श्रीमद्भागवत कथा के नवम दिवस पर कथा व्यास पूज्य वेदांती जी महाराज ने सुदामा चरित्र और परीक्षित मोक्ष की मार्मिक कथा के साथ अनेक भावपूर्ण व्यवहारिक प्रसंगों का भक्तों को श्रवण कराया। जिसमें प्रभु कृष्ण के 16 हजार शादियां के प्रसंग के साथ, सुदामा प्रसंग और परीक्षित मोक्ष की कथायें सुनाई। इन कथाओं को सुनकर सभी भक्त भाव विभोर हो गए।
कथा समापन के दौरान पूज्य डा राम कमल वेदांती ने भक्तों को भागवत को अपने जीवन में उतारने की बात कही। जिससे सभी लोग धर्म की ओर अग्रसर हो। कथा के अंतिम दिन सुदामा चरित्र के माध्यम से भक्तों के सामने दोस्ती की मिसाल पेश की और समाज में समानता का संदेश दिया। साथ ही भक्तो को बताया कि श्रीमद् भागवत कथा का नो दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है तो वहीं इसे कराने वाले भी पुण्य के भागी होते है।
कथा के समापन के बाद महाराज ने श्री भरत मंदिर परिवार की सुख समृद्धि की कामना और कल्याण का आशीर्वाद दिया और कहा कि गोलोक वासी पूज्य महंत अशोक प्रपन्नाचार्य के धर्म मार्ग के संपूर्ण कार्यों को आगे बढ़ाने का संदेश परिवार को दिया।
इस अवसर पर श्री भरत मंदिर में श्रीमद्भागवत कथा के नवम दिवस पर कथा मे श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल प्रपन्नाचार्य, हर्ष वर्धन शर्मा, वरुण शर्मा, मधुसूधन शर्मा, रवि शास्त्री, दीप शर्मा, रामकृपाल गौतम आदि सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित थे।