शोध की जिम्मेदारी हमारे विश्वविद्यालयों की: त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसानों की आय दोगुना करने संबन्धी कार्यशाला का उद्घाटन किया। उद्यान और कृषि विभाग की मृदा स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं के कार्यों का एकीकरण मुख्यमंत्री ने उद्यान और कृषि विभाग द्वारा अलग-अलग प्रदान किये जा रहे मृदा स्वास्थ्य कार्डों की व्यवस्था समाप्त करने के निर्देश देते हुए दोनों विभागों की प्रयोगशालाओं को एकीकृत रूप में कार्य करने को कहा।

अब किसान किसी भी लैब से कृषि अथवा औद्यौनिकी के लिये सॉयल हेल्थ कार्ड ले सकेंगे। वर्तमान में कृषि विभाग की प्रत्येक जनपद में एक सॉयल हेल्थ लैब है तथा उद्यान विभाग की दो प्रयोगशाला कुमाऊं मण्डल तथा गढवाल मण्डल में स्थापित है। अब कृषकों को कृषि अथवा औद्यौनिकी किसी भी कार्य हेतु सभी 15 प्रयोगशालाओं की सुविधा मिल सकेगी। अफसर फार्म और फार्मर तक पहुंचे। सीएम किसानों की आय दोगुनी करने संबन्धी कार्यशाला के आयोजन का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तय समयसीमा के भीतर जनपद, ब्लॉक और न्याय पंचायत स्तर तक भी ऐसी गोष्ठियां आयोजित की जाय। कृषि और उद्यान विभाग के अधिकारी किसानों के साथ प्रतिमाह मीटिंग करें।

‘‘ऑफिस में बैठकर नही, खेतों तक जाकर खेती होगी। अफसर फार्म और फार्मर तक पहुंचें’’ मुख्यमंत्री ने कहा। मुख्यमंत्री ने नई तकनीकि को बढ़ावा देने के लिये विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।

‘‘प्रयोग और शोध की जिम्मेदारी हमारे विश्वविद्यालयों की है’’ मुख्यमंत्री ने कहा। ऐसे निजी उच्च शिक्षण संस्थान जहां कृषि की पढ़ाई होती है उनका भी उपयोग किया जाय। आर्गेनिक खेती को बढावा दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में दस विकासखण्डों को आर्गेनिक खेती के लिये चिन्हित किया गया है। आर्गेनिक खाद के उत्पादन के वर्तमान पारंपरिक तरीके में समय लगता है।

किसानों को नई तकनीकि और प्रक्रियाओं के प्रति प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों को इस दिशा में आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘लैब’’ और ‘‘लैण्ड’’ दोनों के ही विशेषज्ञ कार्यशाला में बैठे हैं। किसानेां की आय दोगुना करना, उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाना, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के लिये ठोस कार्ययोजना बनाकर मिशनरी भाव से काम करना होगा। सिर्फ योजनाएं बनाना काफी नहीं है। लोगों तक जाकर उनको जानकारी देना तथा उनकी मदद करना भी बहुत जरूरी है।

कृषि विभाग ने तैयार की है विस्तृत कार्ययोजना कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सचिव कृषि डी.सेंथिल पाण्डियन द्वारा एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। पाण्डियन ने बताया कि कृषि और औद्यानिकी के क्षेत्र में सेक्टरवार विशेषज्ञ समितियों का गठन कर प्रारंभिक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इससे मधुमक्खी पालन, आर्गेनिक फार्मिंग, मृदा परीक्षण एवं प्रबंधन, कृषि विपणन, फलफूल, सब्जी, मशरूम उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज चेन, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, भेड़ एवं बकरी पालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्र सम्मिलित है।

व्यभिचार के लिये सिर्फ पुरूषों को सजा देने वाले कानून की समीक्षा करेगा सुप्रीम कोर्ट

विवाहित महिला किसी गैर मर्द से शारीरिक संबंध बनाए तो सिर्फ उस मर्द को सजा क्यों? सुप्रीम कोर्ट इससे जुड़े कानून की समीक्षा करेगा। इस मसले पर दायर एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने इस केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।

औरत को मुकदमे से छूट हासिल है
दरअसल, एडल्ट्री यानी व्यभिचार की परिभाषा तय करने वाली आईपीसी की धारा 497 में सिर्फ मर्द को सजा का प्रावधान है। किसी विवाहित महिला से उसके पति की मर्जी के बिना संबंध बनाने वाले मर्द को पांच साल तक की सजा हो सकती है, लेकिन महिला पर कोई कार्रवाई नहीं होती। याचिकाकर्ता ने इसे भेदभाव भरा कानून बताया है।
केरल के जोसफ शाइन की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया है कि 150 साल पुराना ये कानून मौजूदा दौर में बेमतलब है। ये उस समय का कानून है जब महिलाओं की स्थिति बहुत कमजोर थी। इसलिए, व्यभिचार के मामलों में उन्हें पीड़ित का दर्जा दे दिया गया।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि आज औरतें पहले से मजबूत हैं। अगर वो अपनी इच्छा से दूसरे मर्द से संबंध बनाती हैं, तो मुकदमा सिर्फ उस मर्द पर नहीं चलना चाहिए। औरत को किसी भी कार्रवाई से छूट दे देना समानता के अधिकार के खिलाफ है।
बेंच ने इस दलील से सहमति जताते हुए कहा, आपराधिक कानून लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करता, लेकिन ये धारा एक अपवाद है। इस पर विचार की जरूरत है। कोर्ट ने ये भी कहा कि पति की मंजूरी से किसी और से संबंध बनाने पर इस धारा का लागू न होना भी दिखाता है कि औरत को एक संपत्ति की तरह लिया गया है।
पत्नी को शिकायत का अधिकार नहीं
याचिकाकर्ता ने बताया कि 1971 में लॉ कमीशन और 2003 में जस्टिस मलिमथ आयोग आईपीसी 497 में बदलाव की सिफारिश कर चुके हैं, लेकिन किसी भी सरकार ने कानून में संशोधन नहीं किया।
कोर्ट में ये सवाल भी उठा कि आईपीसी 497 के तहत पति तो अपनी पत्नी के व्यभिचार की शिकायत कर सकता है, लेकिन पति के ऐसे संबंधों की शिकायत पत्नी नहीं कर सकती। कोर्ट ने माना कि मौजूदा हालात में ये कानून न कहीं पुरुष से तो कहीं महिला से भेदभाव करता है।
इससे पहले 1954, 2004 और 2008 में आए फैसलों में सुप्रीम कोर्ट आईपीसी 497 में बदलाव की मांग को ठुकरा चुका है। ऐसे में नई याचिका पर पांच जजों की संविधान पीठ में सुनवाई हो सकती है।

2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करने का है लक्ष्य

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता मिलन हॉल में क्षय रोगियों के उपचार के लिए नई उपचार पद्यति ’डेली रिजीम’ का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित कुछ क्षय रोगियों को नई उपचार पद्धति की दवाइयां देकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। ’लॉंच ऑफ डेली रेजीम फॉर टीबी ट्रीटमेंट’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक भारत को ट्यूबरक्लोसिस से मुक्त करना है। उत्तराखण्ड की जागरुकता के स्तर को देखते हुए राज्य में यह लक्ष्य 2024 तक पाया जा सकता है। क्षय रोग अब किसी डर का विषय नहीं है और चिकित्सा शास्त्रीयों ने इस पर विजय प्राप्त कर ली है। परंतु इस रोग के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी है और इसका चिकित्सकीय परामर्श के साथ नियमित उपचार बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती के लिए सरकार गंभीर है और इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। अभी हाल ही में पौड़ी मुख्यालय में प्रदेश के कुल 12 अस्पतालों में टेली रेडियोलॉजी की सेवा शुरू कर दी गई है और शेष 23 अस्पतालों में जल्द शुरू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेशों में भी टेली रेडियोलॉजी और टेली मेडिसिन का प्रयोग दूरस्थ क्षेत्रों में उपचार पहुंचाने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा कि तकनीकी के प्रयोग से हमें हिचकना नहीं चाहिए।
चिकित्सा क्षेत्र में शोध कार्य निरंतर चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में युवा पीढ़ी पहले की तुलना में अधिक अपडेट है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं सहित सभी युवाओं से कहा कि वे सीधे फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के माध्यम से मुख्यमंत्री को अपने सुझाव दे सकते हैं। विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित खटीमा के विधायक पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले सात-आठ माह में शासन प्रशासन की कार्य प्रवृत्ति में बहुत सुधार आया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्वास्थ्य विभाग के लोग पूर्ण निष्ठा के साथ जुड़कर प्रदेश से क्षय रोग का नाश करेंगे। मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य सलाहकार डॉ.नवीन बलूनी ने कहा कि पहाड़ों में डॉक्टरों की तैनाती से ओपीडी सेवा में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। 5 जिला अस्पताल डिजिटलाइज हो गए हैं जिससे उनकी मॉनीटरिंग आसान हो गई है। सरकार एक ठोस कार्य योजना बनाकर डॉक्टरों की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रही है और शीघ्र ही लोक सेवा आयोग से डॉक्टरों की भर्ती के साक्षात्कार भी शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले 2 वर्षों में चरणबद्ध तरीके से सभी जिला अस्पताल, महिला अस्पताल और बेस अस्पतालों में 22 वेंटिलेटर वाले चार बेड के आईसीयू खोलने की योजना बना ली गई है। राज्य क्षय नियन्त्रण अधिकारी डॉ.बी.सी.काला ने बताया कि एचआईवी और ड्रग रेजिस्टेंट मरीजों के कारण ट्यूबरक्लोसिस से लड़ने की चुनौती जटिल हो गई है। पहले डॉट्स कार्यक्रम के अंतर्गत प्रति सप्ताह 3 दिन ट्यूबरक्लोसिस की दवाइयां दी जाती थी जबकि प्राइवेट अस्पताल प्रतिदिन दवाइयों के डोज देते थे। इलाज में एकरूपता लाने और ड्रग रेजिस्टेंस की समस्या को दूर करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइड लाइन के अनुसार अब से नई प्रक्रिया के अंतर्गत क्षय रोगी को प्रतिदिन फिक्स्ड डोज दिया जाएगा। पहले की 78 गोलियों के स्थान पर अब मरीज को केवल दो या तीन गोलियां खानी होगी।

जल्द भारतीय वायुसेना को मिल सकते है अमेरिकी ड्रोन, ट्रंप सरकार ले सकती है फैसला

खबर आई है कि अमेरिका भारतीय वायु सेना को ड्रोन देने पर विचार कर रहा है। जिससे भारत इन ड्रोन्स को अपनी वायु सेना में शामिल कर सकेगा। अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया है कि ट्रंप सरकार भारत के हथियारों से लैस ड्रोन की मांग पर गहराई से विचार कर रहा है।

भारतीय वायु सेना का मानना है कि इन ड्रोन्स के मिलने से उसकी रक्षा क्षमता काफी मजबूत हो जाएगी। इसी साल की शुरूआत में भारतीय वायु सेना ने अमेरिकी सरकार के सामने जनरल एटमिक्स प्रीडेटर सी एवेंजर्स एयरक्राफ्ट खरीदने का प्रस्ताव रखा था। यह सर्वविदित है कि भारतीय वायुसेना को लगभग 80 से 100 इकाइयों की आवश्यकता है और यह सौदा लगभग 8 अरब डॉलर का होगा। इसी वर्ष 26 जून को व्हाइट हाउस में पीएम मोदी और ट्रंप के बीच हुई सफल बैठक के बाद से ही ट्रंप प्रशासन इस डील पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

इस मुलाकात के बाद अमेरिका ने भारत को 22 अनआर्मड गार्डियन ड्रोन बेचने की घोषणा की थी, जो हिंद महासागर क्षेत्र में निगरानी करने की भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि करेगी। वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने बताया, श्विदेश मंत्रालय के संदर्भ में खरीद पर जल्द निर्णय हो सकता है, लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि कैसे हमारे रिश्ते और मजबूत तथा गहरे हो सकते हैं। आपको बता दें कि पूर्ववर्ती ओबामा सरकार ने भारत को मुख्य रक्षा साझीदार का दर्जा दिया था और ट्रंप प्रशासन भी भारतीय अनुरोध को आगे बढ़ा रहा है।

पिछले हफ्ते ही अमेरिकी रक्षा मंत्री रेक्स टिलरसन ने अपने बयान में कहा था कि डोनॉल्ड ट्रंप प्रशासन भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। टिलरसन ने चीन और पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि पेइचिंग की उकसावे वाली कार्रवाई उन अंतरराष्ट्रीय कानूनों व तरीकों के खिलाफ है जिनके भारत और अमेरिका पक्षधर हैं और साथ ही स्पष्ट किया था कि वॉशिंगटन यह आशा करता है कि पाकिस्तान अपनी सीमा के अंदर सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करेगा।

शाह-जादा को सत्ता का कानूनी सहारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा

कांग्रेस बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह मामले में पीछे नहीं हटना चाहती है। कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह और उनके बेटे जय शाह के ऊपर तंज कसा है।

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस मामले में जय शाह को राज्य सरकार द्वारा मदद मिल रही है। राहुल के ट्विटर हैंडल ऑफ आरजी की तरफ से ट्वीट किया गया कि शाह-जादा को सत्ता का कानूनी सहारा! झंडा ऊंचा रहे हमारा!
वहीं पहले राहुल गांधी ने पॉपुलर तमिल फिल्म एक्टर धनुष का गाना व्हाई दिस कोलावेरी डी का सहारा लेकर अंग्रेजी में तंज कसा और उसके साथ ही हिंदी में कहा शाह-जादा को सत्ता का कानूनी सहारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा।
इसके साथ-साथ राहुल गांधी ने अंग्रेजी में लिखा था कि स्टेट लीगल हेल्प फॉर शाह-जादा, व्हाई दिस व्हाई दिस कोलावेरी डी।

त्रिवेंद्र सरकार दिव्यांगों की हर सम्भव मदद के लिए तैयार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एएनएम घोष ऑडिटोरियम ओएनजीसी में आईवीवाई मेमोरीयल इण्टीग्रेटिड एजुकेशन सोसायटी द्वारा आयोजित दिव्यांग विद्यार्थियों के उत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखंड में प्रथम बार आयोजित दो दिवसीय दिव्यांग टैलेंट शो दिव्यांगोत्सव में कई स्कूलों और संस्थाओं के बच्चों ने प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समय के साथ समाज एवं माता-पिता की दिव्यांगों के प्रति सोच बदली है। आधुनिकतम तकनीकी के प्रयोग और नवाचारों से दिव्यांग स्कूलों में अध्यापको ने बच्चों को हर खुशी देने का सराहनीय प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार दिव्यांगों की हर सम्भव मदद के लिए तैयार है। दिव्यांगों को बसों में आनेजाने के लिए सहायक की आवश्यकता न पड़े इसके लिए इसके लिए अधिकारियों को समाधान निकालने के निर्देश दिये गये हैं। राज्य में विभिन्न चयन संस्थाओं द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों हेतु सुविधा प्रदान किये जाने, परीक्षा केन्द्र बहुमंजिले भवन में होने की स्थिति में दिव्यांग अभ्यर्थियों को भवन के भूतल स्थित कक्ष में ही सीट आवंटित किये जाने एवं परीक्षा केन्द्र जनपद मुख्यालयों में रेलवे स्टेशन अथव बस स्टेशन के समीप बनाए जाने के आदेश जारी कर दिये गए हैं। आवश्यकतानुसार उनकी सुगमता हेतु रैम्प आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। दिव्यांगोत्सव में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने विभिन्न स्कूलों से आये दिव्यांग छात्र-छात्राओं में, चित्रकला, संगीत, ग्रुप डांस एवं अन्य प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत भी किया। आई.आई.टी. रूडकी की अनुश्रुति संस्था को सर्वश्रेष्ठ संस्था का पुरस्कार मिला। इस अवसर पर एग्लो इंडियन विधायक जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन एवं विभिन्न स्कूलों से आये दिव्यांग छात्रों के शिक्षक उपस्थित थे।

दो लाख तक की खरीददारी पर पैन कार्ड जरूरी नहीं

केंद्र सरकार के इशारे पर शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की बैठक में सर्राफा कारोबारियों को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। साथ ही छोटे कारोबारियों को भी सरकार ने राहत दी है। काउंसिल ने कम्पाउडिंग स्कीम के नियमों में बदलाव करते हुए सीमा बढ़ा दी है। कम्पाउडिंग स्कीम की सीमा 75 लाख से 1 करोड़ कर दी गई है। साथ ही व्यापारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट दी गई है।
सर्राफा कारोबारियों को भी राहत दी गई है। अब 2 लाख रुपये की तक की खरीदारी पर पैन देना जरूरी नहीं होगा, पहले 50 हजार रुपये से ज्यादा की खरीदारी पर पीएएन देना अनिवार्य था।
वहीं डेढ़ करोड़ रुपये तक के टर्न ओवर वाले व्यापारियों को तिमाही रिटर्न दाखिल करने की छूट दी गई है। पहले हर महीने रिटर्न दाखिल करने का प्रावधान था।
काउंसिल की बैठक में शामिल बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए कहा कि पीएमएलए एक्ट से सर्राफा कारोबार को बाहर कर दिया है। अब डेढ़ करोड़ टर्नओवर वाले व्यापारी तीन महीने में रिटर्न दे सकते हैं। साथ ही रिवर्स चार्ज की व्यवस्था को 31 मार्च तक स्थगित कर दिया गया है।
क्यों पड़ी बदलाव की जरूरत?
जीएसटी के जरिए वैल्यू ऐडड टैक्स (वैट) की बेकार हो चुकी कर प्रणालू को बदलने का कदम उठाया जा चुका है, लेकिन बीते तीन महीनों के दौरान देश में छोटे-बड़े कारोबारियों को इस नई कर व्यवस्था के तहत जाने में बड़ी दिक्कतों का सामना कर पड़ रहा है। जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए अहम फैसले लिए जाएंगे।
जीएसटी में बदलाव को लेकर मोदी ने क्या कहा था?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा था कि जीएसटी लागू करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार जीएसटी कानून में बड़े फेरबदल करने की पक्षधर है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि कारोबार को राहत पहुंचाने और नई टैक्स व्यवस्था जीएसटी को जल्द से जल्द ट्रैक पर बैठाने के लिए उन सभी अड़चनों को हटाने की पहल की जाएगी जिससे कारोबारियों को परेशानी हो रही है।
क्यों सुधार चाहती है सरकार
जीएसटी को सामान्य होने में कम से कम छह महीने से एक साल का समय लगेगा। जीएसटी के सफल क्रियान्वयन के साथ ही भारत बड़ी आर्थिक शक्तियों के समूह में शामिल हो जाएगा और लोगों का जीवन स्तर बेहतर होगा। लिहाजा, केन्द्र सरकार जल्द से जल्द जीएसटी कानून में सुधार कर इसे वन नेशन वन टैक्स के लिए पूरी तरह से तैयार करने जा रही है।

अन्ना जल्द शुरू करेंगे जनआंदोलन

जनलोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे अब मोदी सरकार के खिलाफ विरोध का बिगुल बजाने वाले हैं। लोकपाल की नियुक्ति न होने के चलते अन्ना ने आंदोलन का ऐलान किया है। रायपुर में अन्ना हजारे ने कहा है कि वो जल्द ही मोदी सरकार के खिलाफ जन आंदोलन खड़ा करेंगे। उन्होंने कहा, केंद्र में नई सरकार को साढ़े तीन साल हो गए, बावजूद इसके अब तक लोकपाल की नियुक्ति नहीं की गई है।
व्यक्ति या पार्टी के खिलाफ नहीं
इस ऐलान के साथ ही अन्ना ने ये भी साफ कर दिया कि वह किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं है।. मगर, लोकपाल की नियुक्ति में देरी स्वीकार्य नहीं है।
अन्ना ने ये भी साफ किया कि उन्होंने कभी किसी राजनीतिक दल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन नहीं किया। अन्ना ने कहा, मैंने हमेशा राष्ट्रहित में आवाज उठाई है।
देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी
अन्ना हजारे ने लोकपाल के अलावा देश की अर्थव्यवस्था पर भी टिप्पणी की। अन्ना ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था हर दिन बिगड़ती जा रही है। जिसके चलते महंगाई बढ़ रही है।
हाल ही में गांधी जयंती के अवसर पर अन्ना हजारे दिल्ली पहुंचे थे। यहां राजघाट पर बापू को श्रद्धांजलि देने के बाद उन्होंने एक दिन का सत्याग्रह किया था। जिसके बाद उन्होंने जनलोकपाल का मुद्दा फिर से उठाने की बात कही थी। अन्ना ने ये भी कहा था उनके आगामी आंदोलन में वही लोग हिस्सा लें, जिन्हें भविष्य में राजनीतिक दल में न जाना हो। इसके लिए उन्होंने आंदोलन में शामिल होने वालों से बाकायदा एफिडेविट मांगने की बात कही है।

हिमाचल के लोगों ने किया है देश के लिए बलिदानः मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में एम्स की नींव रख दी है. उन्होंने इसके अलावा ऊना में आईआईआईटी, कांगड़ा मे सेल के प्रोसेसिंग यूनिट की भी नींव रखी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं आठ मंजिला सभा को संबोधित कर रहा हूं। देश में कृषि क्रांति लाने के लिए बिलासपुर का काफी बड़ा योगदान है। मोदी बोले कि हिमाचल के लोगों ने देश के लिए काफी बलिदान दिया है।

रैली में पीएम मोदी ने कहा कि आज एक ही कार्यक्रम में 1500 करोड़ रुपए के काम की शुरुआत की। हिमाचल में एम्स का बनना सिर्फ यहां का लाभ ही नहीं बल्कि यहां आने वाले टूरिस्टों को भी लाभ ही मिलेगा। पीएम ने कहा कि यहां पर फेफड़े और सांस की बीमारी एक बड़ी समस्या है, एम्स बनने से उनको काफी फायदा पहुंचेगा। यहां के वीर जवानों को भी इससे लाभ पहुंचेगा। एम्स के कैंपस में एक साथ 3000 लोगों को रोजगार मिलेगा। हमारी सरकार ने टीकाकरण के लिए इंद्रधनुष योजना चलाई, अगर ये योजना दूसरे देश में होती तो तारीफ होती, लेकिन हमारे देश में लोगों को देर से समझ आता है।
750 बिस्तर वाले इस अस्पताल का निर्माण करीब 1350 करोड़ रुपये की लागत से होगा। यहां स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा नर्सिंग, स्नातक और स्नातकोार स्तर पर मेडिकल शिक्षा भी मुहैया करायी जाएगी। गौरतलब है कि हिमाचल में कुछ दिनों बाद चुनाव होना है।

बाप पर लगाया पुत्री ने दुष्कर्म का आरोप

उत्तराखंड के एक आइएएस पर अजमेर में रहने वाली एक युवती ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। यह युवती कोई ओर नहीं बल्कि आइएएस की पुत्री ही है। युवती ने कहना है कि उसके पिता उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है और प्रताड़ित कर रहे है। युवती इन दिनों अजमेर में तांगा चलाते हुए दिख रही है, युवती अंग्रेजी भाषा में बात करते हुए सवारी को इधर से उधर ले जा रही है।
बताया जा रहा है कि आरोप लगाने वाली युवती आइएएस अफसर की गोद ली हुई बेटी है। उधर, उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी का कहना है कि ऐसा कोई मामला अभी तक उनके संज्ञान में नहीं है। अगर कहीं जीरो एफआइआर हुई होगी तो वो भी यहां ट्रांसफर नहीं हुई है।
कमिश्नर रैंक के एक अधिकारी की बेटी ने उनपर यह आरोप एक समाचार एजेंसी को दिए बयान में लगाया है। इस बाबत जब संबंधित आइएएस अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने आरोप को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि उनकी पुत्री मानसिक रूप से बीमार है। कुछ साल पहले उसने नैनीताल में घुड़सवारी सिखाने वाले युवक पर भी आरोप लगा दिया था। इतना ही नहीं, दिल्ली के एक संस्थान में उसका दाखिला कराया गया था। वहां भी उसने संस्थान के कर्मचारियों पर इसी तरह का आरोप लगा दिया था, जिसके बाद मेरी पुत्री को संस्थान से निकाल दिया गया था।