराए जाने से संबंधित मैसेज भेजा गया। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली व आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह की ओर से जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उपनिरीक्षक राजीव सेमवाल को शामिल करते हुए जांच की जा रही है। एसटीएफ ने आइटीडीए के कर्मचारियों को पूर्ण सहयोग दिया और डाटा सुरक्षित करने के बाद हैकर का पता किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि विभिन्न डिजीटल लाग व साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली व वायरल की फाइल को रिकवर कर लिया गया है। साथ ही प्रारंभिक विश्लेषण में वायरस आने की तकनीकी कारण भी विवेचना में शामिल किया जा रहा है। एसआइटी की ओर से तकनीकी उपकरण की वर्चुअल मशीन की कापी विश्लेषण के लिए भेजी जा रही है। भविष्य के लिए इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूंढकर सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी।

फाइलों को सुरक्षित करने के बाद हैकर के बारे में जुटा रहे जानकारी
आइजी नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि साइबर हमले के कारण जो भी एप्लीकेशन प्रभावित हुई तो उन्हें ठीक करने के बाद अब हैकर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि आखिर अनाधिकृत फाइल सिस्टम में कहां से आई है। वसूली के लिए जो ईमेल भेजी गई थी, उसके बारे में पता करने के लिए मेल होस्टिंग को पत्र लिखा गया है।

1400 वर्चुअल मिशन की स्कैनिंग की गई
पुलिस महानिरीक्षक सैंथिल अबूधाई कृष्ण राज एस के अनुसार प्रदेश के आइटी सिस्टम में मालवेयर को हटाने के लिए करीब 1400 वर्चुअल मिशन (सर्वर से होस्टिंग की सर्विस देने की व्यवस्था) और उससे संबंधित एक-एक डेटा की स्कैनिंग की गई। इसमें ई-आफिस से ही संबंधित 60 वर्चुअल मशीन शामिल रहीं। इसके लिए पूरी टीम ने सरकार के नेतृत्व में अथक प्रयास किए।

बैठक कर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के सीएम ने दिए सख्त निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शासन के उच्चाधिकारियों एवं बीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक सहित आयुक्तों, उपपुलिस महानिरीक्षको, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ प्रदेश की कानून व्यवस्था की गहनता से समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रदेश की कानून व्यवस्था को चुश्त, दुरुस्त बनाने तथा अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के सख्त निर्देश दिये। प्रदेश में ज्वेलरी दुकानों पर डकैती सहित अन्य अपराधों के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण के लिये अधिकारियों का आपसी समन्वय बनाने, सूचनाओं के त्वरित संप्रेषण, इंटेलिजेंस व्यवस्था को प्रभावी बनाये जाने, रात्रि पेट्रोलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने पर ध्यान देने के निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को किसी भी आपराधिक घटना को ससमय ब्रिफिंग किये जाने के निर्देश देते हुए इसकी जानकारी सूचना महानिदेशक को भी अविलम्ब उपलब्ध कराये जाने को कहा, ताकि घटनाओं की वास्तविक स्थिति मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचे। उन्होंने मीडिया से निरन्तर समन्वय बनाये रखने को कहा। उन्होंने महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों पर नियंत्रण के लिये गौरा शक्ति एप को और अधिक सक्रिय बनाये जाने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण, लव जिहाद आदि मामलों में कानून होने के बावजूद इस पर रोक न लगना चिन्ता का विषय है, इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रदेश में अपराध कहां बढ़ रहे हैं और क्यों बढ़ रहे हैं इस पर भी चिन्तन की जरूरत बताई। डेमोग्राफिक चेंज की समस्या के समाधान के लिये भी संबंधित सभी एजेंसियों के मध्य समन्वय पर ध्यान देने के निर्देश भी उन्होंने दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड बाहरी प्रदेशों के अपराधियों की शरणगाह न बनें इसके लिये सीमावर्ती क्षेत्रों में निरन्तर सघन चेकिंग अभियान संचालित किया जाय। अपराधियों के मन में पुलिस का भय तथा आमजन का पुलिस के प्रति भरोसा बढे यह सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने किरायेदारों तथा बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन पर भी ध्यान देने के निर्देश देते हुए मदरसों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में पढ़ रहे बच्चे राज्य के नागरिक कैसे बनाये जा रहे हैं, इस पर भी ध्यान देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में हुए ज्वेलरी दुकान डकैती के प्रकरण में एसपी सिटी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस प्रकरण में जो भी जिम्मेदार होगा उसके विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने उत्तराखण्ड को 2025 तक नशा मुक्त प्रदेश बनाने के लिये भी प्रयासरत रहने तथा सामुदायिक पुलिसिंग पर ध्यान देने पर बल दिया। प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण के लिये क्या बेहतर किया जा सकता है इस पर भी चिन्तन किये जाने की जरूरत मुख्यमंत्री ने बतायी। शिकायतों के त्वरित निस्तारण तथा अधीनस्थों के साथ अधिकारियों का सरल व्यवहार व क्षेत्रवाद की भावना से दूर रहने पर भी उन्होंने बल दिया। साइबर क्राईम पर प्रभावी रोकथाम के लिये जन जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूडी, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, ए.डी.जी. ए.पी.अंशुमन, आई.जी. के.एस. नगन्याल, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव निवेदिता कुकरेती, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार सहित आयुक्त कुमाऊं व सभी जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आदि मौजूद थे।

नये कानूनों के लागू होते ही सही रूप में क्रियान्वयन किया जाएः सीएम

01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले तीन नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम के संबंध में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रस्तुतिकरण में विस्तारपूर्वक नए कानूनों की आवश्यकता, इन्हें बनाने हेतु किये गये प्रयासों और इनकी विशेषताओं के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड पुलिस हस्तपुस्तिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नये कानूनों में जो प्राविधान किये गये हैं, इन कानूनों के लागू होने के बाद प्रदेश में इनका सही तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। इन कानूनों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था की जाए और आम जन को इन कानूनों की जानकारी हो इसके लिए विभिन्न माध्यमों से कानूनों का प्रचार-प्रसार किया जायेगा। इनके प्रचार-प्रसार के लिए सूचना विभाग का सहयोग लिया जाए।

पुलिस महानिदेशक द्वारा नये कानूनों की आवश्यकता के बारे में अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि पूर्व के कानून बहुत जटिल थे, जिसके कारण भारतीय नागरिकों को न्याय पाना एवं आवाज उठाना पाना कठिन था। सहिंता का उद्देश्य ब्रिटिश शासन को बढ़ावा देना तथा भारतीय नागरिकों का दमन करना था। पूर्ववर्ती कानूनों के फलस्वरूप न्यायालय में लंबित मामलों की बड़ी संख्या, दोषसिद्धि की कम दर, पीड़ित की असंतुष्टि एवं अपराधी पर अपूर्ण कार्यवाही रहा। इसी के मद्देनजर नए कानूनों को बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। 25 दिसंबर 2023 को नए आपराधिक कानूनों के बिल को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली।

पुलिस महानिदेशक ने जानकारी दी कि देश में 1 जुलाई 2024 से इन्हें लागू किया जाना प्रस्तावित है। कानून के गठन हेतु 18 राज्य, 6 केंद्र शासित प्रदेशों, सुप्रीम कोर्ट, 16 उच्च न्याययियों, 5 न्यायिक अकादमियों, 22 कानून विवि, 142 संसद सदस्यों, लगभग 270 विधायकों को जनता द्वारा दिये गए सुझावों के आधार पर 4 वर्ष में गहन परीक्षण कर इन्हें तैयार किया गया है। नए कानूनों का तीन मुख्य तथ्यों न्याय, समानता एवं निष्पक्षता को केंद्रित कर गठन किया गया है। भारतीय न्याय सहिंता 2023 में कुल 358 धाराएं होंगी जबकि वर्तमान कानून में यह 511 हैं। जिसमे 21 नई धाराओं को जोड़ा गया है, 41 धाराओं में सजा को बढ़ाया गया है। 82 धाराओं में फाईन को बढ़ाया गया है। 25 धाराओं में न्यूनतम सजा का प्राविधान, 06 धाराओं में सामुदायिक अपराधों को जोड़ा गया है एवं 19 धाराओं को हटाया गया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा सहिंता 2023 में 531 धाराएं होंगी जबकि वर्तमान कानून में यह 484 है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में कुल 170 धाराएं हैं, वर्तमान कानून में 166 धाराएं हैं।

पुलिस महानिदेशक ने प्रस्तुतिकरण में अवगत कराया कि नए कानून पीड़ित को अधिक अधिकार प्रदान करने के साथ ही शीघ्र न्याय, आपराधिक न्याय विंग प्रणाली के सभी विंग को अधिक जवाबदेह बनाने पर जोर देता है। राज्य में नए कानूनों को लागू करने के लिए 6 कमेटियों का गठन किया गया है जिनमें जनशक्ति, प्रशिक्षण, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सीसीटीएनएस, राज्य में लागू एक्ट में नये कानून के अन्तर्गत परिवर्तन व जागरूक समिति शामिल हैं। नए कानूनों के लागू होने पर राज्य में लागू अधिनियमों में आवश्यक संशोधन प्रस्तावित हैं। जिनमें उत्तराखंड राज्य के कुल 434 स्थानीय अधिनियमों का अवलोकन कर 74 अधिनियमों में संशोधन के प्रस्ताव के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश के 343 अधिनियमों का अवलोकन कर 116 अधिनियम मंस संशोधन के प्रस्ताव एवं केंद्र के कुल 228 अधिनियमों का अवलोकन कर संशोधन का प्रस्ताव है। उन्होंने जानकारी दी कि भारतीय न्याय संहिता कि कुछ धाराओं में बदलाव किये गये हैं।

इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर, चन्द्रेश यादव, एडीजी अमित कुमार सिन्हा, ए.पी. अंशुमन, आईजी विम्मी सचदेवा, केवल खुराना, विमला गुंज्याल, विशेष सचिव रिद्धिम अग्रवाल एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने टिहरी में दुर्घटना पर दिया आरोपी अधिकारी को निलंबन करने का आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी में हुई वाहन दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त किया है तथा दिवंगत आत्माओं की शांति की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री द्वारा इस दुःखद घटना का संज्ञान लेते हुए स्वयं वाहन चला रहे सहायक खण्ड विकास अधिकारी जाखणीधार, टिहरी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तराखण्ड को दिये गये।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में आयुक्त ग्राम्य विकास उत्तराखण्ड द्वारा अपने निजी वाहन से दुर्घटना घटित होने के फलस्वरूप देवी प्रसाद चमोली सहायक खण्ड विकास अधिकारी विकासखण्ड जाखणीधार को उत्तराखण्ड सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली में उल्लिखित प्राविधान नैतिक अधमता एवं आपराधिक आरोप के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है।

डोभाल चौक हत्याकांड पर मुख्यमंत्री की दो टूक, बदमाश छोटा हो या बड़ा, कानून से बचेगा नहीं

राजधानी के डोभाल चौक में प्रॉपर्टी कारोबारी की हत्याकांड पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो टूक कहा कि बदमाश छोटा हो या बड़ा, किसी को देवभूमि का माहौल खराब करने की छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। ऐसे में बदमाशों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के पहले ही निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा बदमाशों की अवैध प्रॉपर्टी, कारोबार पर रिपोर्ट मांगी गई है।
रायपुर क्षेत्र के डोभाल चौक के पास रविवार को प्रॉपर्टी डीलर रवि बडोला की बदमाशों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। जबकि रवि के दो साथियों को घायल किया था। घटना संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डीजीपी की मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। पुलिस ने 24 घण्टे के भीतर मुख्य बदमाश को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया है। जबकि वारदात में कुल 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में बदमाशों के लिए कोई जगह नहीं है। पुलिस को मामले में कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ बदमाशों की अवैध प्रॉपर्टी, कारोबार और बदमाशों से तालुकात रखने वालों की जांच की जा रही है। नगर निगम, एमडीडीए से प्रॉपर्टी की रिपोर्ट मांगी गई है। कानून अपना काम कर रहा है। सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए साथ खड़ी है। इसके अलावा घायलों को उचित इलाज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री धामी ने बदमाश प्रवृत्ति रखने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी कि वह देवभूमि छोड़ दें, अन्यथा सरकार को कड़ी कार्रवाई को बाध्य होना पड़ेगा।

रेल परियोजना कपंनी के अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की सुरंग में चट्टान गिरने से एक श्रमिक की मौत हो गई। इस मामले में स्वजन ने काम कर रही कंपनी पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। जिस पर पुलिस ने निर्माण कंपनी के सात अधिकारी, कर्मचारी व ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
इस संबंध में वेद प्रकाश पुत्र मथुरा प्रसाद निवासी ग्राम व पोस्ट तपोवन, थाना जोशीमठ, जिला चमोली गढ़वाल ने थाना मुनिकीरेती में तहरीर दी। जिसमें कहा कि चचेरा भाई वेद प्रकाश निवासी ग्राम व पोस्ट- तपोवन थाना जोशीमठ जिला चमोली कर्णप्रयाग रेल परियोजना में कौडियाला में पैकेज-3 में काम कर रही कंपनी नवयुगा में कार्यरत था।
आरोप है कि नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी कौडियाला में कार्यरत साईट इंजीनियर रंगनाथ, सेफ्टी अफसर मनोज पोखरियाल, पीआरओ रंजन भंडारी, टनल इंचार्ज नरेंद्र कुमार, सुपरवाईजर कमल, ठेकेदार जितेंद्र कुमार तोमर व एचआर भुवन चंद्र जोशी ने कौडियाला स्थित रेलवे प्रोजेक्ट पैकेज- तीन में लापरवाहीपूर्वक कार्य करवाते हुए चचेरे भाई कमलेश पंत (29 वर्ष) को 10 जून को सीधे टनल के फेस के अंदर भेज दिया। जिससे अचानक चट्टान गिरने पर भाई कमलेश पंत को गंभीर चोट आई।
उपचार के दौरान 13 जून को चचेरे भाई की मृत्यु हो गई। उसके साथी इमरान निवासी ग्राम मल्लीपुर सहारनपुर उत्तर प्रदेश व प्रमुख कंवर निवासी वसबेरवा पोस्ट पतगोडा थाना हंसडिहा दुमका झारखंड को भी गंभीर चोटें आई है। मुनिकीरेती थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह ने बताया कि तहरीर के आधार पर सभी सात आरोपितों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले की विवेचना चौकी प्रभारी व्यासी उप निरीक्षक धनंजय कुमार को सौंपी गई है।