गंगोत्री का मिथक बरकार, सरकार में गंगोत्री से मंत्री नही बनाये जाने पर मायूसी

देहादून।
गंगोत्री विधान सभा सीट से भाजपा प्रत्याशी की जीत होने पर सरकार बनाने के मिथक के अनुसार भाजपा को मिले प्रंचड बहुमत पर प्रदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में भाजपा सरकार सत्तासीन हो गई है, लेकिन गंगोत्री विधान सभा से सरकार बनाने के मिथक के बाद भी राज्य में चैथी बार निर्वाचित हुई भाजपा सरकार में क्षेत्र में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। जिससे उत्तरकाशी की जनता को इस बार भी मायूसी हाथ लगी है। भाजपा ने इस बार के चुनाव में प्रंचड बहुमत हासिल किया है और गंगोत्री सीट पर भी भाजपा प्रत्याशी गोपाल रावत ने 25 हजार 683 मत प्राप्त कर अपने निकट प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी को 9हजार 610 वोटो से हराया है, ऐसे में भाजपा को 2002 से अब तक मिले वोटों का रिकार्ड भी टूटा है।
पार्टी से बागी प्रत्याशी के चुनाव मैदान में होने पर भी भाजपा को रिकार्ड से विजय मिलना विधायक गोपाल रावत की जनता के बीच लोकप्रियता बढना भी है। कांग्रेस ने राज्य में दो बार शासन करने के बाद भी इस क्षेत्र को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। भाजपा ने हालांकि 2007 में शासन करने पर इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन इस बार जिस तरह से भाजपा का मुख्य एजेंडा गंगा की स्वच्छता को लेकर है, उससे लग रहा था कि गंगा का मायका गंगोत्री होने पर संभवता इस बार क्षेत्र को प्रतिनिधित्व मिलेगा। लेकिन त्रिवेन्द्र सिंह रावत की कैबिनेट में शामिल होने के लिये एक बार जहां गोपाल सिंह रावत का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा था ,वहीं शपथ ग्रहण के आते ही गायब हो गया । इससे क्षेत्र की जनता काफी मायूस है। गंगोत्री विधान सभा क्षेत्र के विधायक गोपाल सिंह रावत को मंत्री मण्डल में शामिल न किये जाने पर यहां की जनता ने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मांग की है कि गोपाल रावत को मंत्री मण्डल में शामिल किया जाए।