टीडीसी घपले में कृषि मंत्री ने एफआरआई करने के आदेश दिये


तराई बीज एवं विकास निगम (टीडीसी) में गेहूं बीज बिक्री में अनियमितता में राज्य सरकार को 16 करोड़ का चूना लगा है। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुए इस घपले की जांच रिपोर्ट में निगम के प्रबंध निदेशक पीएस बिष्ट, निलंबित मुख्य अभियंता पीके चौहान समेत 10 कार्मिक प्रथम दृष्ट्या संलिप्त पाए गए हैं।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने निलंबित मुख्य अभियंता और बीज विपणन प्रभारी पीके चौहान के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। वहीं निगम के उप निदेशक जीएस बिष्ट को इस मामले में नोटिस दिया गया है। कृषि मंत्री ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच एसआइटी से कराने के संबंध में वह मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में पत्रकारों से बातचीत में टीडीसी में गेहूं बीज वितरण में अनियमितता का खुलासा किया। इस अनियमितता की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ रणबीर सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की गई थी।
समिति में कृषि निदेशक गौरीशंकर, पुलिस महानिरीक्षक जीएस मार्तोलिया और अपर सचिव सुनीलश्री पांथरी शामिल थे। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में वर्ष 2015-16 के दौरान गेहूं बीज बिक्री में प्रथम दृष्ट्या अनियमितता की पुष्टि हुई है।
कृषि मंत्री ने बताया कि चहेतों को गेहूं बीज की बंदरबांट के लिए नियमों से खिलवाड़ करते हुए दो बार रियायत दी गई। किसानों के बजाए बीजों का वितरण वितरक निजी कंपनियों को किया गया। वर्ष 2015 में दिसंबर माह में पहले गेहूं बीज बिक्री की दर उत्तरप्रदेश के लिए 2150 रुपये प्रति कुंतल और बिहार के लिए 2350 रुपये प्रति कुंतल तय की गई, जबकि यह दर 3188 रुपये प्रति कुंतल होनी चाहिए।
वितरकों को करीब 33 फीसद की रियायत दी गई। वितरक कंपनियों को बीज देने से पहले 10 फीसद पैसा जमा कराने, ट्रांसपोर्ट से पहले 15 फीसद धनराशि जमा कराने और फिर 75 फीसद बैंक गारंटी या नकद धनराशि मिलने पर बीजों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था है। इस व्यवस्था में हीलाहवाली करते हुए चहेती कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया।
यही नहीं, 14 जनवरी, 2016 को नई रियायती स्कीम के तहत 2350 रुपये प्रति कुंतल की दर पर 40 किलों के दो कट्टों के साथ एक कट्टा मुफ्त यानी तकरीबन 30 फीसद रियायत दी गई। इस योजना के बाद उत्तरप्रदेश को 29680 कुंतल और बिहार को 52272 कुंतल गेहूं बीज की बिक्री की गई।
गेहूं बीज की बिक्री नेशनल हर्ब बरेली, साहू ब्रदर्स बनारस, कृषि सेवा केंद्र फर्रुखाबाद को की गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2014-15 में उत्पादित 330917.24 कुंतल बीज में से बिक्री के लिए 290846.60 कुंतल पैकिंग की गई थी।

यह भी पढे़ … कमल जोशी की आत्महत्या से सकते में पत्रकारिता जगत!

ये दस अधिकारी पाए गए संलिप्त
उक्त अनियमितता में टीडीसी के एमडी पीएस बिष्ट, कंपनी सचिव आरके निगम, चीफ इंजीनियर व इंचार्ज मार्केटिंग पीके चौहान, मुख्य बीज उत्पादन अधिकारी दीपक पांडेय, उप मुख्य विपणन अधिकारी एके लोहनी व अजीत सिंह, उप मुख्य वित्त अधिकारी बीडी तिवारी, प्रशासनिक अधिकारी शिवमंगल त्रिपाठी, लेखाकार जीसी तिवारी व लेखाधिकारी अतुल पांडेय प्रथम दृष्ट्या संलिप्त पाए गए हैं। मुख्य अभियंता पीके चौहान को 30 जून को सेवानिवृत्ति से कुछ दिन पहले इसी मामले में मंत्री के निर्देश पर निलंबित किया गया था। उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के निर्देश मंत्री ने दिए हैं।

कमल जोशी की आत्महत्या से सकते में पत्रकारिता जगत!


घुमक्कड़ी पत्रकारिता के जीवन्तप्राय वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। वे अपने कमरे में रस्सी से झूलते हुए पाये गये। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने कमल जोशी के शव के रस्सी काटकर उतारा। उनके निधन से पत्रकार जगत एवं शहर में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। गोखले मार्ग स्थित उनके निवास स्थान पर लोगों का तांता लगा हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी ने विज्ञान संकाय से परास्नातक करने के बाद पत्रकारिता एवं फोटोग्राफी को अपना कैरियर चुना। 65 वर्षीय स्व. जोशी अपने जीवन में फोटो पत्रकारिता के अलावा कई वर्षो तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया समाचार एजेंसी से जुड़े रहे।
वर्तमान में वे राज्य स्तरीय प्रेस फोटो ग्राफर के रूप स्वतंत्र पत्रकार शासन द्वारा मान्यता प्राप्त थे। पुलिस के अनुसार स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना बाजार चौकी प्रभारी प्रदीप सिंह नेगी को दी। जिस पर वह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले को संदिग्ध देखते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद वरिष्ठ उपनिरीक्षक मोहम्मद यूनुस खान, पुलिस क्षेत्राधिकारी जोधराम जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी हरीश वर्मा, उपजिलाधिकारी राकेश तिवारी, नायाब तहसीलदार हरिमोहन खंडूडी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थानीय लोगों की सूचना के आधार पर बताया कि सोमवार सुबह लगभग 10 बजे कमल जोशी को स्थानीय दुकानदारों द्वारा देखा गया। जब वह सांय को काफी देर तक बाहर नहीं निकले तो आस-पास के लोगों ने उनके मोबाईल नंबर पर फोन किया लेकिन जब उन्होंने काफी देर तक फोन नहीं उठाया तो स्थानीय दुकानदार जब अंदर गया तो उन्होंंने कमल जोशी के शव को खूंटे से लटकते हुए देखा।

रेलवे स्टेशन की सुविधाओं को समिति ने निरीक्षण किया


ऋषिकेश।
रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित यात्रा सेवा समिति के पांच सदस्यीय दल ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दल ने यहां पेयजल, सफाई, शौचालयों की स्थिति, बिजली व अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। कमेटी के सदस्य पंकज कुमार पाठक ने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा कांवड़ यात्रा को देखते हुए स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसमें यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हैं, उन्हें शीघ्र दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा इस कमेटी का गठन इसलिए किया गया है कि वह प्रत्येक रेलवे स्टेशन का जायजा लेकर खामियों व अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपे। जिससे रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा सके। इस मौके पर मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद एके सिंघल ने बताया कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए सात जुलाई से यात्राकाल में ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच कांवड़ रेल सेवा शुरू की जाएगी। जिससे यात्रियों को परिवहन की समस्या से न जूझना पड़े। यात्री सेवा समिति की टीम को स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा ने भी स्टेशन की समस्याओं से अवगत करवाया। निरीक्षण टीम में पंकज कुमार पाठक, एमएन ¨सह, राजेश शाह, मंजू मखीजा व जयदीप आर्य शामिल थे।

आधी रात को बजा घंटा और फिर एक देश एक कर प्रणाली हुई लागू


एक देश-एक कर के लक्ष्य वाला जीएसटी बीती रात संसद के केन्द्रीय कक्ष में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घंटा बजाये जाने के साथ लागू हो गया। प्रधानमंत्री ने इस महत्वपूर्ण कर सुधार की तुलना आजादी से करते हुए कहा कि यह देश के आर्थिक एकीकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई विशेष बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने इसे ऐतिहासिक क्षण करार दिया और कहा कि यह कराधान के क्षेत्र में एक नया युग है जो कि केंद्र एवं राज्यों के बीच बनी व्यापक सहमति का परिणाम है।
राष्ट्रपति ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दायरे के लोगों द्वारा किया गया प्रयास है जिन्होंने दलगत राजनीति को परे रखते हुए राष्ट्र को आगे रखा। उन्होंने कहा कि यह भारत के लोकतंत्र की परिपक्वता और बुद्धिमत्ता का सम्मान है।

जीएसटी सामूहिक प्रयासों की देनः मोदी
इससे पहले समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी सभी राजनीति दलों के सामूहिक प्रयासों की देन है। उन्होंने कहा कि यह सभी राज्यों एवं केंद्र के वर्षों तक चले विचार विमर्श का परिणाम है। उन्होंने कहा कि जीएसटी सहकारी संघवाद का एक बेहतर उदाहरण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विभिन्न रियासतों को मिलाकर भारत का एकीकरण संभव कराया था, उसी प्रकार जीएसटी के कारण देश का आर्थिक एकीकरण होगा। उन्होंने कहा कि इसमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आ सकती है लेकिन इसके कारण सभी वर्गों के लोगों को लाभ मिलेगा।
मोदी ने देश के व्यापारी वर्ग से अपील की कि जीएसटी लागू होने से उन्हें जो लाभ होता है उसका फायदा वे गरीब तबके के लोगों तक पहुंचाएं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू होने की लंबी यात्रा का उल्लेख करते हुए इसमें शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जीएसटी लागू होने से दीर्घकाल में महंगाई पर लगाम लगेगी और कर वंचना कम होगी।संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में आजादी सहित यह चौथा ऐसा मौका है जब मध्य रात्रि के समय कोई कार्यक्रम हुआ। 14 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि के अलावा, 1972 में स्वतंत्रता की रजत जयंती और 1997 में स्वर्ण जयंती के अवसर पर ऐसे कार्यक्रम हुए थे।

कांग्रेस सहित कुछ दलों ने किया बहिष्कार
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने भले ही आज के कार्यक्रम का बहिष्कार किया हो लेकिन आज केंद्रीय कक्ष में सपा, जदयू, जद-एस, राकांपा, टीआरएस, अन्नाद्रमुक, बीजद के सांसदों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, रतन टाटा सहित प्रमुख उद्योगपति एवं अन्य गणमान्य हस्तियां मौजूद थीं। इस समारोह में मंच पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री मोदी, वित्त मंत्री जेटली एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा मौजूद थे।
जीएसटी के लागू होने से केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले एक दर्जन से अधिक कर समाप्त हो जाएंगे और उनके स्थान में केवल जीएसटी लगेगा। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस कार्यक्रम से दूर रही। कांग्रेस ने जीएसटी की शुरुआत के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम को तमाशा करार दिया। कांग्रेस के इसी बहिष्कार के चलते पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस कार्यक्रम से दूर रहे। तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके और वामपंथी दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार किया।

17 साल पुराना इंतजार हुआ खत्म
जीएसटी से देश की 2,000 अरब की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब लोग सभी एक साथ जुड़ जाएंगे और पूरा देश एक साझा बाजार बन जाएगा। इस समूची प्रक्रिया को पूरा होने में 17 सालों का लंबा समय लगा है। जीएसटी से वर्तमान बहुस्तरीय कर व्यवस्था समाप्त होगी और कर के ऊपर कर लगने से माल की लागत पर बढ़ने वाला बोझ भी समाप्त होगा।

खुले में पेशाब करना जेई को पड़ा भारी


हरिद्वार।
जिलाधिकारी कार्यालय के पास खुले में पेशाब करना सरकारी कर्मचारी को महंगा पड़ गया। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कड़ी फटकार लगाते हुए अधिकारी पर 1 हजार रु का जुर्माना लगा दिया।
जानकारी के अनुसार स्वछता अभियान के तहत जिलाधिकारी ने नगर निकायों की बैठक मुख्यालय में बुलाई था। बताते है कि इसी बैठक में शामिल होने मंगलौर नगर पालिका के जे ई जगदीश चन्द्र भी आये हुए थे। इसी दौरान उन्हें बहुत तेज लघुशंका लगी,ओर वह कलैक्ट्रेट में खुले में ही पेशाब करने गए। तभी जिलाधिकारी वहां आ गए और उन्होंने जेई को फटकार लगाते हुए 1 हजार रुपये का जुमार्ना लगा दिया। यही नही बैठक में मंगलौर के ईई के उपस्थित न रहने पर उनकी एक माह की सैलरी काटने के भी आदेश दे दिया।

टोकन के आधार पर चलेंगे कांवड़ यात्रा में विक्रम

ऋषिकेश।
श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में तिपहिया वाहनों के लिए पुलिस और प्रशासन ने ट्रैफिक प्लान जारी किया है। स्थानीय लोगों की परेशानी को देखते हुए विक्रम यूनियन तिपहिया आरक्षित रखेगी। जिन्हें पुलिस की ओर से टोकन जारी होगा।
थाना मुनिकीरेती में सीओ टिहरी जीबी पांडे ने परिवहन विभाग, पुलिस और ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई। इसमें तय किया गया कि किसी भी विक्रम वाहन के ऊपर कैरियर नहीं लगेगा। सभी तिपहिया किराया सूची चस्पा करेंगे। ओवर रे¨टग और ओवरलो¨डग पर कार्यवाही होगी। भीड़ के दिनों में ऋषिकेश और मुनिकीरेती के बीच मुख्य मार्ग पर तिपहिया वाहनों का संचालन बंद रहेगा। सभी वाहन बाईपास से जाएंगे। स्थानीय लोगों के लिए तिपहिया यूनियन अलग से वाहन आरक्षित रखेगी। इन्हें पुलिस टोकन जारी करेगी। यह वाहन सिर्फ लोकल लोगों को ही बैठाएंगे। मुनिकीरेती लोनिवि तिराहे के समीप पांच ऑटो रिक्शा पुलिस के नियंत्रण में संचालित होंगे। इन वाहनों में ड्यूटी कर्मचारी और स्कूल के बच्चे जाएंगे। तिपहिया वाहनों के लिए शेष व्यवस्थाएं बीते वर्ष की तरह लागू रहेंगी। बैठक में एआरटीओ नई टिहरी ज्योतिशंकर मिश्रा, परिवहन कर अधिकारी प्रथम ऋषिकेश कुलवंत ¨सह चौहान, थाना प्रभारी निरीक्षक मुनिकीरेती मनीष उपाध्याय सहित विक्रम और ऑटो यूनियन के पदाधिकारी शामिल हुए।

यह भी पढे़…सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर घोषित हुए नीट के परिणाम

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर घोषित हुए नीट के परिणाम


सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा में पंजाब होनहारों ने बाजी मारी है। श्री मुक्तसर साहिब के नवदीप सिंह ने 700 में से 697 अंक लेकर देश में पहला रैंक हासिल किया है। वहीं, हिसार में रहने वाली नितिका गोयल ने देशभर में 8वां रैंक हासिल कर लड़कियों के वर्ग में टॉप किया है। उसने 700 में से 690 अंक हासिल किए हैं। नीतिका मूलरूप से बठिंडा की रहने वाली हैं। इसके अलावा हिसार की अदित‍ि व पूर्वा ने क्रमशः 22वां व 26वां रैंक हासिल किया।
पहला रैंक प्राप्त करने वाले मुक्तसर के ग्रीन एवेन्यु की गली नंबर एक के निवासी नवदीप के पिता गोपाल सिंह गांव चड़ेवान के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल हैं, जबकि उसकी मां सिमरजीत कौर एलआइसी की मुलाजिम हैं। परिवार में माता पिता के अलावा नवदीप का एक छोटा भाई है, जो दसवीं में पढ़ता है। वहीं, नितिका के पिता राकेश गोयल बठिंडा जिला के खेतीबाड़ी विकास अफसर हैं। माता रानी देवी सरकारी पॉलीटेक्निक कॉलेज में लेक्चरर हैं।

यह भी पढे़ …स्मार्ट सिटी बनेगा देहरादून, केन्द्र ने दी मंजूरी

टॉप करने की नहीं थी उम्मीद: नवदीप
नवदीप ने इस सफलता का श्रेय माता पिता व अपने शिक्षकों को दिया। उन्होंने बताया कि किसी भी परीक्षा में सफलता के लिए दृढ़ निश्चय की आवश्यकता होती है, तभी सफलता मिलती है। उनके माता पिता ने बताया कि नवदीप शुरू से ही डॉक्टर बनना चाहता था। स्थानीय अकाल अकेडमी दसवीं करने वाले नवदीप ने दसवीं में 10 सीजीपीए प्राप्त किए थे, जबकि बारहवीं में उसने मुक्तसर के ही शिवालिक पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 88 फीसद अंक हासिल किए थे। नवदीप ने कहा कि उसे अच्छे रैंक हासिल करने की तो उम्मीद थी, लेकिन पहला रैंक प्राप्त होगा, यह उम्मीद नहीं थी। नीट की परीक्षा की कोचिंग उसने चंडीगढ़ के हेलिक्स इंस्टीट्यूट से ली है। वह अब नई दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल इंस्टीट्यूट में दाखिल लेगा। पिता ने बताया कि नवदीप की फिजिक्स भी बहुत अच्छी है।

चैलेंज ने नीतिका को बनाया टॉपर
नितिका गोयल ने नीट में देशभर में 8वां रैंक प्राप्त कर किया है। मैगनेट इंस्टीट्यूट बठिंडा की छात्रा नितिका ने बताया कि वह इस टेस्ट को चैंलेज मान कर चली थी। इंस्टीट्यूट ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि निकिता अपने भाई से बेहतर परफॉर्म कर सकेगी। उसके भाई निखिल ने नीट में एआइआर-142 प्राप्त किए थे। नितिका ने इस चुनौती को स्वीकार किया और 8वां रैंक हासिल किया। मैगनेट इंस्टीट्यूट की एमडी पिंकी शिवरावणी ने बताया कि नितिका ने दो साल रेगुलर उनके पास पढ़ाई की और कभी भी कोई टेस्ट मिस नहीं किया। वह हर टेस्ट में प्रथम ही आती थी। नितिका ने बताया कि एक बार दसवीं में वह दिमागी तौर पर बीमार हो गई और उनकी आंखें सूजने लगी। काफी लंबा इलाज चला, लेकिन वह पूरी तरह से ठीक हो गई। उसी दिन से यह फैसला कर लिया था दिमाग रोग विशेषज्ञ ही बनना है। नितिका एम्स में एआइआर-95 व जेआइपीएमईआर पांडुचेरी में 76वां रैंक प्राप्त कर चुकी है।

स्मार्ट सिटी बनेगा देहरादून, केन्द्र ने दी मंजूरी


नई दिल्ली।
स्मार्ट सिटी की सूची में देवभूमि देहरादून का नाम भी शामिल हो गया है। लंबे समय से चल रही कवायद को अंततः मंजिल मिल ही गयी है। दून के स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश की राजधानी को विकास की नई दिशा मिलेगी। जिससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के अवसर श्रृजित होंगे। बता दें कि दून को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है। स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश को लोगों में खुशी की लहर हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकास के लिए जिन 30 शहरों की नई सूची जारी की गई है उनमें केरल का तिरूवनंपुरम, छत्तीसगढ़ का नया रायपुर और गुजरात का राजकोट शहर शामिल है। इस नई घोषणा के साथ केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के तहत चयनित शहरों की संख्या 90 हो गई है। नई सूची के ऐलान से जुड़े के कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए सूची में 40 शहरों के लिए स्थान खाली थे, लेकिन व्यवहारिकता और कार्य करने योग्य योजना सुनिश्चित करने के लिए 30 शहरों का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत 57,393 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र हर शहर को पांच साल की अवधि में 500 करोड़ रुपए प्रदान करता है ताकि विभिन्न विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके।
 
आखिर जून माह में क्यों जुटते है कामाख्या मंदिर में देश विदेश के साधक!
नए शहरों की सूची

आंध्र प्रदेश का अमरावती
बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर
यूपी से इलाहाबाद, अलीगढ़ और झांसी
तेलंगाना का करीमनगर
केरल के त्रिवेंद्रम,
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और नया रायपुर
गुजरात के दाहोद, गांधीनगर और राजकोट
पुडुचेरी का पुडुचेरी
जम्मू कश्मीर के जम्मू और श्रीनगर
मध्य प्रदेश के सतना और सागर
हरियाणा के करनाल
कर्नाटक के बेंगलुरू
हिमाचल प्रदेश के शिमला
उत्तराखंड के देहरादून
तमिलनाडु के तिरुनवेली
तिरुचिरापल्ली, त्रिपुरा और तूतुकुडी
महाराष्ट्र के पिंरी चिंचवड
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट
मिजोरम के आइजोल
सिक्किम के गंगटोक शहर

आखिर जून माह में क्यों जुटते है कामाख्या मंदिर में देश विदेश के साधक!


रजस्वला स्त्री मासिक धर्म, एक स्त्री की पहचान है, यह उसे पूर्ण स्त्रीत्व प्रदान करता है। लेकिन फिर भी हमारे समाज में रजस्वला स्त्री को अपवित्र माना जाता है। महीने के जिन दिनों में वह मासिक चक्र के अंतर्गत आती है, उसे किसी भी पवित्र कार्य में शामिल नहीं होने दिया जाता, उसे किसी भी धार्मिक स्थल पर जाने की मनाही होती है। लेकिन विडंबना देखिए कि एक ओर तो हमारा समाज रजस्वला स्त्री को अपवित्र मानता है वहीं दूसरी ओर मासिक धर्म के दौरान कामाख्या देवी को सबसे पवित्र होने का दर्जा देता है।
तांत्रिक सिद्धियां यह मंदिर तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध है। यहां तारा, धूमवती, भैरवी, कमला, बगलामुखी आदि तंत्र देवियों की मूर्तियां स्थापित हैं।
इस मंदिर को सोलहवीं शताब्दी में नष्ट कर दिया गया था लेकिन बाद में कूच बिहार के राजा नर नारायण ने सत्रहवीं शताब्दी में इसका पुन: निर्माण करवाया था।
कामाख्या शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत के बीचो-बीच स्थित कामाख्या मंदिर गुवाहाटी से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर प्रसिद्ध 108 शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि पिता द्वारा किए जा रहे यज्ञ की अग्नि में कूदकर सती के आत्मदाह करने के बाद जब महादेव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने उनके क्रोध को शांत करने के लिए अपना सुदर्शन चक्र छोड़कर सती के शव के टुकड़े कर दिए थे। उस समय जहां सती की योनि और गर्भ आकर गिरे थे, आज उस स्थान पर कामाख्या मंदिर स्थित है।
कामदेव का पौरुष इसके अलावा इस मंदिर को लेकर एक और कथा चर्चित है। कहा जाता है कि एक बार जब काम के देवता कामदेव ने अपना पुरुषत्व खो दिया था तब इस स्थान पर रखे सती के गर्भ और योनि की सहायता से ही उन्हें अपना पुरुषत्व हासिल हुआ था।
एक और कथा यह कहती है कि इस स्थान पर ही शिव और पार्वती के बीच प्रेम की शुरुआत हुई थी। संस्कृत भाषा में प्रेम को काम कहा जाता है, जिससे कामाख्या नाम पड़ा।
अधूरी सीढ़ियां इस मंदिर के पास मौजूद सीढ़ियां अधूरी हैं, इसके पीछे भी एक कथा मौजूद है। कहा जाता है एक नरका नाम का राक्षस देवी कामाख्या की सुंदरता पर मोहित होकर उनसे विवाह करना चाहता था। परंतु देवी कामाख्या ने उसके सामने एक शर्त रख दी।
कामाख्या देवी से विवाह कामाख्या देवी ने नरका से कहा कि अगर वह एक ही रात में नीलांचल पर्वत से मंदिर तक सीढ़ियां बना पाएगा तो ही वह उससे विवाह करेंगी। नरका ने देवी की बात मान ली और सीढ़ियां बनाने लगा।
देवी को लगा कि नरका इस कार्य को पूरा कर लेगा इसलिए उन्होंने एक तरकीब निकाली। उन्होंने एक कौवे को मुर्गा बनाकर उसे भोर से पहले ही बांग देने को कहा। नरका को लगा कि वह शर्त पूरी नहीं कर पाया है, परंतु जब उसे हकीकत का पता चला तो वह उस मुर्गे को मारने दौड़ा और उसकी बलि दे दी।
जिस स्थान पर मुर्गे की बलि दी गई उसे कुकुराकता नाम से जाना जाता है। इस मंदिर की सीढ़ियां आज भी अधूरी हैं।मासिक चक्र कामाख्या देवी को ‘बहते रक्त की देवी’ भी कहा जाता है, इसके पीछे मान्यता यह है कि यह देवी का एकमात्र ऐसा स्वरूप है जो नियमानुसार प्रतिवर्ष मासिक धर्म के चक्र में आता है।
सुनकर आपको अटपटा लग सकता है लेकिन कामाख्या देवी के भक्तों का मानना है कि हर साल जून के महीने में कामाख्या देवी रजस्वला होती हैं और उनके बहते रक्त से पूरी ब्रह्मपुत्र नदी का रंग लाल हो जाता है।
निषेध है मंदिर में प्रवेश इस दौरान तीन दिनों तक यह मंदिर बंद हो जाता है लेकिन मंदिर के आसपास ‘अम्बूवाची पर्व’ मनाया जाता है। इस दौरान देश-विदेश से सैलानियों के साथ तांत्रिक, अघोरी साधु और पुजारी इस मेले में शामिल होने आते हैं। शक्ति के उपासक, तांत्रिक और साधक नीलांचल पर्वत की विभिन्न गुफाओं में बैठकर साधना कर सिद्धियां प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
वाममार्गी कामाख्या मंदिर को वाममार्ग साधना के लिए सर्वोच्च पीठ का दर्जा दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि मछन्दरनाथ, गोरखनाथ, लोनाचमारी, ईस्माइलजोगी आदि जितने भी महान तंत्र साधक रहे हैं वे सभी इस स्थान पर साधना करते थे, यहीं उन्होंने अपनी साधना पूर्ण की थी।
रजस्वला देवी भक्तों और स्थानीय लोगों का मानना है कि अम्बूवाची पर्व के दौरान कामाख्या देवी के गर्भगृह के दरवाजे अपने आप ही बंद हो जाते हैं और उनका दर्शन करना निषेध माना जाता है। पौराणिक दस्तावेजों में भी कहा गया है कि इन तीन दिनों में कामाख्या देवी रजस्वला होती हैं और उनकी योनि से रक्त प्रवाहित होता है।
सुनहरा समय तंत्र साधनाओं में रजस्वला स्त्री और उसके रक्त का विशेष महत्व होता है इसलिए यह पर्व या कामाख्या देवी के रजस्वला होने का यह समय तंत्र साधकों और अघोरियों के लिए सुनहरा काल होता है।
योनि के वस्त्र इस पर्व की शुरुआत से पूर्व गर्भगृह स्थित योनि के आकार में स्थित शिलाखंड, जिसे महामुद्रा कहा जाता है, को सफेद वस्त्र पहनाए जाते हैं, जो पूरी तरह रक्त से भीग जाते हैं। पर्व संपन्न होने के बाद पुजारियों द्वारा यह वस्त्र भक्तों में वितरित कर दिए जाते हैं।
कमिया वस्त्र बहुत से तांत्रिक, साधु, ज्योतिषी ऐसे भी होते हैं जो यहां से वस्त्र ले जाकर उसे छोटा-छोटा फाड़कर मनमाने दामों पर उन वस्त्रों को कमिया वस्त्र या कमिया सिंदूर का नाम देकर बेचते हैं।
आस्था का विषय देवी के रजस्वला होने की बात पूरी तरह आस्था से जुड़ी है। इस मानसिकता से इतर सोचने वाले बहुत से लोगों का कहना है कि पर्व के दौरान ब्रह्मपुत्र नदी में प्रचुर मात्रा में सिंदूर डाला जाता है, जिसकी वजह से नदी लाल हो जाती है। कुछ तो यह भी कहते हैं कि यह नदी बेजुबान जानवरों की बलि के दौरान उनके बहते हुए रक्त से लाल होती है। इस मंदिर में कभी मादा पशु की बलि नहीं दी जाती।

आपत्तिजनक हालत देख पुलिस की नजरें भी झुकीं


हरिद्वार।
हयूमन ट्रैफिकिंग सेल ने कलियर क्षेत्र के दो गेस्ट हाउस में छापा मारकर सेक्स रैकेट पकड़ा। पुलिस ने छह महिलाओं समेत नौ लोगों को हिरासत में लिया।
बुधवार शाम हयूमन ट्रैफिकिंग सेल की प्रभारी साधना त्यागी ने कलियर थाना प्रभारी देवराज शर्मा के नेतृत्व में अब्दाल साहब गेट के पास स्थित एक गेस्ट हाउस पर छापा मारा। यहां पर तीन महिलाएं और दो युवक आपत्तिजनक हालत में मिले। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने नई बस्ती स्थित एक अन्य गेस्ट हाउस में भी छापा मारा। यहां पर अलग-अलग कमरों में तीन महिलाएं और एक युवक मिला।
यह तीनों भी सेक्स रैकेट से जुड़े थे। पुलिस इन सभी को थाने ले आई। कलियर थाना प्रभारी देवराज शर्मा ने बताया कि युनुश निवासी रामपुर तिराहा, निसार निवासी महमूदपुर कलियर, अंकुर गुप्ता निवासी खुड़बुड़ा मोहल्ला, देहरादून तथा छह महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आधी-आधी बांटते थे रकम: पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गेस्ट हाउस संचालक भी मामले में पूरी तरह से संलिप्त है।
सेक्स रैकेट से जुड़ी महिलाओं के लिए गेस्ट हाउस संचालक ग्राहक लाने का काम करते थे। गेस्ट हाउस में ठहरने वाले व्यक्ति से इस बावत पूछा भी जाता था। ग्राहक मिलने पर गेस्ट हाउस संचालक फोन करके सेक्स रैकेट से जुड़ी महिलाओं को बुला लेते थे। इसके बाद ग्राहक से मिलने वाली रकम को आधी-आधी आपस में बांट लेते थे।