श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के प्रभावितों की समस्याओं के निदान को लेकर देवप्रयाग क्षेत्र के विधायक विनोद कंडारी शनिवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले। विधायक विनोद कंडारी ने योगी आदित्यनाथ को बताया कि श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के निर्माण से कीर्तिनगर ब्लॉक क्षेत्र विशेषकर चौरास क्षेत्र के दर्जनों गांव की जनता प्रभावित हुई है। निर्माण के दौरान परियोजना की निर्माणदायी कंपनी जीवीके ने प्रभावितों के साथ उनके आर्थिक, सामाजिक पक्षों को लेकर अनुबंध किए, लेकिन उन्हें कंपनी क्रियान्वित नहीं कर रही है। जिससे प्रभावित बुरी तरह परेशान हैं। परियोजना से विद्युत उत्पादन भी हो रहा है। विधायक विनोद कंडारी ने लखनऊ से लौटने पर बताया कि इस मामले में योगी आदित्यनाथ ने पूरी मदद का आश्वासन भी दिया है। पिछले सप्ताह गढ़वाल केंद्रीय विवि के चौरास परिसर स्थित प्रेक्षागृह में प्रभावितों के साथ दिनभर पंचायत भी की थी जिसमें डीएम टिहरी के साथ ही परियोजना निर्माणदायी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
Author: Ganga Lahar
हार के बाद कौन सा दांव खेल रहे हरीश रावत
देहरादून।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को विधानसभा चुनाव ने भले ही मायूस किया हो, लेकिन उनके हौसले अभी पस्त नहीं हुए हैं। दावतों का सिलसिला जारी रख वह खुद को सूबे की सियासत के केंद्र में बनाए रखने का कोई मौका चूकने को तैयार नहीं हैं। लेकिन, दो माह के भीतर उनकी दावतों का अंदाज कुछ अलहदा ही है।
विधानसभा चुनाव में हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर की जिन दो सीटों पर मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जो दांव खेला था, उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने दून शहर से दूरी बनाकर पहाड़ की तलहटी को अपने आशियाने के लिए चुना। इसके बाद पहाड़ को केंद्र में रखकर उनकी दावतों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उससे पार्टी के बाहर और भीतर उनके प्रतिद्वंद्वी भी खासे सकते में हैं। हरदा सुर्खिया बटोरने में उनसे कहीं आगे हैं।
पहाड़ के उत्पादों को उनकी दावतों में मिल रही तरजीह को उनके पहाड़ को केंद्र में रखकर बुने जा रहे सियासी एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। इस एजेंडे के निशाने पर वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी हैं। विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जा चुका है, लिहाजा हरीश रावत यह जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में उनकी सियासी हैसियत उनकी सक्रियता से ही साबित होनी है। ऐसे में हरदा अभी से फूंक-फूंककर कदम बढ़ाते दिख रहे हैं। पहाड़ की सियासत में रिवर्स पलायन को उनकी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। इसके बूते ही पलायन से शहरों में उभर गए मतदाताओं के पहाड़ों पर भी उनकी नजरें टिकी हैं।
फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की आज से जांच शुरु
देहरादून।
प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर गाज गिरने वाली है। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ हो रही जांच में एसआईटी सोमवार से दस्तावेजों की जांच करने जा रही है। बता दें फर्जी शिक्षकों की ढेड़ सौ शिकायतें अबतक दर्ज हो चुकी हैं। वहीं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। जिसके मुताबिक स्कूलों में एलटी कैडर के पदों पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति होगी। बता दें विभाग में अभी भी 1600 पद एलटी ग्रेड के रिक्त पड़े हुए हैं।
वहीं, प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में आज से एसआईटी विधिवत जांच शुरू करने जा रही है। इसके लिए एसआइटी की टीमों को विभिन्न जिलों में भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया। वहीं जांच का जिम्मा मिलने के बाद फर्जी शिक्षकों के बारे में जानकारी मांगी थी। जिस पर एसआईटी को अबतक करीब सवा सौ से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं।
प्रणब मुखर्जी ने भारतीय राजनीति के दिग्गज नेताओं को याद किया
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए रविवार शाम संसद में विदाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संसद के सेंट्रल हॉल में विदाई कार्यक्रम में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत दोनों सदन के सदस्य मौजूद रहे। इनमें पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया भी मौजूद रहीं। सोमवार को प्रणब मुखर्जी के कार्यकाल का आखिरी दिन है। नए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ लेंगे।
सुमित्रा महाजन ने पढ़ा विदाई भाषण
राष्ट्रपति के विदाई कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक करियर का बखान किया। साथ ही उनकी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रपति को विदाई भाषण की प्रति भेंट की।
प्रणब मुखर्जी का आखिरी भाषण
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा स्पीकर और उपराष्ट्रपति का धन्यवाद किया। साथ ही संसद के सभी सदस्यों का अभिवादन स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि मैं 34 साल की उम्र में पहली बार सांसद के रूप 22 जुलाई 1969 को राज्यसभा पहुंचा।
इस दौरान उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल का जिक्र करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ सांसद लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी याद किया। राष्ट्रपति मुखर्जी ने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को भी याद किया। वहीं प्रणब मुखर्जी ने ये भी कहा कि देश की एकता संविधान का आधार है।
मोदी ने दी डिनर पार्टी
इससे पहले शनिवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में डिनर पार्टी रखी थी। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने प्रणब मुखर्जी को स्मृति चिन्ह भेंट किया। देश के 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। इस समारोह में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मोदी कैबिनेट के मंत्री और एनडीए के सहयोगी दलों के नेता शामिल हुए।
एकता बिष्ट को राज्य सरकार से बधाई के सिवाय कुछ नही मिला
उत्तराखंड मूल के महेंद्र सिंह धौनी हों या फिर उन्मुक्त चंद…दोनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकाम मिलने पर उत्तराखंड में भी पूरा सम्मान मिला है। मगर महिला विश्व कप में इतिहास रचने वाली भारतीय टीम में शामिल अल्मोड़ा की एकता बिष्ट अभी भी उपेक्षित ही हैं। न तो खेल विभाग और न ही राज्य सरकार ने उत्तराखंड की बेटी के लिए सम्मान की घोषणा की है और न ही पुरस्कार की। शनिवार को बीसीसीआई ने वर्ल्ड कप में खेल रही सभी महिला खिलाड़ियों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। इसमें एकता बिष्ट भी शामिल हैं। लेकिन उत्तराखंड सरकार ने एकता को सिर्फ बधाई के कुछ नहीं दिया।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी महिला वन-डे विश्व कप में पिछली बार की चौंपियन ऑस्ट्रेलिया को शिकस्त देकर फाइनल में दूसरी बार जगह बना ली है। विश्व कप में अल्मोड़ा की एकता बिष्ट ने भी अहम भूमिका निभाई है। लीग राउंड के 6 मैचों में एकता ने 9 विकेट चटकाकर टीम को सेमीफाइनल तक पहुंचने में योगदान दिया। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ 18 रन देकर 5 विकेट भी लिए। तब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और खेल मंत्री अरविंद पांडे ने एकता बिष्ट को बधाई तो दी, लेकिन उत्तराखंड की बेटी के लिए कोई घोषणा नहीं की। जबकि खेल विभाग ने क्रिकेट स्टेडियम का नाम उत्तराखंड के क्रिकेटर के नाम पर रखे जाने का प्रावधान बनाया हुआ है। वहीं नगद धनराशि भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाडिघ्यों को प्रदेश में दी जाती है। बावजूद इसके अभी तक कोई घोषणा नहीं हो सकी है।
एसोसिएशन नहीं, फिर भी पहुंची भारतीय टीम में
हुक्का क्लब में लड़कों के साथ क्रिकेट खेलकर शुरुआत करने वाली एकता बिष्ट ने क्रिकेट कोच लियाकत अली से खेल की शिक्षा ली। उत्तराखंड में एसोसिएशन न होने के बावजूद अपनी गेंदबाजी के दम पर उत्तर प्रदेश की टीम में जगह बनाई। साल 2011 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकता ने वन-डे टीम में जगह बनाई। इसके बाद से अब तक एकता 6 साल में 46 वनडे मैच खेल चुकी हैं और 71 विकेट उनके नाम हैं। टी-20 वर्ल्ड कप क्वालीफायर में हैट्रिक लेने वाली एकता भारत की पहली गेंदबाज भी हैं।
एकता को मिलना चाहिये सम्मान
उत्तराखंड में राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बनकर तैयार हुए हैं। एकता बिष्ट बीते 6 साल से भारतीय महिला टीम का अहम हिस्सा हैं और दो वनडे और दो टी-20 वर्ल्ड कप खेल चुकी हैं। महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए एकता के नाम पर दोनों क्रिकेट स्टेडियम में स्टैंड का नाम किया जा सकता है। यह एकता बिष्ट के लिए एक सम्मान भी होगा और युवाओं को प्रेरणा भी मिलेगी।भारतीय टीम का कप्तान बनने पर उत्तराखंड के क्रिकेट स्टेडियम में एक स्टैंड का नाम उन खिलाड़ी के नाम पर रखने का प्रस्ताव था। मगर ऐसा कोई क्रिकेटर अभी तक नहीं है। एकता बिष्ट ने उत्तराखंड का मान बढ़ाया है। राज्य में दो नए क्रिकेट स्टेडियम बने हैं, इसमें एकता के नाम पर पवेलियन का नाम हो सकता है, इस प्रस्ताव को खेल मंत्री के सामने रखेंगे।
कैग ने खोली भारतीय रेला सेवा की पोल!
नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने रेल मंत्रालय पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्टेशनों व ट्रेनों में परोसा जाने वाला खाना यात्रियों के खाने योग्य नहीं बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेलवे के खाने में कीलें निकली। पेंट्रीकार में चूहे एवं काकरोच पाए गए।
इससे अधिक गंभीर बात यह है कि रेलवे ही ठेकेदारों को घटिया, बासी, कम मात्रा और अधिक दरों पर खाना देने के लिए मजूबर करती है। यात्रियों को ब्रांडेड के बजाए दूसरी कंपनियों का बोलतबंद पानी दिया जाता है। इतना ही नहीं 22 ट्रेनों में पेय, काफी, चाय और शूप तैयार करने में सीधे नल से आ रहे अशुद्ध जल का उपयोग किया जा रहा है।
कैग ने शुक्रवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रेलवे की खानपान सेवाओं की कलई खोल दी है। कैग ने रेलवे अफसरों के साथ संयुक्त जांच में पाया कि खाना बनाने में साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। बेस किचन व पेंट्रीकार कॉकरोच-चूहे घूमते हैं। लखनऊ-आनंद विहार डबल डेकर (ट्रेन नंबर 12583) में एक यात्री के कटलेट में खाते समय कील निकली। इसी प्रकार एक अन्य ट्रेन कानपुर दिल्ली शताब्दी की शिकायत पुस्तक में भी खाने में कील निकलने की शिकायत दर्ज है। दुरंतो एक्सप्रेस ट्रेनों (ट्रेन नंबर 12260 व 12269) में कॉकरोच व चूहे देखे गए। इसी प्रकार जांच के दौरान वेलकम ड्रिंक को नल के पानी से बनाते हुए देखा गया।
कैग ने कहा कि खाने की रसीद यात्रियों को नहीं दी जाती है। ट्रेनों की कोच में मैन्यू नहीं लगया जाता है जिससे खाने की दरें व मात्रा पता चल सके। यात्रियों को घटिया खाना कम मात्रा में परोसा जाता है, और तय मूल्य से अधिक पैसा लिया जाता है। यह स्थिति यात्री ट्रेनों व रेलवे स्टेशनों दोनो जगह की बनी हुई है।
रेलवे खानपान की गुणवत्ता की जांच और नियंत्रण प्रभावी ढ़ग से लागू करने में विफल साबित हुआ है। रेलवे बोर्ड से लेकर जोनल रेलवे तक शिकायत प्रणाली व्यवस्था लागू की गई, लेकिन इनकी संख्या में कमी नहीं आ रही है। कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि खानपान नीति में बार बार परिर्वतन कर आईआरसीटीसी से लेने और फिर देने के फैसले से खानपान व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। 2010 से इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
कैग व रेलवे के संयुक्त जांच में पाया गया कि जोनल रेलवे ने मास्टर प्लान बनाकर सभी स्टेशनों व ट्रेनों में खानपान आपूर्ति की ठीक प्रकार से निगरानी नहीं की। लंबी दूरी की ट्रेनों में पेंट्रीकार नहीं थी। ट्रेनों में खाना आपूर्ति के लिए रेलवे मात्र तीन फीसदी बेस किचन का प्रयोग करती है, शेष बेस किचन कैटरिंग ठेकेदारों द्वारा रेल परिसर से बाहर बनाया जाता है। यहां रेलवे का निगरानी तंत्र नहीं है। इसलिए खाना बनाने की गुणवत्ता, बेस किचन की साफ सफाई, कम मात्रा में खाना पैक करना आदि अनियमितताएं होती है।
रेलवे ने बेस किचन, कैटरिंग यूनिट, विशिष्ठ बेस किचन जैसे फूड प्लाजा, फूड कोर्ट, फास्ट फूड यूनिट, ट्रेन साइड वेडिंग लगाने की दिशा में ठोस काम नहीं किया। कैग ने सिफारिश की है कि आईआरसीटीसी को खानपान सेवा को देने के नियम को सरल बनाया जाना चाहिए। पेंट्रीकार में गैस बर्नर के स्थान पर इलेक्ट्रिकल चूल्हा लगाना चाहिए।
अनुकृति को देखने के लिए कोटद्वार की सड़कों में उमड़ा सैलाब
मिस ग्रैंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता में इंडिया को रिप्रजेंट करने के लिए चुनी गई उत्तराखंड की ब्यूटी क्वीन अनुकृति गुसाईं का कोटद्वार पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान अनुकृति ने भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया और उनके साथ जमकर फोटो खिंचवाए।
अनुकृति के स्वागत के लिए कोटद्वारवासी सुबह से ही इंतजार में जुटे हुए थे। शुक्रवार दिन में कोटद्वार पहुंचते ही अनुकृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गये। नजीबाबाद रोड स्थित बलूनी पब्लिक स्कूल से शुरू हुआ अनुकृति का काफिला ऑडिटोरियम में आकर ही थमा। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित इस सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों में हुनर की कोई कमी नहीं है और उन्हें अगर सही प्लेटफार्म दिया जाये तो वे अपनी सफलता के झंडे पूरे विश्व में बुलंद कर सकते हैं।
मिस ग्रैंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए अनुकृति को शुभकामनायें देते हुए डा. रावत ने कहा कि सफल होने के लिए खूबसूरती के साथ-साथ उदार व्यक्तित्व भी होना चाहिये। इससे पूर्व गढ़वाल सभा, रोटरी क्लब, लायन्स क्लब की ओर से अनुकृति का पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया गया। इसके बाद बलूनी पब्लिक स्कूल, एवीएन स्कूल और एमकेवीएन स्कूल के बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुतियां देकर वहां उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। स्वागत समारोह के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रश्मि राणा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला, अभिलाषा भारद्वाज, धीरेन्द्र चौहान, शशि नैनवाल, भुवनेश खर्कवाल, मयंक प्रकाश कोठारी, नर्मदा गुंसाईं, उत्तम सिंह गुंसाईं, बुद्धि बल्लभ ध्यानी, जर्नादन बुड़ाकोटी, योगम्बर सिंह रावत, विकास देवरानी, विनीता भट्ट, शोभा बहुगुणा भंडारी, सुषमा जखमोला, सुरेन्द्र गुंसाईं, गीता बुड़ाकोटी, रजनीश शर्मा समेत कई लोग उपस्थित थे।
रामायण प्रचार समिति ने शोभायात्रा निकालीं
श्रीरामायण प्रचार समिति के 32वें वार्षिकोत्सव पर शहर में कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में बड़ी संख्या में शहरवासी शामिल हुए। कलशयात्रा त्रिवेणीघाट से शुरू होकर शहर के विभिन्न मार्गों से होकर तुलसीमाता मंदिर में संपन्न हुई। वाषिकोत्सव का शुभारंभ स्वामी ह्यग्रीवाचार्य महाराज, व्यवसायी इन्द्रप्रकाश अग्रवाल एवं अनुराग शर्मा ने दीप जलाकर किया। महाराज ने कहा कि रामायण जीवन में सादगी, संयमता के साथ आदर्श जीवन स्थापित कराती है। धनंजय शास्त्री ने ससंगीत सामूहिक रामचरित मानस का पाठ किया। 30 जुलाई तक चलने वाली कथा में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। इस अवसर पर पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, व्यापार सभा अध्यक्ष नवल कपूर, अनुराग जोशी, अभिषेक शर्मा, चित्रमणि देशवाल, राधामोहन प्रसाद, राजीव लोचन, राधामोहन दास, सभासद रीना शर्मा, रामचन्द्र, आदेश तोमर, राजेन्द्र प्रसाद, मदनमोहन शर्मा, आचार्य सतीश घिल्डियाल, दीपक बधानी, दर्शनी देवी, रजनी देवी, पूनम अरोड़ा, सीमा शर्मा, अंशुला देवी, सुमनी देवी, अमृता शर्मा आदि उपस्थित थे।
कांग्रेस छोड़ने का ऐलान करने के बाद आरएसएस से अपना रिश्ता बता गये कांग्रेस नेता
गुजरात के बड़े नेता शंकर सिंह वाघेला को कांग्रेस ने एक दिन पहले ही पार्टी से निष्काषित कर दिया है। इस बात की जानकारी खुद शंकर सिंह वाघेला ने दी है। इसी के साथ उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का भी ऐलान कर दिया। अपने 77वें जन्मदिन पर गांधीनगर में आयोजित बड़े कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने ये भी साफ कर दिया कि वो किसी भी पार्टी में नहीं जाएंगे।
जन्मदिन पर शंकर सिंह वाघेला का कांग्रेस छोड़ने का ऐलान वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने कांग्रेस छोड़ने का औपचारिक ऐलान करते हुए कहा कि मैं अपने आप कांग्रेस को अपने से मुक्त करता हूं। उन्होंने इसी के साथ ये भी साफ कर दिया कि मैं अभी किसी भी पार्टी में नहीं जा रहा हूं। मैं कोई पार्टी ज्वाइन नहीं करूंगा। उन्होंने बताया कि मैं कुछ दिन पहले सोनिया गांधी से मिला था। उस समय मैंने कहा था कि मैं बीजेपी ज्वाइन करके उनका विश्वास नहीं तोड़ूंगा।
इससे पहले शंकर सिंह वाघेला ने बताया कि गांधीनगर में मेरे कार्यक्रम की जानकारी जैसे ही कांग्रेस को हुई उन्हें लगा कि पता नहीं मैं क्या ऐलान करूंगा, इसी से परेशान होकर 24 घंटे पहले ही उन्होंने मुझे पार्टी से निष्काषित कर दिया। उन्होंने कांग्रेस के इस कदम का विरोध करते हुए इसे विनाश काले विपरीत बुद्धि करार दिया है।
77 साल के शंकर सिंह वाघेला ने गांधीनगर में अपने जन्मदिन पर खास कार्यक्रम के जरिए शक्ति प्रदर्शन किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नेता और समर्थक जुटे। गांधीनगर में आयोजित खास कार्यक्रम के दौरान शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि मैं अभी 77 नॉट आउट हूं और जनता हमारी संजीवनी है। बापू रिटायर नहीं होगा। ये मेरी जिंदगी का निर्णायक मौका है।
मेरा आरएसएस से पुराना नाता है
वाघेला शंकर सिंह वाघेला ने आरएसएस का जिक्र करते हुए कहा कि आरएसएस ने दूसरे की सेवा करना सिखाया। मेरा आरएसएस से पुराना नाता है। मेरे साथ आरएसएस के अच्छे लोग संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी के हित से ज्यादा प्रजा का हित हमारे लिए जरूरी है। आप हमारे लिए नहीं हम आपके लिए हैं।
वहीं, कांग्रेस ने शंकर सिंह वाघेला के निकाले जाने का किया खंडन शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि मैंने लाल बत्ती 20 साल पहले ही हटा दी थी। हम पावर को छोड़ने वाले हैं। हम सांसद और विधायक बनाने वाले हैं। भले ही शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 24 घंटे पहले निकाल दिया है, लेकिन कांग्रेस उनकी बात का खंडन किया है।
संघ के बड़े अधिकारियों के हुए बंपर तबादले!
पिछले कुछ दिनों से देशभर में राष्ट्रपति चुनाव की खबर हर मीडिया संस्थान में सुर्खियों में बना रहा, ऐसे में शायद ही किसी को इस बात की भनक लगी हो कि इस बीच आरएसएस में बड़े स्तर पर बदलाव हुआ है। जी हां जिस वक्त राष्ट्रपति के चुनाव हो रहे थे और उसके मतों की मतगणना हो रही थी आरएसएस देशभर में कई अधिकारियों के तबादले कर रहा था।
एक ही जगह आरएसएस की ओर से जो बड़ा तबादला किया गया है वह आरएसएस के बौद्धिक प्रचारक स्वांत रंजन हैं, जोकि पिछले 12 साल से पटना में तैनात थे, लेकिन अब उनका तबादला कर दिया गया है। उन्हें पटना से हटाकर जयपुर भेज दिया गया है। इसके साथ ही आरएसएस ने कई अन्य पदाधिकारियों का भी तबादला किया है।
बड़े स्तर पर किया गया बदलाव
सहकार भारती संगठन सचिव विजय देवांगन का अभ पूर्वोत्तर भारत का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा कई अन्य अधिकारियों को भी हटाया गया है जोकि भारत सहित विदेशों में स्थिति आरएसएस के हॉस्टल का जिम्मा देखते थे। सूत्रों की मानें तो रंजन उन शीर्ष लोगों में शामिल हैं जिन्हें जम्मू में गुरुवार को हुई आरएसएस की बैठक के आखिरी दिन हटाया गया है।
बड़े नेताओं का किया गया
तबादला सूत्रों की मानें तो नरेंद्र कुमार जोकि अखिल भारतीय सहप्रचारक प्रमुख हैं, उन्हें रंजन की जगह लेने के लिए तैनात किया गया है। अब वह पटना में स्वांत रंजन की जगह लेंगे। नरेंद्र कुमार अभी तक दिल्ली में अहम भूमिका निभा रहे थे। यह तमाम अहम फैसले तीन दिन तक चले जम्मू कश्मीर में संगठन की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए हैं। यह आरएसएस की सालाना बैठक थी, जिसमें आला अधिकारियों का तबादला किया गया है।
200 प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
आरएसएस की इस वार्षिक बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कई बड़े नेता शामिल हुए थे। यह बैठक 18 जुलाई को प्रारंभ हुई थी। इस बैठक में तकरीबन 200 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। आपको बता दें कि इसी वर्ष मार्च में जो रिपोर्ट सामने आई थी उसके अनुसार आरएसएस देशभर में 57,233 शाखाएं लगाती है।