चम्पावत के कमल गिरी से लीजिए स्वरोजगार की प्रेरणा, बने हैं सफल उद्यानपति

आदर्श जनपद चम्पावत के निवासी 35 वर्षीय, कमल गिरी, चार साल पहले तक गांव में ही छोटी सी दुकान चलाते थे। अब कमल गिरी 35 नाली जमीन पर सेब, कीवी, आडू, खुमानी और सब्जियां उगा रहे हैं। कमल गिरी ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेकर, खुद को स्वरोजगार के क्षेत्र में स्थापित किया है। अब अन्य लोग भी उनसे प्रेरणा लेकर, सेब उत्पादन के लिए आगे आए हैं।
चम्पावत जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर दूधपोखरा गांव के कमल गिरी को एक दिन सेब की जल्दी पैदावर देने वाली प्रजाति की जानकारी मिली, वो इसका पता करने के लिए भीमताल स्थित नर्सरी पहुंच गए। जहां से उन्हें उद्यान विभाग की एप्पल मिशन योजना की जानकारी मिली, जिसमें आवेदन करने के बाद उन्हें सब्सिडी पर सेब के 500 पौधे मिले। इसी के साथ उन्होंने कीवी मिशन के तहत 10 नाली जमीन में कीवी के भी पौधे लगाए। इसी तरह पांच नाली जमीन पर तेज पत्ता, बड़ी इलाईची लगाने के साथ ही मधु मक्खी पालन का भी शुरू कर दिया। बीते कुछ साल की मेहतन के बाद उनके पास अब कुल 35 नाली का उद्यान हो चुका है। जिसमें वो पॉलीहाउस के जरिए सब्जियां भी लगा रहे हैं। सहायक गतिविधि के रूप में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन भी शुरू कर चुके हैं।
सरकारी योजनाओं का लाभ
कमल गिरी बताते हैं कि एप्पल मिशन के तहत उन्हें 60 प्रतिशत सब्सिडी पर पौधे मिले, इसी तरह 80 प्रतिशत सब्सिडी पर उन्होंने पॉलीहाउस भी बनवा लिया है। विभाग ने कीवी मिशन और तारबाड़ में भी उन्हें सहयोग दिया है। इन्हीं सब प्रयासों से जंगल के बीच में होने के बावजूद उनकी फसल जंगली जानवरों से सुरक्षित रह सकी। अब उनकी मेहनत कामयाब होने लगी है, पिछले सीजन में उन्होंने 21 कुंतल सेब बेचा, इस सीजन में कीवी का भी उत्पादन शुरू हो गया है। साथ ही 15 कुंतल तेज पत्ता भी तैयार हो गया है। पॉलीहाउस के जरिए वो नियमित सब्जियां भी बेचते हैं।
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उत्तराखंड के गावों की आर्थिकी बढ़ाने के लिए औद्यानिकी बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार एप्पल मिशन, कीवी मिशन सहित कई योजनाएं चला रही हैं, जिसके परिणाम अब आने लगे हैं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ने से पलायन की समस्या का भी ठोस समाधान हो सकेगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम बोले, प्रदेश के पुराने कुओं के जीर्णोंधार के लिए चलेगा विशेष अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दशकों पुराने कुओं का जीर्णोंधार करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए कुओं का व्यापक सत्यापन अभियान चलाया जाएगा, साथ ही रख रखाव के जरिए इन्हें फिर से पुनर्जीवित किया जाएगा।
कुएं प्राचीन काल से गांवों से लेकर शहरों में तक मीठे और साफ पानी के स्रोत रहे हैं, कुंए धार्मिंक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण होते हैं, कई जगह कुंए एतिहासिक घटनाओं के भी गवाह हैं। लेकिन समय के साथ जलापूर्ति की व्यवस्था बदलने से कुंओं का उपयोग घटता चला गया, वर्तमान में कई जगह कुएं अतिक्रमण या उपेक्षा के शिकार हो चुके हैं। लेकिन अब प्रदेश सरकार एक बार फिर कुओं का रख -रखाव करने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरसात से पहले कुओं की व्यापक सफाई करते हुए, इन्हें पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए हैं। ग्रामीण क्षेत्र में भी विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए कुओं की साफ सफाई करते हुए, पुनर्जीवित किया जाएगा।

सारा के तहत जलस्रोतों को बचाने का प्रयास
प्रदेश सरकार गेम चेंजर योजना के तहत स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (सारा) के जरिए, जल स्रोतों के संरक्षण का प्रयास कर रही है। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत कुल 6350 क्रिटिकल दृ सूखे जल स्रोतों को चिन्हित करते हुए, पेयजल और सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण 929 स्रोतों का उपचार किया जा चुका है। साथ ही मैदानी क्षेत्रों में भूजल रिचार्ज के लिए 297 रिचार्ज शॉफ्ट निर्मित किए जा चुके हैं। गत वर्ष विभिन्न जल संचय और संग्रहण संरचनाओं के निर्माण से 3.21 मिलियन घन मीटर वर्षा जल रिचार्ज किया गया।

प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया आग्रह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नौ नवंबर को उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर दिए अपने भाषण में राज्यवासियों से अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के अभियानों को गति देने का आग्रह व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि उत्तराखंड में अपने नौलों धारों को पूजने की परंपरा रही है,प्रदेश सरकार इसी क्रम में कुओं को भी संरक्षित करने का अभियान शुरू करने जा रही है।

कुंए हमारी सभ्यता के अहम अंग रहे हैं। शहरों से लेकर गांवों तक कई प्राचीन कुंए हैं। हमारा प्रयास है कि इन्हें फिर प्रयोग में लाया जाए, इससे जल संरक्षण के प्रयासों को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही स्वच्छ जल के प्राकृतिक स्रोत भी संरक्षित हो सकेंगे।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

2026 में नंदा देवी यात्रा तथा 2027 में कुम्भ के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन की उत्तराखंड को बड़ी जिम्मेदारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ने का काम किया है। सरकार की ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना से स्थानीय आजीविका के अवसर बढ़ रहे हैं, इसके साथ ही हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से हमारे पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान मिल रही हैं। सीएम धामी ने कहा कि ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहलों से राज्य की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित ओहो हिल यात्रा के चौथे संस्करण रजत से स्वर्ण की ओर’’ के समापन कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राओं को सम्बोधित कर रहे थे।

समस्त राज्यवासियों का आह्वाहन करते हुए सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना का रजत जयंती वर्ष मनाने के साथ ही अपने प्रदेश को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में पूरी निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी के साथ योगदान दे, तो उत्तराखंड को एक विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनने से कोई शक्ति नहीं रोक सकती।

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का तेजी से कार्य किया जा रहा है। साथ ही ‘लोकल फॉर वोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के प्रोत्साहन से राज्य में आदि कैलाश एवं शीत कालीन यात्रा को नई गति मिली है। राज्य सरकार पर वर्ष 2026 में नंदा देवी यात्रा तथा 2027 में कुम्भ के भव्य एवं ऐतिहासिक आयोजन की बड़ी जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि विभिन्न चुनौतियों के बावजूद विगत 3 वर्षों में हमारे प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिनकी गूंज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है। उत्तराखण्ड में लिए जा रहे निर्णय देश के लिए आदर्श बन रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बड़े गर्व का विषय है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है। अभी हाल ही में, हमारे यहां आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर देशभर में 7वा स्थान प्राप्त कर इतिहास रचने में सफलता प्राप्त की है।

सीएम धामी ने कहा कि हमने उत्तराखंड में सबसे पहले समान नागरिक सहिंता लागू करके, देश के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है। हमने एक ओर जहां उत्तराखंड में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया वहीं धर्मांतरण रोकने के लिए भी कानून बनाया, प्रदेश में पहली बार लैंड जिहाद , लव जिहाद और थूक जेहाद के खिलाफ कार्रवाई की गई, वहीं रसूखदार भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध भी कठोर कदम उठाने से हम पीछे नहीं हटे।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि सख्त नकल विरोधी कानून के परिणामस्वरूप पिछले तीन वर्षों में प्रदेश के लगभग 22 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त हुई है। कहा कि आज रोजगार के परिदृश्य तेज़ी से बदल रहे हैं। तकनीकी नवाचार और वैश्विक परिवर्तन के कारण रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं और पुराने खत्म हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में स्टार्टअप और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर स्थापित किए गए हैं, साथ ही स्टार्टअप की सहायता हेतु 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की भी व्यवस्था की गई है द्य हमारा उद्देश्य है कि हमारे युवा केवल नौकरी ढूंढने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले भी बनें। उत्तराखंड में पलायन की पीड़ा नहीं, बल्कि प्रवासियों की गौरवपूर्ण वापसी हो, जहाँ हमारे गांव आत्मनिर्भर हों और तकनीकी संसाधनों और आधुनिक सुविधाओं से युक्त हो। श्विकास भी, विरासत भीश् के मूलमंत्र के साथ हमारी सांस्कृतिक पहचान और भी समृद्ध बने ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उस पर गर्व करें। हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर प्रतिबद्ध है।

ओहो रेडियो टीम की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ओहो रेडियो प्रत्येक वर्ष ष्हिल यात्राष् के माध्यम से प्रदेश के युवाओं, विशेष रूप से स्कूली विद्यार्थियों को ज्ञान और संवाद की श्रृंखला से जोड़कर राष्ट्र और राज्य के भविष्य निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाने हेतु प्रेरित कर रहा है।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, डायरेक्टर एसओए रवि भटनागर प्रदेशभर से आए छात्र-छात्राएं, अभिभावक, शिक्षक उपस्थित थे।

धामी सरकार ने 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में की वर्चुअल क्लास रूम की व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हरिद्वार में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नवनिर्मित भवन व स्मार्ट रूम का लोकापर्ण किया। उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्मानित कर उनके कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नए भवन व स्मार्ट रूम के लोकापर्ण पर सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश जब अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था, उस समय राष्ट्र निर्माण की भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में जो पौधा रोपित किया था, आज विशाल वट वृक्ष बनकर खड़ा हो गया है और देश के कोने-कोने में हमारे नौनिहालों को शिक्षित कर देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा विद्या भारती द्वारा देश में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्या भारती द्वारा 50 से भी अधिक महाविद्यालय एवं एक विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने के साथ ही उनमें राष्ट्रसेवा, नैतिकता, संस्कृति संरक्षण, प्राकृतिक संरक्षण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में विद्या भारती का एक बड़ा नेटवर्क है। माणा से लेकर सीमांत क्षेत्र धारचूला तक भी शिशु मंदिर और विद्या मंदिर मौजूद हैं। वर्तमान में विद्या भारती द्वारा 500 से अधिक विद्यालय प्रदेश के अंदर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विद्यालय मे 04 स्मार्ट क्लासेज का लोकापर्ण होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विद्या भारती के स्कूल किसी भी आधुनिक स्कूल से पीछे नहीं हैं, उनमें भी सभी प्रकार की सुविधाए दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में निरतंर सुधार कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति लागू की। राज्य में पीएमश्री योजना के अंतर्गत 141 पीएमश्री विद्यालय बनाये गये हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुल्स क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अनिवार्य किया गया है। विद्यार्थियों को, विज्ञान को बेहतर तरीके से समझाने के लिए राज्य में लैब ऑन व्हील्स अर्थात मोबाइल साइंस लैब की शुरुआत भी की है। राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक और कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जूता और बैग भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज एवं 09 महाविद्यालय की स्थापना करने के साथ ही महिला छात्रावास एवं आईटी लैब सहित परीक्षा भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। स्कूलों के लिए अध्यापकों एवं महाविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की नियुक्ति भी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से स्टेडियम में खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है एवं 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृति दी जा रही है।प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण शिक्षा आवास भोजन व किट आदि भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि हाल ही आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनती और प्रतिभावान बच्चों के सपनों पर कोई नकल माफिया हावी नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा पहले के समय में आयोजित होनी वाली परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक होते थे। जिससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल टूट रहा था। लेकिन जब से नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू किया है तब से एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। जिसका परिणाम यह है कि 3 वर्षों में लगभग 22 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त की है।मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मन लगाकर पढ़ाई करें और आगे बढ़े। उन्होंने कहा यह विद्यालय इसी प्रकार भविष्य में भी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा प्रदान करेगा एवं विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

इस अवसर पर प्रांत प्रचारक आर.एस.एस उत्तराखंड डॉ शैलेन्द्र, विधायक आदेश चौहान, प्रधानाचार्य लोकेंद्र अथवाल, प्रबंधक अजय शर्मा आदि ने भी संबोधन में अपने विचार रखे।

इस दौरान शिवशंकर जायसवाल, शेर सिंह रावत, रोहित भाटिया, महापौर किरण जैसल, विधायक प्रदीप बत्रा, दर्जा राज्यमंत्री देशराराज कर्णवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंड के इस होम स्टे संचालन से लेकर पर्यटकों को विलेज टूर तक कराती हैं महिलाएं

उत्तरकाशी जनपद में पयर्टकों का रुख आमतौर पर हर्षिल वैली या मोरी-सांकरी की तरफ ही होता है। ऐसे में चिन्यालीसौढ़ ब्लॉक के मथोली गांव की महिलाओं ने अपने आतिथ्य सत्कार और कौशल से गांव को पयर्टकों के लिए नया ठिकाना बना दिया है। यहां होम स्टे संचालन से लेकर विलेज टूर तक महिलाएं ही संचालित करवा रही हैं।

मथोली को पहाड़ के आम गांव से पयर्टक गांव के रूप में बदलने का श्रेय जाता है गांव के युवक प्रदीप पंवार को। प्रदीप पंवार को कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान अपना गांव लौटना पड़ा, सौभाग्य से उनके पास पयर्टन क्षेत्र में काम करने का अनुभव था। इसलिए उन्होंने गांव के पास मौजूद अपनी छानी (गौशाला) को होम स्टे में बदल कर, इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया। इसी के साथ प्रदीप पंवार ने गांव की महिलाओं को ही होम स्टे संचालन (आतिथ्य सत्कार, भोजन बनाने, ट्रैकिंग, विलेज टूर) का प्रशिक्षण दिया। साथ ही गांव की ब्रांडिंग ‘ब्वारी विलेज’ के तौर पर की, ताकि महिला सशक्तिकरण का संदेश दूर तक पहुंचे। इस बीच उन्होंने गांव में घस्यारी प्रतियोगिता के जरिए भी, पर्यटकों के लिए विलेज लाइफ की नई झलक प्रस्तुत की। जो पर्यटकों को खूब भा रही है। स्थानीय महिला अनीता पंवार बताती हैं कि गांव में अब अन्य महिलाएं भी अपनी छानियों को होम स्टे में परिवर्तित करने के लिए आगे आई हैं। प्रदीप पंवार बताते हैं कि अब उन्होंने अपने होम स्टे को पर्यटन विभाग में पंजीकृत करवा दिया है, जिससे वो ऑनलाइन बुकिंग भी ले सकते हैं। प्रदीप बताते हैं कि आठ मार्च 2022 से उन्होंने अपने होम स्टे की शुरुआत की थी, इसके बाद से यहां करीब एक हजार पर्यटक आ चुके हैं, जिससे करीब 20 महिलाओं को समय समय पर काम मिलता है।

5331 होम स्टे पंजीकृत हैं

पयर्टन विभाग के पास इस समय 5331 होम स्टे पंजीकृत हैं। जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। सरकार पंडित दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के तहत होम स्टे की लागत पर मैदानी क्षेत्र में 25 प्रतिशत और पहाड़ी क्षेत्र में 33 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है।

मथोली गांव, ग्रामीण पर्यटन के साथ ही महिला सशक्तिकरण का भी उदाहरण है। यदि गांव का कोई परिवार होम स्टे संचालन के लिए आगे आता है, तो उन्हें पर्यटन विभाग की सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। साथ ही पंजीकरण प्रक्रिया में भी सहयोग किया जाएगा। मथोली गांव से अन्य लोगों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम धामी ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप के लिये उत्तराखंड की टीम को किया रवाना

नई दिल्ली में 11 से 13 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से उत्तराखण्ड की टीम को रवाना किया। इस आयोजन में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, शूटिंग, बैडमिंटन टेबल टेनिस और वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अनेक कार्य हुए हैं। खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा खिलाड़ियों का हमेशा उत्साहवर्द्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में राज्य ने सातवां स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड अब खेल भूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है।

खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में इस वर्ष उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का दल चौथे मास्टर्स नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करेगा। उत्तराखंड की फुटबाल टीम में 40, 50 और 60 से अधिक आयु वर्ग की तीन टीमों के खिलाड़ी और एथलेटिक्स की 40 से अधिक आयु और 70 से अधिक की आयु वर्ग के खिलाड़ी खेलो मास्टर्स नेशनल गेम्स 2025 में प्रतिभाग करेंगे।

इस अवसर पर खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के संरक्षक प्रेम सिंह बिष्ट, पी सी खंतवाल, सुभाष अरोड़ा, विमल सिंह रावत, सुनील शर्मा अनीश शर्मा, विनेश राणा शरद अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, छत्रेश कुमार प्रेम प्रकाश पुरोहित और अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।

श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज, सहसपुर ने पूरे किए 70 वर्ष पर हुआ कार्यक्रम, सीएम पहुंचे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के सहसपुर स्थित श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज के 70 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कई वरिष्ठजनों को सम्मानित किया और स्कूली बच्चों को बैग वितरित किए।

विद्यालय की भूमिका को बताया सराहनीय
मुख्यमंत्री ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आजादी के ठीक बाद स्थापित इस विद्यालय ने क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाई है। उन्होंने विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. रविंद्र कुमार सैनी की 35 वर्षों की सेवा की सराहना करते हुए कहा कि उनके पढ़ाए छात्र देशभर में विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की मिसाल बना विद्यालय
मुख्यमंत्री ने विद्यालय द्वारा गरीब परिवारों की बेटियों को शिक्षा से जोड़ने के प्रयासों की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

विद्यार्थियों से समय के सदुपयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को समय का महत्व समझाते हुए कहा कि यह अमूल्य है और कभी लौटकर नहीं आता। उन्होंने बच्चों से मेहनत करने, अपने सपनों को साकार करने और क्षेत्र व स्कूल का नाम रोशन करने का आग्रह किया।

नकल विरोधी कानून से बढ़ा परीक्षा में पारदर्शिता का स्तर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है, जिससे नकल माफिया जेल में हैं और पिछले तीन वर्षों में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि इस दौरान 20,000 से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरीके से सरकारी नौकरी मिली है।

शिक्षा और संस्कार से बदलती है जीवन की दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और संस्कार ही व्यक्ति को देश और समाज के लिए योग्य बनाते हैं। उन्होंने चारित्रिक विकास के महत्व पर भी बल दिया।

शिक्षा को आधुनिक और व्यवहारिक बनाने की दिशा में कार्य
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड ने सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किया है। राज्य में 141 पीएमश्री विद्यालय और नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण हो रहा है।

वर्चुअल क्लासरूम और एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य
प्रदेश के 13 जिलों में 50 वर्चुअल क्लासरूम स्थापित किए गए हैं और सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकें अनिवार्य की गई हैं। मेधावी छात्रों को 600 से 1200 रुपये तक प्रोत्साहन राशि और भारत भ्रमण की सुविधा दी जा रही है।

आपदा प्रभावित अनाथ बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष योजना
राज्य सरकार ने आपदा, महामारी या दुर्घटना से अनाथ हुए बच्चों के लिए भी शिक्षा योजना शुरू की है।

कॉलेजों और खेल को मिल रहा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज और 9 नए महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं, साथ ही महिला छात्रावास, आईटी लैब और परीक्षा भवनों का निर्माण भी हो रहा है। खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं और हाल ही में हुए राष्ट्रीय खेलों में राज्य ने सातवां स्थान प्राप्त किया है।

राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का तोहफा
राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की पहल भी शुरू की है।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, नगर पालिका अध्यक्ष नीरू देवी, प्रधानाचार्य डॉ. रविंद्र कुमार सैनी, डॉ. डीएस मान, आचार्य आशीष सेमवाल, एसडीएम विकासनगर विनोद सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

सीएम ने चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ रहे छात्र-छात्राओं को लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से 9 मोबाईल सांइस लैब की सौगात दी गई। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय परिसर में मोबाईल सांइस लैब के विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया और 09 मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री ने राज्य के चार जिलों चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया था।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 04 जिलों क्रमशः चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में लैब ऑन व्हील्स का सफल संचालन रहा जिसके अभूतपूर्व परिणाम को देखते हुए राज्य के शेष जनपदों में आज लैब ऑन व्हील्स का शुभारंभ किया गया। प्रो. पंत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान संचार गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत प्रयोगशाला, व्यवाहारिक प्रदर्शनों/मॉडलों, विज्ञान गतिविधियों और प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदेश के कक्षा छः से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित आदि विषय के पाठ्यक्रम को ओर अच्छे से सीखने एवं समझ पाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 पंत ने कहा कि यह प्रदेश में परियोजना का द्वितीय चरण है जिसके अंतर्गत शेष नौ जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ में किया जा रहा है।

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा एवं साइंस सिटी सलाहकार जी एस रौतेला, यूकॉस्ट से संयुक्त निदेशक डॉ डी पी उनियाल, परियोजना समन्वयक ई0 जितेन्द्र कुमार, अमित पोखरियाल, विकास नौटियाल, पुनीत सिंह एवं सहयोगी संस्था अगस्त्या इंटरनेशनल से अमित कुमार, अशोक सिंह, योगेश के अलावा विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक राम आश्रय चौहान, निधि, शिवानी कोहली, सीमा भंडारी, अभय शर्मा, सुमन गुप्ता, अनीता नेगी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

यात्रा मार्गों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की पर्याप्त व्यवस्था होगीः सीएम

सुरक्षित, सुगम और सुव्यवस्थित चारधाम यात्रा के लिए यात्रा शुरू होने से एक सप्ताह पहले सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यात्रा मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था ऐसे स्थानों पर की जाए जिनके निकट, होटल, धर्मशाला, होमस्टे और अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हों। धामों के दर्शन के लिए स्लॉट मैनेजमेंट सिस्टम और बेहतर बनाया जाए। यात्रा मार्गों में संवेदनशील स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। अधिक ट्रैफिक वाले क्षेत्रों की रियल टाइम निगरानी की जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों के दृष्टिगत यातायात प्रबंधन की बैठक के दौरान दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यातायात प्रबंधन की चुनौतियों का सामना करने के लिए पुलिस द्वारा बेहतर प्लान के साथ कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा प्रबंधन में पिछले साल जो समस्याएं आई थी उनकी पुनरावृत्ति न हो। जाम की स्थिति वाले स्थानों की रियल टाइम जानकारी सोशल मीडिया पर और अन्य माध्यमों साझा की जाए। पुलिस व प्रशासन के सोशल मीडिया हैंडल्स पर यातायात और मौसम की जानकारी नियमित अपडेट की जाए। यात्रा मार्गों पर पार्किंग स्थलों की जानकारी श्रद्धालुओं को गूगल मैप से मिल जाए, इसकी व्यवस्था की जाए।

मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि रजिस्ट्रेशन करने के बाद ही उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा पर आयें, श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई है। चारधाम यात्रा के लिए 60 प्रतिशत ऑन लाइन और 40 प्रतिशत ऑफ लाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गई। सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के लिए यात्रा मार्गों से जुड़े सभी हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाया जाए और उनके सुझावों को गंभीरता से लिया जाए। सरकार द्वारा चारधाम यात्रा के लिए की गई तैयारियों की जानकारी भी हितधारकों के साथ साझा किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को भी सुदृढ़ किया जाए। यात्रा मार्गों पर अस्थाई पार्किंग विकसित करने के लिए भुगतान के आधार पर स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत यात्रा मार्ग पर पुलिस सहायता डेस्क स्थापित किये जाएं। यात्रा मार्गों पर आपदा संभावित क्षेत्रों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। यात्रा मार्गों पर आवश्यकतानुसार क्रैश बैरियर लगाए जाएं। पुलिस और परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए और वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए। यात्रा मार्गों पर विभिन्न जानकारियों के लिए साइनेज की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने चारधाम यात्रा को लेकर की गई तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले साल लगभग 48 लाख श्रद्धालुओं ने सकुशल यात्रा की। इस साल की सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा के लिए 50 थाने, 79 रिपोर्टिंग पुलिस चौकी, 5850 पुलिस बल, 38 सीजनल (अस्थाई) चौकियां रहेगी। ट्रैफिक के बेहतर प्रबन्धन हेतु तीन प्लान तैयार किए गए जिन्हें वाहनों के दबाव एवं जाम की स्थिति को देखते हुए लागू किया जाएगा। पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल रेंज के अधीन चारधाम कंट्रोल रूम की स्थापना की गयी है, जिसके प्रभारी एसपी ट्रैफिक देहरादून लोकजीत सिंह रहेंगे। पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था के अधीन पुलिस मुख्यालय स्तर पर चारधाम सेल गठित होगा, जो कि लगातार नियंत्रण एवं मॉनिटरिंग की व्यवस्था करेगा। सम्पूर्ण यात्रा मार्ग को 15 सुपर जोन, 41 जोन और 137 सेक्टर में बांटा गया है। चारधाम यात्रा के साथ ही लंबे वीकेंड के लिए भी विस्तृत यातायात प्लान तैयार किया गया है।

डीजीपी ने बताया कि चारधाम यात्रा मार्ग के 54 बॉटलनेक्स, 198 दुर्घटना संभावित स्थल, 49 ब्लैक स्पॉट और 66 लैंड स्लाइडिंग क्षेत्रों को पुलिस विभाग ने चिन्हित कर लिया है। जिसमें सम्बन्धित विभाग द्वारा यात्रा से पूर्व समस्त उपाय कर लिए जाएंगे। पिछले साल 113 पार्किंग स्थल चिन्हित थे जिनमें 33295 छोटे और 3554 बड़े वाहनों की व्यवस्था थी। इस साल 17 पार्किंग स्थलों को और चिन्हित किया गया है। कुल 130 चिन्हित पार्किंग स्थलों में 43416 छोटे और 7855 बड़े वाहनों के पार्क की व्यवस्था रहेगी।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, सचिन कुर्वे, डा. बी.वी.आर पुरुषोत्तम, डा. पंकज पांडेय, बृजेश कुमार संत, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, एडीजी वी मुरुगेशन, ए पी अंशुमन, आई जी गढ़वाल राजीव स्वरूप, आईजी नीलेश आनंद भरणे और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष से भेंट, प्रदेश में संचालित विभिन्न रेल परियोजनाओं के संबंध में की चर्चा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने नई दिल्ली में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सतीश कुमार से मुलाकात कर राज्य में रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने, नई रेल परियोजनाओं के शीघ्र क्रियान्वयन, तथा पूर्ववर्ती प्रस्तावों की प्रगति के सम्बंध में विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी भेंट कर राज्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को अवगत कराया कि राज्य में कुल पांच रेल परियोजनाएं हैं जिनमें तीन प्रस्तावित एवं ऋषिकेश-कर्णप्रयाग सहित दो परियोजनाएं वर्तमान में संचालित की जा रही है। गंगोत्री यमुनोत्री रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 121.76 किमी है तथा 10 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। टनकपुर बागेश्वर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 170.70 किमी है तथा 12 स्टेशन हैं। इसका सर्वेक्षण कार्य पूरा हो चुका है तथा डीपीआर रेलवे बोर्ड को उपलब्ध करा दी गई है। इस पर अनुमोदन प्रतीक्षित है। देहरादून -सहारनपुर रेल परियोजना जिसकी कुल दूरी 92.60 किमी0 है तथा इसमें 8 स्टेशन है। इसका सर्वेक्षण कार्य गतिमान है।

इस अवसर पर देहरादून-सहारनपुर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य प्रगति पर है। हरिद्वार-देहरादून रेलवे लाइन के दोहरीकरण एवं देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन के विकास पर भी चर्चा की गई। इसके अतिरिक्त मेरठ से हरिद्वार तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के विस्तार की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखण्ड में दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों का रेल नेटवर्क से संयोजन, राज्य के औद्योगिक आर्थिक एवं सामाजिक विकास, विश्व प्रसिद्ध धामों, तीर्थ में वर्ष भर श्रद्धालुओं के सुगम आवागमन तथा सामरिक महत्व के दृष्टिगत रेलवे का अवसंरचना की दृष्टि से विकास राज्य हेतु अत्यंत आवश्यक है।