तो मोदी के समर्थन में हैं कांग्रेस के दिग्गज नेता, पार्टी फैसलों से जता रहे नाराजगी

पिछले कुछ समय से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के द्वारा लगातार अपनी ही पार्टी के फैसलों से किनारा किया जा रहा है या तो फैसलों पर सवाल खड़े किए जा रहे है। अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश का भी नाम इस लिस्ट में जुड़ गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी और जयराम रमेश ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है और ऐसा करके विपक्ष एक तरह से उनकी मदद करता है।
सिंघवी ने जयराम रमेश के एक बयान का हवाला देते हुए ट्वीट किया, मैंने हमेशा कहा है कि मोदी को खलनायक की तरह पेश करना गलत है। सिर्फ इसलिए नहीं कि वह देश के प्रधानमंत्री हैं, बल्कि ऐसा करके एक तरह से विपक्ष उनकी मदद करता है। उन्होंने कहा, काम हमेशा अच्छा, बुरा या मामूली होता है। काम का मूल्यांकन व्यक्ति नहीं बल्कि मुद्दों के आधार पर होना चाहिए। जैसे उज्ज्वला योजना कुछ अच्छे कामों में एक है। आपको बता दें कि इससे पहले जयराम रमेश ने राजनीतिक विश्लेषक कपिल सतीश कोमीरेड्डी की किताब मेलिवॉलेंट रिपब्लिकः ए शॉर्ट हिस्ट्री ऑफ द न्यू इंडिया का विमोचन करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन का मॉडल पूरी तरह नकारात्मक गाथा नहीं है और उनके काम के महत्व को स्वीकार नहीं करना तथा हर समय उन्हें खलनायक की तरह पेश करके कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा था कि यह वक्त है कि हम मोदी के काम और 2014 से 2019 के बीच उन्होंने जो किया उसके महत्व को समझे, जिसके कारण वह सत्ता में दोबारा लौटे। इसी के कारण 30 प्रतिशत मतदाताओं ने उनकी सत्ता वापसी करवाई।

छात्रों को अब प्रवेश में नही आयेगी दिक्कत, सरकार ने बढ़ाई सीटें

सरकारी महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर अकसर मारामारी रहती है। इससे परेशान छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड सरकार ने बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश के 17 राजकीय महाविद्यालयों में 10 फीसद सीटें बढ़ाने को सरकार ने हरी झंडी दे दी। इस संबंध में उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन ने गुरुवार को आदेश जारी कर दिए है।
सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10 फीसद आरक्षण देने के चलते राज्य के सभी 105 महाविद्यालयों में 10 फीसद सीटें नहीं बढ़ाई हैं। बीते 19 अगस्त को विधानसभा में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई विभागीय बैठक में उन महाविद्यालयों को चिह्नित किया गया, जहां प्रवेश को लेकर अधिक दबाव था। कॉलेजों में आवश्यकता को देखते हुए ही 10 फीसद कमजोर वर्गों के लिए आरक्षित सीटों को बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। यह भी बताया गया कि हर कॉलेज में दाखिले को लेकर मारामारी की स्थिति नहीं है। साथ ही कुलपति और शिक्षा निदेशक की सहमति के बाद अतिरिक्त सीट की वृद्धि की छूट देने का निर्णय भी लिया गया। इससे पहले प्रभारी उच्च शिक्षा निदेशक ने बीती 17 अगस्त को इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा था।
अब शासनादेश जारी कर 17 कॉलेजों में गोपेश्वर, लोहाघाट, टनकपुर, पाटी, चंपावत, गंगोलीहाट, पिथौरागढ़, गरुड़, बागेश्वर, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, खटीमा, बाजपुर, रामनगर, मंगलौर, ऋषिकेश में 10 फीसद सीटें बढ़ाई गई हैं। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्द्धन का कहना है कि उक्त कॉलेज 10 फीसद से अधिक सीट वृद्धि चाहते हैं तो उच्च शिक्षा निदेशक और संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति से सामंजस्य स्थापित कर और उनकी सहमति से अधिकतम 20 फीसद सीमा तक सीटों में इजाफा कर सकेंगे।

उत्तराखंड में कौशल विकास से मिलेंगे रोजगार के अवसर
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थान व विश्वविद्यालयों में कौशल विकास (स्किल्ड डेवलपमेंट) केंद्र खोलने के प्रति सरकार गंभीर है, ताकि हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें। केंद्र सरकार ने कौशल विकास के लिए अलग मंत्रालय खोला है, जिसका उत्तराखंड अधिक से अधिक लाभ अर्जित करेगा। यह बात उन्होंने उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) में कौशल विकास पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ अवसर पर कही।
यूटीयू में टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम (टीईक्यूआइपी-3) के अंतर्गत देश के युवाओं के कौशल को रणनीति एवं अभ्यास से बदलना विषय पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश और देश ही नहीं वैश्विक स्तर पर कौशल विकास कितना महत्वपूर्ण है। इसे देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2014 में केंद्र में कौशल विकास मंत्रालय का गठन किया। इसका लाभ देशभर के राज्यों के लाखों युवाओं को मिल रहा है। कौशल विकास विवि, डिग्री कॉलेज, पॉलीटेक्निक, आइटीआइ, जिला व ब्लॉक स्तर पर गठित कौशल विकास केंद्र पर संचालित किया जा रहा है। जिसमें दर्जनों तकनीकी विषयों में युवाओं को पुस्तक अध्ययन के अलावा ट्रेनिंग भी दी जा रही है। इसके बाद हजारों युवा सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

वन कर्मियों की कमी केंद्र और राज्य सरकार को देना है जवाब

उत्तराखंड में वनों को बचाने के लिए वन विभाग के पास जरुरी उपकरणों की कमी है। साथ ही एक तिहाई फील्ड कर्मचारियों कमी है। वन विभाग की मुताबिक, राज्य के वन 95 हजार करोड़ की पर्यावरणीय सेवा प्रदान कर रहे हैं। यहां गंगा-यमुना का कैचमेंट भी है, लेकिन वनों का प्रबंधन व सुरक्षा की बेहद खराब हालत है। फील्ड स्टाफ की कमी की वजह से एक फॉरेस्ट गार्ड सैकड़ों वर्ग किमी वनों की सुरक्षा में तैनात हैं। इस वजह से कर्मचारी श्रम कानूनों के अनुसार नियमित आठ घंटे के अतिरिक्त 24 घंटे ड्यूटी देने को मजबूर हैं। हाईकोर्ट ने वन विभाग की इन तमाम दुश्वारियों के मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र और उत्तराखंड सरकार को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सचिव रहे संदीप तिवारी ने एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वन विभाग के पास वनों को बचाने के लिए जरूरी उपकरण जैसे आग बुझाने के उपकरण, बंदूक, कर्मचारियों की फायर वर्दी, सेटेलाइट मोबाइल आदि का अभाव है। उत्तराखंड में हर साल आगजनी की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। वन कर्मचारियों के पास अत्याधुनिक संचार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। वहीं, जंगली जानवरों का अवैध शिकार किया जा रहा है। अवैध तरीके से वन एवं खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है। वन कर्मचारी पैदल गश्त करते हैं। वन चैकियों या चेक पोस्ट में धर्मकांटा और सीसीटीवी का भी अभाव हैं। उच्च हिमालयी क्षेत्र या बुग्यालों में गश्त के लिए जरूरी उपकरण भी वन कर्मचारियों के पास नहीं हैं। आरोप लगाया कि दुर्लभ वन्यजीवों के अंगों की तस्करी हो रही है। उन्होंने याचिका में पुलिस आधुनिकीकरण की तर्ज पर वन विभाग को बजट मुहैया कराने, रिक्त पदों पर नियुक्तियां करने, उपकरण उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को निर्देशित करने की गुहार लगाई गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद केंद्र और राज्य सरकार से चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

खतरनाक एडवेंचर रेस में राज्य का प्रतिनिधित्व करेगी ताशी और नुग्शी

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में दुनिया की मुश्किल एवं खतरनाक एडवेंचर रेस इको चैलेंज में प्रतिभाग के लिए जा रही उत्तराखंड की पर्वतारोही ताशी एवं नुग्शी को उनकी टीम के साथ रवाना किया। मुख्यमंत्री ने इस प्रतियोगिता के लिए दोनों बहनों को शुभकामनाएं दी। फिजी में 9 सितंबर से 21 सितंबर 2019 तक इको चैलेंज 2019 के नाम से आयोजित होने वाली इस एडवेंचर रेस में 30 देशों की 67 टीमें भाग ले रही हैं। 675 किमी की इस एडवेंचर रेस में 12 एडवेंचर से संबंधित एक्टिविटी होंगी। ये सभी एक्टिविटी फिजी के घने जंगलों, पहाड़ों, नदियों एवं समुद्र के जरिए होंगी। इस रेस की मेजबानी प्रसिद्ध एडवेंचर्स बेयर ग्रिल्स कर रहे हैं। उत्तराखंड से ताशी के नेतृत्व में 4 सदस्यों की टीम इस प्रतियोगता में भाग ले रहे हैं। इस टीम के मैनेजर रिटायर्ड कर्नल वी. एस.मलिक हैं। इस मौके पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत और विधायक गणेश जोशी भी उपस्थित रहे।

आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत सामाग्री देकर लौटते समय क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर

आपदा प्रभावित क्षेत्र से राहत सामाग्री देकर लौट रहा एक हेलीकॉप्टर आराकोट न्याय पंचायत क्षेत्र के मोल्डी गांव में क्रैश हो गया। हादसे में पायलट, को-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बाद समूचे आपदा प्रभावित इलाकों में फिलहाल हेली रेस्क्यू पर रोक दिया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतक आश्रितों को 15-15 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। बता दें कि हादसे में मारे गए पायलट ने छह साल पहले केदारनाथ आपदा के दौरान भी रेस्क्यू में सक्रिय भूमिका निभाई थी।

उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से करीब 225 किलोमीटर दूर आराकोट इलाके में बीती रविवार तड़के बादल फटने से भारी तबाही मची थी। यहां 35 गांवों में मोटर और पैदल मार्गों के साथ ही पुल-पुलिया बह गई हैं। इसकी वजह से रेस्क्यू में दिक्कतें आ रही हैं। प्रभावित गांवों में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सोमवार से हेली रेस्क्यू चलाया जा रहा है। बुधवार दोपहर करीब पौने बारह बजे आराकोट से छह किलोमीटर दूर मोल्डी गांव में राशन व राहत सामग्री पहुंचाने के लिए हैरिटेज कंपनी के हेलीकॉप्टर ने मोरी स्थित हेलीपैड से उड़ान भारी। 12 बजे हेलीकॉप्टर मोल्डी गांव में पहुंचा। वहां राशन व राहत सामग्री को छोड़कर वापस लौट रहा था, तभी हेलीकॉप्टर गांव के पास ही बागीचों से सेब की पेटियों को सड़क तक पहुंचाने के लिए लगाई गई ट्रॉली की तारों से उलझकर क्रैश हो गया। देखते ही देखते हेलीकॉप्टर में आग लग गई और वह बरसाती नाले से सटे जंगल में जा गिरा।

हेलीकॉप्टर में पायलट सहित तीन लोग सवार थे, तीनों की मौके पर ही मौत हुई। इनमें पायलट, को-पायलट और एक स्थानीय व्यक्ति शामिल हैं। स्थानीय व्यक्ति भी एक निजी एविएशन कंपनी का मुलाजिम है, बताया गया कि वह रेस्क्यू टीम की मदद के लिए हेलीकॉप्टर में साथ गया था। आग लगने से तीनों के शव बुरी तरह झुलस गए थे। सूचना पर एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिवादन बल) और आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) की टीम मौके पर पहुंची।

ऋषिकेश पुलिस ने चोरी की घटना को अंजाम देने वाले दो धरे

कोतवाली क्षेत्रांतर्गत बीते दिनों हुई दो चोरियों का ऋषिकेश पुलिस ने बुधवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी के दो मोबाइल, दो चांदी की चेन, एक जोड़ा चांदी का पाजेब, चांदी के तीन बिछुए और 40 हजार रुपए नकद बरामद किए हैं।

बीते सात अगस्त को दिनेश कुमार पुत्र नत्थीमल निवासी गली नंबर पांच गंगानगर ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि छह अगस्त को अज्ञात लोगों ने उनकी दुकान से चांदी की ज्वेलरी चोरी कर ली। वहीं, शिकायतकर्ता अमनदीप गुप्ता पुत्र राजेश कुमार गुप्ता निवासी गुर्जर प्लाट गुमानीवाला ऋषिकेश ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि रोडवेज बस अड्डा पर उनकी दुकान से दो लड़के दो मोबाइल और आठ हजार रुपए लेकी भाग गए। दोनों ही मामलों में कोतवाली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने आरोपियों को बस अड्डा स्थित निर्माणाधीन हिमालयन म्यूजियम के पास से गिरफ्तार किया।

शातिरों की पहचान दीपक जोशी पुत्र शंकर दत्त निवासी ग्राम सुखीढांग चक जिला चंपावत और सागर थापा पुत्र अर्जुन सिंह निवासी भोगपुर, रानीपोखरी, देहरादून के रूप में हुई। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि दीपक जोशी एक शातिर किस्म का चोर है, जो पूर्व में एक बार पंजाब तथा दो बार कोतवाली ऋषिकेश से जेल भी जा चुका है।

अब वैदिक शिक्षा बोर्ड से पढ़ाई करते नजर आएंगे बच्चे, अगले सत्र से लागू

देश का पहला वैदिक शिक्षा बोर्ड तैयार हो चुका हैं। इसके लिए पाठ्यक्रम भी बनकर तैयार हो चुका हैं। योग गुरू बाबा रामदेव वैदिक शिक्षा बोर्ड के आजीवन अध्यक्ष रहेंगे। अगले वर्ष से यह बोर्ड लागू किया जाएगा। यह बोर्ड सीबीएसई की तर्ज पर होगा।

बोर्ड से जुड़े विद्यालयों में प्राच्य और आधुनिक शिक्षा समान रूप से दी जाएगी। बाबा रामदेव पहले ही प्राचीन और अर्वाचीन शिक्षा पद्धति देने के लिए आठवीं कक्षा तक के लिए आचार्यकुलम की स्थापना कर चुके हैं।

पहले योजना थी कि इसी आचार्यकुलम को बड़ी कक्षाओं तक आगे बढ़ाया जाएगा। बाद में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने देश के अनेक शिक्षाविदों के साथ बैठक कर भारतीय वैदिक शिक्षा बोर्ड का ढांचा तैयार किया।

इस बोर्ड का मुख्यालय फिलहाल पतंजलि योगपीठ में चल रहा है। शीघ्र ही इस बोर्ड का कार्य संचालन देश की राजधानी दिल्ली से किया जाएगा। वैदिक शिक्षा बोर्ड देश का एकमात्र ऐसा बोर्ड होगा, जो अपने से जुड़े विद्यालयों में वेदों की शिक्षा भी देगा।

साथ ही धनुर विद्या जैसे अनेक प्राचीन अवमान बोर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं। इस समय सीबीएसई बोर्ड द्वारा संचालित जितने भी पाठ्यक्रम मान्य हैं, वे सभी विषय वैदिक शिक्षा बोर्ड में समाहित कर लिए जाएंगे।

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि देश का पहला बोर्ड अब पूर्णरूप से कार्य करने के लिए तैयार है। प्राचीन शिक्षा के जो विषय जोड़े जाएंगे, उनका पाठ्यक्रम बन चुका है।

विश्वास दिलाया कि इस बोर्ड की शिक्षा पद्धति से निकले छात्र विश्व स्तर की किसी भी शैक्षणिक प्रतियोगिता में भाग लेने के अधिकारी बनेंगे। वैदिक शिक्षा बोर्ड के छात्र इंटर के बाद जिस भी क्षेत्र में जाना चाहेंगे उन्हें प्रवेश हासिल होगा।

अमित शाह ने दिया केंद्र से हर आवश्यक सहयोग का आश्वासन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में नार्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट कर उन्हें उत्तराखण्ड में अतिवृष्टि से हुई जन-धन हानि की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि दैवीय आपदा से इस वर्ष राज्य के विभिन्न स्थानों पर 32 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। राज्य में प्रारम्भिक अनुमान के अनुसार लगभग 175 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने आपदाग्रस्त स्थानों पर संचालित बचाव व राहत कार्यों के बारे में भी जानकारी दी। केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रदेश में आपदा की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट देने के लिए कहा। उन्होंने मुख्यमंत्री को केंद्र से हर आवश्यक सहयोग दिए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

ऋषिकेश मेयर को दी जान से मारने की धमकी, पुलिस ने पकड़ा

बीते रोज मेयर अनिता ममगाईं को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अभद्र भाषा का प्रयोग तथा जान से मारने की धमकी देने वाले युवक की पहचान हो गई है। कोतवाली पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया है तथा मामले में पूछताछ कर रही है।

बता दें रविवार को नटराज चौक का नाम इंद्रमणि बडोनी चौक रखे जाने को लेकर बीते शनिवार की रात मेयर अनिता ममगाई ने अपनी फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट के जरिए मेयर ने लोगों को मूर्ति के अनावरण की जानकारी दी थी। इस पर एक युवक ने मेयर अनिता ममगाईं के लिए अभद्र भाषा तथा उन्हें जान से मार देने की धमकी दी थी। इस पर मेयर ने कोतवाली पुलिस को आरोपी युवक के खिलाफ तहरीर दी थी साथ ही फेसबुक पेज के स्क्रीनशॉट भी उपलब्ध कराए थे।

रविवार को उक्त युवक की पहचान हो गई है। कोतवाल रितेश शाह ने बताया कि युवक इंदिरा नगर गली नंबर 2 का रहने वाला है। आरोपी युवक का नाम जितेंद्र कुमार पुत्र स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह है। मूल रूप से मऊ उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। कोतवाल ने बताया कि आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

इंद्रमणि बडोनी चौक का मेयर अनिता ने किया शुभारंभ

रविवार से ऋषिकेश का सबसे बड़ा नटराज चौक अब इंद्रमणि बडोनी चौक नाम से इतिहास के पन्ने में दर्ज हो गया। मेयर अनिता ममगाईं ने इसे नगर निगम के अभिलेख में भी दर्ज करा लिया।
मेयर अनिता ममगाईं सहित क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों, ढोल दमाउ की थाप के बीच वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत रूप से स्व. इंद्रमणि बडोनी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया।

हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के हाथों से प्रतिमा का अनावरण किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से वह नहीं पहुंच सके। कार्यक्रम के लिए तेज बारिश में भी लोगों में गजब का उत्साह बना रहा। इसके बाद नटराज होटल में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मेयर अनिता ममगाईं ने कहा कि तीर्थनगरी के इस चौक का राज्य आंदोलन अपना स्थान रहा है। स्व. इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा के लिए इससे उपयुक्त स्थान न होता।