एएनएम की लापरवाही से सड़क में जन्मा बच्चा


भटवाड़ी गांव की रहने वाली इंद्रा देवी अपनी गर्भवती बहू लक्ष्मी को लेकर निजी वाहन बुक कर जखोली स्थित एएनएम सेंटर पहुंची। इंद्रा देवी के अनुसार उन्होंने एएनएम से प्रसव पीड़ा का हवाला देकर बहू को भर्ती करने का आग्रह किया। इंद्रा का आरोप है कि एएनएम बसंती सकलानी ने कहा के प्रसव कक्ष की सफाई नहीं हुई है। ऐसे में वह पीड़ित महिला को भर्ती नहीं कर सकती। एएनएम का कहना था कि यह सीएमओ का निर्देश है। इंद्रा के अनुसार वह करीब आधे घंटे एएनएम की मनुहार करती रही।
इस बीच आसपास के लोग भी एकत्र हो गए और उन्होंने भी एएनएम को समझाने का प्रयास किया। जब बात नहीं बनी तो इंद्रा अपनी बहू को लेकर लौटने लगीं, लेकिन सड़क पर खड़े वाहन तक पहुंचने से पहले ही प्रसव वेदना बढ़ गई। इंद्रा ने आसपास की महिलाओं की सहायता से किसी तरह प्रसव कराया।
एएनएम बसंती का कहना है कि सुबह-सुबह प्रसव कक्ष की सफाई नहीं हुई थी। सीएमओ के निर्देश के अनुपालन में उन्होंने गंदे कक्ष में प्रसव करना उचित नहीं समझा। हालांकि जब महिला का दर्द बढ़ गया तो प्रसव में उन्होंने मदद की।
दूसरी ओर सीएमओ सरोज नैथानी ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने चौरा एएनएम केंद्र का निरीक्षण किया था। प्रसव कक्ष में गंदगी मिलने पर उन्होंने एएनएम को सफाई के निर्देश दिए और ताकीद की थी कि साफ सुथरे कक्ष में ही प्रसव कराया जाए। घटना को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जांच करा दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

प्रचंड बहुमत का दुरुपयोग कर रही सरकारः इंदिरा हृदयेश


देहरादून।
कांग्रेस को सरकार की ओर से बीती मध्य रात्रि एकाएक सदन में ढैंचा बीज पर त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट और लोकायुक्त व तबादला विधेयकों पर प्रवर समितियों की रिपोर्ट रखना सख्त नागवार गुजरा है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कार्यमंत्रणा समिति में उक्त विषयों को लाए बगैर सदन में पेश किए जाने पर नाराजगी जताते हुए अगले पांच साल तक कार्यमंत्रणा समिति के बहिष्कार की चेतावनी दी है।
साथ में यह भी कहा कि विपक्ष के इस फैसले से भविष्य में किसी भी तरह के संवैधानिक संकट के लिए सरकार जिम्मेदार होगी। वहीं विपक्ष के तेवरों को भांप विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत नेता प्रतिपक्ष डॉ. हृदयेश के आवास पर पहुंचे। मुलाकात के दौरान काबीना मंत्री पंत ने नेता प्रतिपक्ष के सामने वस्तुस्थिति स्पष्ट की।
उन्होंने कहा कि सरकार की नीति सबको साथ लेकर चलने की है। उधर, सरकार को घेरने का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दे रही कांग्रेस में अंदरखाने खींचतान भी तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष और उप नेता कांग्रेस विधानमंडल दल करन माहरा ने अलग-अलग पत्रकार वार्ता कर सरकार पर हमला बोला।
सदन में गुरुवार मध्य रात्रि तक चली सदन की कार्यवाही के आखिर में त्रिपाठी आयोग की जांच रिपोर्ट के साथ ही प्रवर समितियों के प्रतिवेदन रखने का एकमात्र विपक्षी दल कांग्रेस ने विरोध किया था। पार्टी ने कार्यमंत्रणा समिति में चर्चा के बगैर ही अनुपूरक कार्यसूची लाने और सदन में उक्त तीनों रिपोर्ट रखने को सदन और विपक्ष का अपमान करार दिया है।
अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि देशभर में विभिन्न विधानसभाओं में कार्यमंत्रणा समिति में विचार के बगैर ही अनुपूरक कार्यसूची को लाने का उदाहरण नहीं मिलता। प्रचंड बहुमत से जीतकर आई सरकार अहंकार में काम कर रही है। विपक्ष के विरोध को यह कहते हुए नजरअंदाज किया गया कि सदन सर्वोच्च है। ऐसा है तो सरकार भविष्य में कार्यमंत्रणा समिति के बजाए सदन में ही कार्यसूची पर मुहर लगाए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अगले पांच सालों तक कार्यमंत्रणा समिति की बैठकों में भाग नहीं लेगी। कांग्रेस की ओर से उनके साथ ही वरिष्ठ विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल और विधायक व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह कार्यमंत्रणा समिति में शिरकत नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने धोखा देकर संविधान विरुद्ध कार्य किया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मासूम के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई


ऋषिकेश।
दो मासूम बहनों की हत्या के मामले में शनिवार को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चार साल की मासूम के साथ हत्या से पहले दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पुलिस हत्या के आरोपी गुरुद्वारे के सेवादार को गिरफ्तार कर चुकी है।
श्यामपुर पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर दो मासूमों की हत्या कर दी थी। पुलिस ने घटनास्थल से प्राप्त साक्ष्य के आधार पर गुरुद्वारे में सेवादार व पाठी का काम करने वाले स. भगवान सिंह पुत्र छोटे सिंह निवासी गुमानीवाला श्यामपुर को गिरफ्तार कर लिया था। घटनास्थल पर मृतक बालिका की मुट्ठी में आरोपी के सिर और दाढ़ी के बाल मिले थे। अपने बचाव में बालिका ने आरोपी के साथ संघर्ष भी किया था, जिससे आरोपी के चेहरे में नाखून के निशान थे। न्यायालय ने आरोपी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमार्टम कराया। शनिवार सुबह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चार वर्ष की मासूम की हत्या से पूर्व दुष्कर्म की पुष्टि हुई।
एएसपी व कोतवाली प्रभारी निहारिका भट्ट ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद आरोपी परवान च्सह के खिलाफ दर्ज मामले में दुष्कर्म और पोस्को से संबंधित धारा जोड़ दी गई है। उन्होंने बताया कि न्यायालय के आदेश पर जेल में जाकर ही आरोपी से विवेचनाधिकारी पूछताछ करेंगे।
दो मासूमों की हत्या के रोज पुलिस ने जब गुरुद्वारे के सेवादार भगवान सिंह को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया तो वह शुरू से ही पुलिस को भ्रमित करता रहा। एसएसपी निवेदिता कुकरेती, एसपी देहात सरिता डोभाल, एसपी क्राइम धीरेंद्र गुंजियाल व एएसपी निहारिका भट्ट ने आरोपी से पूछताछ की थी। आरोपी यह आरोप लगाता रहा कि बालिका ने उसकी पगड़ी से छेड़छाड़ की थी। जिससे गुस्सा होकर उसने उसकी हत्या कर दी। हालांकि पुलिस के गले यह कहानी नहीं उतर रही थी।
पुलिस का मानना है कि आरोपी पहले से ही बालिकाओं पर बुरी नजर रखता था। घटना के रोज वह उनके कमरे में घुसा और उसने छोटी बहन के साथ दुष्कर्म किया। इस बीच बड़ी बहन वहां पहुंच गई और उसने छोटी बहन को छुड़ाने की भी कोशिश की। इस बीच अपनी पहचान छिपाने के लिए आरोपी ने दोनों को गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया।

21 जून से उत्तराखंड में मानसून आने की संभावना


देहरादून।
उत्तराखंड में मौसम ने फिर करवट बदली है और बादलों की आवक ने इसके संकेत भी दे दिए हैं। मौसम विभाग की मानें तो रविवार से वर्षा का क्रम तेज का सकता है। 19 और 20 जून को देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और पिथौरागढ़ जिलों में कुछ स्थानों और बाकी जगह कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। मौसम के इस रुख के मद्देनजर चारधाम यात्रियों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी गई है। संभावना जताई जा रही कि 21 जून तक राज्य में मानसून भी दस्तक दे सकता है।
मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार पंजाब से बंगाल की खाड़ी तक निचले स्तर पर बनी द्रोणी (ट्रफ) और दक्षिणी पूर्वी हवा के मेल के चलते राज्य में वर्षा की संभावना बनी है। उन्होंने बताया कि रविवार को आमतौर पर बादल रहेंगे और अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। 18 जून की मध्य रात्रि से यह सिलसिला ज्यादा तेज होगा और 19 व 20 जून को कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। 22 जून से वर्षा में कमी आएगी।
इस बीच शनिवार को पर्वतीय जिलों में कहीं हल्की तो कहीं झमाझम बारिश हुई। चमोली में दोपहर बाद जोरदार वर्षा ने ठंडक का अहसास कराया। वहीं पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत जिलों में भी मौसम का यही रंग रहा। वहीं, मैदानी क्षेत्रों में कहीं आंशिक तो कहीं आमतौर पर बादल रहे। अलबत्ता, अधिकतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है।

सत्ताधारी विधायकों ने शुरु की शिक्षा मंत्री की घेराबंदी


तबादलों को लेकर शिक्षा मंत्री की घेराबंदी शुरू हो गई। घेराबंदी सत्ताधारी भाजपा के विधायक कर रहे हैं। इसको लेकर आने वाले दिनों में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय मानी जा रही है।
कड़क मिजाज शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे की संख्ती का रंग पांच शिक्षकों के अटैचमेंट के बाद उतरने लगा है। शिकायत एवं सुझाव प्रकोष्ठ में अटैच किए गए पांच शिक्षकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। हालांकि सरकार इसे जायज बताते हुए अपने स्टैंड पर कायम है।
इस बीच, चहेते शिक्षकों का पसंद के स्कूल में तबादले को लेकर भाजपा के विधायकों ने शिक्षा मंत्री पांडे की घेराबंदी करनी शुरू कर दी है। विधायक मंत्री के सम्मुख अटैच किए गए शिक्षकों का मामला रख रहे हैं। इसी तर्ज पर अपने लोगों के लिए सुविधा मांगी जा रही है।
हालांकि अभी तक शिक्षा मंत्री हर किसी को तबादले के लिए दो टूक ना कर रहे हैं। नियमों का हवाला भी दे रहे हैं। बावजूद इसके विधायकों और संगठन से जुड़े नेताओं का दबाव बढ़ रहा है। इससे शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे स्वयं को असहज महसूस कर रहे हैं।
बताया जा रहा है कि मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक पहुंच गया है। तबादलों के लिए सिफारिश की फेहरिस्त लगातार लंबी होती जा रही है। इसके साथ ही शिक्षा मंत्री की घेराबंदी की सघनता बढ़ रही है।

शिक्षकों के अप-डाउन पर सरकार की सख्ती


स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक हाजिरी की व्यवस्था करने के बाद अब सरकार को शिक्षकों का दूर से रोज अप-डाउन करना अखर रहा है।
इसके लिए शिक्षा विभाग पांच दशक पुराने मानक की पोथी खोल चुका है। इसके मुताबिक शिक्षक स्कूल के आठ किमी. के दायरे से ही अप-डाउन कर सकेंगे। शिक्षा महानिदेशक कैप्टल आलोक शेखर ने इस संबंध में निर्देश जारी कर मुख्य शिक्षाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
शिक्षक स्कूल के आठ किमी. के दायरे में रह रहे हैं या नहीं इसकी पुष्टि एलआईयू से भी कराई जाएगी। सरकार के इस निर्णय पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहा है कि बायोमैट्रिक हाजिरी के बाद इस निर्णय का क्या औचित्य है।
शिक्षक समय से स्कूल पहुंचे और समय से ही स्कूल को छोड़े ये ज्यादा महत्वपूर्ण है। बायोमैट्रिक हाजिरी इसके लिए पर्याप्त है। ग्लोबल विलेज के दौर में विभाग की आठ किमी. की रट सरकार के विकास के दावों को भी कठघरे में खड़ा करती है।
जाहिर है कि ये निर्देश ये बता रहा है कि प्रदेश में रोड ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी कमजोर है। यही वजह है कि डोईवाला में तैनात शिक्षक देहरादून से अप डाउन नहीं कर सकेंगे। हरिपुर में तैनात शिक्षक हरिद्वार तक अप डाउन नहीं कर सकेंगे। कीर्तिनगर और श्रीनगर के बीच अप डाउन नहीं होगा।

सरकार ने सदन मे दिया जवाब कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं


देहरादून।
बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में गन्‍ना भुगतान, गैरसैंण आदि मुद्दे छाए रहे। विपक्ष ने गैरसैंण में सत्र चालने को लेकर सरकार को घेरा। विधानसभा सत्र के दूसरे दिन-प्रश्नकाल के दौरान गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर सरकार ने कहा अगर चीनी मिले गन्ना किसानों का बकाया नहीं करेगी तो हमारे पास अन्य अधिकार है। अल्पसूचित प्रश्न में सबसे पहले विकासनगर विधायक प्रीतम सिंह ने 19 अप्रैल को गुम्मा हिमाचल में हुई बस दुर्घटना को सदन में उठाया। जिस के जवाब में सरकार ने नकार दिया। धनौलटी विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने सूबे में पेयजल की समस्या को सदन में रखा। नत्थी ग में तारांकित प्रश्नों को रखा गया। इसमें 9 प्रश्नों में गन्ना का मुद्दा हावी रहा। अतारांकित प्रश्न में कुल 11 सवाल लिए गए। इनमें भी गन्ना और पेयजल के सवालों की संख्या अधिक रही। धनौल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार के कृषि को उद्योग का दर्जा दिए जाने के सवाल पर सरकार से दिए उत्तर पर उलझे कृषि मंत्री। कृषि मंत्री ने जवाब दिया उद्योग और कृषि दोनों अलग अर्थव्यवस्था हैं। कृषि क्षेत्र में केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में सब्सिडी दी जाती है। इसलिए कृषि को उद्योग का दर्जा नहीं दिया जा सकता।
नियम 58 के तहत नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सदन के पारित संकल्प के तहत गैरसैंण में सत्र आयोजित नहीं किया गया। आज तक भी ये जानकारी नहीं दी है कि गैरसैंण स्थाई राजधानी होगी या अस्थाई होगी। बयान आए कि वहां सुविधाएं नही हैं, जबकि वहां सभी सुविधाएं हैं। ये साफ करता हैं कि सरकार की मंशा नहीं वह सत्र करने की। सरकार ने गैरसैंण में विकास के लिए सरकार ने क्या प्रवधान किए इसका भी उल्लेख नहीं है। सरकार ये भी स्‍पष्‍ट करे की सरकार गैरसैंण में कभी सत्र होगा भी की नहीं। कुंजवाल ने कहा कि सदन में पारित संकल्प पर भी फैसला नहीं ले पा रही सरकार। गैरसैंण में टेंट में भी सत्र चला। निर्माणाधीन भवन में भी सत्र चला, लेकिन अब सरकार वहां जाना नहीं चाहती। सदन पारित प्रस्ताव की अवमानना हुई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि गैरसैंण राज्य के लिए हमारी आस्था से जुड़ा है। वही यह भी सही है सदन नियमों के तहत चलता है। पूर्ववर्ती सरकार ने गैरसैंण में सत्र तो आयोजित किये, लेकिन वह विकास नहीं कर पाई। सत्र केवल सदन परिसर में ही हो सकता हैं। उन्‍होंने नियम 3 ब का हवाला दिया। कहा इसके लिए नियमों में बदलाव करना होगा।
चारधाम यात्रा के दौरान पूरे सिस्टम को गैरसैंण ले जाना तर्कसंगत नहीं है। गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि गैरसैंण में जो विधानसभा परिसर बना है, वो नियमों के तहत बनाया गया है। जब गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाए की रिपोर्ट सदन में रक्खी गई तो उसे फाड़ दिया गया था। वहीं प्रकाश पंत में कहा पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल तक इस मुद्दे पर कोई निर्णय नही लिया। कांग्रेस ने वाकआउट किया।

मुख्यमंत्री ने दिए नदी, नालों से सिल्ट हटाने के निर्देश


नैनीताल।
नैनी झील राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त है। नैनी झील के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी। राज्य सरकार इसके लिये पूरी सहायता करेगी। झील के संरक्षण संवर्द्धन के लिये राज्य सरकार द्वारा तीन करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त कर दी गयी हैं। झील के संवर्द्धन के लिये जरूरत पड़ने पर केन्द्र सरकार से भी सहयोग लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह बात वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों व बुद्धिजीवियों के साथ बोट हाउस क्लब में नैनी झील बचाने हेतु आयोजित बैठक में कही। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वैज्ञानिकों की राय के अनुसार ही झील के संरक्षण की डीपीआर बनाई जाये। उन्होंने कहा नैनीताल शहर से लगे हुये पुराने जल श्रोतों को रिचार्ज करने हेतु भी योजना बनायी जाये। उन्होंने कहा कि झील के जलागम क्षेत्र व प्राकृतिक सौन्दर्य को बचाने के लिये झील के आस-पास कतई भी छेड़-छाड़ ना की जाय। उन्होंने झील संरक्षण के लिये आईआईटी रूड़की, वैज्ञानिकों व वन विभाग से भी सहयोग लिया जाय। उन्होंने कहा कि नैनीताल झील में जो भी नाले गिरते हैं, उनमें कैचपिट अनिवार्य रूप से बनाये जायें ताकि झील में मलुवा व कूड़ा आने से रोका जा सके। उन्होंने कहा नैनी झील के जलागम क्षेत्र सूखाताल सहित पहाड़ी क्षेत्रों में जहां से सिल्ट हटानी है, उन्हें तत्काल हटाया जाय ताकि बरसात में झील अधिक से अधिक रिचार्ज हो सकें।
मुख्यमंत्री रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन नदी नालों में सिल्ट जमा होने के कारण पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है, उन्हें तत्काल चैनालाइज किया जाय ताकि पानी आसानी से बह सकें। उन्होेंने कहा कि पहाड़ों से पलायन को रोकने के लिये यहां की खेती को लाभकारी बनाने हेतु कमेटी बनाई जायेगी, कमेटी के सुझावों के आधार पर यहां के किसानों की आमदानी बढ़ाई जायेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं व सुझाव जानने के लिये प्रत्येक माह वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों से सीधी वार्ता की जायेगी। मुख्यमंत्री रावत द्वारा झील का निरीक्षण कर मौके पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये गए। मौके पर पुलिस महानिरीक्षक जय रौतेला, जिलाधिकारी दीपेन्द्र कुमार चौधरी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खण्डूरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

डीएम ने ठेकेदारों से दिए वसूली के आदेश

रुद्रप्रयाग।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल गैंती, कुदाल और फीता लेकर संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ जिला योजना के अन्तर्गत सिंचाई विभाग द्वारा सुमाडी एवं तिलवाडा में बनाई गई सुरक्षा दीवाल का निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने फीते से तिलवाड़ा मठ तोक लाटा बाबा होटल के बायीं तरफ नाले और त्रिपुरेश्वर मन्दिर जाने वाले रास्ते पर बनायी गयी सुरक्षा दीवार की लम्बाई व चैड़ाई नापी। त्रिपुरेश्वर मन्दिर जाने वाले रास्ते पर बनी सुरक्षा दीवार की लम्बाई और ऊँचाई नापते हुए उन्होंने सुरक्षा दीवार की बेसमेंट की खुदाई करवाई। जहां उन्हें मानकानुसार बेसमेन्ट नहीं मिला। इस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए अवर अभियन्ता को प्रतिकूल प्रविष्टी और सम्बन्धित अधिकारियों और ठेकेदार से वसूली करने के निर्देश दिये। उन्होंने त्रिपुरेश्वर मन्दिर जाने वाले रास्ते पर बनाये गये सुरक्षा दीवार की जांच उपजिलाधिकारी जखोली से करवाने को कहा।
जिलाधिकारी ने बताया कि जिला योजना के तहत मंदिर की सुरक्षा के लिए 75 मीटर लंबी दीवार बनाई गई है। इसमें 30 सेमी का स्ट्रक्चर मानकों के अनुरूप नहीं है। नौ लाख रुपए के स्टीमेट में ढाई लाख रुपए स्ट्रक्चर की लागत पर खर्च होने थे। लेकिन मौके पर यह काम नहीं दिखाई दिया। इसके साथ ही नौ लाख रुपए के काम को पांच ठेकेदारों में बांटा गया। जबकि यह काम टेंडर प्रक्रिया के तहत होना चाहिए था। इसकी भी जांच की जा रही है। जिलाधिकारी के साथ निरीक्षण के दौरान सहायक अभियन्ता एससी बेजवाल, सहायक अभियन्ता एएस नेगी मौजूद थे।