सीएम क्यों आए भाजपा नेता के निशाने पर

जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने ढैंचा बीज घोटाले को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने उत्तराखंड के अधिकारियों के द्वारा मुख्यमंत्री को क्लीनचिट देने पर सवाल उठाये है। नेगी ने सवाल किया कि जब हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन है तो इस प्रकार कैसे क्लीनचिट दी जा सकती है। बताया कि त्रिपाठी जांच आयोग के अनुसार, ढैंचा बीज घोटाले में तत्कालीन मंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ तीन बिंदुओं पर कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
आपको बता दें कि त्रिपाठी जांच आयोग की सिफारिशों के आधार पर भाजपा सरकार ने एक और कमेटी बनाई। कमेटी ने शासन के बड़े अधिकारियों को क्लीनचिट देते हुए छोटे कर्मचारियों पर कर्मचारियों पर कार्रवाई की संस्तुति की है। रघुनाथ सिंह नेगी के अनुसार, त्रिपाठी जांच आयोग ने तीन बिंदुओं पर तत्कालीन मंत्री त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की। जिसमें पहला बिंदु, इस बीज घोटाले में शामिल कृषि अधिकारियों का निलंबन और फिर उस आदेश को मनमाने तरीके से पलट देना। दूसरा बिंदु, कृषि सचिव की भूमिका की जांच विजिलेंस से कराए जाने को लेकर स्वीकृति न देना। तीसरा बिंदु, बीज मांग को लेकर अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए अनुमोदन करना।
इन तीनों बिंदुओं को आयोग ने कार्य नियमावली 1975 का उल्लंघन माना है और आयोग ने तत्कालीन मंत्री रावत के खिलाफ सिफारिश की। रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि ढैंचा बीज मिलीभगत कर टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से 3839 रुपये कुंतल की दर से खरीदा गया, जबकि वही बीज कृषि उत्पादन मंडी समिति, हरिद्वार और खुले बाजार में उस वक्त 1538रुपये कुंतल की दर पर उपलब्ध था।
आरोप है कि ढैंचा बीज निधि सीड्स कारपोरेशन, नैनीताल से खरीदा गया, जबकि सरकारी एजेंसियों के पास पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध था। बीज खरीद की रवानगी निधि सीड्स द्वारा ट्रकों से दर्शायी गई, जबकि अधिकांश ट्रकों की एंट्री व्यापार कर चौकियों में दर्ज ही नही है। अब इस आरोप के बाद राज्य की सियासत में राजनीति तेज हो जायेगी। भाजपा सरकार में सीधे मुख्यमंत्री पर हमला होने से अब संगठन स्तर पर भी सुगबुआहट तेज होने की उम्मीद जताई जा रही है। गौरतलब है कि नेगी पूर्व की भाजपा निशंक सरकार में जीएमवीएन के उपाध्यक्ष रह चुके है। भाजपा कोटे से राज्य मंत्री रह चुके नेगी के सीएम पर हमला बोलने से भाजपा के अंदर पक रही खिचड़ी बाहर आने की चर्चा की जा रही है।

बारिश ने रोकी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति

केदारनाथ हाईवे पर लगातार हो रहे भूस्खलन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाईवे पर जगह-जगह हो रहे भूस्खलन से केदारनाथ यात्रा बुरी तरह प्रभावित हो रही है। हाईवे पर आवाजाही बाधित होने से देश-विदेश से बाबा के दर्शनों के लिये यहां पहुंच रहे तीर्थ यात्री समय पर केदारनाथ धाम नहीं पहुंच पा रहे हैं। साथ ही केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ावों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। जिसका खामियाजा यात्रियों के साथ ही केदारघाटी की जनता को भुगतना पड़ रहा है।
पहाड़ों में आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार हो रही बारिश से जहां आम जन जीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है। वहीं जगह-जगह भूस्खलन होने से जिदंगी पटरी से उतर रही है। केदारनाथ धाम की यात्रा में भी भूस्खलन बाधक बन रहा है। केदारनाथ हाईवे पिछले एक सप्ताह से भूस्खलन के कारण जगह-जगह बंद हो रहा है। केदारनाथ हाईवे बांसबाड़ा और डोलिया देवी में नासूर बन गया है। डोलिया देवी में आये दिन भूस्खलन होने से घंटों तक आवाजाही प्रभावित हो रही है। जिस कारण यात्रियों को कई घंटों तक यहां पर रूकना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि देश-विदेश से बाबा केदार के दर्शनों के लिये पहुंच रहे यात्रियों को बारिश में भीगकर हाईवे खुलने का इंतजार करना पड़ रहा है। केदारनाथ हाईवे के बंद होने से यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग, सीतापुर, गौरीकुंड, फाटा आदि स्थानों में समय पर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है। केदारघाटी की जनता और केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्री केदारनाथ हाईवे पर जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं।

काश्तकारों को बड़ी राहत, जौनपुर विकासखण्ड में खुलेगा कोल्ड स्टोर

टिहरी जिले के जौनपुर विकासखण्ड के सकलाना क्षेत्र में काश्तकारों की नकदी फसल को बचाने के लिए एक कोल्ड स्टोर खोला जायेगा। यह निर्देश सचिव उद्यान डी सैंथिल पांडियन ने दिए है। सकलाना पट्टी के राजीव गांधी संसाधन परिषद मंज गांव में एकीकृत आजीविका मिषन की और से आयोजित कार्यषाला में उद्यान सचिव ने कहा कि योजना का मुख्य उद्देष्य काष्तकारों को आत्मनिर्भर बनाना है। कहाकि कृषि और उद्यान की उत्तराखण्ड में अपार संभावना है। बताया कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में सात बडे और चालीस छोटे बीज संग्रह केन्द्र और 170 रैन वॅाटर हार्वेस्टिग टैंकों का निर्माण किया जाएगा। किसानों को फसल बीमा की जानकारी देते हुए समूह के माध्यम से फल, सब्जी, जड़ी-बूटी उत्पादन को प्रोत्साहन देने और मिलने की बात कही। सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए सचिव उद्यान ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेष में नर्सरी लागू की जा रही है।

पांच सौ का नोट दो और लाखों कमाओ

नोटबंदी के दौरान मार्केट से बाहर किए गए 500 रुपए के कई पुराने नोट एक लाख रुपए से भी ज्‍यादा कीमत में बिक रहे हैं। इन नोटों को ईबे.कॉम पर ऑनलाइन ऑक्‍शन में डाला गया है। ये नोट अपने खास लकी नंबर के चलते इतनी ऊंची कीमत पर बिक रहे हैं। सबसे ज्‍यादा कीमत 786 नंबर वाले नोटों की है। इस नंबर के 500 रुपए के एक नोट की कीमत तो 1 करोड़ रुपये लगाई गई। एक ओर तो सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोटों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। सरकार ने इसके लिए एक नया कानून भी बनाया है। जिसके तहत आप पुराने 10 के नोट अपने पास रख सकते हैं। ज्‍यादातर लोगों ने ये 500 और 1000 के नोट बैंक में जमा भी कर दिए थे। अगर गलती से आप के पास कोई नोट बच गया है तो आप के पास लखपती बनने का सुनहरा मौका है।
शर्त ये है कि आपका यह नोट कुछ खास होना चाहिए। ऑनलाइन साइटों पर आप नजर डालें तो 500 रुपए के कई पुराने नोट बिकने के लिए डिस्‍प्‍ले किये गये हैं। ये नोट अपने खास नंबर जैसे 1234 या 420 या 786 के चलते ऊंची कीमत में बिक रहे हैं। 786 नंबर वाले 500 रुपये के नोटो की कीमत 1 करोड़ रुपये तक लगाई गई है। कुछ नोट 1 लाख रुपए के आसपास हैं। मार्केट में आए 500 रुपए के नए नोट भी सेल के लिए रखे गए हैं। आरबीआई की ओर से पहले से जारी किए गए नोट भी सेल पर रखे गए हैं। इसमें अशोक स्‍तंभ से जुड़ नोटों के अलावा 1 रुपए और 2 रुपए के वो नोट भी शामिल हैं जो अब बिकने बंद हो गए हैं।

कैसे कमाते है लालू पैसा, जल्द करुंगा खुलासा

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही बालू माफियाओं का आरजेडी से संबंधों को सबूतों के साथ उजागर करेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव के परिवार की संपत्तियों की भी जांच करा रहे हैं। मोदी ने कहा, ‘बालू माफिया राजनीतिक दलों को फंडिंग करते हैं। बालू माफिया आरेजडी की फंडिंग का मुख्य स्रोत हैं। मैं लालू प्रसाद के परिवारवालों की बालू माफियाओं से संबंधों के बारे में जल्द ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा करूंगा।’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। हालांकि सुशील मोदी ने मिट्टी खरीद घोटाले के बारे पूछे गए सवाल पर कहा कि यह बहुत छोटा मामला है। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि इस बारे में क्या कार्रवाई की गई है। इस केस में कितनी प्रगति हुई है और इस मसले पर और क्या कार्रवाई करने की जरूरत है। यह (मिट्टी खरीद घोटाला) बहुत छोटा मसला है।’

कांग्रेस अपने चुने हुए विधायकों के फोन छीन रही

बॉलीवुड अभिनेता से राजनेता बने परेश रावल ने गुजरात में कांग्रेस विधायकों की खरीद फरोख्त पर कहा है कि कांग्रेस को समझना चाहिए कि हम उसी चीज़ को खरीद सकते हैं जो बिकाऊ होती है। आपको बता दें कि गुजरात में कांग्रेस के विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें खरीदने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने दावा किया था कि भाजपा ने आठ अगस्त को राज्यसभा की तीन सीटों के लिए गुजरात में होने वाले चुनाव के दौरान क्रॉस-वोटिंग के लिए उसके 22 विधायकों को 15 करोड़ रूपए की पेशकश कर खरीदने की कोशिश की। इसके बाद कांगेरेस के 44 विधायकों को गुजरात से निकालकर बेंगलुरू के एक रिजॉर्ट में पहुंचा दिया गया। बताया जा रहा है कि सबी विधायकों से उनके सेलफोन को जमा भी करवा लिया गया है। अहमदाबाद से बीजेपी सांसद परेश रावल ने कांग्रेस की इसी कार्रवाई पर चुटकी लेते हुए कहा- जिस दौर में मां-बाप के लिए अपने बच्चों को भी उनके मोबाइल से दूर करना मुश्किल है उस दौर में कांग्रेस अपने चुने हुए विधायकों के फोन छीन रही है। परेश रावल ने इस ट्वीट के बाद एक और ट्वीट किया। इस ट्वीट में परेश रावल ने लिखा कि कांग्रेस को ये बात समझनी चाहिए कि इस दुनिया में उसी को खरीदा जाता है जो बिकाऊ होता है। 8 अगस्त को गुजरात में राज्यसभा का चुनाव इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मेहनत कर रहे हैं।

राज्य में स्टार्टअप के लिए बेहतर वातावरणः त्रिवेन्द्र

देहरादून
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को नागपुर में राज्य में निवेश के सम्बन्ध में विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ बैठक की। उन्होंने विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोसिएशन के सदस्यों, पदाधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगों की स्थापना तथा व्यवसाय के लिए सुगम वातावरण बनाने हेतु भारत सरकार की ’’ईज ऑफ डूईंग बिजनेस‘‘ के तहत सम्बन्धित विभागों विभिन्न स्तरों पर कठिनाईयों को चिन्हित कर दूर करने का प्रयास कर रही है। भारत सरकार की 2016 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान एवं देश में प्रथम 10 राज्यों में शामिल है। राज्य ने सुधार क्षेत्रों में 10 में से 07 क्षेत्रों में शत प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ’’उत्तराखण्ड एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन व्यवस्था‘‘ लागू है। सिंगल विंडो सिस्टम के तहत प्राप्त आवेदनों के निस्तारण एवं निगरानी के लिए राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय प्राधिकृत समिति एवं जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला प्राधिकृत समिति का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि एकल खिड़की व्यवस्था के अन्तर्गत राज्य एवं जिला प्राधिकृत समिति सभी निर्णयों हेतु पूर्णतः सक्षम होंगी। 10 करोड़ रूपये तक की परियोजनाओं के प्रस्तावों पर जिला स्तर पर ही सभी स्वीकृतियां सुनिश्चित कराई जायेंगी। उद्यमियों की सुविधाओं हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना की गई है।
राज्य में स्टार्टअप के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराने के लिए ’’उत्तराखण्ड राज्य के स्टार्ट-अप नीति-2017‘‘ बनाई गई है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में पूंजी निवेश तथा रोजगार बढ़ाने के लिए एमएसएमई नीति स्वीकृत की गई है। बड़े उद्यमों हेतु अलग से ’’मेगा इण्डस्ट्रियल एण्ड इन्वेस्टमेंट पॉलिसी‘‘ तथा ’’मेगा टैक्सटाइल पार्क पॉलिसी‘‘ लागू की गई है। इसके अलावा एक्सकार्ट फार्म, काशीपुर में नालिज हब /प्रदूषण रहित उद्योग की स्थापना तथा भारत सरकार के सहयोग से सितारगंज में 40 एकड़ भूमि पार्क की स्थापना का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने एसोसिएशन के सदस्यों को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार की अपनी नीतियों के साथ-साथ निवेशकों के लिए संस्थागत सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार संस्कृति ग्राम विकसित करने के लिए योजना बना रही है जिससे पर्यटकों को राज्य की विशेषताओं, संस्कृति, रहन-सहन एवं पारम्परिक पोषाकों तथा शिल्प की झलक एक स्थान पर मिल सके।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के कई क्षेत्रों में कलस्टर विकास की प्रबल सम्भावनाएं है। कृषि आधारित उद्योग, ईको-टूरिज्म, साहसिक खेलों, बागवानी, आरोग्य केन्द्र, औषधीय तथा सुगंधित पौंध आधारित उद्योग, फूलों की खेती, जैविक उत्पादों की खेती आदि की स्थापना से बडे पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते है। विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोशियेशन द्वारा एग्रो, पर्यटन, प्लास्टिक तथा पैकेजिंग उद्योगों की स्थापना हेतु निवेश की इच्छा व्यक्त की। सीएम ने आश्वासन दिया कि सरकार उद्यमियों को हर संभव सहायता उपलब्ध करायेगी।
इस अवसर पर विदर्भ इण्डस्ट्रियल एसोशियेशन के अध्यक्ष अतुल पाण्डे तथा उपाध्यक्ष सुरेश राठी, मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार डॉ0 केएस पंवार, अपर निदेशक उद्योग एससी नौटियाल, विशेष कार्याधिकारी मुख्यमंत्री अभय रावत, अर्नस्ट एण्ड यंग के कन्सल्टेंट कनन विजय उपस्थित थे।

गुजरात पोत से नशे की सबसे बड़ी खेप पकड़ी

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने गुजरात तट के निकट एक व्यापारिक पोत से करीब 3,500 करोड़ रुपये की कीमत की 1,500 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है जो नशीले पदार्थों की अब तक मिली सबसे बड़ी खेपों में से एक है। रक्षा प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी। एक रक्षा प्रवक्ता ने आज बताया कि आईसीजी, खुफिया ब्यूरो, पुलिस, सीमा शुल्क, नौसेना तथा अन्य एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी अभिषेक मतिमान ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ भारतीय तटरक्षक बल के पोत ‘समुद्र पावक’ ने गुजरात के तट के निकट एक व्यापारिक पोत का पीछा किया और उसको पकड़ा जिस पर से करीब 3,500 करोड़ रुपये की कीमत की तकरीबन 1,500 किलोग्राम हेराइन मिली।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘खुफिया सूचना के आधार पर कल करीब 12 बजे पोत को पकड़ा गया। यह नशीले पदार्थ की अब तक की सबसे बड़ी खेप है।’’ उन्होंने बताया कि जब्ती के बारे में और जानकारियों का इंतजार है क्योंकि पोत अभी समुद्र में है। पोरबंदर विशेष अभियान समूह के एक अधिकारी ने बताया कि आईसीजी ने नशीले पदार्थ की खेप के संबंध में आज शाम करीब चार बजे एक बैठक बुलाई है।

उत्तर कोरिया को अमेरिका का जवाब, बम बरसाने वाले उड़ाए विमान

अमेरिका के अधिकारियों ने आज कहा कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के जवाब में शक्ति प्रदर्शन के लिए अमेरिकी बमवर्षकों ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ान भरी। दक्षिण कोरियाई और जापानी वायु सेनाओं के लड़ाकू विमानों के साथ यूएस बी-1बी बमवर्षकों ने 10 घंटे के द्विपक्षीय मिशन में हिस्सा लेते हुए अभ्यास किया। यह अभ्यास प्योंगयांग द्वारा गत शुक्रवार किए गए दूसरे आईसीबीएम परीक्षण के बाद किया गया। इस परीक्षण के बाद किम जोंग-उन ने कहा कि यह कदम दिखाता है कि देश अमेरिका में किसी भी लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता रखता है।
पैसिफिक एयर फोर्सेज कमांडर जनरल टैरेंस ओ शॉनेसी ने अपने एक बयान में कहा,‘‘उत्तर कोरिया अब भी क्षेत्रीय स्थिरता पर सबसे सन्निकट खतरा बना हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि जरूरत पड़ी तो हम त्वरित, घातक अ‍ैर भारी बल से अपनी पसंद के समय और स्थान पर जवाब देने के लिए तैयार हैं।’’ अपनी प्रतिक्रिया में बीजिंग ने सभी पक्षों से संयम बरतने के लिए कहा है। अमेरिका से पहले हाल ही में उत्तर कोरिया ने अपने दूसरे मिसाइल का टेस्ट किया था जिसपर नेता किम जोंग ने कहा था कि पूरा अमेरिका हमारे निशाने पर है। किम जोंग उन ने शनिवार को कहा कि अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का दूसरा परीक्षण यह दिखाता है कि उनका देश अमेरिका के मुख्य भूभागों तक हमला कर सकता है।
परीक्षण के घंटों बाद विश्लेषकों ने कहा कि लॉस एंजिलिस और शिकागो समेत अमेरिका के ज्यादातर इलाके अब उत्तर कोरियाई हथियारों की जद में हैं। कोरियाई सेन्ट्रल न्यूज एजेंसी ने कहा कि ह्वासोंग-14 मिसाइल -14 मिसाइल के 3,725 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचने और जापान के समुद्र में गिरने से पहले 998 किलोमीटर की दूरी तक जाने के बाद किम ने बड़ी संतुष्टि जताई। एजेंसी ने कहा कि यह परीक्षण इस बात की पुष्टि करने के लिए किया गया कि मिसाइल अधिकतम दूरी तक जाए और साथ ही मिसाइल के अन्य तकनीकी आयामों की जांच करने के लिए परीक्षण किया गया। एजेंसी ने कहा कि यह मिसाइल ‘‘बड़े आकार वाले, भारी परमाणु आयुध’’ ले जाने में सक्षम है। विश्लेषकों ने अनुमान जताया कि उत्तर कोरिया की पहली आईसीबीएम अलास्का तक पहुंच सकती है तथा यह नई मिसाइल और अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम है।

देश की सबसे लंबी सुरंग कहलायेगी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाईन

ऋषिकेश एशिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्क भारतीय रेलवे के खाते में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के साथ ही एक उपलब्धि और जुड़ जाएगी। प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर देश में अब तक की सबसे लंबी सुरंग बनने जा रही है। जिसकी लंबाई 15 किलोमीटर होगी। अभी तक भारतीय रेलवे जम्मू-कश्मीर में ही सबसे लंबी रेल सुरंग बना पाया है, जो सवा ग्यारह किलोमीटर लंबी है।
भारतीय रेलवे की बहुप्रतीक्षित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना अपने आप में कई मायनों में अनूठी है। 125 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन पर कुल 16 सुरंगें और 16 पुल बनने हैं। बड़ी बात यह कि इस रेल लाइन पर देश में अब तक की सबसे लंबी सुरंग बनने जा रही है। जिसकी लंबाई 15.100 किलोमीटर होगी। देश में अब तक सबसे लंबी रेल सुरंग उत्तर रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2013 में तैयार की थी। जबकि, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की बात करें तो यहां प्रस्तावित 16 सुरंगों में से पांच सुरंग नौ किलोमीटर से भी लंबी हैं। इसके अलावा छह सुरंगें छह से नौ किलोमीटर तक लंबाई की हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर इसी वर्ष नंवबर-दिसंबर में काम शुरू होने की उम्मीद है।

छह किमी से लंबी सुरंग में बनेगी निकासी सुरंग
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की एक और खासियत यह है कि इस पर रेल सिर्फ 20 किलोमीटर का सफर ही खुले आसमान के नीचे तय करेगी। बाकी रेल लाइन का 105 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों से होकर गुजरेगा। इस रेल लाइन पर छह किलोमीटर व इससे अधिक लंबाई की प्रत्येक सुरंग पर एक निकासी सुरंग भी बनाई जाएगी। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच प्रस्तावित 18 सुरंगों में से 11 सुरंगों की लंबाई छह किलोमीटर से अधिक है। इन सभी के साथ निकासी सुरंगें बनाई जानी हैं, जो आपात स्थिति में काम आएंगी।

रेल यात्रियों को महसूस नहीं होगी घुटन
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर जब यात्री 105 किलोमीटर का सफर 18 सुरंगों से तय करेंगे तो यहां उन्हें किसी भी तरह की घुटन महसूस नहीं होगी। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओमप्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि इन सुरंगों में वेंटीलेशन की पर्याप्त व्यवस्था होगी। वेंटीलेशन सिस्टम पूरी तरह से आधुनिक व तकनीकी से लैस होगा। प्रत्येक सुरंग का डायमीटर आठ से दस फीट का होगा।

देश की सबसे लंबी पांच रेल सुरंग
टनल का नाम-जगह-लंबाई
पिर पंजल-जम्मू कश्मीर-11.215 किमी
करबड़े-महाराष्ट्र-6.506 किमी
नाथूवाड़ी-महाराष्ट्र-4.389 किमी
टाइक-महाराष्ट्र-4.077 किमी
बर्डेवाड़ी-महाराष्ट्र-4.000 किमी

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर प्रस्तावित सुरंग
ढालवाला से शिवपुरी-10.850 किमी
शिवपुरी से गूलर-6.470 किमी
गूलर से व्यासी-6.720 किमी
व्यासी से कौड़ियाला-2.200 किमी
कौड़ियाला से बागेश्वर-9.760 किमी
राजचौरा से पौड़ी नाला-220 मीटर
पौड़ी नाला से सौड़ (देवप्रयाग)-1.230 किमी
सौड़ से जनासू-15.100 किमी
लछमोली से मलेथा-2.800 किमी
मलेथा से नैथाणा (श्रीनगर)-4.120 किमी
श्रीनगर से परासू (धारी)-9.000 किमी
परासू से नरकोट-7.080 किमी
नरकोट से तिलनी-9.420 किमी
तिलनी से घोलतीर-6.460 किमी
घोलतीर से गोचर-7.160 किमी
रानो से सिवई-6.400 किमी

सुरंगों के लिए हो चुका भूगर्भीय सर्वेक्षण
रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन पर 18 सुरंगों के लिए भूगर्भीय सर्वेक्षण हो चुका है। सुरंग निर्माण के लिए टीबीएम (टनल बोङ्क्षरग मशीन) व एनएटीएम (न्यू आस्ट्रीयन टनलिंग मैथड) से काम किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में अब तक की सबसे बड़ी रेल सुरंग का निर्माण करने वाले इंजीनियर व विशेषज्ञों की भी मदद ली जा रही है।