पीएम बोले, योग ने दुनिया को वैलनेस का रास्ता दिखाया

अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून के एफआरआई मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हजारों योग साधकों के बीच बैठकर योगाभ्यास किया। उन्होंने कहा कि आज विश्व का हर नागरिक व देश योग को अपना रहा है। यह हिन्दुस्तान की जनता के लिए बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान परम्परा की विरासत को संजोय हुए है। आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि हिन्दुस्तान ने फिर से एक बार योग के सामर्थ्य से दुनिया को जोड़ दिया है। योग ने दुनिया को वैलनेस का रास्ता दिखाया है। यही वजह है कि दुनिया भर में योग की स्वीकार्यता इतनी तेजी से बढ़ रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एफआरआई मैदान से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुये कहा कि योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना, किसी सौभाग्य से कम नहीं। उत्तराखंड तो वैसे भी अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के ये पर्वत स्वतः ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं। सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है, तो उसे एक अलग तरह की, एक दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति है, स्पंदन है, सम्मोहन है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब यूनाइटेड नेशन्स में योग के लिए प्रस्ताव रखा तो, यह पहला ऐसा प्रस्ताव था जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने कॉस्पान्सर किया। ये पहला ऐसा प्रस्ताव था जो जब यूनाइटेड नेशन्स के इतिहास में सबसे कम समय में स्वीकृत हुआ। आज विश्व का हर नागरिक, हर देश योग को अपना मानने लगा है और अब हिन्दुस्तान के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी है, हम उन महान परम्परा की विरासत को संजोय हुए है। आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि हिन्दुस्तान ने फिर से एक बार योग के सामर्थ्य से दुनिया को जोड़ दिया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि चतुर्थ अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस की मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड को मिला और प्रधानमंत्री के सानिध्य में योग करने का सौभाग्य मिला यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से आज हम 21 जून को विश्व भर में योग दिवस मना रहे है। उन्होंने कहा योग हमारे पुरातन परम्परा की अमूल्य देन है। योग मन, शरीर, विचार, कर्म, संयम और उपलब्धि की एकाग्रता तथा मानव प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है। योग स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम न होकर अपने आप से वह प्रकृति के साथ तादात्म्य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवनशैली में परिवर्तन लाकर तथा हममें जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन में लडने में सहायक सिद्ध हो सकता है। प्रधानमंत्री के इस संकल्प को लेकर सारे देश एकजुट हो गये।

उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री का देवभूमि से गहरा लगाव है। हम यहां पूरे वर्ष चारधाम यात्रा कर सके, इसके लिए उन्होंने हमे ऑल वैदर रोड जैसा तोहफा राज्य को दिया है। केदारनाथ का नवनिर्माण प्रधानमंत्री के मागदर्शन में हो रहा है। देवभूमि में रेल और सड़क का विस्तार तेजी से हो रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में निर्मित गुलाब का तेल भेंट किया।

रामदेव की बदौलत आज योग घर-घर मेंः पॉल

योगगुरू बाबा रामदेव ने योग जिज्ञासुओं को योगाभ्यास कराते हुये कहा कि हिन्दुस्तान में कई महान विभूतियां है, कई व्यक्तित्व ऐसे है जिनकी मूर्तियां लगाई जानी चाहिए। बजाए लेनिन व मार्क्स की मूर्तियों के।

ऋषिकेश में आयोजित अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन अवसर पर विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य के राज्यपाल केके पाल, योगगुरू बाबा रामदेव व राज्य के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने इस शिविर में प्रतिभाग करने आए योग जिज्ञासुओं को जीवन में योग को आत्मसात करने का संकल्प दिलाया। इससे पूर्व सुबह करीब पांच बजे से योगगुरू बाबा रामदेव ने विशेष कक्षा का संचालन किया।

बाबा रामदेव के इस विशेष शिविर में सशस्त्र सेना बल के जवानों, स्थानीय नागरिकों सहित देश-विदेश से आए योग जिज्ञासुओं ने हिस्सा लिया। इस दौरान बाबा बोले योग और आयुर्वेद के बूते आज संपूर्ण विश्व में पतंजलि सबसे बड़ा ब्रांड बनने जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों से विदेशी कंपनियां मानो सिकुड़ सी गयी हो।

राज्यपाल केके पाल ने कहा कि योग भारतीय ऋषि-मुनियों द्वारा दुनिया को प्रदान किया गया एक तोहफा है। विश्व में हमारे योगाचार्य एकता का संदेश फैलाने में सफल हो रहे है। उन्होंनंे आज से करीब बीस वर्ष पूर्व योग तो था, मगर लोगों में जिज्ञासा नहीं थी। मगर, आज योगगुरू बाबा रामदेव के प्रयासों की बदौलत पिछले डेढ़ दशक से योग घर-घर में किया जाने लगा है।

इस दौरान पतंजलि योग विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, पदमश्री भारत भूषण सहित कई देशी विदेशी मौजूद थे।

वेस्ट को बेस्ट में बदलना आवश्यकः रामदेव

पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार में नव निर्मित भवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया। उन्होंने कहा पतंजलि योगपीठ योग व आयुर्वेद को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है। भारत को विश्वगुरू बनाना है तो योग व आयुर्वेद को बढ़ावा देना होगा।

पतंजलि आयुर्वेद महाविद्यालय के वार्षिक समारोह में त्रिवेन्द्र बोले भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति विश्व में सर्वोपरि है। भारत योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से विश्व को शांति, सुख व स्वस्थ जीवन की परिकल्पना दे सकता है।

स्वस्थ विश्व की परिकल्पना के लिए आयुर्वेद के क्षेत्र में निरन्तर शोध जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से 21 जून को अन्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। योग के माध्यम से भारत ने विश्व पटल पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।

आयुष मंत्री हरक सिंह ने कहा कि योग एवं आयुर्वेद का उल्लेख वेदों, उपनिषदों एवं पुराणों में प्राचीन समय से ही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोटद्वार के निकट चरक डाण्डा में देश का पहला आयुर्वेद शोध संस्थान बनाने का निर्णय लिया है।

स्वामी रामदेव ने कहा कि भारत के निर्माण में ऋषि-मुनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वेद, पुराण, उपनिषद एवं ऋषियों के तप एवं साधना के संस्कार भारतीय संस्कृति में हैं। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के लिए स्वदेशी वस्तुओं एवं उत्पादों को बढ़ावा देना जरूरी है। वेस्ट को बेस्ट में बदलना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि एविडेन्स बेस मेडिसिन के रूप में औषधियों को प्रसिद्धि दिलाना एवं पाण्डुलिपियों का संरक्षण करना जरूरी है।

गंगा तट पर आना, मेरे लिये सौभाग्यः उपराष्ट्रपति

अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव के तीसरे दिन शनिवार को उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडु तीर्थनगरी स्थित परमार्थ निकेतन पहुंचे। योग फेस्टिवल को संबोधित करते हुये नायडु बोले इस पतितपावनी मां गंगा के तट पर आना मेरे लिये वाकई सुखद अनुभव है। मैं अपने को सौभाग्यशाली समझता हूं कि मैं यहां आया।

अपने संबोधन में कहा कि परमार्थ निकेतन ने दुनिया में योग को समझाने में अहम भूमिका निभाई है। योग तन, मन को संुदर बनाता है। इसके साथ ही लोगों को एकजुट होने का संदेश भी देता है।

उपराष्ट्रपति आगे बोले गंगा किनारे बसे ऋषिकेश में योग नदी, मन और हर जगह बसा हुआ है। भारत हमेशा से दुनिया को जानकारी देता है। दुनिया को शांति का सन्देश देता है। मोदी के प्रयास से पूरी दुनिया 21 जून को योग दिवस मनाती है। भगवान कृष्ण ने भी कर्म, भक्ति और ज्ञान योग की बात की। हमे भी इनका अनुसरण करना चाहिए।

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि योग के जरिये दुनिया मे शांति कायम की जा सकती है। आंतरिक शांति यानी मन की शांति योगा के जरिये ही मिल सकेती है। दुनिया में योग एक प्रकार से आपसी प्रेम को उजागर कर रहा है।

आज पूरा विश्व भारत को खासकर उत्तराखंड के ऋषिकेश को योग की राजधानी के रूप में देखता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य बेहतर करने के लिए भी योग करना जरूरी है। न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तनाव भी दूर होता है।

इस मौके पर राज्यपाल डा. केके पॉल, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, भगवती सरस्वती, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत सहित भारी मात्रा में योग प्रशिक्षु, योगाचार्य, योग जिज्ञासु मौजूद रहे।

टीवी सीरियल के जरिये भारत को विश्वगुरू बनाने की कोशिश

योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में ओम शांति ओम टीवी सीरियल का 28 अगस्त से भारत सहित पूरे विश्व में प्रसारण होने जा रहा है। भारतीय धर्म-अध्यात्म, सभ्यता, संस्कृति, परंपरा और संगीत पर आधारित इस सीरियल का प्रसारण स्टार ग्रुप के नए शुरू होने वाले टीवी सीरियल स्टार भारत पर 28 अगस्त से होगा। सीरियल को योगगुरु बाबा रामदेव के भारत को विश्वगुरु बनाने के सपने और संकल्प को पूरा करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके माध्यम से भारतीय परंपरा, सभ्यता, संस्कृति, संगीत और धर्म-अध्यात्म की वास्तविकता और शक्ति से पूरे विश्व को परिचित कराया जाएगा।
योगगुरु बाबा रामदेव की प्रेरणा और सानिध्य में इससे पहले आस्था टीवी चौनल पर इसी तरह का एक सीरियल भारत रत्न का प्रसारण हो चुका है। ओम शांति ओम को इसी का परिष्कृत रूप माना जा रहा है। सीरियल के 28 अगस्त से टीवी चौनल पर प्रसारित होने की पुष्टि करते हुए पतंजलि योगपीठ के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने बताया कि सीरियल से प्रसिद्ध सिने अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा और प्रसिद्ध सिने अभिनेता रणवीर सिंह भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि सीरियल को लेकर और उसके संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने को दिल्ली में योगगुरु बाबा रामदेव की एक पत्रकार वार्ता जल्द ही आयोजित की जाएगी।

पंतजलि के सहयोग से बदलेगी प्रदेश के किसानों की आर्थिकी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और बाबा रामदेव की मौजूदगी में राज्य सरकार और पतंजलि के बीच सहयोग कार्यक्रम पर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से 5 क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री आवास पर हुए इस कार्यक्रम में उत्तराखण्ड को जैविक कृषि और जड़ीबूटी राज्य बनाना, राज्य के मोटे अनाज की व्यवसायिक खपत को बढ़ाना, राज्य में आयुष ग्रामों की स्थापना करना, एक विशाल गोधाम (गाौ शाला) की स्थापना करना और पर्यटन को बढ़ावा देना सम्मिलित है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह सारे सेक्टर राज्य की समृद्धि और खुशहाली की दृष्टि से गेम चेंजर साबित होंगे। इन सारे क्षेत्रों में संभावनाओं पर अभी तक काफी विचार-विमर्श हुआ है, लेकिन अब इस क्षेत्र में कुछ कर दिखाने की जरूरत है। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार कड़े और साहसिक फैसले लेने से नहीं हिचकेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो एक महीन के अन्दर सभी क्षेत्रों में ठोस कार्ययोजना तैयार करें, जिसको लेकर ठीक एक महीने बाद समीक्षा बैठक की जाएगी और ठोस कार्ययोजना के आधार पर राज्य सरकार और पतंजलि के बीच आवश्यक समझौते भी किये जायेंगे। मुख्यमंत्री का कहना है कि जड़ीबूटी, औद्यानिकी, योग, आयुर्वेद और पर्यटन से राज्य के लोगों की आमदनी बढ़ाने पर कार्य किया जायेगा। पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना बहुत आवश्यक है।

किसानों की मदद करेगा पतंजलि
इस दौरान स्वामी रामदेव ने कहा कि पतंजलि संस्थान उत्तराखण्ड के किसानों को उनके उत्पादों के लिए प्रतिवर्ष एक हजार करोड़ रूपये से अधिक का भुगतान करने में सक्षम है। सिक्किम जिसे हाल ही में ऑर्गेनिक स्टेट का दर्जा दिया गया है, उससे कही अधिक भूभाग पर उत्तराखण्ड में ऑर्गेनिक खेती हो रही है।

नए पर्यटक स्थलों पर स्थापित होंगे पतंजलि आयुष ग्राम
कहा कि पतंजलि राज्य के उत्पादों के लिए बाईबैक सिस्टम बना रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 13 जिले 13 नये पर्यटन स्थल बनाने के लक्ष्य की सराहना करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि सभी नये पर्यटन स्थलों पर पतंजलि आयुष ग्राम की स्थापना में सहयोग देने को तैयार है।

विशाल गौशाला तैयार करने की योजना
यह भी कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से एक विशाल गोशाला की स्थापना करने की योजना है, जिसमें 40 से 60 लीटर दूध देने वाली गायों की नस्ल तैयार की जायेगी। वहीं कार्यक्रम में मौजूद आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि की रिसर्च लैब और अन्य सुविधाओं को आयुर्वेद के शोधार्थियों और शिक्षकों के लिए खोला जायेगा। पतंजलि के 300 से अधिक वनस्पति विज्ञानी राज्य की एक-एक जड़ीबूटी और पौधे का सर्वेक्षण कर उनका डॉक्यूमेंटेशन कर सकते हैं।

योग से जुड़कर जानें स्वस्थ जीवन का रहस्य


अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस मनाने का मकसद योग से लंबी आयु प्रदान करता है। योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। योगासन को कसरत या व्यायाम कहना गलत है। योग न सिर्फ आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है बल्कि यह तनाव और अन्य शारीरिक समस्याओं को भी दूर करता है। लगातार नियमित रूप से आसन करने से शरीर में लचीलापन बना रहता है।
शारीरिक लचीलेपन से आंतरिक ऊर्जा और स्फूर्ति बढ़ती है, मन शांत रहता है। योग दिवस को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोशल मीडिया के जरिए इसकी जानकारी देना शुरू कर दी है। योग की धूम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में है। हाल ही में सिंगापुर के स्टेडियम ने आठ हजार लोगों ने योग किया।

जानिए योग के फायदे-
– योग से न केवल हमारा शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी शांत रहता है। नियमित रूप से योग करने से आप स्ट्रेसफ्री और चिंताओं से मुक्त रहते हैं। योग करने से दिमाग के सोचने और सृजनात्मकता वाले हिस्सों का भी संतुलन बना रहता है।
– हर इंसान को योग अलग रूप से फायदा पहुंचाता है। योग को अपनाने से कई रोगों से निजात मिलती है। बेहतर ब्लड सकुर्लेशन से शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को बेहतर प्रवहन होने में मदद मिलती है। ऑक्सीजन का संचार होने से ब्लड सकुर्लेशन ठीक रहता है।
– योग से शरीर का लचीलापन बढ़ता है। इससे पीठ का दर्द, जोड़ों का दर्द में काफी आराम मिलता है। इससे रीढ़ की हड्डी में दबाव और जकडऩ में भी आराम मिलता है।
– योग का अभ्यास आपको केवल चुस्त दुरूस्त ही नहीं करता बल्कि आपके शरीर को सुडौल और खूबसूरती प्रदान करता है। यह शरीर में जमा फालतू चर्बी को घटाने में मदद करता है।
– सिरदर्द और पीठ दर्द को कम करने में ये आसन लाभकारी है। अगर पैरों में दर्द होता है तो इस आसन को करने से थकान और दर्द से राहत मिलती है।
– मोटापा कम करने के लिए ये आसन बहुत फायदेमंद है। जिन लोगों को गैस की दिक्कत करें उनके लिए ये आसन बहुत फायदेमंद है।
– हर दिन योग करने से आपके शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। दिमाग और मन भी शांत रहता है।

योग की उत्पत्ति-
योग को भारत के स्वर्ण युग करीब 26 हजार साल पहले की देन माना जाता है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत धातु युज से निकला है। जिसका मतलब व्यक्तिगत चेतना है। योग को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। माना जाता है कि योगसूत्र को महर्षि पतंजलि ने 200ई.पूर्व में लिखा था। इस ग्रंथ पर अब तक हजारों भाषा में लिखा जा चुका है। योग हिंदू धर्म के छह दर्शनों में से एक है। योग बौद्ध धर्म में भी ध्यान के लिए अहम माना जाता है। इसका संबंध इस्लाम और ईसाई धर्म से भी है।

नमामि गंगे अभियान के तहत निकाली पदयात्रा

ऋषिकेश।
गंगा रिसॉर्ट में योग महोत्सव के पांचवें दिन सभी योगाचार्यों व साधकों ने मिलकर गंगा संरक्षण के लिए पदयात्रा निकाली। सुबह विधिवत सूर्य क्रिया योगासन अभ्यास के बाद योग साधक, छात्र-छात्राएं रैली का हिस्सा बने। गंगा रिसॉर्ट परिसर में अपर सचिव राघव लंगर और गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक अतुल कुमार गुप्ता तथा महाप्रबंधक बीएल राणा ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हाथों में गंगा स्वच्छता के लिए प्रेरक स्लोगन लिखी तख्तियां हाथों में लिए छात्र-छात्राएं गंगा हमारी मां है, गंगा को स्वच्छ बनाना है, गंगा को स्वच्छ बनाओ आओ यह संकल्प लो नारे लगाते हुए क्षेत्रवासियों को जागरूक किया। रैली में पतंजलि विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विश्वविद्यालय, गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय, गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे। रैली लक्ष्मणझूला रोड, दून तिराहा, त्रिवेणीघाट चौराहा होते हुए रैली त्रिवेणीघाट पहुंची। जहां साधकों और योगाचार्यों ने गंगातट पर सफाई कर श्रमदान किया। दोपहर सत्र में योगाचार्य भीम ने प्राण पावर योगा का प्रदर्शन कर योग की उपयोगिता और विशेषता के बारे में जानकारी दी।

फिटनेस को ट्रेनर ने बताए योग के विशेष गुर

ऋषिकेश।
योग क्रियाओं से पूर्व साधकों को मंत्रोच्चारण के साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास कराया गया। अमेरिका से आए योगाचार्य गुरुशब्द खालसा ने साधकों को कुंडलिनी योग की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कुंडलिनी योग से मनुष्य के भीतर सुस्त अवस्था में रह रही शक्ति जागृति हो जाती है। इस क्रिया से शरीर के भीतर के सभी चक्र खुल जाते हैं। उन्होंने कहा कि एक बार यह चक्र खुल जाने के बाद मनुष्य को स्वयं का ज्ञान हो जाता है। उन्होंने इस क्रिया को गुरु के सानिध्य में ही करने की हिदायत दी। बॉलीवुड के फिल्मी सितारों की फिटनेस ट्रेनर दीपिका मेहता ने स्वस्थ शरीर के लिए सही खान-पान व योग क्रियाओं की जानकारी दी जिसके इस्तेमाल से व्यक्ति लंबे समय तक फिट और जवान रह सकता है। अमेरिका से आई आनन्द्रा जॉर्ज ने साधकों को नादयोग का प्रशिक्षण दिया। ऑस्ट्रेलिया के मार्क रॉबर्ट ने अष्टांग प्राथमिक श्रृंखला और योगाचार्य एचएस अरुण ने एंगर योग का अभ्यास कराया। न्यूयार्क के विश्वविख्यात योगाचार्य जूल्फ फेबर ने जीवमुक्ति योग कराया जबकि योगाचार्य लौरा प्लम्ब ने रॉक भक्ति का अभ्यास कराया। साध्वी भगवती एवं ब्रूस लिप्टन ने सभी योग साधकों से प्रकृति व पृथ्वी संरक्षण के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया।

जीएमवीएन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे संत मूजी

ऋषिकेश।
योग महोत्सव के चौथे दिन महान संत मूजी के आगमन से गंगा रिसॉर्ट ऊर्जावान हो गया। योग परिसर में उनके आते ही साधकों के चेहरे खिल उठे। आते ही उन्होंने मुस्कराते हुए साधकों से मुलाकात की। उसके बाद अपने व्याख्यान में जीवन में योग का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि तप करने से भी ईश्वर नहीं मिलते यदि उसमें ध्यान न शामिल हो। सबसे पहले मनुष्य को अपने आप को जानना है। इसमें योग विधियां सबसे अधिक कारगर हैं। इससे पहले योगाचार्या तारा ने साधकों को योग और प्राणायाम का अभ्यास कराया। योगाचार्य श्रीनिवासन ने साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि धारणा, ध्यान, समाधि और संयम ही योग है। उन्होंने कहा कि योग एक दिन में सीखने का विषय नहीं। यह निरन्तर साधना और अभ्यास से सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपनी इन्द्रियों पर संयम कर साधक आत्म उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होता रहता है। योग साधना से कोशिकाओं का पोषण होता है और उन्हें पुनर्जीवित किया जाता है। योगाचार्य स्वामी सुर्येन्दु पुरी ने कहा कि योग व्यक्ति में आत्मबल और इच्छाशक्ति को मजबूत करता है। योग साधक अपने आत्म संयम से सांसारिक मोह माया और अन्य विकृतियों से दूर रहकर आध्यात्मिक शक्ति को प्राप्त कर देता है। डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी ने आयुर्वेद की उपयोगिता के बारे में अपने विचार रखे। उधर, गुमानीवाला में स्वामी योगानंद आश्रम में नि:शुल्क योग शिक्षा दी जा रही है जिसमें 80 छात्र-छात्राओं को योग की विभिन्न विधियों से अवगत कराया जा रहा है।