मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में एलईडी आधारित बल्ब, ट्यूबलाइट, झालर, स्ट्रीट लाइट, इमरजेंसी लाइट, टॉर्च जैसे उपकरण बनाने के लिए गढ़वाल मंडल में थानो और कुमाऊं के कोटाबाग में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50-50 प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने का फैसला लिया है। इसके लिये मुख्यमंत्री ने वीएस एनर्जी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार को निर्देश दिए है।
योजना से संबंधित प्रस्तुतीकरण देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षणार्थियों के समूह में 40 महिलाएं और 10 आइटीआई प्रशिक्षणार्थी शामिल होंगे। वीएस एनर्जी प्रशिक्षण देगी। इस प्रोजेक्ट के तहत उत्पाद तैयार करने के लिए पांच दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उत्पादित वस्तुओं की मार्केटिंग भी इसी कंपनी द्वारा की जाएगी। प्रशिक्षण के लिए कंपनी प्रति प्रशिक्षाणार्थी 1200 रुपये की दर से राशि लेगी, जिसे उत्तराखंड कौशल विकास मिशन वहन करेगा।
मुख्यमंत्री ने योजना में महिला स्वयं सहायता समूहों और आईटीआई डिप्लोमाधारियों को शामिल करने के निर्देश दिए। साथ ही पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसके लिए वृहद कार्ययोजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली की खपत में कमी लाने को एलईडी की बड़ी उपयोगिता है। इसीलिए सभी सरकारी-अर्धसरकारी दफ्तरों में एलईडी बल्बों का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। इसके वितरण को महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है।
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के मद्देनजर छोटे शहरों में महिला स्वयं सहायता समूहों एवं न्याय पंचायतों में इन उपकरणों को बनाने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है। इसके प्रथम चरण में स्वयं सहायता समूहों और द्वितीय चरण में आईटीआई डिप्लोमाधारियों के समूह को प्रशिक्षण देने के उपरांत इन संस्थानों में प्रोडक्शन यूनिट स्थापित की जाएंगी।