खौफ या धंधा
डेंगू पीड़ितों में खौफ पैदा कर लूट रहे प्राइवेट अस्पताल
प्लेटलेट्स काउंट जांच की रिपोर्ट में आ रहा भारी अंतर
ऋषिकेश।
डेंगू का खौफ दिखाकर मरीजों को जेब खाली की जा रही है। जी हां, प्राइवेट अस्पताल या पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट पर भरोसा करना भारी पड़ सकता है। इनकी प्लेटलेट्स काउंट जांच में भारी अंतर आ रहा है। ज्यादातर निजी अस्पताल कम प्लेटलेट्स दिखाकर मरीजों पर भर्ती होने का दबाव बना रहे हैं। कुछ दिन इलाज के बाद मरीज को लंबा चौड़ा बिल थमा देते हैं। शहर के एक मरीज के साथ कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है।
35 अद्वैतानंद मार्ग निवासी एके तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे विवेक कुमार को बुखार की शिकायत पर देहरादून मार्ग पर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया। एके तिवारी ने बताया कि डॉक्टर ने ब्लड जांच कराने की सलाह दी। अस्पताल की लैब में पांच अक्तूबर को डेंगू जांच की रिपोर्ट पॉजीटिव आई और प्लेटलेट्स 56 हजार बताई गयी। उन्होंने छह अक्तूबर को पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्थित प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में प्लेटलेट्स जांच कराई तो प्लेटलेट्स दो लाख 18 हजार आईं। फिर उन्होंने सात अक्तूबर को सुबह 11.30 बजे देहरादून मार्ग स्थित प्राइवेट अस्पताल की पैथोलॉजी में बेटे की प्लेटलेट्स जांच कराई तो संख्या 63 हजार बताई गई। एके तिवारी ने कुछ देर बाद 11.45 बजे पुष्कर मंदिर मार्ग पर स्थित प्राइवेट लैब में जांच कराई तो दो लाख 12 हजार प्लेटलेट्स आईं। इससे वह दुविधा में पड़ गए। उन्होंने शाम को छह बजे फिर कोठारी मार्केट स्थित एक अन्य प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में जांच कराई तो प्लेटलेट्स एक लाख 47 हजार आईं। उनका कहना था कि प्राइवेट अस्पताल और प्राइवेट पैथोलॉजी लैब में अलग-अलग प्लेटलेट्स की संख्या आ रही हैं। ऐसे में उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या करें, किसकी रिपोर्ट पर भरोसा करें।