मशीन में यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल जमा कर दस रुपये कर सकते हैं प्राप्त

प्लास्टिक फ्री श्री केदारनाथ धाम की मुहीम के अंतर्गत जिला प्रशासन ने निजी संस्था के सहयोग से इस बार यात्रा मार्ग पर दो प्लास्टिक वेंडिंग मशीन स्थापित की हैं। एक मशीन गौरीकुंड जबकि दूसरी केदारनाथ धाम परिसर में स्थापित की गई है। इस मशीन में यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल जमा कर दस रुपये रिफंड प्राप्त कर सकते हैं। यह रिफ़ंड डिजिटल माध्यम से यूपीआई के ज़रिये प्राप्त हो सकेगा।

श्री केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वच्छता बनाने एवं पर्यावरण की दृष्टि से जिला प्रशासन की ओर से अभिनव पहल की गई है। दरसअल, यहां पर यात्रा मार्ग में दो स्थानों पर प्लास्टिक वेंडिंग मशीन स्थापित की गई है। गत वर्ष ट्रायल के रूप में एक मशीन धाम के यात्रा मार्ग पर लगाई गई थी जिसे अब आगे बढ़ाते हुए यात्रा मार्ग पर इस बार दो प्लास्टिक वेंडिंग मशीन लगाई गई हैं। उपजिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल शुक्ला ने बताया कि गौरीकुंड के अलावा केदारनाथ धाम परिसर में यह मशीनें लगाई गई हैं। यह पहल श्छोटा कदम बड़ा बदलावश् की थीम पर की जा रही है। यात्रा मार्ग पर स्थापित प्लास्टिक वेंडिंग मशीनों में कोई भी यात्री अपनी क्यूआर कोड वाली बोतल लेकर जा सकता है और इसे मशीन में जमा करने पर दस रुपए यूपीआई में रिफंड हो जाएंगे।

सरकार ने चारधाम यात्रा में मंदिर के 50 मीटर पर रील्स बनाने पर लगाया प्रतिबंध


उत्तराखंड में चारधाम यात्रा ने यात्रियों के सभी रिकॉर्ड्स तोड़ दिए हैं। अभी तक 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालु इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। हालांकि, इस दौरान सोशल मीडिया पर चारधाम यात्रा से जुड़े कुछ रील्स लगातार शेयर किए जा रहे हैं। इसके बाद कई यूजर्स ने इस पर आपत्ति जताई थी। अब उत्तराखंड सरकार ने अहम फैसला लेते हुए चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर के 50 मीटर के दायरे पर वीडियोग्राफी और रील्स पर प्रतिबंध लगा दिया है।

उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को देश की राजधानी में मिलेगा बाजार

उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की प्रोसेसिंग/पैकेजिंग/ ब्रान्डिग हेतु सबसे बड़े अम्ब्रेला ब्रान्ड के रूप में उभर रहे हाउस ऑफ हिमालय के स्टोर जल्द ही नई दिल्ली के कनॉट प्लेस व अन्य मुख्य स्थानों में खोले जाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

एनडीएमसी ने इस सम्बन्ध में सहमति दे दी है। हाउस ऑफ हिमालया के कार्याे को गति देने हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने हाउस ऑफ हिमालया से सम्बन्धित विभागों के साथ नियमित रूप से प्रत्येक माह समीक्षा बैठक का निर्णय लिया है। हाउस ऑफ हिमालया के तहत मांग के अनुरूप पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु सीएस ने महिला स्वयं सहायता समूहों एवं स्थानीय लोगों से अधिकाधिक स्थानीय उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में आज सचिवालय में हाउस ऑफ हिमालया की प्रथम बोर्ड मीटिंग सम्पन्न हुई। सीएस ने बैठक के एजेण्डा पर विस्तृत चर्चा के बाद इस पर सहमति प्रदान की।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों की परियोजनाओं/पहल के माध्यम से प्रचलित उनके सभी ब्राण्ड्स को अम्ब्रेला ब्राण्ड के तहत लाए जाने, स्थानीय उत्पादों की पहुंच बढ़ाने, गुणवत्ता, माननीकृत पैकंजिंग, ब्राण्डिंग एवं विपणन करने में हाउस ऑफ हिमालया ग्लोबल प्लेटफॉर्म साबित होगा। महिला स्वयं सहायता समूहों माध्यम से स्थानीय उत्पादों की खरीद से राज्य में महिला सशक्तीकरण का एक नया अध्याय आरम्भ होगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य स्तर पर हाउस ऑफ हिमालया के रूप में कम्पनी के गठन से स्थानीय हितधारकों, स्वयं सहायता समूहों, किसानों व स्थानीय उत्पादकों की आजीविका संवर्द्धन कर उन्हें उनकी फसलों व उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा।

बैठक में सचिव राधिका झा, अपर सचिव मनुज गोयल, निकिता खण्डेलवाल एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ कपाट खुलने के सीएम धामी सहित अन्य बने साक्षी

विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदारनाथ के उदघोष तथा सेना के ग्रेनेडियर रेजीमेंट की बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच इस यात्रा वर्ष आज 10 मई को ठीक 7 बजे विधि- विधान से खुल गये है। इस अवसर पर दस हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के गवाह बने।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कपाट खुलने के अवसर पर विशेष रूप से मौजूद रहे उन्होंने सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की। कहा कि इस बार चारधाम यात्रा नया कीर्तिमान बनायेगी प्रदेश सरकार तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु प्रतिबद्ध है। इस दौरान सात हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट खुलने के साक्षी बने मंदिर को 20 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया गया था साथ ही कपाट खुलते समय तीर्थयात्रियों पर आकाश से हैलीकाप्टर द्वारा फूल वर्षा हुई। तथा श्रद्धालुओं के लिए जगह – जगह भंडारे आयोजित किये गये थे। मुख्य सेवक भंडारा कार्यक्रम समिति ने भी भंडारे आयोजित किये।

आज केदारनाथ में मौसम साफ रहा। आस-पास तथा दूर बर्फ होने से सर्द बयारें चलती रही। कपाट खुलने की प्रक्रिया के तहत कल बृहस्पतिवार 9 मई शाम को भगवान केदार नाथ की पंचमुखी उत्सव मूर्ति पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों गुप्तकाशी, फाटा,गौरीकुंड से होते हुए श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी थी।

आज शुक्रवार प्रातः चार बजे से मंदिर परिसर तथा दर्शन पंक्ति में यात्रियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था उसके बाद बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय रावल भीमांशंकर लिंग, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह पुजारी धर्माचार्य वेदपाठी तथा केदार सभा के पदाधिकारी तथा जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवार प्रशासन के अधिकारी पूरब द्वार से मंदिर पहुंच गये उसके पश्चात रावल धर्माचार्य तथा पुजारी गणों ने द्वार पूजा शुरू की भगवान भैरवनाथ तथा भगवान शिव का आव्हान कर ठीक सुबह सात बजे बजे श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप से श्रृंगार रूप दिया गया। उसके पश्चात श्रद्धालुओं ने दर्शन शुरू किये।

कपाट खुलने के अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शुभकामनाएं दी कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी जिसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा मंदिर समिति यात्री सुविधाओं हेतु प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के अनुसार 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान भैरवनाथ जी की पूजा हुई थी भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 9 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम पहुंची थी 10 मई ठीक प्रातः7 बजे श्री केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। कपाट खुलने के पश्चात भगवान केदारनाथ के स्वयंभू शिवलिंग को समाधि रूप् से श्रृंगार रूप् दिया गया। तथा तीर्थ यात्रियों ने दर्शन करने शुरू किये।

जारी प्रेस विज्ञप्ति बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया गया कि कल शनिवार 11 मई को श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरव मंदिर के द्वार खुलने के साथ श्री केदारनाथ मंदिर में नित्य प्रति आरतियां एवं संध्याकालीन आरतियां शुरू हो जायेगी।

आज कपाट खुलने के समय हक-हकूकधारी सहित केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग, पुजारी शिवशंकर लिंग, संस्कृति एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष मधु भटृट मंदिर समिति सदस्य श्रीनिवास पोस्ती,वीरेंद्र असवाल, , मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह,कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल, प्रदीप सेमवाल, अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, देवानंद गैरोला आदि मौजूद रहे।

धामी सरकार ने अयोध्या में उत्तराखंड भवन के निर्माण को आवंटित भूमि की रजिस्ट्री अपने नाम कराई

राम जन्मभूमि अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन (राज्य अतिथि गृह) के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। भूखण्ड के आवंटन से जुड़ी सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए उत्तराखण्ड सरकार ने अयोध्या में आवंटित भूखण्ड की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसने अयोध्या में राज्य अतिथिगृह के निर्माण के लिए भूखण्ड की रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि सरकार अपने वायदे के अनुरूप जल्दी से जल्दी रामनगरी अयोध्या में अतिथि गृह का निर्माण करेगी ताकि रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आने वाले उत्तराखण्ड के श्रद्धालुओं को ठहरने के उचित सुविधा मिल सके। यह भूखण्ड राममंदिर से महज 7 किलोमीटर (हवाई दूरी 3 किमी) की दूरी पर स्थित है।

अयोध्या में दिव्य और भव्य राममंदिर के निर्माण के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि उत्त्राखण्ड सरकार अयोध्या में राजय अतिथि गृह का निर्माण करेगी। इस घोषणा के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने भूमि खरीद के लिए फौरीतौर पर 32 करोड़ रुपए भी स्वीकृत किए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखण्ड सरकार का आग्रह स्वीकार कर भूखण्ड आवंटन की स्वीकृति प्रदान की थी, जिसके बाद उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने अयोध्या में उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए 5253.30 वर्ग मीटर भूखंड आवंटित किया था। अब धामी सरकार ने सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए आवंटित भूखण्ड अपने नाम दर्ज करवा लिया है। मंगलवार को ही भूखण्ड की रजिस्ट्री उत्तराखण्ड सरकार के नाम हुई है। भूखण्ड की रजिस्ट्री होने के साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड भवन की डीपीआर बनाने का काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

सीएम ने ऊर्जा विभाग की प्रदेश में प्रिपेड मीटर योजना का किया शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 17 विभागों की 8275.51 करोड़ की 122 विभिन्न योजनाओं का डिजिटल माध्यम से लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसमें 11 विभागों की 1048.15 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण एवं 15 विभागों की 7227.36 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की 2027 करोड़ की प्रिपेड मीटर योजना का भी शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत श्रमिकों को टूल किट का भी वितरण किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सचिव ऊर्जा एवं एमडी पिटकुल श्री पी.सी. ध्यानी द्वारा 05 करोड़ का लाभांश का चेक भी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने विभिन्न उद्यमियों को सौर ऊर्जा परियोजनाओं के आवंटन पत्र के साथ ही मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के व्यक्तिगत लाभार्थियों के आवंटन पत्र भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ बनाना है। जिसका असर भी देखने को मिल रहा है। आज का यह कार्यक्रम हमारी विकास नीति का एक उत्तम उदाहरण है, जिसमें 8000 करोड़ रूपए से भी अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े ये सभी विकास कार्य उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश का चहूंमुखी विकास सुनिश्चित करने के लिए “विकल्प रहित संकल्प“ के मूल मंत्र के साथ काम कर रही है। अभी कल ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के लगभग 226 करोड़ की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है। पिछले दो महीनों में टनकपुर में 2215 करोड,़ हरिद्वार में 5868 करोड़, चंपावत में 161 करोड़, अल्मोड़ा में 117 करोड़, पौड़ी गढ़वाल में 828 करोड़ और रुद्रप्रयाग में 456 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया गया। इस प्रकार पिछले दो महीने में ही 18,000 करोड़ रूपए से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है। कार्य यह दर्शाते हैं कि हम उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए कितनी तेजी के साथ विकास नीति पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में सड़क, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, आवास और ग्राम्य विकास से जुड़े करोड़ों के विकास कार्यों से प्रदेश का वर्तमान बेहतर होगा। जबकि बड़े-बड़े शिक्षण संस्थान, पॉलिटेक्निक कॉलेज, स्पोर्ट्स स्डेडियम, ऊर्जा, डेयरी और पर्यटन से जुड़े करोड़ों के विकास कार्य आने वाले भविष्य में उत्तराखंड को सक्षम, मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सरलीकरण, समाधान और संतुष्टि के मंत्र से नई कार्य संस्कृति का वातावरण बना है। जिससे लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है। हमारा काम बोले इसका भी हमारा प्रयास रहता है। मातृशक्ति एवं नौजवानों को रोजगार, स्वरोजगार के लिये नियोजन से जोडा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है, प्रधानमंत्री ने 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। उत्तराखण्ड में रेल, हवाई एवं सड़क यातायात को प्रभावी बनाया गया है। टनकपुर से भी अब देहरादून के लिये ट्रेन संचालित हो गयी है। अयोध्या सहित अन्य स्थानों के लिये भी ट्रेन की सुविधा मिल रही है। पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में 56 लाख श्रद्धालु आये जबकि पूर्णांगिरी मेले में भी 50 लाख लोग आये। प्रदेश में पर्षभर धार्मिक पर्यटन का संचालन हो इसके प्रयास हो रहे है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रदेश की जी.एस.डी.पी. को 05 वर्षों में दुगना करने का है। प्रत्येक जिलों में 2025 तक बेस्ट प्रेक्टिस व नवाचार के रूप में क्या पहल हो सकती है इसकी भी कार्य योजना बन रही है। राज्य में जी.एस.टी. संग्रहण 23 प्रतिशत पहुंच गया है। जबकि प्रतिवर्ष लिये जाने वाले ऋण की धनराशि में कमी आयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में आज भारत विकास की एक अभूतपूर्व गाथा लिख रहा है। 2014 के पहले के भारत में और अब के भारत में जमीन आसमान का अंतर साफ-साफ दिखता है। मोदी जी ने हर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरु कीं। किसान से लेकर जवान तक और शहर से लेकर गांव तक हर वर्ग और क्षेत्र के लिए मोदी सरकार लगातार काम कर रही है।

प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड से विशेष प्रेम किसी से छुपा नहीं है, देवभूमि उत्तराखंड उनके हृदय में बसता है और उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास में केंद्र सरकार हर तरह से मदद कर रही है। आज जिन कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है उनमें कई कार्य केंद्र सरकार द्वारा की गई सहायता से पूरे किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में एक तरफ जहां हम विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चला रहा हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के हित में कई अभूतपूर्व और कड़े फैसले भी लिए हैं।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लेकर आयी। इस संहित के लागू हो जाने से विशेषकर हमारी मुस्लिम बहन बेटियों को कई तरह से उत्पीड़न से मुक्ति मिलेगी। उन्हें बहुत सारी मुस्लिम बहनें इस संहिता को लागू करने के लिए धन्यवाद देती हैं। अभी पिछले दिनों उधमसिंह नगर में नजूल भूमि पर पट्टा वितरित करने के कार्यक्रम में वहां भी मुस्लिम बहनों के एक ग्रुप ने यूसीसी लागू करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हमनें प्रदेश में देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया, इसमें पेपरलीक जैसी घटनाओं पर लगाम लग चुकी है और सभी परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता के साथ आयोजित की जा रही हैं। ऐसे ही हमनें लैंड जिहाद के खिलाफ मुहिम चलाई और 5000 एकड़ से अधिक की सरकारी जमीन से अवैध कब्जों को खाली करवाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास के कार्य जितने जरूरी हैं उतना ही जरूरी प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर को मेनटेन रखना होता है। हमनें पुलिस प्रशासन को इस बात के लिए खुली छूट दी है कि अगर कोई भी व्यक्ति देवभूमि उत्तराखंड में अशांति फैलाने की कोशिश करे तो उसपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पिछले दिनों बनभूलपुरा में कुछ असमाजिक तत्वों ने दंगे की स्थिति पैदा करने की कोशिश की, पुलिस ने एक-एक को चिन्हित करके जेल के सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, उसके मुख्य दंगाई की संपत्ति कुर्क कर दी गई है। और इतना ही नहीं, हमनें कानून बना दिया है कि अब अगर किसी ने दंगा या तोड़फोड़ करने की कोशिश की तो उसके नुकसान की पूरी भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमनें उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, उस पर हम लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आज जिन कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया गया है उससे निश्चित ही उत्तराखंड के विकास को एक नई पहचान मिलेगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, धन सिंह रावत, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने भी अपने विचार रखे। सचिव नियोजन आर. मीनाक्षी सुन्दरम द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

इस अवसर पर सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक विनोद चमोली, सरिता आर्या, दुर्गेश्वर लाल, शक्ति लाल शाह, मोहन सिंह बिष्ट, संजय डोभाल, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशू, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य उच्चाधिकारी एवं बड़ी संख्या में विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी आदि उपस्थित थे।

6 मार्च को होगा देहरादून से अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए हवाई सेवाओं का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रयास रंग लाया है। देहरादून से देश के तीन प्रमुख शहरों अयोध्या, अमृतसर और वाराणसी के लिए सीधी हवाई सेवा को केंद्र की मंजूरी मिल गई है। तीनों सेवाओं का छह मार्च को शुभारंभ होगा। मुख्यमंत्री धामी ने तीनों सेवाओं की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का आभार प्रकट किया है।
उद्घाटन दिवस पर देहरादून से अयोध्या के लिए विमान सुबह 9-40 बजे उड़ान भरेगा और पूर्वाह्न 11-30 बजे अयोध्या पहुंचेगा। उसी दिन अयोध्या से दोपहर 12-15 बजे उड़ान भरकर दोपहर 01-55 बजे देहरादून पहुंचेगा।
देहरादून-अमृतसर हवाई सेवा का विमान दोपहर 12 बजे अमृतसर से उड़ान भरेगा और दोपहर 01-10 बजे देहरादून पहुंचेगा। इसी प्रकार देहरादून से दोपहर 1-35 बजे अमृतसर के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर 2-45 बजे अमृतसर पहुंचेगा।
वाराणसी के लिए वाया पंतनगर हवाई सेवा भी 6 मार्च से शुरू हो रही है। यात्री विमान प्रातः 9-50 बजे देहरादून से पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और 10-35 बजे पंतनगर पहुंचेगा। इसी प्रकार पंतनगर से 11-15 बजे वाराणसी के लिए उड़ान भरेगा और दोपहर एक बजे वाराणसी में उतरेगा। वाराणसी से विमान दोपहर 1.40 बजे पंतनगर के लिए उड़ान भरेगा और अपराह्न 3-25 बजे पंतनगर पहुंचेगा। पंतनगर से विमान अपराह्न 3-50 बजे उड़ान भरेगा और शाम 4-35 बजे देहरादून पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री धामी तीनों स्थानों के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। अयोध्या में श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने से पूर्व उन्होंने केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से व्यक्तिगत रूप से अनुरोध करने के साथ ही पत्र भी लिखा था। मुख्यमंत्री ने कहा था कि देहरादून से अभी अयोध्या के लिए सीधी उड़ान सेवा उपलब्ध नहीं है। श्रीरामलला के दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं, अयोध्या से देवभूमि के लिए हवाई सेवा शुरू होने से श्रद्धालुओं को उत्तराखंड की यात्रा में भी सुविधा होगी। इसी प्रकार देवभूमि की यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्री भी इस सेवा का लाभ उठा सकेंगे।

चार धाम यात्रा के बेहतर संचालन के लिए सभी विभाग बनाए समन्वयः गढ़वाल कमिश्नर

आयुक्त गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडेय ने ऋषिकेश में चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक ली। उन्हांनें यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध पूर्ण करने, यात्रा रूट की सड़कों को 30 अप्रैल से पूर्व चाक चौबन्ध करने, पार्किंग क्षमता बढाने, पैदल मार्ग का सुधारीकरण, स्वास्थ्य सुविधा बेहतर बनाएं, हेली सर्विस आरटीसी के माध्यम से करने के निर्देश दिए।

चारधाम यात्रा की पहली बैठक में बीते यात्रा वर्ष की कार्ययोजना के परिणामों की समीक्षा आगामी बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम और हेमकुंट साहिब यात्रा की तैयारियों के विषय में मंथन हआ। बैठक में गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि चारधाम यात्रा से संबंधित सभी विभाग 15 अप्रैल तक यात्रा तैयारियां पूर्ण करें और कार्यप्रगति से अवगत करायें।

आयुक्त गढ़वाल मंडल ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा रूट की सड़के, पैदल मार्ग अच्छे रहें, आपदा के दृष्टिगत आपदा संभावित क्षेत्र के आस पास आपदा बचाव के साधन एवं आधुनिक उपकरण की व्यवस्था रहे। यात्रा रूट एवं पैदल मार्ग पर शौचालय, गर्म पेयजल, आदि की बेहतर सुविधा रहे।

उन्होने संबंधित जनपदों के वरिष्ठ पुलिस दुर्घटना संभावित क्षेत्र का चिन्हीकरण के जिलाधिकारियों को 1 सप्ताह की भीतर सूचना देंगे, तथा जिलाधिकारियों को ऐसे क्षेत्रों पर सुधारीकरण के निर्देश दिए। बीमार घोड़े, खच्चर का रजिस्ट्रेशन न हो तथा जानवरों के लिए चिकित्सा सुविधा एवं शेल्टर रहे।

आयुक्त गढवाल मण्डल ने निर्देश दिए कि यात्रा रूट पर मादक पदार्थों का सेवन कर वाहन ना चलाए इसकी जांच की जाए ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। टैक्सी, होटल, भोजन की निर्धारित दर चस्पा रहें। शटल सेवा के लिए आउटसोर्स पर कार्मिक रखे, यात्रा मार्गों परिवहन विभाग द्वारा मोटर साइकिल ग्रुप भी रखे जा रहे हैं।

आयुक्त गढ़वाल ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा में जिन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है, उनका रोस्टर तय करें। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा से सम्बन्धित जनपदों के सीएचसी, पीएचसी चिकित्सालयों के चिकित्सकों की ड्यूटी चारधाम यात्रा में न लगाई जाए, वे अपने चिकित्सालयों में ही बने रहेंगे। यात्रा सीजन में प्रत्येक रूट पर सफाई व्यवस्था रहे, प्रत्येक शौचालय में पानी रहे तथा 24 घंटे सफाई हेतु कार्मिक तैनात रखने के निर्देश दिए। उन्होंने सफाई हेतु एक शौचालय में 3 व्यक्तियों की ड्यूटी रहे जो 8-8 घंटे की ड्यूटी पर रहेंगे। पेट्रोल पंप पर शौचालय, पानी की सुविधा के साथ साफ रहें, जिलाधिकारी निर्देशित करें।

यात्रा रूट पर उरेडा के पावर हाउस एक्टिवेट रहें। यूपीसीएल के पावर कट के दौरान प्रभावी बैकअप रहे। पावर कट के दौरान त्वरित रिस्पॉन्स रहे। पूर्ति विभाग यात्रा के दौरान पेट्रोल, डीजल, गैस की आपूर्ति पर फर्क न पड़े। पूर्ति विभाग योजना पर काम करें। बीएसएनएल कॉनेक्टिविटी प्रभावी रखें। यूकाडा हैली टिकेट ब्लैक पर रोक लगाने हेतु सम्बन्धित कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक कर कार्य योजना बनाएं, टिकेट बुकिंग वेबसाइट का प्रचार प्रसार कराएं। यूटीडीबी यात्रा रजिस्ट्रेशन के दौरान चारधाम यात्रा खुलने की तिथि, विभिन्न सुविधाओं हेतु की बुकिंग के लिए दी गई, वेबसाइट, का विवरण, यात्रा हेतु बनाए गए विभिन्न कंट्रोल रूम के नंबर, एवं आवश्यक एवं महत्वपूर्ण सेवाओं सहित सम्बन्धित अधिकारियों के नंबर चस्पा रहें। बद्रीनाथ, केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वीआईपी दर्शन के स्लॉट दिए जाएं, समय वर्णित रहे।आईजी गढ़वाल के एस नग्याल ने आपदा के दृष्टिगत बेहतर तैयारी रखने, चारधाम यात्रा मार्गों पर सुगम यातायात एवं सुरक्षा व्यवस्था रखने के निर्देश दिए।

हल्द्वानी अतिक्रमण विवादः डीएम वंदना को कट्टरपंथियों से ट्रोलिंग, जनता ने किया समर्थन

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में अवैध अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई करने वाली जिलाधिकारी वंदना सिंह सोशल मीडिया पर चर्चाओं का केंद्र बन गई हैं। कुछ कट्टरपंथी उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रेंड करवा रहे थे और उनके खिलाफ भड़काऊ अभियान चला रहे थे।

अब्दुल मलिक पर कार्रवाई का नतीजा?

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बाद कट्टरपंथियों ने डीएम वंदना के खिलाफ “#अरेस्ट_वंदना_सिंह” ट्रेंड चलाया। उन पर आरोप लगाते हुए सांप्रदायिक रंग दिया गया। सोशल मीडिया ट्रेंड के विश्लेषण से पता चला कि इसमें ज्यादातर एक समुदाय विशेष के कट्टरपंथी समूह शामिल थे।

कथित प्रेस कॉन्फ्रेंस और झूठा माहौल

इसी कट्टरपंथी मानसिकता से ग्रसित कुछ लोगों ने दिल्ली प्रेस क्लब में डीएम के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। ये लोग कभी बनभूलपुरा गए ही नहीं थे, लेकिन वहां से एक वीडियो के आधार पर वंदना सिंह के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश की। यही गिरोह अक्सर लोगों को भड़काने के लिए जाना जाता है।

सच सामने आया, मिला जनता का विश्वास

लेकिन सच छिपाए नहीं छिपता। जैसे ही सच्चाई सामने आई, सोशल मीडिया साईट एक्स पर “#isupportdmvandana” ट्रेंड शीर्ष पर चला गया। राष्ट्रीय मीडिया में भी डीएम वंदना की चर्चा होने लगी। शायद उत्तराखंड में पहली बार किसी डीएम ने इतनी ख्याति प्राप्त की, उन्हें लगातार सोशल मीडिया पर युवाओं द्वारा सपोर्ट और फॉलो किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह अराजक तत्वों पर सम्पूर्ण नारी शक्ति का तमाचा है।

सरकार का समर्थन, डीएम की निष्ठा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूरे घटनाक्रम में डीएम का समर्थन किया, जिससे वह बिना किसी दबाव के अपना कर्तव्य पूरा कर सकीं। डीएम वंदना ने साबित किया कि अगर आप सत्य के साथ खड़े हों तो कोई ताकत आपको झुका नहीं सकती। उन्होंने सरकार और सीएम धामी को हर परिस्थिति में विश्वास रखने के लिए धन्यवाद दिया।

उत्तराखंड के नकलरोधी कानून को मॉडल के रूप में लागू करेगी केंद्र सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के नकलरोधी कानून को केंद्र सरकार ने भी मॉडल के रूप में लिया है। सोमवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने इसका बिल पेश कर उत्तराखंड के धामी सरकार के कठोर कानून पर भी अपनी मुहर लगा दी है। इधर, मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आभार जताया और कहा कि यह कानून नकल माफियों पर करारी चोट करेगा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कवच बनेगा।
केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश किया है। यह बिल जल्द देश में नकलरोधी कानून का रूप लेगा। खासकर उत्तराखंड में इस तरह का कानून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने फरवरी 2023 में लागू किया। यह कानून अब तक देश के सबसे कठोर कानून में शुमार है। अब धामी सरकार के इस नकलरोधी कानून को केंद्र ने भी मॉडल के रूप में लेते हुए , जल्द देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार का यह निर्णय निश्चित ही उत्तराखंड की धामी सरकार के नकलरोधी कानून पर मुहर लगाता है। खासकर धामी सरकार ने भी कठोर नकलरोधी कानून लाकर नकल माफिया की कमरतोड़ कर दी है। कानून लागू होने के बाद इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं। पूर्ववर्ती सरकारों में नकल माफियाओं के पूरे तंत्र को ध्वस्त कर धामी सरकार ने बड़ा संदेश दिया है। कानून का परिणाम यह है कि अब राज्य में प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल समय पर हो रही हैं। बल्कि रिकॉर्ड समय में परिणाम जारी होने के बाद युवाओं को नौकरी भी मिल रही हैं। उधर, केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में सख्त नकलरोधी कानून का बिल पेश करने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में लागू कठोर नकलरोधी कानून जैसा बिल पेश कर हमारा मनोबल बढ़ाया है।

ये है उत्तराखंड का कठोर नकलरोधी कानून
उत्तराखंड के कठोर नकलरोधी कानून में संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने वाले मामलों में आजीवन कैद की सजा तथा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है। साथ ही आरोपियों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था कानून में है। इसके अलावा नकल करते पकड़े जाने पर 10 वर्ष की सजा के साथ ही 10 लाख रुपये जुर्माना है। अभ्यर्थी के नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे 10 वर्ष के लिए सभी परीक्षा देने से निलंबित कर दिया जाएगा। दोबारा नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से पांच से 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।