एक मां बोलीं, बताइए बेटी को कहां पेश करूं?

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लखनऊ।
दयाशंकर सिंह की मां ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में मायावती के साथ बीएसपी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी व अन्य के खिलाफ शिकायत दी। अपनी शकायत में उन्होंने लिखा है कि बीएसपी के प्रदर्शन में उनके परिवार को धमकाने वाले व महिला विरोधी नारे लगाए गए। उन्होंने न्युज एजेंसी (एएनआई) से बात करते हुए कहा कि मेरे बेटे ने कुछ भी गलत नहीं किया लेकिन हम फिर भी क्षमा मांगते हैं।
मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता दयाशंकर सिंह का पुलिस कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। वहीं, परिवार पर चौतरफा हमला झेल रही दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने भी मायावती के खिलाफ लखनऊ में केस दर्ज कराया है। स्वाति सिंह ने कहा कि कल तक मेरे साथ कोई नहीं था। लेकिन आज कई लोग मेरे साथ आए हैं। कहा कि मेरी सास ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में मेरा नाम भी जोड़ दिया गया है।
स्वाति सिंह ने कहा कि वह अपने पति का कोई बचाव नही कर रही है। लेकिन एक तरफ मायावती के खिलाफ टिप्पणी करने पर बवाल हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ हमारे खिलाफ अर्मादित टिप्पणी का कोई विरोध नही किया जा रहा है। इस देश में क्या एक ही बात के लिए दो अलग-अलग कानून है? उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से तल्खी में पूछा कि बताएं हम अपी बहु-बेटियों को लेकर कहां आएं?
उधर, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) अध्यक्ष मायावती पर अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोपी बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी के लिए 36 घंटे का अल्टीमेटम दिए जाने के बीच पुलिस उनका कोई सुराग लगा पाने में नाकाम रही है। पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार झा ने बताया कि सिंह की गिरफ्तारी के लिए उनके संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है, लेकिन उनका अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। इससे पहले सिंह के छोटे भाई धर्मेंद्र सिंह को कल पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था, लेकिन पुलिस को सिंह के बारे में कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। पूछताछ में धर्मेन्द्र लगातार यही कहते रहे कि सिंह 21 जुलाई को तड़के गोरखपुर चले गए थे। उसके बाद उनका सिंह से कोई संपर्क नहीं हुआ है।
झा ने बताया कि पुलिस ने गुरुवार रात बैरिया स्थित सिंह के मामा के घर पर भी दबिश दी थी, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। सिंह का मोबाइल फोन भी 20 जुलाई की रात एक बजे से स्विच ऑफ है।

धमकाने वाले एसडीएम का हुआ तबादला

http://sankhnaad.com/ की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने लिया संज्ञान
लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का एसडीएम बनाया
केके मिश्रा को मुख्यालय से सबंद्ध किया
ऋषिकेश।
नरेन्द्रनगर एसडीएम केके मिश्रा का गुरुवार को टिहरी डीएम ने बतादला कर दिया। उन्हे टिहरी मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। लक्ष्मीराज चौहान को नरेन्द्रनगर का नया एसडीएम बनाया गया है।
http://sankhnaad.com की खबर ….. आपदा पीडितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन! का डीएम टिहरी ने संज्ञान लिया है। एसडीएम केके मिश्रा ने बुधवार को नरेन्द्रनगर के कुमारखेडा के ग्रामीणों को आपबीती सुनाते समय धमकाया था। एसडीएम ने आपदा पीडितों को नेतागीरी न करने की धमकी भी दी थी। जिससे ग्रामीण आक्रोशित थे, उनका कहना था कि उनकी परेशानी से प्रशासन का कोई लेना देना है। अपनी बात रखने पर एसडीएम उन्हें धमका रहे है। वह कहां जायें?
मौके पर एक टीवी पत्रकार को मर्यादा में रहने की हिदायत भी एसडीएम को भारी पडी। आपके प्रिय समाचार पोर्टल http://sankhnaad.com ने जैसे ही खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया तो टिहरी डीएम इन्दुधर बौडाई ने मामले का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एसडीएम केके मिश्रा को मुख्यालय से अटैच कर दिया। नरेन्द्रनगर के एसडीएम लक्ष्मीराज चौहान का बनाया गया है। बतातें चले कि चौहान पूर्व में भी नरेन्द्रनगर के एसडीएम रह चुके है।

200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार200 करोड़ का सॉ200 करोड़ का सॉफ्ट लोन दे केन्द्र सरकार

सीएम हरीश रावत ने पीएम से मांगा सहयोग
देहरादून।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर उत्तराखण्ड की चीनी मिलों के लिए केन्द्र सरकार से 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया है।
अपने पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया है कि राज्य में 8 चीनी मिलें हैं जिनमें से 5 मिलें सार्वजनिक व सहकारी क्षेत्र की एवं 3 निजी क्षेत्र की हैं। राज्य में चीनी मिलों ने पिराई सीजन 2015-16 में कुल 28.37 लाख मीट्रिक टन गन्ने की पिराई की और 2.73 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया। इस सीजन में गन्ना किसानों का कुल देय भुगतान रू0 790.57 करोड़ था। राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों को साफ्ट लोन व विभिन्न प्रकार की रियायतें उपलब्ध करवाईं गईं। चीनी मिलों द्वारा रू0 573.71करोड़ का भुगतान किसानों को किया जा चुका है परंतु अभी भी रू0 216.86 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है।
मुख्यमंत्री रावत ने पत्र में बताया है कि लगभग 1 लाख 75 हजार से अधिक गन्ना किसान उŸाराखण्ड की चीनी मिलों से जुड़े हुए हैं। पिछले पिराई सीजन में केन्द्र सरकार द्वारा जनवरी 2015 में लोन पैकेज घोषित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा भी गन्ना किसानों व चीनी मिलों को गन्ना खरीद टैक्स, एन्ट्री टैक्स, गन्ना सोसाईटी कमीशन व मण्डी समिति टैक्स आदि में छूट दी गईं। परन्तु ये उपाय भी चीनी मिलों को उबारने व गन्ना किसानों के पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इस वित्तीय संकट के चलते गन्ना मिलें अपने मरम्मत व रख-रखाव कार्य करने में सक्षम नहीं रहेंगी, जिसका विपरीत प्रभाव अगले पिराई सीजन 2016-17 पर भी पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड की गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए रू0 200 करोड़ का सॉफ्ट लोन उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया।

प्रदेशभर के स्कूलों में दीक्षा का शुभारंभ

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देहरादून।
मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने बुधवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा में गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम ’दीक्षा’ (डेडीकेशन टू एनहेंस एजूकेशन नॉलेज, स्किल एण्ड हैबिट एसेसमेंट) का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से आधार कार्ड, मॉडल स्कूल और आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों कीे मरम्मत कीे प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिये कि आधार कार्ड बनाने के कार्य को अभियान के रूप में चलायें। मॉडल स्कूलों का मौके पर जाकर मुआयना करें। क्षतिग्रस्त स्कूलों के मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करें।
मुख्य सचिव ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि हर ब्लॉक में मॉडल स्कूल खोलने का प्रयोग सफल रहा है। ऐसे स्कूलों में छात्रों के नामांकन का प्रतिशत बढ़ा है। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष बल दिया। सचिव विद्यालयी शिक्षा डी.सेंथिल पांडियन ने दीक्षा के माध्यम से प्रारम्भिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सतत् व व्यापक मूल्यांकन (कांटीन्युवस एण्ड कांप्रीहेंसिव एवेल्युएशन) के बारे में विस्तार जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को माध्यमिक स्तर पर अधिगम स्तर आंकलन (लर्निंग लेवल एसेसमेंट) के बारे में बताया। सतत् और व्यापक मूल्यांकन में सभी बच्चों के सभी पक्षों का मूल्यांकन किया जाए। इसमें शैक्षिक पक्ष, सह-शैक्षिक पक्ष (रूचि, खेलकूद, संगीत, कला, व्यवहार, स्वच्छता, स्वास्थ्य आदि से संबंधित) शामिल है। अधिगम स्तर आंकलन में कक्षा 9 के विद्यार्थियों के अकादमिक पक्ष (हिन्दी, गणित, विज्ञान, अंग्रेजी विषयों में लर्निंग लेवल) का आंकलन किया जाए। आंकलन के बाद बच्चों को सुधारात्मक शिक्षण दिया जाए। उन्होंने बताया कि कक्षा कक्ष में दीक्षा कार्यक्रम के तहत कक्षावार और विषयवार संकेतक(इंडीकेटर) बनाये गये है। इसके आधार पर मॉनिटरिंग की जाए। इस कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जवाबदेही भी तय की गई है।
बैठक में अपर सचिव शिक्षा रंजना, निदेशक आर.के.कुंवर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा पीड़ितो के साथ मजाक कर रहा प्रशासन!

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आपदा पीड़ितों को अपनी हक की आवाज उठाना पड़ा भारी
एसडीएम नरेन्द्रनगर ने आपदा पीड़ितो पर नेतागीरी करने का लगाया आरोप
ऋषिकेश।
बीते 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा में आई आपदा ने 250 से अधिक ग्रामीणों की जिंदगी में तूफान ला दिया। आपदा में पहाड़ टूटने के साथ ही कुमारखेड़ा गांव के कई घर क्षतिग्रस्त हो गये थे। पूरे गांव पर सकंट मंडराने लगा तो प्रशासन ने ग्रामीणों को दूसरे स्थान में शिफ्ट कर दिया। लेकिन आपदा पीड़ित जब अपनी मूलभूत जरुरतों के लिए प्रशासन से मदद मांगने गये तो आपदा पीड़ितो पर एसडीएम केके मिश्रा ने नेतागीरी करने का आरोप लगाया। सूत्रों की माने तो एसडीएम ने अपने हक की आवज उठा रहे ग्रामीणों को धमकाने का प्रयास भी किया। मौके पर मौजूद एक टीवी पत्रकार को देख एसडीएम ने उन्हें मर्यादा में रहने की नसीहत भी डे डाली।
आपदा पीड़ितों पर प्रशासन किस तरह मेहरबान है इसका नजारा नरेन्द्रनगर एसडीएम कार्यालय में देखने को मिला। 17 जुलाई को नरेन्द्रनगर के कुमारखेड़ा गांव में पहाड़ी खिसकने से कई गांव में सकंट मडराने लगे तो प्रशासन ने 250 ग्रामीणों को शिफ्ट किया। आपदा पीड़ितो का आरोप है कि प्रशासन ने शिफ्ट कराने के बाद उनकी कोई सुध नही ली है। उनके परिजनों को भंडारे से खाना लाकर खिलाने के अलावा कोई चारा नही है। ऐसे में अपनी मांगों को लेकर जब ग्रामीण एसडीएम कार्यालय पहंुचे तो एसडीएम नरेन्द्रनगर ने उन्हें नेतागीरी नही करने की सलाह डे डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि एसडीएम यही तक नही रुके उन्होंने आपदा पीड़ितों को आपबीती सुनाने पर धमकाया और चुप रहने को कहा। मौके पर एक टीवी चैनल पत्रकार पर जब एसडीएम की नजर पड़ी तो उन्होंने मीडियाकर्मी को मर्यादा में रहकर पत्रकारिता करने की नसीहत भी डे डाली। एसडीएम के व्यवहार से ग्रामीणों में काफी आक्रोश बताया जा रहा है।
मामला बढ़ने और मीडिया तक पहुंचने पर एसडीएम नरेन्द्रनगर को अपनी गलती का एहसास भी शीघ्र हो गया। एसडीएम ने गुस्से पर काबू रखते हुए बताया कि आपदा पीड़ितों में गुस्सा था, लेकिन वार्ता करने पर सभी ग्रामीण शांत भी हो गये।

सोशल मीडिया में ब्लैक डे पर मचा घमासान

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सेना के पक्ष में खुल कर उतरे देश के नौजवान
आर्मी का प्रतीक चिन्ह लगा कर रहे समर्थन
दयाशंकर पाण्डेय।
कश्मीर में आंतकी को मार गिराने के बाद देश व विदेशों में भारतीय सेना को निशाना बनाये जाने की घटना के बाद देश के युवा अब खुल कर सेना के समर्थन में आ गये है। दरअसल कश्मीर में सेना के हाथों मारे गये आंतकी के मौत के बाद कश्मीर में हिसंक घटनाएं बढ गई है। पूरे देश में सेकुरलिज्म और तथाकथित नेता आंतकी को मारे जाने की घटना पर संवेदना व्यक्त कर रहे है। पड़ौसी देश 19 जुलाई को इंडियन आर्मी के खिलाफ ब्लैक डे मनाने की खबर सोशल मीडिया में फैल गई है।
क्या इस दिन का इंतजार हर कोई भारतीय करेगा कि कोई पडौसी देश उसकी आर्मी के खिलाफ के ब्लैक डे मनाये? इसी अंदाज में देश का नौजवान अपने गुस्से की प्रतिक्रिया सोशल साईटों में दे रहा है। कश्मीर में सेना के हाथों मारे गये आंतकी वानी के समर्थन में पडौसी देश ही नही हिंदुस्तान के कई राजनेता व धर्मगुरु संवेदना वयक्त कर रहे है। सेना का मनोबल बढाना तो दूर ऐसी प्रतिक्रिया देखने और सुनने को मिल रही जिससे सेना पर दोष मढा जा रहा है।
कश्मीर में जवानों पर हो रहे पथराव व प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान ने भारतीय सेना के खिलाफ ब्लैक डे मनाने की घोषणा से देश का नौजवान ने प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी है। 19 जुलाई को युवा, धैर्य व साहस का परिचय दे रही सेना के
का प्रतीक चिन्ह अपनी सोशल साईट्स में शेयर कर रहे है। और सेना के पक्ष में खुलकर प्रतिक्रिया दे रहे है। कई पोस्ट तो युवाओं के आक्रोश से भरी हुई है। सेना के जवानों की तारीफ करने से भी युवा पीछे नही रह रहे है।

नवजोत सिद्धू के इस्तीफे से भाजपा ने बनाई दुरी

पार्टी नेता कुछ भी कहने से सीधे बच रहे
नई दिल्ली।
भाजपा नेता नवजोत सिद्धू के इस्तीफे से तिलमिलाई भाजपा ने अब इस प्रकरण पर चुप्पी साधने में ही भलाई समझी है। तीन बार के अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद रहे सिद्धू ने सोमवार को अचानक राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था, उनके साथ उनकी पत्नी नवजोत कौर ने भी भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के स्टार प्रचारक सिद्धू आम आदमी पार्टी से पंजाब के सीएम पद के दावेदार हो सकते है।
पूर्व क्रिकेटर सिद्धू अपनी पत्नी संग पिछले दो वर्षो से पंजाब की अकाली दल सरकार को कटघरे में खड़ा करते आये है। जिससे भाजपा व अकाली दल में कई बार खटास पैदा हो चुकी है। भाजपा हाईकमान अकाली दल से कोई नाराजगी मोल नही लेना चाहता है। इसके चलते सिद्धू अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने नवजोत सिद्धू को आप में शामिल होने को कहा था।
बरहाल नशे के कारोबार के चलते पंजाब में अकाली व भाजपा सरकार की बुरी स्थिति हो चली है। ऐसे में सिद्धू का अचानक चले जाना और चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करना मंहगा साबित हो सकता है। वहीं, भाजपा नेता दबी जुबान से सिद्धू पर निष्क्रीय रहने का आरोप लगा रहे है।

भाजपा के साथ केन्द्र सरकार की किरकिरी

अरुणाचल में कांग्रेस सरकार बहाल करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केन्द्र को गहरा झटका लगा
उत्तराखंड सीएम हरीश रावत बोले सच्चाई की जीत

उत्तराखंड की तर्ज पर अरुणांचल प्रदेश में भी सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केन्द्र की भाजपा सरकार को गहरा झटका है। उत्तराखंड सीएम ने कोर्ट के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए सच्चाई की जीत बताया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के कई विधायक अरुणांचल प्रदेश में भाजपा के साथ चले गये थे। जिससे सरकार पर संकट गहरा गया था। भाजपा ने मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए सरकार गठन करने की भरपूर कोशिश की। कुछ हद तक भाजपा संगठन को कामयाबी तो मिली लेकिन मामला कोर्ट तक चला गया। कोर्ट से उत्तराखंड की तरह मामला कांग्रेस के पक्ष में चला गया। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अरुणांचल में कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है।

तीन विद्यालयों को मेरिट सूची में 3 अंकों की अर्हता नही मिल सकेगी

ऑटोनॉमस कॉलेज में प्रथम वर्ष एडमिशन की मेरिट सूची तैयार करने में जुटे प्राध्यापक
ढालवाला व मुनिकीरेती के तीन विद्यालयों के पास आउट छात्रों को जिला वरीयता के अंक नही मिल सकेंगे
शखनाद न्युज ब्यूरो। ऋषिकेश
ऑटोनॉमस कॉलेज के प्रथम वर्ष के छात्रों में प्रवेश को लेकर कडा मुकाबला देखने को मिल रहा है। कॉलेज प्रशासन की टीम मेरिट सूची तैयार करने में जुटी हुई है। लेकिन नगर से सटे तीन विद्यालयों के पास आउट छात्रों को मेरिट सूची में जिला वरीयता के 3 अंक नही मिल सकेंगे।
महाविद्यालय की प्रथम वर्ष में 875 सीटों के लिए 2460 छात्रों ने आवेदन किये है। सोमवार से कॉलेज प्रशासन ने मेरिट सूची तैयार करना शुरु कर दिया है। प्रवेश को लेकर नगर सहित आसपास क्षेत्रों के छात्रों ने आवेदन किया है। मेरिट सूची तैयार कर रही टीम छात्रों को मिलने वाले अंकों का लेखा जोखा तैयार करने में जुटी हुई है।
गौरतलब है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों को कई प्रकार के अंक देता है, जिसमें स्थानीय निवासी होना, उत्तराखंड बोर्ड, जिला वरीयता अंक, 12वीं की परीक्षा संबधित संकाय के अंक, एनसीसी/एनएसएस, खिलाडी, स्वतंत्रता सेनानी आश्रित आदि शामिल है। लेकिन ढालवाला के पुष्पा वढेरा सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, बालिका विद्या मंदिर इंटर कॉलेज व कैलाशगेट के ओमकारांनद सरस्वती निलायम स्कूल के पास आउट छात्रों को जिला टिहरी होने के कारण जिला वरीयता के 3 अंक नही मिल पायेंगे।

मोदी के आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद सरस्वती को दी गई भू-समाधि

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भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री राममाधव, विहिप नेता अशोक सिंघल व साध्वी प्राची पहुंचे
आरएसएस के कार्यवाह दात्रात्रेय ने भी पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मलीन स्वामी दयानंद सरस्वती को शुक्रवार सुबह शीशमझाड़ी (ऋषिकेश) स्थित दयानंद आश्रम परिसर में भू-समाधि दी गई। भू-समाधि के वक्त उमड़े जनसमूह ने स्वामी दयानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर पर पुष्प चढ़ाए। इस दौरान कई भक्तों और संतों की आंखें भर आईं।
अस्वस्थ चल रहे वेदों के ज्ञाता स्वामी दयानंद सरस्वती 27 अगस्त को कैलीफोर्निया से भारत आए थे। 11 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने आध्यात्मिक गुरु स्वामी दयानंद का हाल जानने ऋषिकेश पहुंचे थे। 13 सितंबर को तबीयत बिगड़ने पर स्वामी दयानंद सरस्वती को हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में भर्ती कराया गया था। 10 दिन इलाज के बाद बुधवार देर रात स्वामी दयानंद सरस्वती ने अंतिम सांस ली। गुरुवार को उनका पार्थिक शरीर अंतिम दर्शन के लिए आश्रम परिसर में रखा गया।
शुक्रवार सुबह स्वामी दयानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर को भू-समाधि स्थल के पास लाया गया। यहां वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ चेन्नई से आए वेदपाठी जमुनाथ गनपाति ने भू-समाधि की प्रक्रिया शुरू की। यहां भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री राममाधव, विहिप के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक के कार्यवाह दात्रात्रेय, विहिप के संगठन महामंत्री डॉ. दिनेश कुमार, साध्वी प्राची, आश्रम के ट्रस्टी स्वामी शुद्दानंद सरस्वती, सुप्रीम कोर्ट के जज शरद कुमार, कुंभ मेलाधिकारी एसए मुरूगेशन सहित बड़ी संख्या में पहुंचे उनके अनुयायियों और स्थानीय लोगों ने स्वामी दयानंद सरस्वती के पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाए। ठीक दस बजकर पांच मिनट पर मंत्रोच्चारण के बीच भू-समाधि की प्रक्रिया शुरू हुई, जो सुबह 11 बजे तक चली। भू-समाधि के वक्त उपस्थित जनसमूह की आंखें नम हो गईं। इससे पहले तड़के से ही आश्रम परिसर में लोगों की भीड़ जुटती रही। भू-समाधि के बाद आश्रम के संतों और वहांमौजूद लोगों ने गंगा स्नान किया। आश्रम के ट्रस्टी स्वामी शुद्दानंद सरस्वती ने बताया कि आठ अक्तूबर को षोड़षी भंडारा आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर ऋषिकेश विधायक प्रेमचन्द अग्रवाल, नरेन्द्रनगर विधायक सुबोध उनियाल, पालिकाध्यक्ष मुनिकीरेती शिवमूति कंडवाल, भाजपा प्रदेश महामंत्री ज्ञान सिंह नेगी, चित्रमणि, योगेश मिश्रा, भुवनचन्द्र, ज्योति सजवाण,इन्द्रकुमार गोदवानी, राकेश पारछा सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।