मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी भवन, आईटी पार्क, देहरादून में इंडिया ड्रोन फेस्टिवल-2.0 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने विभाग को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ने एनटीआरओ के सहयोग से इस क्षेत्र में बहुत कम समय में काफी प्रगति की है। आज के तकनीकी युग में ड्रोन का बहुआयामी उपयोग हो सकता है। उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों में ड्रोन की उपयोगिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं एवं प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में ड्रोन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इस तकनीक का इस्तेमाल कर अपने जीवन को नई दिशा दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि युवाओं को देश का भविष्य बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों में युवाओं की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि देहरादून में देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन प्रशिक्षण केन्द्र एवं अनुसंधान प्रयोगशाला की स्थापना की गई। इस प्रकार की नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए युवा अपने देश व प्रदेश की प्रगति में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ड्रोन व इससे सम्बन्धित तकनीकी शिक्षा से युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के मेरी सरकार पोर्टल का भी शुभारम्भ किया। इस पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति सीधे सरकार से सम्पर्क कर किसी भी विषय में अपने सुझाव दे सकता है। मुख्यमंत्री ने जीआईएस बेस्ड, ड्रोन मैपर सॉफ्टवेयर का भी विमोचन किया। ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर के माध्यम से तैयार इस सॉफ्टवेयर के द्वारा फोटो को कैप्चर करने, 3-डी मॉडल बनाने एवं डाटा विश्लेषण करने में किया जा सकेगा।
सचिव आरके सुधांशू ने कहा कि इण्डिया ड्रोन फेस्टिवल 2.0 को प्रदेश के 13 जनपदों के 1500 स्कूल एवं लगभग दो लाख बच्चे इस कार्यक्रम से सीधे जुड़े हुए हैं। उन्होंने ड्रोन की उपयोगिता को समझाते हुए कहा कि यह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए राज्य में आपातकालीन परिस्थितियों में काफी सहायक सिद्ध होगा।