लोकसभा उप चुनाव में मायावती के लड़ने से भाजपा में बैचेनी!

राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद मायावती का अगला कदम क्या होगा? आखिर किस तरीके से मायावती अपने पॉलिटिकल करियर में निखार लाएंगी? मिली जानकारी के मुताबिक मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा गुस्से में आकर नहीं दिया है बल्कि ये इस्तीफा एक प्लानिंग के तहत हुआ है। मायावती अपनी राजनीति सेट करने के लिए फूलपुर से लोकसभा का उप-चुनाव लड़ सकती हैं और इस लड़ाई में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी उनका साथ देंगे।
फूलपुर से यूपी में हो सकती है महागठबंधन की शुरुआत
राजनीति के गलियारों में एक सुगबुगाहट और जोर पकड़ रही है। दबी जुबान में बीएसपी के खेमे में चर्चा है कि बहन जी उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा से उप चुनाव में खड़ी हो सकती हैं। वह भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के समर्थन के साथ। यानी साल 2019 से लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में महागठबंधन का एक प्रयोग फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव के वक्त किया जा सकता है।
मायावती को मिल सकता है अखिलेश का साथ
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस तरह के गठबंधन पर सकारात्मक बयान दे ही चुके हैं। वहीं मायावती ने भी पिछले दिनों भाजपा को रोकने के लिए किसी के भी साथ हाथ मिलाने का बयान दिया था। भाजपा को शिकस्त देने की तैयारी में जुटा विपक्ष इसके लिए यूपी में महागठबंधन की तैयारी में जुटा है। बिहार में राजनीतिक संकट के बीच जहां लालू यादव का विपक्ष को एकजुट करने को लेकर 27 अगस्त की रैली अभी प्रस्तावित ही है। बसपा सूत्रों की माने तो यूपी की विधानसभा चुनाव के बाद खाली हुई लोकसभा सीट में महागठबंधन मायावती को प्रत्याशी बनाने पर विचार कर रहा है।
फुलपुर में होना है उपचुनाव
दरअसल उत्तर प्रदेश की फूलपुर लोकसभा सीट से मौजूदा वक्त में भाजपा के केशव प्रसाद मौर्य सांसद हैं। यूपी विधानसभा चुनाव के बाद मौर्य, यूपी सरकार में उप मुख्यमंत्री बन चुके हैं। लिहाजा उप राष्ट्रपति चुनाव के बाद उनका और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का अपनी गोरखपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा देना तय है। जिसके बाद फूलपुर और गोरखपुर में उप चुनाव होंगे।
मुश्किल में बीजेपी !
लोकसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा की अभीतक की रणनीति के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस उपचुनाव से दूर रहेंगे। ऐसे में जाहिर है कि सीएम योगी आदित्नाथ पर ही लोकसभा की दोनों सीटें जीतने का दबाव होगा। ऐसे में माना जा रहा है कि मायावती के महागठबंधन की प्रत्याशी बनने के बाद योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक कौशल की भी पूरी परीक्षा हो जाएगी।

चीन के आगे कहीं नही टिकता भारतः चीन

डोकलाम विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जो बयान दिया था उस पर चीन की प्रतिक्रिया आई है। चीन ने इस मुद्दे पर सुषमा स्वराज को ही झूठा करार दिया है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक आर्टिकल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को झूठ बोलने का दोषी ठहराया है। साथ ही उने कहा है कि डोकलाम इलाके से दोनों देशों द्वारा एक साथ सेनाएं हटाने को भारत की कोरी कल्पना बताया है।
ग्लोबल टाइम्स ने 21 जुलाई को एक एडीटोरियल में लिखा है, अगर भारत अपने सैनिक नहीं हटाता है तो चीन के पास आखिरी विकल्प है उससे लड़ाई और बगैर किसी कूटनीति के लड़ाई का खात्मा। सुषमा स्वराज ने संसद के मॉनसून सत्र में साफ किया था कि चीन डोकलाम के ट्राइ जंक्घ्शन में यथास्थिति बदलना चाहता है और इससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। डोकलाम में चीन भारी सैन्य वाहन और टैंक की आवाजाही लायक सड़क बनाना चाहता है। डोकलाम इलाके को चीन अपना डोंगलॉन्ग इलाका बताता है। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, भारतीय विदेश मंत्री ने झूठ बोला, सबसे पहली बात ये है कि भारत ने उस इलाके में घुसपैठ किया है, भारत के रवैये से पूरी दुनिया हैरान है और उसे किसी देश का समर्थन नहीं मिल रहा है। चीन के आगे नहीं टिकता भारत
चीनी अखबार ने लिखा है कि सैन्य क्षमता के मामले में भारत चीन से बहुत पीछे है और मामले ने सैन्य समाधार का रुख किया तो इसमें कोई संदेह नहीं कि हार भारत को होगी। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक भारत ने चीन की सीमा में घुसपैठ की है तो ऐसे में स्वराज संसद में झूठ बोल रही हैं और देश को गुमराह कर रही हैं। एडीटोरियल के मुताबिक स्वराज का बयान यह बताने के लिए काफी है कि भारत कैसे बयान बदलकर अपना रुख बदल रहा है। आर्टिकल में लिखा है कि पहले भारत ने डोंगलांग को एक ट्राइ-जंक्शन बताने के साथ ही इस पूरे मसले की शुरुआत की। इससे साफ पता लगता है कि कैसे भारत अब अपना रुख बदल रहा है।

बदरीनाथ से लौट रहे श्रद्धालुओं की बस दुर्घटनाग्रस्त, दो की मौत

उत्तराखंड में दर्दनाक हादसा हुआ है। बदरीनाथ से लौट रहे चारधाम यात्रियों की बस कर्णप्रयाग में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। बस एक मकान के ऊपर गिरी। हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई है। जबकि 33 घायल बताए जा रहे हैं। इनमें से सात यात्री गंभीर रूप से घायल हैं।
घायलों को सीएचसी कर्णप्रयाग में भर्ती कराया जा रहा है। हादसा करीब आज शाम 4.30 बजे हुआ। यह बस श्रद्धालुओं से भरी हुई थी। इसमें महाराष्ट्र के यात्री सवार थे। यह बदरीनाथ धाम के दर्शन कर वापस ऋषिकेश लौट रहे थे। सभी महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं। पुलिस-प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।

छात्रों को प्रोफेसर के तबादले से कम मंजूर नही

स्थानीय पीजी कालेज में शिक्षा संकाय की प्रोफेसर का तबादला करने की मांग को लेकर संकाय के छात्रों का क्रमिक अनशन जारी रहा। चौथे दिन अनशन पर सुरेश कुमार और ममता बैठे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि संबन्धित प्रोफेसर छात्र-छात्राओं के साथ आंरभ से ही भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाती आई है। इस कारण छात्र-छात्राओं मे रोष की भावना पनप रही थी। महिला होते हुए भी छात्राओं के प्रति भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाना प्रोफेसर को शोभा नही देता। मौके पर अनशनकारी छात्र-छात्राओं का डाक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण किया। वही दूसरी ओर छात्र व शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधि मंडल इस समस्या के समाधान के लिये मुख्यमंत्री से वार्ता करने के लिए देहरादून रवाना हो गया है। अनशन में गौरव जोशी, सौरव नोडियाल, भूपेन्द्र रावत, जितेन्द्र, प्रियंका और साक्षी सहित शिक्षा संकाय के सभी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

जिले में नकदी की कमी होने से परेशानी बढ़ी

जिले के बैंकों को आरबीआई से धन नहीं मिल पा रहा है। जिससे जिले में नकदी संकट गंभीर हो गया है। जिले में एक दर्जन से अधिक एटीएम पैसे नहीं होने के कारण बंद पड़े हैं। इससे लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को जिला मुख्यालय में सिमलगैर, जीजीआईसी रोड़, केएमओयू स्टेशन, टैक्सी स्टैंड और सिल्थाम व अन्य हिस्सों में भारतीय स्टेट बैंक, केनरा, सेंट्रल, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित अन्य बैंकों के 9एटीएम खाली रहे।जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आए लोग एक बैंक से दूसरे बैंक के एटीएम का चक्कर लगाते रहे। इसके बाद भी उन्हें निराशा हाथ लगी। बेरीनाग, मुनस्यारी, डीडीहाट और अस्कोट में 11 से अधिक एटीएम नकदी संकट के चलते बंद रहे। कई एटीएम में नकदी ड़ालने के कुछ ही समय में भीड़ के कारण वे खाली हो गए। जिससे लोगों को इंतजारी के बाद मायूस लौटना पड़ा। मुनस्यारी में दो सप्ताह से बंद है तीनों एटीएम मुनस्यारी। तहसील मुख्यालय समेत नाचनी और तेजम में पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से बैंकों के एटीएम बंद चल रहे हैं। जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एटीएम में पैसे नहीं होने से स्थानीय और पर्यटन व्यवसाय और पूरी तरह से ठप हो गया है। जिस कारण ग्रामीणों पर आर्थिक संकट गहराने लगा है। बेरीनाग में लोगों को झेलनी पड़ रही है फजीहत बेरीनाग। क्षेत्र के एसबीआई और यूनियन बैंक के एटीएम नकदी नहीं आने के कारण पिछले एक सप्ताह से बंद चल रहे हैं। जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही व्यापारियों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्षेत्र के ये बैंक ग्राहकों को मांग के अनुरूप धन नहीं दे पा रहे हैं। जिससे लोगों में आक्रोश है। अस्कोट में 15 दिन से बंद चल रहा है एसबीआई का एकमात्र एटीएम अस्कोट। क्षेत्र में स्थित एसबीआई का एकमात्र एटीएम पिछले 15 दिनों से बंद चल रहा है। जिस कारण दूर दराज से आने वाले ग्रामीणों को बैंक में लंबी कतार में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ रहा है। जिससे स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है। उन्होंने कहा कि अगर शीघ्र एटीएम में पैसे नहीं डाले गए तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। गंगोलीहाट में एसबीआई ग्राहकों को नहीं दे पा रहा है पैसा गंगोलीहाट। गंगोलीहाट में नोटबंदी के बाद से ही एसबीआई बैंक ग्राहकों को मांग के सापेक्ष नकदी नहीं दे पा रहा है। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने बैंक प्रबंधक से शीघ्र मांग के सापेक्ष नकदी देने की मांग की है।

अब हमारे देश के नागरिक पाकिस्तानी देशभक्ति गीत कर रहे शेयर

मसूरी में एक कश्मीरी व्यापारी ने सोशल मीडिया में पाकिस्तानी देशभक्ति गीत शेयर कर दिया। इसकी भनक लगते ही भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने कोतवाली में जमकर हंगामा किया और आरोपी व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जबकि आरोपी व्यापारी का कहना है कि उसका एकाउंट हैक हो गया था। जिसके बाद किसी अनजान ने यह हरकत की है।
कुलड़ी बाजार के एक कश्मीरी व्यापारी ने पाकिस्तानी गीत को अपने फेसबुक एकाउंट से शेयर कर दिया। इस गीत को एक बच्चे ने गाया है और यह पाकिस्तानी देशभक्ति गीत है। बुधवार को इसकी जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को मिली तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपाई कोतवाली पहुंच गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। शिकायत करने वालों में भाजपा मंडलाध्यक्ष मोहन पेटवाल, कुशाल राणा, त्रिलोक राणा, रजत अग्रवाल, संदीप साहनी, गजेंद्र, धर्मपाल पंवार आदि शामिल रहे।
उधर, कश्मीरी व्यापारी मंजूर अहमद का कहना है कि उनका फेसबुक एकाउंट हैक हो गया था, जिसके बाद किसी ने यह हरकत की है। भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष राकेश रावत ने बताया कि इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस से की गई है। मामले की जांच साइबर सेल से कराने की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण ने बताया कि भाजपा की ओर से शिकायत मिली है। जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है।

रेलवे पुलिस को ट्रैक पर करनी पड़ रही ड्यूटी

कांवड़ियों के दोपहिया वाहनों की भीड़ से हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे पर वाहनों के पहिए जाम हो गए हैं। हाईवे पर गाड़ियों का संचालन ठप है। हाईवे जाम होने पर कुछ कांवड़ियों ने रेलवे ट्रैक पर बाइकें दौड़ा दी। इसस वजह से रायवाला-हरिद्वार के बीच ट्रेनों का संचालन कॉसन पर किया गया। इस वजह से कई ट्रेनें लेट हुईं।
हाईवे जाम होने पर रोडवेज की बसें अड्डे पर ही खड़ी रही। ऋषिकेश में डाक कांवड़ियों के सैलाब से यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। भीड़ बढ़ने पर हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच वाहनों का संचालन ठप हो गया है। हालात इतने खराब हैं कि जिसे जिधर जगह मिली दोपहिया वाहन लेकर निकल रहा है। कांवड़ियों ने मोतीचूर रेलवे स्टेशन से रायवाला स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर उस पर बाइकें दौड़ा दी।
श्यामपुर रेलवे फाटक बंद होने पर भी कांवड़िए बाइक लेकर टैक पर ही चलने लगे। ट्रैक पर कांवड़ियों की बाइकें चलने पर रेलवे सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और ट्रैक से कांवड़ियों को जाने से रोका गया। ट्रैक पर रेलवे कर्मियां की तैनाती कर दिनभर ट्रेनें कॉसन पर चलीं। इससे ट्रेनें देरी से अपने गंतव्य तक पहुंची। पांच घंटे तक हाईवे जाम होने से पुलिस जवानों की कतारें लगवा वाहन निकलवाए। लोकल वाहन न चलने से लोग पैदल ही अपने घरों को निकले। एसडीएम हरगिरी ने बताया कि दोपहिया में सवार कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने एवं डाक कांवड़ियों के वाहनों से दिक्कत आ रही है। शुक्रवार से स्थिति सामान्य हो जाएगी।

गुड़िया गैंगरेप मामले में भीड़ बेकाबू होती जा रही

गुड़िया गैंगरेप मामले के विरोध में शिमला बंद का ऐलान किया गया है। रेप और हत्या के विरोध में आज सड़कों पर लोग उतर आए हैं। भाजपा, माकपा और दूसरे संगठनों के साथ मिलकर आम लोगों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। शिमला में लोगों का गुस्सा उफान पर है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जगह-जगह चक्का जाम चल रहा है, दुकानें बंद हैं और कई जगहों पर छोटी मोटी हाथापाई की खबरें भी आ रही है। हालात को काबू करने के लिए पुलिस बल तैनात है, लेकिन स्थिति बेकाबू नजर आ रही है।
इस बीच, हिमाचल सरकार ने पुलिस एसआईटी के तीन सदस्यों का तबादला कर दिया है जो मामले की जांच कर रहे थे। मामले की जांच सीबीआई के हाथ में दे दी गई है, लेकिन मुख्य आरोपी की जेल में हत्या की खबर ने केस में हलचल मचा दी है। शिमला में की शांत वादियां पिछले हफ्ते से जल रही है। दो हफ्ते पहले 10वीं की एक छात्रा को लिफ्ट देने के बहाने छह लोगों ने जबरन कार में बिठाया और उसका गैंगरेप किया। उसके बाद उसे जंगल में मारकर फेंक दिया। दो दिनों बाद जब उसका शव बरामद हुआ तो इलाके में हडकंप मच गया। मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। तीन हजार लोगों की भीड़ ने थाने पर धावा बोला।

कोविन्द का परिवार इन्हें भी ले जायेगा राष्ट्रपति भवन!

देश के नये राष्ट्रपति के चुनाव के लिए गुरुवार को हुई मतगणना में भाजपानीत एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने कांग्रेस और यूपीए की उम्मीदवार और अपनी प्रतिद्वंदी मीरा कुमार को भारी अंतर से हरा दिया है। अब रामनाथ कोविंद का महामहिम बनना तय हो गया है।
रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को देश के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे। जाहिर सी बात है कि इसके बाद कोविंद रायसिना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन में रहेंगे। कोविंद के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा, बहु और बेटी हैं. लेकिन उनके परिवार में कुछ और सदस्य हैं, जो इनसान तो नहीं, लेकिन उनके लिए काफी अजीज हैं। ये खास सदस्य हैं वे आधा दर्जन देसी नस्ल के कुत्ते, जो कोविंद जी के घर के बाहर ही रहते हैं। इनके नाम हैं – किशमिश, कट्टी, लिली, कालू व अन्य।
एक अंगरेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में बिहार का गर्वनर बनने के बाद रामनाथ कोविंद का परिवार दिल्ली में नॉर्थ एवेन्यू 144 नंबर रह रहा है। बताते चलें कि कोविंद जी का परिवार इन देसी कुत्तों का काफी खयाल रखता है। परिवार के लोग हर दिन समय से इन कुत्तों को खाना देते हैं। मेन्यू कुछ इस तरह है- सुबह में लगभग 2 लीटर दूध, दोपहर में रोटी-चिकन और रात में रोटी-दूध।
खास बात यह है कि अगर इनमें से कोई भी कुत्ता अस्वस्थ हो जाये या वह घायल हो जाये तो कोविंद परिवार उनका इलाज भी कराता है। गौरतलब है कि कोविंद जी की बहू पेशे से टीचर हैं और वह इन कुत्तों का खास ख्याल रखती हैं। बताया जाता है कि एक बार कालू नाम के कुत्ते को चोट लग गयी, तो खुद कोविंद जी के बेटे इलाज के लिए उसे अस्पताल ले गये। यही नहीं, एक बार नगर निगम की गाड़ी लिली को पकड़ कर ले जा रही थी, तो परिवार ने उसको उतरवा कर रोक लिया।
कहते हैं कि कुत्ते अपनी रोटी की कीमत जरूर चुकाते हैं। उसी तरह कोविंद जी के ये कुत्ते भी अपना फर्ज बखूबी निभाते हैं। कोविंद जी के फ्लैट के आस-पास ये पूरी मुस्तैदी के साथ पहरा देते हैं और पूरी हिफाजत करते हैं। अगर कोई संदिग्ध व्यक्ति उनके फ्लैट के आस-पास नजर आये तो ये कुत्ते उस पर भौंक कर, गुर्रा कर उसे उल्टे पांव लौटने को मजबूर कर देते हैं।
अब चूंकि कोविंद जी राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं, तो अब उनका परिवार राष्ट्रपति भवन में शिफ्ट हो जायेगा। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या परिवार के चहेते कुत्ते भी परिवार के साथ राष्ट्रपति भवन जायेंगे…?

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने गुपचुप तरीके से गजट नोटिफिकेशन जारी किया

देहरादून।
समूह ‘ग’ की परिधि में आने वाले ग्राम्य विकास विभाग में ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के पदों पर निर्धारित योग्यता तकनीकी तरीके से बढ़ा कर पहाड़ के युवाओं को इन पदों से दूर करने का षडयत्र उजागर हुआ है। इसके लिए योग्यता में बदलाव लाने वाले प्रावधानों को गुपचुप तरीके से गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। निकट भविष्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पास ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के सैकड़ों पदों का अधियाचन पहुंचा है। इन पदों से सीधे तौर पर पहाड़ में पढ़ने वाले अधिकांश छात्र बाहर हो जाएंगे।
ग्राम्य विकास अधिकारी के जिन पदों पर अब तक इंटरमिडिएट अर्हता थी। अब उसे स्नातक कर दिया गया है। स्नातक में भी कृषि, विज्ञान, अर्थशास्त्र, कामर्स होना अनिवार्य है। पहाड़ों में विज्ञान के शिक्षकों का नितांत अभाव है, इसलिए जो विज्ञान पढ़ता है मैदानों में ही आता है। इंटरमिडिएट में कृषि विषय किसी भी पहाड़ के इंटर कालेज में नहीं है, यही स्थिति कामर्स की भी है। इस तरह ग्राम्य विकास अधिकारी के लिए इस तरह की अर्हता तय कर पर्वतीय क्षेत्र के अभ्यर्थियों को सीधे तौर पर इससे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
इसके लिए बाकायदा गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। निकट भविष्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ग्राम विकास अधिकारी के 400 से अधिक पदों पर भर्ती करने का जा रहा है। इन पदों की भर्ती के लिए यह नई अर्हता लागू हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि पहाड़ के इंटर कालेजों में पढ़ने वाले छात्र छात्राए इन पदो के लिए पहली ही सीढ़ी में अनर्ह हो जाएंगे। क्योंकि इंटर में जिन छात्रों के पास कृषि, विज्ञान, अर्थशास्त्र, कामर्स विषय होंगे वही ग्रेज्युयेशन में इन विषयों के साथ पढ़ेगा। पहाड़ से इंटर मिडिएट करके आने वाला छात्र इन विषयों को कैसे पढ़ पाएगा?
उत्तराखंड के निवासियों की भर्ती के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था। जो राज्य गठन के पंद्रह साल बाद हो पाया। अब इस आयोग के दायरे में आने वाले सबसे अधिक पदों पर इस तरह की अर्हता लगाकर एक क्षेत्र विशेष के लोगों को बड़ी चोट पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड अधिकांश मामलों में उत्तर प्रदेश की नकल करता रहा है। जबकि उत्तर प्रदेश में परंपरा रही है कि यदि किसी पद की योग्यता में बदलाव करना आवश्यक हो तो उसके लिए बाकायदा कमेटी का गठन किया जाता है। कमेटी इसके समाज के सभी वर्गों में पढ़ने वाले प्रभावों का आंकलन करती है, साथ ही कई बार जन सुनवाई कर जन सामान्य के पक्ष को भी सुना जाता रहा है। इसके बाद ही योग्यता में परिवर्तन किया जाता है। उत्तराखंड में कुछ अधिकारी अपनी मानसिकता थोपकर इस तरह के निर्णय ले रहे हैं। चुपचाप गजट नोटिफिकेशन जारी कर परीक्षा के ठीक पहले उसे सामने लाया जा रहा है, ताकि प्रभावित पक्ष को इसका विरोध करने का भी मौका तक न मिले। एक क्षेत्र विशेष के युवाओं को टारगेट कर ग्राम विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी के पदों से पूरी तरह उन्हें दरकिनार करने की यह कार्यवाही निंदनीय है। गौरतलब है कि इस पदों पर अर्हताएं शासन स्तर पर तय होती हैं, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग इसे लागू करता है।