पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मोबाइल लर्निग स्कूल की सुविधा को बसों का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में मुख्यमंत्री विद्यार्थी कल्याण योजना-2024 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को मोबाइल लर्निंग स्कूल की सुविधा के लिए दो बसों का शुभारंभ भी किया।

मुख्यमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को जनपद हरिद्वार और जनपद उधमसिंह नगर के लिए मोबाइल लर्निंग स्कूल के लिए एक-एक बस का फ्लैग ऑफ किया गया। इससे पहले देहरादून और नैनीताल जनपदों के लिए इस पहल की शुरूआत की गई थी, जिसके तहत 314 बच्चे प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के 75 बच्चों का प्रतिवर्ष चयन कर रुद्रपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में उच्च तकनीकि शिक्षा प्रदान की जायेगी। इन बच्चों को मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग जैसे विषय में 03 वर्ष का तकनीकि प्रशिक्षण प्रदान कर उनके रोजगार के लिए प्लेसमेंट की व्यवस्था भी की जायेगी। इन बच्चों के प्रशिक्षण का खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को इस तरह के प्रशिक्षण प्रदान करने से उन्हें अपने कार्यक्षेत्र में आगे आने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, अध्यक्ष उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड आर.मीनाक्षी सुंदरम, सचिव उत्तराखण्ड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड दीप्ति सिंह एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने किया अमर शहीदों को समर्पित हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक के माध्यम से सरकारी विद्यालयों में प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र अब राज्य आंदोलन के साथ ही अमर शहीदों के बलिदान की गाथा से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा हमारी विरासत एवं विभूतियां पुस्तक प्रकाशित की गई है, जिसे कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान विषय की सहायक पुस्तिका के रूप में पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पुस्तक राज्य की युवा पीढ़ी को अपनी समृद्ध सांस्कृतिक, लोक विरासत, लोकगीत, लोक नृत्य के साथ संस्कृति के विविध आयामों से परिचित कराने में मददगार होने के साथ राज्य की महान विभूतियों के जीवनी से परिचित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी देश व प्रदेश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास वहां के बच्चों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। इसमें शिक्षकों की भी बड़ी जिम्मेदारी होती है। बच्चों को जीवन में आगे बढाने में उनका अमूल्य योगदान रहता है। बच्चों को किस प्रकार बेहतर गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान की जाय यह दायित्व भी विभाग के साथ शिक्षकों को निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी लोक संस्कृति एवं सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण तथा इसे बढावा देने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत हैं।

महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने बताया, बाल साहित्य के रूप में छात्रों के हित में इस पुस्तक को प्रकाशित किया गया है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को राज्य के प्राकृतिक स्थलों, वेशभूषा, खानपान और अपनी संस्कृति की जानकारी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक कक्षाओं में छात्र श्रीदेव सुमन, तीलू रौतेली सहित अनेक महान विभूतियों के बारे में पढ़ेंगे। विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी यह पुस्तक आधार बनेगी। इस पुस्तक के माध्यम से बच्चों को राज्य की धार्मिक, एतिहासिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विरासत से भी परिचित होंगे।

महानिदेश शिक्षा ने बताया कि एससीईआरटी की ओर से कक्षा छह से आठ तक के छात्र-छात्राओं के लिए ‘‘हमारी विरासत एवं विभूतियां’’ पुस्तक प्रकाशित करने के बाद इसी प्रकार अब कक्षा नौ और 10वीं के छात्र-छात्राओं के लिए भी पुस्तक तैयार की जाएगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डा. प्रेमचन्द अग्रवाल, डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव विनय शंकर पाण्डेय, निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण उत्तराखण्ड बंदना गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उच्च शिक्षा मंत्री ने कुलपतियों को दिए छात्रसंघ संविधान में संशोधन के निर्देश

देहरादूनः प्रदेश के राजकीय व अशासकीय महाविदयालय के साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में होने वाले छात्रसंघ चुनाव में छात्राओं को पचास फीसद प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके साथ ही छात्रसंघ में मेधावी छात्र छात्राओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी। जिसके निर्देश विभागीय मंत्री डा धन सिंह रावत ने प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को दे दिए हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के अंतर्गत छात्रसंघ एवं छात्र परिषदों में छात्राओं को 50 फीसदी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्रसंघ सिर्फ राजनीति के लिए नहीं अपितु रचनात्मक गतिविधियों एवं शैक्षिणिक माहौल तैयार करने का काम करेंगे। इसके लिए सभी विश्वविद्यालय परिसरों एवं महाविद्यालयों के छात्रसंघों एवं छात्र परिषदों में मेधावी छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।

विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में उच्च शिक्षण संस्थानों में कुल 152387 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें छात्राओं की संख्या 100272 जबकि छात्रों की संख्या 52115 है। यानी 65.8 फीसद छात्राएं हैं और 34.2 छात्र हैं। जिसमें से राजकीय महाविद्यालय परिसरों में कुल 97997 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं जिसमें 30130 छात्र व 67867 छात्राएं शामिल हैं। वहीं अशासकीय में 34590 में 14730 छात्र व 19860 छात्राएं हैं। विश्वविद्यालयी परिसरों में कुल 19800 विद्यार्थी हैं जिसमें 7255 छात्र व 12545 छात्राएं शामिल हैं।

डॉ रावत ने बताया कि सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुरूप चुनाव कराए जाएंगे। विश्वविद्यालयों के छात्रसंघ संविधान में जो भी बदलाव अपेक्षित हैं उन्हें करने के लिए संबंधित संस्थानों के कुलपतियों को निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा विभाग ने टोलफ्री नम्बर जारी कर तैनात किये नोडल अधिकारी


विद्यालयी शिक्षा विभाग ने बरसाती सीजन को देखते हुये समस्याओं के निवारण के लिये कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इसके साथ ही विभाग ने टोलफ्री नम्बर भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। जन समस्याओं के निराकरण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारियों की तैनाती भी सुनिश्ति कर दी है ताकि शिकायतों व समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने मानसून सीजन को देखते हुये कांट्रोल रूम की स्थापना की है, ताकि बरसात के दौरान समाने आने वाली विभिन्न समस्या से तत्काल निपटा जा सके। इसके अलावा विभाग ने शिकायतों व समस्याओं के निराकरण के लिये टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे। टोलफ्री नम्बर पर दर्ज शिकायतों व समस्याओं के तत्काल निवारण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारी, सह नोडल अधिकारी व 10 कम्प्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की है। जिसमें अजीत भण्डारी, प्रद्युमन रावत, पल्लवी नैन, अंजुम फातिमा, एम.एम. जोशी को नोडल जबकि हरीश नेगी, नूतन, विजयलक्ष्मी, पूनम व मुकेश कुमेड़ी सह नोडल होंगे। ये सभी कार्मिक 8 जुलाई से 10 अगस्त 2024 तक कंट्रोल रूम में बैठकर टोलफ्री नम्बर पर दर्ज समस्याओं व शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेकर विभागीय स्तर पर निवारण करेंगे। इस संबंध में विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को टोलफ्री नम्बर पर आने वाली प्रत्येक कॉल को रिसीव करने तथा प्रत्येक समस्या का समय पर समाधान करने को कहा। इसके साथ ही कांट्रोल रूम के सफल संचालन को प्रत्येक दो सप्ताह में समीक्षा करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियां को दिये हैं।

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मानसूनी सीजन में राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिये शिक्षा विभाग में पहली बार कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। विभाग ने टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर विद्यालयों से सम्बंधित शिकायत व समस्याएं दर्ज की जा सकेंगी। किसी भी समस्या का समय से समाधान करने के लिये कार्मिकों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है।
– डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के दोनों मण्डलों में बनाए जाएं एक्सीलेंस सेंटरः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि तकनीकि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमांऊ मण्डल में एक-एक एक्सीलेंस सेंटर बनाए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकारी तकनीकि संस्थानों से पासआउट होने वाले छात्रों को अधिक से अधिक कैम्पस प्लेसमेंट मिले। औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के अनुरूप तकनीकि संस्थानों में आधुनिक कोर्स और आधुनिक उपकरणों की समुचित व्यवस्था की जाए। तकनीकि संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त वाले युवाओं को कितने प्रतिशत छात्रों को रोजगार मिला और कितने प्रतिशत ने उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश लिया इसका स्पष्ट डाटा रखा जाए। तकनीकि शिक्षा प्राप्त करने के बाद राज्य के युवाओं को प्रदेश में रोजगार की पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जाएं, ताकि उन्हें रोजगार के लिए राज्य से बाहर न जाना पड़े। राज्य में युवाओं के कौशल विकास के लिए प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डिंग तथा अन्य मैकेनिकल प्रशिक्षण भी कराये जाएं।
बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले तीन सालों में पॉलिटेक्निक के माध्यम से 6490, सरकारी क्षेत्र में 369 तथा पॉलिटेक्निक के माध्यम से सामुदायिक विकास योजना के तहत 552 युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार मिला। आगामी एक साल में आई.आई.टी रूड़क के सहयोग से विभिन्न राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थाओं में वर्चुअल लैब की स्थापना और प्रशिक्षण दिया जायेगा। उत्तराखंड राज्य करियर काउंसिलिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी। पॉलिटेक्निक संस्थाओं को सर्विस प्रोवाइडर के रूप में विकसित कर बेरोजगार युवाओं को व्यवसाय से जोड़ा जायेगा।
बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत सिन्हा, कुलपति वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षा प्रणाली में हो गुणात्मक सुधार, विद्यार्थी केंद्रित हो शिक्षा व्यवस्थाः सीएम

शिक्षा प्रणाली में गुणात्मक सुधार के साथ शिक्षा व्यवस्था को विद्यार्थी केन्द्रित बनाया जाए। गुणात्मक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने और स्कूलों से बालिकाओं के ड्रॉप आउट को कम करने के लिए आवासीय छात्रावासों को और अधिक बढ़ावा दिया जाए। बच्चों के स्कूल बैग का बोझ कम किया जाए। सप्ताह में बस्ता मुक्त दिवस पर विद्यार्थियों को नैतिकता पर आधारित शिक्षा प्रदान की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। समीक्षा के दौरान सचिव शिक्षा द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर में आ रही विभिन्न कठिनाइयों तथा शिक्षा विभाग में ट्रांसफर प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए बनाई जा रही नीति के बारे में जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में व्यावसायिक आधारित शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चत किया जाए कि सभी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था पर्याप्त मात्रा में हो। स्कूलों में जहां-जहां संभव है, सोलर पैनल की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा ट्रांसफर के सरलीकरण के लिए जो नीति बनाई जा रही है, कार्मिक विभाग के के स्तर पर उसका पूरा परीक्षण कर लिया जाए। राज्य हित में जो निर्णय सही होगा, वह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए ऐसी व्यवस्थाएं बनायें, ताकि अभिभावक सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए स्वयं प्रेरित हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 के पूर्ण क्रियान्वयन के लिए तेजी से प्रयास किये जाएं। स्मार्ट और वर्चुअल क्लास पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए राज्य में चलाई जा रही मुख्यमंत्री गौरवशाली भारत भ्रमण योजना के तहत मेधावी विद्यार्थियों और उत्कृष्ट शिक्षकों को प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और तकनीकि संस्थानों में भ्रमण कराने की व्यवस्था का प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जाए। छात्र शैक्षिक भ्रमण योजना के तहत प्रत्येक विकासखण्ड से 50 मेधावी भारत भ्रमण पर भेजे जायेंगे। जिसमें 50 प्रतिशत छात्राएं शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विद्यार्थी उपहार योजना के तहत कक्षा 01 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क नोटबुक उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में समस्त भौतिक एवं मानव संसाधन उपलब्ध कराने, तकनीकी और डिजिटल शिक्षा, आवासीय छात्रावास, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यातायात की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलस्टर एवं पी.एम. श्री स्कूलों की स्थापना पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि हमारी विरासत के तहत उत्तराखण्ड के आन्दोलन का इतिहास, लोक संस्कृति के विभिन्न आयामों, भारतीय ज्ञान परंपरा मूल्यों एवं संस्कृति तथा स्थानीयता को समाहित करते हुए छात्र-छात्राओं को इसकी अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

बैठक में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत सिन्हा, कुलपति वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव शिक्षा रंजना राजगुरू, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित शिक्षा एवं तकनीकि शिक्षा के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

राज्य में काउंसलिंग से होंगे शिक्षकों के तबादले, विभागीय मंत्री धन सिंह ने दी मंजूरी

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के तबादले काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से किये जायेंगे। इस संबंध में विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय प्रस्ताव को स्वीकृत प्रदान कर दी है। तबादलों में काउंसलिंग प्रक्रिया की मंजूरी मिलते ही विभाग शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण की तैयारी में जुट गया है।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के स्थानांतरण काउंसलिंग के माध्यम से किये जायेंगे। इस संबंध में विभागीय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। जिसका शासनादेश जारी होते ही शिक्षकों के वार्षिक स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्थानांतरण प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश देते हुये तबादला कार्यक्रम के अनुसार आगामी 10 जुलाई से पहले काउंसलिंग प्रक्रिया को पूर्ण करने को कहा।

विभागीय मंत्री ने बताया कि लम्बे समय से शिक्षकों की काउंसलिंग के माध्यम से वार्षिक स्थानांतरण की मांग रही है, जिसे राज्य सरकार द्वारा पूरा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सुगम क्षेत्र से दुर्गम क्षेत्र तथा दुर्गम से सुगम क्षेत्र में अनिवार्य स्थानांतरण की सीमा में आने वाले शिक्षकों को आवेदन पत्र में दिये गये विकल्पों में पद रिक्त न होने की दशा में विकल्प से इतर विद्यालयों में स्थानांतरण कर दिया जाता था, जिससे शिक्षकों में भारी नाराजगी देखने को मिलती थी। डा. रावत ने कहा कि अब काउंसलिंग प्रक्रिया के माध्यम से पूरी पारदर्शिता के साथ शिक्षकों के स्थानांतरण किये जायेंगे, साथ ही इस व्यवस्था के तहत पात्र शिक्षकों को इच्छित विद्यालय भी आवंटित हो सकेंगे। जिससे अध्यापक पूर्ण मनोयोग से अध्यापन कार्य कर सकेंगे। जिसके फलस्वरूप विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यापक सुधार आयेगा जिसका लाभ प्रदेशभर के छात्र-छात्राओं को मिलेगा।

तबादलों में काउंसलिंग की मंजूरी मिलते ही विभागीय अधिकारियों ने शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर तैयारी शुरु कर दी है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर बिष्ट ने बताया कि काउंसलिंग के माध्यम से शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शीघ्र ही शिक्षकों की काउंसलिंग के लिये तिथि घोषित की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग की कोशिश रहेगी कि आगामी 10 जुलाई से पहले शिक्षकों के तबादले कर दिये जाय।

शिक्षा विभाग में शीघ्र मिलेंगे 955 कार्मिकः धन सिंह

समग्र शिक्षा के अंतर्गत बीआरपी-सीआरपी के रिक्त 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उक्त पदों की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के रोजगार प्रयाग पोर्टल पर 29 जून से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के लिये दो सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत चयन प्रक्रिया पूर्ण कर प्रदेश के सभी सीआरपी-बीआरपी केन्द्रों पर चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती आउटसोर्स के माध्यम से कर दी जायेगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ ही आउटसोर्स एजेंसी को शीघ्र भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सूबे में शैक्षिक गतिविधियों में सुधार लाने के दृष्टिगत समग्र शिक्षा के अंतर्गत लम्बे समय रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। जिस हेतु पात्र अभ्यर्थी सेवायोजन विभाग के अंतर्गत रोजगार प्रयाग पोर्टल पर शनिवार 01रू00 बजे के उपरांत ऑनलाइन आवेदन भर सकेंगे। अभ्यर्थी आवेदन संबंधित समस्त जानकारियां एवं सहायता के लिये संबंधित पोर्टल के दूरभाष संख्या 0135-2653665 तथा आउटसोर्स एजेंसी के दूरभाष नम्बर 0135-4145780 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में वही अभ्यर्थी अवेदन कर पायेंगे जो राज्य के किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत होंगे। इसके अलावा 10 प्रतिशत पद सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये आरक्षित किये गये हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि ब्लॉक संदर्भ व्यक्ति (बीआरपी) हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणति एवं सामाजिक विज्ञान के कुल 255 पदों हेतु न्यूनतम अर्हता स्नातक एवं स्नातकोत्तर में 55 फीसदी अंकों के साथ उपाधि ग्रहण की हो। इसके अलावा संकुल संदर्भ व्यक्ति (सीआरपी) के लिये 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि होनी जरूरी है। इसके अतिरिक्त बीआरीपी व सीआरपी पदों के लिये बीएड की उपाधि के साथ-साथ सीटीईटी अथवा यूटीईटी प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। साथ ही कम्प्यूटर में कार्य करने की दक्षता भी जरूरी है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये बीएड अथवा एलटी अर्हता होनी अनिवार्य है। बीआरपी-सीआरपी पदों के लिये आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 42 वर्ष निर्धारित की गई है जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष तय की गई है, सेवानिवृत्त शिक्षकों के पास चिकित्सा प्रमाण पत्रा होना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री घोषणा के तहत सीएम धामी ने दी स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में जनपद उधमसिंह नगर के विधानसभा क्षेत्र खटीमा स्थित शहीद स्थल पर शैड के निर्माण हेतु 66 लाख की धनराशि की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकासखण्डवार हाईस्कूल एवं इंटर मीडिएट के टॉपर 5-5 छात्र-छात्राओं को भारत दर्शन-शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम में सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। पहले यह संख्या विकासखण्डवार 2-2 छात्र-छात्राओं की थी।
मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के घटक बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजनान्तर्गत शहीद दुर्गामल्ल राजकीय महाविद्यालय डोईवाला, हुकम सिंह बोरा बालिका छात्रावास, अल्मोड़ा एवं औ. प्रशिक्षण संस्थान पाईन्स नैनीताल में छात्रावासों के निर्माण हेतु राज्यांश के रूप में 7 करोड़ 64 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की।

मुख्यमंत्री ने रीठा साहिब, चम्पावत में कार पार्किंग निर्माण हेतु प्रदान की वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भूतपूर्व सैनिकों आश्रितों को शैक्षिक सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के तहत छात्रवृत्ति राशि की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य के भूतपूर्व सैनिकों आश्रितों को इंजीनियरिंग, मेडिकल व पी.एच.डी. की शिक्षा ग्रहण करने हेतु शैक्षणिक सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के तहत 91 विद्यार्थियों को 11 लाख 6 हजार की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए स्वीकृत छात्रवृत्ति के तहत इंजीनियरिंग के 83 छात्रों को 9,96,000, मेडिकल के 6 छात्रों को 90,000, पी.एच.डी. के 2 छात्रों को 20,000 की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनपद चम्पावत के रीठा साहिब में कार पार्किंग निर्माण कार्य के लिए 9 करोड़ 89 लाख की धनराशि की भी स्वीकृत प्रदान की है।