अब ऐसे विद्यालयों जिनकी छात्र संख्या दस या उससे भी कम है। सरकार उन्हें बंद करने का मन बना चुकी है। जी हां, जिले में प्राथमिक व जूनियर 334 विद्यालय ऐसे हैं, जहां पर छात्र संख्या दस से कम रह गई है, और ऐसे में सरकार इस पर जल्द फैसला लेगी।
प्राथमिक विद्यालयों में लगातार छात्रसंख्या घट रही है। कम संख्या वाले सबसे ज्यादा विद्यालय देवप्रयाग में 42 व सबसे कम प्रतापनगर में 26 हैं। इन विद्यालयों को नजदीकी विद्यालयों में समायोजित किया जाएगा। जिले में शून्य छात्र संख्या वाले करीब 80 विद्यालय पहले से ही बंद है। दस से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों की सूची तीन सौ से ऊपर है, लेकिन इसमें दूरी का भी ध्यान रखा गया है। बंद होने वाले विद्यालय की दूरी समायोजित होने विद्यालय से दूरी एक किमी रखी गई है ताकि बंद होने वाले विद्यालयों के छात्रों को दूसरे विद्यालय जाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। एक किमी दूरी वाले विद्यालयों को ही बंद किया जाता है तो फिर बंद होने वाले स्कूलों की संख्या कुछ कम हो जाएगी।