न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला की अदालत ने 14 साल पुराने मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषमुक्त किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता लाल सिंह मटेला ने बताया कि वर्ष सात अक्टूबर 2007 को सरिता राणा नामक महिला ने जौलीग्रांट पुलिस चौकी में तहरीर दी थी। बताया था कि उनके पति दिनेश कुमार राणा बाइक से देहरादून से ऋषिकेश की ओर आ रहे थे। तभी खुशाल सिंह सजवाण ने उनके पति की बाइक को जोरदार टक्कर मार दी थी। जिसके चलते अस्पताल में इलाज के दौरान उनके पति की मौत हो गई थी। उन्होंने खुशाल सिंह पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप लगाया था। इसी क्रम में पुलिस ने भी खुशाल सिंह सजवाण पर लापरवाही से वाहन चलाने के आरोप सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
अधिवक्ता लाल सिंह मटेला ने बताया कि मामला देहरादून स्थित सीजेएम न्यायालय करीब 10 वर्ष तक चला। इसके बाद वर्ष 2018 में डोईवाला में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में स्थानांतरित हुआ। अधिवक्ता लाल सिंह मटेला की मजबूत पैरवी की बदौलत न्यायाधीश मीनाक्षी दुबे ने आरोपित खुशाल सिंह सजवाण को दोषमुक्त किया है।