स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने मसूरी उप जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव द्वारा उप जिला चिकित्सालय में अवयवस्था और गंदगी देखकर जमकर संबधित अधिकारियों को फटकार लगाई व अस्पताल में नियुक्त डाक्टर और कर्मचारियों की अनुस्थिति पर सीएमएस से जबाब तलब किया। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को अस्पताल में तैनात डॉक्टर ओर कर्मचारियों को बिना सीएमओं के अनुमति के अवकाश न जाने के निर्देश दिये।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा अस्पताल में एमरजैंसी रूम, डॉक्टर कक्ष, आईसीयू, सिटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड एक्स-रे आदि की सुविधा को जांच किया गया। इस मौके पर उन्होंने डीजी हेल्थ उत्तराखंड को फोन पर निर्देश दिए कि वह तत्काल मसूरी में रहकर मसूरी के उप जिला चिकित्सालय की सभी कमियों को दूर कर अस्पताल में स्टाफ की कमियों को दूर करे। वह साफ सफाई को लेकर भी विशेष प्रबंध किया। उन्होंने अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमी को दूर करने को लेकर भी सीएमओ देहरादून को निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा कि उनके द्वारा लगातार उत्तराखंड के विभिन्न अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण कर वहां की कमियों को दूर करने की कोशिश की जाती है जिससे कि प्रदेश की जनता को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा हाल में ही जिला रुद्रप्रयाग और चमोली जिले का स्वास्थ सुविधाएं और अस्पतालों का निरीक्षण किया गया। अस्पताल में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की कमियां को देखते हुए प्रदेश को 800 से ज्यादा नर्स मिलने जा रही है जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मसूरी के उप जिला चिकित्सालय का निरीक्षण किया गया जहां पर उनको कई खामियां भी मिली है मैं अस्पताल को व्यवस्थित तरीके से कैसे संचालित किया जाए जिसको लेकर भी कार्य योजना तैयार की जाएगी।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय को लेकर उनके द्वारा सभी संबंधित अधिकारियों को तलब किया गया है और जल्द बैठक कर अस्पताल को संचालित करने में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिये व स्वास्थ्य सुविधाओं को व्यवस्थित किए जाने को लेकर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में स्टाफ की कमी तो है ही परंतु अस्पताल मे तैनात है वह भी रेगुलर तरीके से अपनी ड्यूटी नहीं आ रहा है जो चिंता का विषय है। जिसको लेकर जल्द एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि मसूरी के अस्पताल में तैनात डॉक्टरों में सात डाक्टर पीएचडी करने के लिए गए हैं। वह उन डॉक्टरों की भरपाई को लेकर भी काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल को बेहतर किए जाने को लेकर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन, एक्स-रे, आईसीयू की सुविधा आईसीयू उपलब्ध है जिनको व्यवस्थित तरीके से संचालित करने के लिये भी कार्य योजना तैयार की जायेगी। उन्होने कह कि अस्पताल में एमआरआई की सुविधा भी उपलब्ध कराई जायेगी।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जोशीमठ की आपदा को लेकर सरकार सभी प्रभावित लोगों की बेहतर मदद कर रही है वहीं स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा रोटेशन बेसिस में 26 डॉक्टरों की तैनाती की गई है। वह दो मनोविज्ञानी चिकित्सक भी जोशीमठ में तैनात किये गए है जिससे कि आपदा में मानसिक रूप से ग्रस्त लोगो की काउंसलिंग किया जा सके। वही डायरेक्टर गढ़वाल को जोशीमठ पर नियुक्त कर दिया गया है जो लगातार जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर स्वास्थ सुविधाओं का बेहतर कर रहे है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ में सभी प्रकार की दवाइयां उपलब्ध है व जिला प्रशासन के संपर्क में है और अगर किसी प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाओं में दिक्कत होगी तो तत्काल दिक्कतों का निवारण किया जाएगा।
सचिव डॉ राजेश कुमार ने कहा ऐसा लग रहा है कि मसूरी में तैनात डॉक्टर ओम ओनरशिप की भूमिका नहीं निभा रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि कोई भी अस्पताल को चलाने के लिए वहां पर तैनात अधिकारियों को अपनी अहम भूमिका निभानी चाहिए जिससे कि सीमित संसाधनों में बेहतर तरीके से अस्पताल को चलाया जा सके और लोगो को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं उपलब्ध हो सके।