कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को पार्टी का चेहरा बनाकर पीएम प्रत्याशी बनाने का दांव चला हो, लेकिन अब वह अपने ही दांव से पलटती नजर आ रही है। पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने स्पष्ट किया कि उसे आरएसएस समर्थक को छोड़कर विपक्ष के किसी भी दल का नेता प्रधानमंत्री पद के लिए कुबूल होगा।
पार्टी के रुख में यह बदलाव राहुल की दावेदारी को पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा को छोड़ किसी विपक्षी दल से समर्थन नहीं मिलने के बाद आया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने तो कहा है कि राहुल ही विपक्ष के एकमात्र नेता नहीं हैं। उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सम्मानजनक सीटें मिलने पर ही उनकी पार्टी गठबंधन करेगी। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि 2019 में पार्टी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग दलों के साथ गठजोड़ करेगी।
इस सवाल पर कि क्या राहुल संभावित गठजोड़ से किसी महिला प्रत्याशी के पक्ष में पीछे हटेंगे। सूत्रों ने कहा कि वह संघ समर्थित दल को छोड़कर किसी भी दल के नेता को प्रधानमंत्री के रूप में देखने को तैयार हैं। विपक्षी कैंप में अटकलें हैं कि किसी महिला को पीएम प्रत्याशी बनाया जाए। इस पर सहमति बनी तो बसपा सुप्रीमो मायावती व तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी के नाम पर विचार हो सकता है।
कांग्रेस सूत्रों ने यह भी बताया कि 2004 की तुलना में 2019 का भारत अलग है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस को लगता है कि टीडीपी और शिवसेना जैसी पार्टियां खुश नहीं हैं, इसलिए भाजपा को अगले आम चुनाव में पर्याप्त सीटें नहीं मिलेंगीं। वहीं, उप्र और बिहार में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन बना तो मोदी का जीतना भी मुश्किल हा जाएगा।