अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के प्रथम दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उत्तराखंड में मेडिकल टूरिज्म की अपार संभावनाएं है। इस राज्य के विकास को यदि सही गति मिले तो यह यूरोप से भी बेहतर सेवायें दे सकता है। स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से महात्मा गांधी भी उत्तराखंड को खास महत्व देते थे। कहा कि योग, अध्यात्म और आयुर्वेद उत्तराखंड की धरोहर हैं। इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार की भी प्रशंसा की। एम्स की आठ बेटियों को गोल्ड मेडल व उपाधि देने पर राष्ट्रपति ने प्रसन्नता जाहिर की।
एम्स ऋषिकेश की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि पहाड़ के दुर्गम क्षेत्रों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिलना चाहिए। चिकित्सा सेवाओं का स्तर ऊंचा उठने से यहां के लोगों की महानगरों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने उम्मीद जताई की एम्स यहां महिलाओं में बढ़ रहे एनीमिया और रक्तचाप जैसे रोगों को लेकर शोध करेगा। चिकित्सकों को टेलीमेडिसिन का लाभ पहुंचाया जा सकता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से देश की 40 फीसदी आबादी जुड़ चुकी है। एम्स शोध, चिकित्सा विज्ञान और शिक्षा की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि कैंसर उपचार के लिए ऋषिकेश एम्स श्रेष्ठ संस्थान बनेगा। कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार 14 और नये एम्स खोलने जा रही है।
एम्स के निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने संस्थान की शैक्षणिक व चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में प्रगति का उल्लेख किया। कहा कि नए खुले छह एम्स में ऋषिकेश एक मात्र संस्थान है जिसमें आयुष्मान भारत योजना सबसे पहले लागू की है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देन है।
इससे पहले राष्ट्रपति ने पीएचडी की एक एमबीबीएस की पांच और नर्सिंग की दो छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए। इसके अलावा 162 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इनमें 44 एमबीबीएस और 117 बीएससी नर्सिंगग शामिल है।
समारोह में उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक और माला राज्य लक्ष्मी शाह, मुख्य सचिव उत्पल कुमार, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी आदि उपस्थित थे।